ट्रम्प की धमकियों से बेखौफ ईरान इजराइल अपना नुकसान छिपा रहा है

ट्रम्प की धमकियों से बेखौफ ईरान इजराइल अपना नुकसान
ट्रम्प की धमकियों से बेखौफ ईरान इजराइल अपना नुकसान छिपा रहा है
इजराइल, फलस्तीन, लेबनान, ईरान, मिडल ईस्ट और उसके बहाने सारी दुनिया की खबरें लेकर ऐसा लग रहा है की ट्रंप या तो पागल हो गया है और या तो इसराइल के सामने है वो बेबस हो गया है हो सकता है इसराइल के हाथ में उसका कोई ऐसा राज़ हो जिसके चलते वो इशारों पर बंदर की तरह नाच रहा है
कल उसने एक के बाद एक पोस्ट किया टू सोशल पर और उसको ट्विटर पर शेयर किया जब उसने लिखा कि अनकन्डिशनल सरेन्डर बिना किसी शर्त के सरेन्डर तो मुझे तो ऐसा लगा कि ट्रम्प ये कह रहा है की मैंने इसराइल के सामने मैंने नेतन्याहू के सामने अनकन्डिशनल सरेंडर कर दिया
मैं पूरी तरह से सरेंडर हो गया नेतन्याहू के सामने ईरान उसने लिखा नहीं था ईरान उसका इरादा था लेकिन पढ़ के मुझे पहली बात यही लगी कि असल में ट्रंप खुद सरेंडर हो गया है, लगातार धमकिया दे रहा है, सड़क के गुंडों की तरह धमकिया दे रहा है
हमें पता है कि हमने ये कहाँ है और हम उन्हें कभी भी मार सकते हैं लेकिन नहीं मारेंगे फला ढिमका ये वो कल पूरा गोदी मीडिया भी नाचने कूदने लगा जैसे बस शाम खत्म हो गया डिटेल्स में जाने से पहले दो एग्जाम्पल आपको दूंगा पहला एग्जाम्पल वियतनाम का है
अगर आपको नहीं पता है तो जाइए गूगल पर सर्च कीजिए वियतनाम वार ताकि दुनिया जान पाए कि अमेरिका का जो अहंकार था अमेरिका का जो गुमान था, वो किस तरह से टूटा एक छोटे से मुल्क वियतनाम के सामने, जहाँ से दुम दबाकर उसको भागना पड़ा दूसरा एग्जाम्पल आपको देता हूँ अफगानिस्तान का, जिसके बारे में आप में से ज्यादातर लोग जानते होंगे क्योंकि अभी हाल में हमारे सामने की घटना है बड़े गुमान के साथ गया हुआ था
अमेरिका अफगानिस्तान में वहाँ रशिया के समर्थक सरकार को गिराया और उसके बाद उसको लगा कि अफगानिस्तान का जितना अफीम है, अफगानिस्तान का जीतने सोर्सेज है और अफगानिस्तान के जितनी जमीन है उसको वो पूरी तरह से अपने कंट्रोल में कर के रखेगा हुआ
क्या करोड़ों अरबों हर्ज़ हुए, कितने अमेरिकी सैनिक मारे गए, कितने अमेरिकी हथियार बर्बाद हुए पाकिस्तान का पूरा सपोर्ट रहा इस बीच में अमेरिका को लेकिन हुआ क्या अफगानिस्तान से दुम दबाकर भागना पड़ा
अमेरिका को तो अगर किसी को ये लगता है ईरान में अमेरिका बस गया, ईरान तबाह हुआ और अमेरिका उसके ऊपर कब्जा कर लेगा तो उसको कम से कम ये दो कहानियाँ याद कर लेनी चाहिए
मैं यहाँ ये नहीं कह रहा हूँ कि अमेरिका ईरान में कुछ कर नहीं पायेगा, जिससे बम की बात चल रही है मदर ऑफ ऑल बॉम्स वो बेहद खतरनाक बम है दुनिया का सबसे भारी बम है जो जमीन पे गिरता है तो 52 मीटर नीचे तक गड्ढा हो जाता है और लगातार गिरता है तो 52 मीटर में 52 52 जोड़ते जाइए यानी ईरान का जो अंडरग्राउंड बंकर प्रोजेक्ट्स हैं, उनको तबाह करने के लिए वो काफी है
लेकिन हथियारों के खत्म हो जाने से भी जंग खत्म नहीं होती है दुनिया का इतिहास इसका गवाह है अगर इरान के अंदर अमेरिका इस तरह से जाता है तो याद रखिए ईरान तो तबाह होगा ही लेकिन ईरान वो सब करेगा जो अभी तक उसने रोक के रखा है अपनी ऐडवान्स मिसाइल्स का इस्तेमाल स्ट्रीट ऑफ जो है उसको बंद करने की बात चल रही है और अगर रिसोर्सेस पर उसके बाद आई तो ये यकीन रखिए कि मिडल इसके ऑइल रिसोर्सेस पर हमले होंगे और फिर दुनिया जो झेलेगी उसकी कल्पना कर पाना भी अभी मुमकिन नहीं है
यही वजह है कि वॉल स्ट्रीट जनरल की अगर आज सुबह की खबर आप देखिए तो वो कहता है कि इन सब धमकियों के बावजूद अभी तक ट्रंप ने कोई आखिरी फैसला लिया नहीं और हकीकत ये है कि इनके अपने गैंग में भी फूड कम नहीं है
मैक्रन जो है आप जानते हैं फ्रांस का राष्ट्रपति उसका कल एक बयान आया और उस बयान में उसने बहुत क्लिअर कहा कि अगर किसी को लगता है कि इराक और लीबिया में जो हमने किया वो सही था तो ये बिलकुल गलत बात है इराक और लीबिया में जो हुआ वो बिल्कुल गलत हुआ और साथ में उसने एक और बात कही कि अमेरिका और इजराइल दोनों चाहते हैं कि किसी तरह से ईरान में रेजीम चेंज हो जाए खामनेई को वहाँ सत्ता से हटा दिया जाए और वहाँ पर अपना एक पपेट बिठा दिया जाए
लेकिन मैक्रॉन ने कहा कि अगर अमेरिका और इजराइल का पपेट वहाँ पर बैठ भी जाता है तो पीस नहीं होगी, शांति नहीं होगी पूरा क्षेत्र पूरा मिडल इस्ट लंबे समय तक डिस्टर्ब रहेगा और हमने ही का कल का अगर बयाना पढ़िए तो उन्होंने बहुत क्लिअर कहा है कि अगर ईरान के ऊपर अमेरिका हमला करता है, अगर ईरान के अंदर रेजीम चेंज करने की कोशिश करता है, अमेरिका तो ये मुमकिन है कि पूरा का पूरा मिडल
इस्ट फिर कभी अमन ना देख पाए यानी ये लड़ाई इतनी लंबी चले कि अमेरिका और इजराइल के नाक में दम हो जाए इस बात को समझिए केवल रिजीम चेंज कर लेने से केवल अपना कठपुतली बिठा देने से वहाँ शांति हो जाएगी या ईरान के लड़ाके हमेशा के लिए खत्म हो जाएंगे
ऐसी लड़की है जो हिजाब का विरोध कर रही थी, जो ईरान के अंदर बिना हिजाब पहने घूमने की बात कर रही थी इसने अपना एक वीडियो बनाकर जारी किया जिसमें इसने हिसाब पहना और इजराइल से साफ साफ कहा कि हमारी अंदर की लड़ाईयां जैसी भी हो, लेकिन तुम्हारे खिलाफ़ हम सब एक हैं
आप देखिए हिंदुस्तान पाकिस्तान के बीच में लड़ाई हो या दुनिया के किसी भी मुल्क के बीच में लड़ाई हो जब जंग होती है तो लोग आपसी मतभेद भूल जाते हैं ठीक हैं ईरान के अंदर 10-15 परसेंट ऐसे हैं जो गद्दारी करते हैं और कर सकते हैं तो इजराइल के अंदर बेलदारों की कमी नहीं है
जब वक्त आएगा तो पता चलेगा तो अगर किसी तरह से आप खामनेई को मार भी देते है या फिर राजिम चेंज भी कर देते हैं तो भी ईरान के अंदर लोग खामोश नहीं रहेंगे लड़ाई चलेगी और ईरान उस इलाके का बड़ा मुल्क है वो जो लड़ाई चलेगी वो ना इजराइल को चैन से बैठने देगी और ना ही अमेरिका को चैन से बैठने देगी
और यहाँ पर जो लड़ाई चल रही है उसको भी थोड़ा सा रुककर देख लेना जरूरी आपको इजराइल से तस्वीरें आती हुई नहीं दिखेंगी इजराइल से तस्वीरें बहुत कम दिख रही है वजह क्या है वजह यह नहीं है कि इजराइल तबाह नहीं हुआ है इजराइल में जो रीज़ है का कहना है पूरी तरह से तबाह हो चुकी है
और मैंने आपको बताया है कि हाइफा की रिफाइनरी से 60% फ्यूल जो है यानी इजराइल के जट्स को जितनी जरूरत होती है उसका 60% फ्युयेल जो है वो गुफा के रिफाइनरी से आता है और जब ये फ्यूएल आना बंद हो गया है तो आप समझ सकते हैं कि इसराइल की सेना के सामने भी बहुत सारे संकट पैदा हुए हैं
लेकिन इसी के साथ ये खबर और जान लीजिए हाइफा के अंदर किसी भी तरह की फोटोग्राफी के ऊपर इजराइल ने बैन कर दिया है यानी जर्नलिस्ट ना हाइफा में जा सकते हैं ना ही फोटोग्राफी कर सकते हैं क्यों क्योंकि जीस तरह की तबाही हुई है, इस्राइल नहीं चाहता है वह दुनिया के सामने आए अगर चीजें सब नॉर्मल होती अगर इजराइल में कुछ हुआ ही नहीं होता जीस तरह हमारी गोदी मीडिया दिखाने की कोशिश कर रही है ऐसा लग रहा है की जैसे हिंदुस्तान ही वहाँ पे लड़ रहा है
और गोदी मीडिया हिंदुस्तान के साथ खड़ी हो गयी है, वैसे ही वहाँ जाकर इसराइल के साथ खड़ी हो गयी है उससे सवाल पूछा जाना चाहिए कि अगर इसराइल में सब नॉर्मल हैं अगर ईरान की मिसाइलों का कोई असर हुआ ही नहीं है तो फिर पत्रकारों को फोटो खींचने से क्यों रोका गया है क्यों इंटरनेशनल मीडिया को उस इलाके में जाने नहीं दिया जा रहा है क्यों दबी छुपी खबरें छप रही है
आप अगर टाइम्स ऑफ इस पोस्ट पढ़ें तो दबी छुपी आपको खबरें दिखाई देंगी क्यों नहीं खुल के छपरा है की मिसाइलें कहा गिरी जबकि हमारे पास लॉन्ग शॉट्स है जो मैं यहाँ नहीं दिखा सकता वरना
लेकिन जो लॉन्ग शॉट्स दिखाई दे रहे हैं उसमें साफ साफ इम्पैक्ट होते हुए हिट होते हुए दिखाई दे रहे हैं और इन सबके बावजूद आप सोचिए, इतनी रोग के बावजूद इजराइल को यह एक्सेप्ट कल करना पड़ा की मोसाद के एक सेंटर पर सीधा हमला किया ईरान ने और उस को तबाह कर दिया गलत बात है कि मोसाद का हेडक्वार्टर तबाह हुआ है
ये दोनों तरफ से फर्जी न्यूज़ चल रही है भारत पाकिस्तान के बीच में भी जब चल रहा था, दोनों तरफ से जबरदस्त फेक न्यूज़ फेक वीडियो चल रहे थे ईरान, इस्राइल में भी जबरदस्त फेक न्यूज़ और फेक वीडियो चल रहे हैं। लेकिन ये तो इजराइल नहीं माना है कि उसके मोसाद का एक सेंटर जो है वो तबाह हुआ। इसका मतलब बहुत साफ है। ईरान के निशाने निशानों पर लग रहे हैं। ईरान की मिसाइलें निशानों पर लग रही है
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