येरुसलम तीन धर्मो का दिल क्यों माना जाता है और यहाँ जंग क्यों होती है

येरुसलम तीन धर्मो का दिल क्यों माना जाता है और यहाँ जंग क्यों होती है
येरुसलम तीन धर्मो का दिल क्यों माना जाता है और यहाँ जंग क्यों होती है
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दुनिया में ऐसा शहर है जो नक्शे में दिखने में तो बहुत छोटा है, लेकिन उसका नाम लेने भर से दुनिया में सबसे बड़ी बहस छिड़ जाती ये वो शहर है जिसके दो देश बीते 100 सालों से एक दूसरे की जान के प्यासे ये वो शहर है येरुसलम
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जिसने दुनिया को दो विचारधारा में बांट दिया यह शहर है जिसके सच को लेकर हर किसी ने अपना अपना सच खोज रखा है नाम है यह छोटा सा है, लेकिन आस्था से लेकर इतिहास तक सबकुछ इस शहर में समाया है इस शहर में तीन पवित्र धर्मों को मानने वाले लोग यहूदी, ईसाई, मुसलमान एक ही स्थान पर आपको यह जानकर हैरानी होगी की प्रार्थना भी होती है मुसलमान अपनी मस्जिद से अजान भी देते हैं और चर्च की घंटियाँ भी सुनाई पड़ती लेकिन उसके बावजूद यह शहर डर का शहर है
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ये शहर तनाव का शहर है यह वह शहर है जहाँ पर छोटी सी बात बड़ी लड़ाई का कारण बन जाती है इस शहर के आसपास कभी रॉकेट गिरते हैं, कभी बम गिरते हैं, कभी झगड़ा होता है और इस शहर को लेकर जो विवाद है वो हर साल हजारों जिंदगियों कुछ शहर का नाम हमने आपको बता दिया येरुसलम है और इस शहर के आसपास बात है इसराइल और फिलिस्तीन
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आज इस शहर के साथ साथ हम आपको इजराइल और फिलिस्तीन तीन विवाद की पूरी कहानी भी समझाएंगे इतिहास भी बताएंगे इंसानों का दर्द भी समझाए आसान सरल शब्दों में
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लेकिन सवाल यरूशलेम का है, तीन धर्म यहाँ पर तीन धर्मों का दिल्ली के दिल क्यूँ नहीं मिलते येरूशलेम को पवित्र भूमि कहते पवित्र भूमि इसलिए कहते हैं क्योंकि ये वो जमीन है जहाँ पर यहूदी, ईसाई, मुसलमान तीनों अपनी पूजा करते करते है यही वजह है कि इन तीनों धर्मों का दिल बन गया है लेकिन जहाँ दिल होता है वहाँ पर इमोशन्स होते हैं और जब बहुत सारे इमोशन्स आते हैं तो वो टकराते हैं और जब टकराते हैं तो विवाद होता है
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क्या बात है यहूदी ये मानते हैं कि यरूशलेम उनकी आत्मा का हिस्सा है यहूदियों का ये मानना है कि करीब 3000 साल पहले राजा दाऊद ने इस शहर को अपनी राजधानी बनाया था उनके बेटे सोलोमन ने यहाँ पर एक भव्य मंदिर बनवाया था टेंपल माउंट ये मंदिर सिर्फ ईंट पत्थर का नहीं बल्कि उनकी आस्था का केंद्र है इस समय बदला 586 ईसा पूर्व में पांव लोन के राजा ने इस मंदिर को नष्ट कर दिया यहूदियों को गुलाम बना दिया बहुत सालों बाद जब वह लौटे तो दूसरा मंदिर बनवाया जिससे सेकंड टेम्पल कहा जाता है
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हालांकि आज मंदिर वहाँ नहीं है मंदिर के सिर्फ एक दीवार बची है जिससे वेस्टर्न वॉल कहते हैं और ये दीवार के लिए कितनी खास है इसका अंदाजा बस बात से लगा सकते हैं कि दुनिया में यहूदी किधर भी कहते हैं कि उस दीवार की तरफ देखकर ही वो अपनी बात करते हैं यह दीवार यहूदियों के लिए सिर्फ पत्थर नहीं बल्कि उनकी टूटी हुई उम्मीदों और आस्था का प्रतीक अब बात करते हैं
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दरअसल ईसा मसीह का जन्म इसी धरती पर हुआ उन्होंने यहीं पर अपने विचार दिए, प्रेम और क्षमा की बातें की, लेकिन सजा मिले उड़ा दिया गया जीस जगह पर ईसा मसीह को अपने जीवन का आखिरी क्षण दिया आज वह चर्च ऑफ द होली स्पेल चक्र खड़ा है ईसाई ये मानते हैं कि यरुशलम वही जगह है जहाँ पर ईसा मसीह की मृत्यु हुई और फिर पुनर्जीवित यह उनके लिए आस्था, बलिदान और चमत्कार की जमीन है
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मुसलमानों की बात की जाए तो इस्लाम में यरूशलेम की अलग जगह है ये माना जाता है कि पैगंबर मोहम्मद एक रात मक्का से यरूशलेम आए और यहीं से जन्नत की तरफ चले गए जिससे इसरा और मिराज कहते हैं और यहीं पर बनी है अल अक्सा मस्जिद और डोम ऑफ द रॉक वह सुनहरा गुम्बद, पहचान है और अल अक्सा मस्जिद की अपनी मुसलमानों में एक अहमियत है
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मक्का मदीना के बाद इस्लाम का सबसे ज्यादा तीसरा पवित्र शहर यानी आसान शब्दों में समझें तो एक शहर है, लेकिन तीन धर्म है तीन दावे लेकिन सवाल यह है कि क्या यह शहर सब को जोड़ता है या तोड़ता है, बढ़ता है और शायद सवाल में ही पूरी कहानी छोड़ी है लेकिन इस कहानी को समझने के लिए आपको यहूदियों को समझना पड़ेगा और यहूदियों के दर्द को जाना पड़ेगा जब कोई भी अपना घर छोड़ता है तो उसकी यादें पीछे नहीं रुकती हैं
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वो चलती रहती है। यहूदियों के साथ यही हुआ था रोमन साम्राज्य ने यरूशलेम को तहस नहस कर दिया। यहूदियों को वहाँ से निकाल दिया गया। उनके मंदिरों को मिटा दिया गया। हालांकि उनके दिल में बसा रहा है। इस शहर का नाम भी बदल दिया
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गया था लेकिन यहूदी दुनिया के किसी भी कोने में रहे हरदुआ में कहते रहे नेक्स्ट ईयर इन सभी दर्द सभी बीतती रही यूरोप के कई देशों में यहूदियों को सताया गया उन पर हमले हुए उन्हें दूसरे दर्शन का नागरिक माना गया हालांकि ने अपना सपना नहीं छोड़ा वो सवाल जिंदा रखा कि क्या हम दोबारा उस जमीन पर लौटेंगे जहाँ से निकाला गया था इसके बाद होती है
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लेकिन ये भी सच है जब यहूदियों को मारा पीटा गया तो फिलिस्तीन ने उन्हें रहने की जगह दी लेकिन आज फिलिस्तीन लोगो पर जुल्म हो रहा है फिलिस्तीन फिलिस्तीनियों का है आज उन्हें ही मारा घसीटा जा रहा है
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अगले आर्टिकल में हम आपको फिलिस्तीन की पूरी कहानी बताएँगे
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