वक्फ कानून पर टली सुनवाई, CJI ने खुद को किया अलग, Supreme Court में क्या-क्या हुआ

वक्फ कानून पर टली सुनवाई, CJI ने खुद को किया अलग, Supreme Court में क्या-क्या हुआ
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दोस्तों वक़्फ़ से जुड़ी ये खबर आप तक पहुँच ही गई होगी कि 15 मई को अब इस पूरे मामले की सुनवाई होगी अगले महीने गुरुवार को इस पूरे मामले को सूचीबद्ध किया गया है सीजेआइ खन्ना ने लेकिन आज क्या कहा और क्या दलीलें सुप्रीम कोर्ट में पेश की गयी
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मैं आपको बताऊँगा दरअसल दोस्तों, आज सुप्रीम कोर्ट की तरफ हर किसी की निगाहें थी। आप जानते हैं कि वक्फ बोर्ड को लेकर जिस तरह से सरकार ने फैसला लिया एक कानून बनाया और उसके खिलाफ़ जिस तरह से एक समुदाय सड़कों पर भी उतर आया और लगातार इस बात का विरोध कर रहा है की आपने जो फैसला किया है वो गलत है असंवैधानिक है।
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इस पूरे मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में होनी थी तमाम याचिकाएं पहुंची हुई थी। सुप्रीम कोर्ट और आज सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई थी लेकिन यह मामला अगले हफ्ते के लिए टाल दिया गया और अब 15 मई को इस मामले की सुनवाई होगी
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लेकिन आज क्या क्या दलीलें दी गईं ज़रा उस पर एक नजर डाल लेते हैं सबसे पहले इस मामले की सुनवाई शुरू होती है। अजय खन्ना कहते हैं कि हमने जवाबी हलफनामे पर बहुत गहराई से विचार नहीं किया है हाँ आपने पंजीकरण के संबंध में कुछ बिंदु उठाए हैं और कुछ विवादित आंकड़े दिए हैं जिन पर कुछ विचार करने की आवश्यकता होगी
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आपने कुछ पहलुओं पर विचार किया है, लेकिन उन्हें स्पष्ट करने की आवश्यकता है। मुझे अंतरिम चरण में कोई निर्णय या आदेश सुरक्षित रखने की आवश्यकता नहीं है इस मामले की सुनवाई उचित समय पर करनी होगी और यह मेरे समक्ष नहीं होगा
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यानी कि CJI खन्ना अपने आप को इस पूरे मामले से हटा रहे हैं। उनका यह कहना है कि आप दूसरे जजेस इसकी सुनवाई करेंगे
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आगे क्या होता है मुख्य न्यायाधीश कहते हैं कि अगर आप सभी सहमत हैं तो हम इसे बुधवार को न्यायमूर्ति गवई की पीठ के सामने रखेंगे इस बार सॉलिसिटर जनरल मेहता कहते हैं कि मुझे कोई समस्या नहीं है कोई आपत्ति नहीं है सुनवाई आगे बढ़ती है चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया कहते हैं कि मुझे उन्हें दो या 3 दिन का समय देना होगा
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इस पर सिंघवी कहते हैं कि अगला सप्ताह बेहतर है CJI कहते हैं कि अगले गुरुवार को जस्टिस गवई की पीठ के समक्ष मामला पहुंचेगा जिसपर सिंघवी ये कह रहे हैं कि न्याय ने हमसे छुटकारा पाने का त्वरित रास्ता खोज लिया
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इसके बाद CJI कह रहे है की 15 मई को मामला सूचीबद्ध यानी इतनी ही सुनवाई हुई है। कुछ मिनटों की ही सुनवाई हुई है वक्त को लेकर और इसी में यह मामला टाल दिया गया है 15 मई को अब इस पूरे मामले की सुनवाई होगी।
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जस्टिस गवाही इस पूरे मामले को सुनेंगे। पक्ष क्या है विपक्ष क्या हैं उनके सामने दलीलें पेश की जाएगी और उसके बाद कोई निर्णय लिया जाएगा दोस्तों ऐसे मामलों पर बहुत त्वरित आदेश आ जाए या फिर अंतरिम रोक लग जाए यह बहुत कम देखने को मिलता है
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ऐसे मामले बढ़े होते हैं, पूरे देश को प्रभावित करते हैं और सरकार भी कोई हवा हवाई बातें नहीं कर रही है। वो एक कानून लेकर आई है आपने देखा कि संसद में किस तरह से हंगामा हुआ जेपीसी में यह मामला गया जॉइंट पार्लियामेंट्री कमिटी ताकि मामला गया वहाँ से जो संशोधन होकर आए उसके बाद इस कानून को संवैधानिक तौर पर कह सकते हैं कि उसे पास कराया गया है।
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राष्ट्रपति की मंजूरी ली गई है तो ऐसे में इसको चैलेन्ज अगर किया गया है तो इसपर सुनवाई में थोड़ा वक्त भले लग सकता है लेकिन इसका नतीजा जो आएगा वो अपने आप में बहुत ज्यादा दिलचस्प होगा
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सरकार जिस तरह से काम कर रही है। उसको लेकर तमाम लोग सवाल खड़े कर रहे हैं और इन सवालों के मद्देनज़र सरकार गिरती हुई दिखाई दे रही है। लेकिन वक़्फ़ का जो पूरा मामला है अब क्योंकि सुप्रीम कोर्ट पहुँच गया है तो इस पर ज्यादा टिप्पणी करने की जरूरत नहीं है
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सुप्रीम कोर्ट इस पूरे मामले पर सुनवाई करेगा और तय करेगा कि आखिरकार सही क्या है गलत क्या है
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संवैधानिक तौर पर जो बातें कही जा रही है कि संविधान का उल्लंघन किया जा रहा है, यह कानून लाकर या फिर यह व्यवस्था लाकर। ऐसे में कोर्ट ये तय करेगा और हम सब को बताएगा। हम सब को गाइड करेगा कि आखिरकार ये संवैधानिक व्यवस्था ओं का जो ढांचा तैयार किया गया है उसके खिलाफ़ ये व्यवस्था है या फिर नहीं है
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सरकार जो वक्त कानून लेकर आई है वो किस तरह से एक्सप्लेन करती है सुप्रीम कोर्ट इस पर हर किसी की निगाहें रहेंगी, लेकिन आज की जो सुनवाई हुई है मैंने आपको बताया सिलसिलेवार तरीके से की। किस तरह से वो सुनवाई शुरू होती है और खत्म होती है और 15 मई यानी की अगले गुरुवार के लिए मामला टाल दिया गया है। जस्टिस गवाही के बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी और उन्हीं के सामने दलीलें पेश की जाएगी। सीजेआइ इसका हिस्सा नहीं होंगे
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उन्होंने इस बारे में भी जिक्र किया है। जब सुनवाई हो रही थी तब और सिंघवी वकील के तौर पर वरीष्ठ वकील के तौर पर इस मामले में जुड़े हुए हैं वो दलीलें वक़्फ़ की तरफ से जो आपत्तियां हैं उस पर रखने वाले हैं
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