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09/06/2025

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राम मंदिर प्रसाद के नाम पर लाखों के साथ ठगी इसमें कई करोड़ रूपये का घोटाला हुआ

राम मंदिर प्रसाद के नाम पर लाखों के साथ ठगी इसमें कई करोड़ रूपये का घोटाला हुआ

राम मंदिर प्रसाद के नाम पर लाखों के साथ ठगी इसमें कई करोड़ रूपये का घोटाला हुआ

  • धर्म के नाम पर देश में क्या कुछ नहीं होता वैसे कहा जाए तो राम का नाम लेकर के जय श्रीराम कह के और उसी राम मंदिर आंदोलन के जरिये भारतीय जनता पार्टी सत्ता तक पहुँच गई है लगातार तीन चुनाव जीत कर के प्रधानमंत्री मोदी प्रधानमंत्री हैं देश के आप वैसे ही राम के नाम पर बहुत सारी चीजे होती आई है और होती रहेंगी

  • एक ताजा मामला अयोध्या पुलिस ने पकड़ा है और बड़ा अजब और गजब मामला है राम मंदिर अयोध्या में तैयार हो चुका था 1 साल पहले प्राणप्रतिष्ठा होनी थी जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री मोदी और तमाम देश विदेश के प्रख्यात लोग बुलाए गए और पूरे देश और विश्व में जीतने भी हिन्दुस्तानी या हिंदू धर्म को मानने वाले राम पर आस्था रखने वाले लोगों में प्रचार प्रसार किया गया की भाई राम मंदिर का की स्थापना हो रही है और जब स्थापना हो उस मुहूर्त में सब लोग पूजा पाठ करे और सब भगवान राम को याद करें

  • कथा करें प्रसाद बांटने और आपने देखा कि बहुत तमाम जगह प्रसाद बांटे गए और धूमधाम से राम मंदिर, राम मंदिर जब बनकर तैयार हुआ प्राण प्रतिष्ठा हुई तो बड़ा सेलिब्रेट किया गया लेकिन जब राम मंदिर में भगवान राम की प्राणप्रतिष्ठा हो रही थी उसी वक्त उसी राम मंदिर में राम भगवान के प्रसाद के नाम पर करोड़ों की ठगी भी हो रही थी और ये ठगी 1,00,000 नहीं, 2,00,000 नहीं, नहीं 10,00,000 नहीं 6,00,000 नहीं 6,50,000 से ज्यादा लोगों को ठग लिया गया भगवान राम के प्रसाद के नाम पर और ये सबकुछ हुआ

  • पुलिस की नाक के नीचे प्रशासन की नाक के नीचे और तमाम एजेंसीज जो कहती है कि बहुत बढ़िया काम कर रहे हैं एहसास, खासकर साइबर क्राइम पर बहुत बढ़िया काम कर रहे हैं उनके नाक के नीचे पूरा मामला आपको बताते हैं की एक युवक जिसका नाम आशीष सिंह है वो रहने वाला गाजियाबाद का विंडसर प्लेस नाम की जगह गाजियाबाद में वो उसने एक वेबसाइट बनाई उसका नाम रखा वेबसाइट का खादी ऑर्गैनिक.कॉम ओर उसके जरिये उसने राम मंदिर प्रतिष्ठा से एक महीने पहले प्राण प्रतिष्ठा से एक महीने पहले वेबसाइट बनायी और उसमें फ्लोट किया एक स्कैम करने का तरीका की हम विश्व भर में मौजूद भारतीयों को घर पर राम मंदिर का प्रसार डेलिवर कराएँगे

  • प्रसाद में डेलिवर कराएंगे भगवान राम नहीं, जो राम मंदिर बना है उसकी कलाकृति वाला सिक्का भी डेलिवर कराएंगे और कुछ चीजें डेलिवर कराएंगे और आपको घर बैठे होगी डिलिवरी और डिलीवरी चार्ज एस भारतीय जो श्रद्धालु थे उनसे ₹51 और जो विदेशों में श्रद्धालु थे, उनसे $11 यह वेबसाइट चालू रही दिसंबर 2023 से 20 जनवरी 2024 तक यूपी पुलिस के मुताबिक वेबसाइट चालू रहीं और इस वेबसाइट के जरिए इस व्यक्ति जिसका नाम आशीष सिंह है उसने 12,00,00,000 से ज्यादा का ट्रांजेक्शन किया

  • जिसमें लगभग 3,50,00,000 सिर्फ प्रसाद 3,50,00,000 से ज्यादा 3,85,00,000 लगभग 4,00,00,000 के करीब सिर्फ प्रसाद घर में डिलीवरी करने के नाम पर इसने लोगों से वसूला ओर डिजिटल गेटवे भी थे आप ऑनलाइन जाते हैं तो आपको कुछ भी खरीदते हैं तो आपको तुरंत वे एक गेटवे पर ले जाता है आप एक और बड़ी समस्या है की राम मंदिर का प्रसाद कहीं औपचारिक तौर पर फॉर्मली कहीं कोई ऑनलाइन डिलिवरी नहीं हो रही है

  • प्रसाद की ना फोटो की और उस समय बहुत राम मंदिर जन्मभूमि न्यास की तरफ से भी कहा गया कि हमने ऑनलाइन प्रसाद डिलीवर कर रहे हैं नाम ऑनलाइन राम मंदिर से जुड़ी कोई चीजें कर रहे हैं लेकिन फिर भी अयोध्या पुलिस को समझ में नहीं आया कि कैसे 6,00,000 से ज्यादा लोग ठग लिए गए उनके नाक के नीचे ये व्यक्ति इतना शातिर था कि इसने अमेरिका में बैठे बैठे कई पेमेंट गेटवे बना लिए एक गेट पे यस बैंक का पेटीएम, फोन पे, मोबिक्विक और आईडीएफसी अब बड़े बड़े बैंक के जरिए उन बैंक्स के अकाउंट में पैसे ले रहा है तो लोगों को भी शक नहीं हुआ की भाई येस बैंक ने खोला हुआ है

  • ये आइडीबीआइ अब पेटीएम है या फ़ोन पे है तो क्या प्रॉब्लम है लोगों ने पैसे दिए और उस समय माहौल भी ऐसा हो गया था ऐसा लग रहा था कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में लोग पहुंचना चाह रहे थे, लेकिन सीमित 350 लोगों को निमंत्रण दिया गया था और कुछ खास लोग पहुंचे थे जुटे थे जिसमें कुछ देश के कुछ खिलाड़ी थे, कुछ बड़े उद्योगपति, कुछ बड़े कलाकार शामिल थे और देश में तो पूरा उस समय आस्था का लहर और खासकर जो एनआरआइ भारतीय हैं उनके दिल में भगवान राम के नाम पर बड़ी आस्था थी

  • तो लोगों ने जमकर के ऑनलाइन प्रसाद प्राप्ति के लिए इस व्यक्ति के अकाउंट में पैसे डाले और यह व्यक्ति जो हैं वो पैसे लेता गया अब मामला खुला जबकि खुद राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने

  • नोटिस किया है की भाई ये तो हम तो ऑनलाइन डिलीवरी कर नहीं रहे हैं अब 6,50,000 लोगों को ये प्रसाद बांटने के नाम पर पैसा ले चुका है तो वेबसाइट का लिंक महावी पहुंचा उन्होंने फिर अयोध्या पुलिस को बताया कि भैया ये क्या हो रहा है आपके नाक के नीचे हम बार बार कह रहे है की भाई हम ना प्रसाद डिलिवर कर रहे हैं, ना फोटो डिलिवर कर रहे हैं, ना माल डिलिवर कर रहे हैं, कुछ नहीं कर रहे हैं, फिर भी यह व्यक्ति करे जा रहा है

  • फिर इस पूरे मामले में जांच पड़ताल की गई और 420 आईपीसी का सेक्शन आईटी ऐक्ट, सेक्शन 66 डी सेक्शन 12 और पासपोर्ट एक्ट के तहत ये मुकदमा दर्ज किया गया अब आशीष ने सब कुछ किया बैठकरके अमेरिका में वॉशिंगटन डीसी में उसे लगा कि वो पकड़ा नहीं जाएगा वो दिन वो अयोध्या पहुँच गया 12 या 13 जनवरी को ओर उसके दिमाग में क्या कुछ था नहीं पता और वहाँ पर अयोध्या पुलिस ने इसको पकड़ लिया और अयोध्या पुलिस का दावा है कि वो आशीष सिंह ने जो पैसे लिए करोड़ों प्रसाद के नाम पर वह लोगों को वापस करवाने की कोशिश कर रही है

  • अयोध्या पुलिस के मुताबिक की 1,00,00,000 से ज्यादा पैसे तो वापस भी करवा दिए खुद सुनिए अयोध्या के कप्तान सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस क्या कह रहे हैं इस मामले में जनपद अयोध्या में वर्ष 2024 जनवरी में एक साइबर फ्रॉड का मामला प्रकाश में आया था जिसमें एक आशीष नाम के व्यक्ति द्वारा श्रद्धालुओं से सात वितरण के नाम पर धनराशि ऑनलाइन इकट्ठा की गई थी

  • जिसमें विनिमय भी नॉमिनेशन ₹51 और मैक्सिमम कई डिनॉमिनेशन रखे गए थे। इस व्यक्ति द्वारा टोटल 6,30,000 से भी ज्यादा लोगों से 3,85,00,000 से ज्यादा की धनराशि ऑनलाइन इकट्ठा की गई थी और इस संबंध में कोई भी प्रसाद वितरण नहीं किया गया था मामला संज्ञान में आने के बाद तत्कालीन थानाध्यक्ष साइबर थाना जनपद अयोध्या द्वारा एक अभियोग पंजीकृत कराया गया था

  • इन्वेस्टिगेशन के दौरान इस व्यक्ति को अरेस्ट करके जेल भेजा गया था और साथ ही साथ जो धन थी, जो विभिन्न गेटवेज के माध्यम से बैंक अकाउंट्स में गई थी, उसको आने वाले समय में उसको फ्रीज कराया गया था लगातार मान्य न्यायालय में हिस्टरी, इसको फॉलो करते हुए और इन्वेस्टिगेशन्स को आगे बढ़ाते हुए इस टोटल। धनराशि 3,85,00,000 की टोटल धनराशि जसरा के फ्रॉड हुआ था

  • उसमें से 2,15,00,000 की धनराशि इन सभी विक्टिम्स के अकाउंट्स में वापसी करा दी गई है और जो बची हुई ₹1,70,00,000 की जो बची हुई धनराशि है वो भी आने वाले दिनों में बहुत शीघ्र जो विक्टिम्स है, उनके अकाउंट में वापस कराई गई साइबर क्राइम में ना केवल अपराधी को गिरफ्तार करके जेल भेजना बल्कि जो धनराशि का फ्रॉड हुआ है उसको भी विक्टिम्स के अकाउंट में वापस भिजवा ना ये पूरी इन्वेस्टिगेशन्स को पूरा करता तो वहाँ पर ये पहला मामला नहीं होगा

  • उस दौर में कई ऐसी वेबसाइट्स बना करके लोगों से पैसे ऐंठे गए हैं पैसे वसूले गए अब समस्या यह है कि एक तो इसका एक वैधानिक पक्ष हो गया, एक लीगल पक्ष हो गया कि भाई कैसे कानून की नजरों के नीचे इतनी मल्टीप्ल एजेंसीज के नाक के नीचे सब होता रहा करोड़ों लोग बेवकूफ बन गए वो पता नहीं कर पाए पकड़ने में आरोपी को 1 साल लग गए चलिए देर आए पर दुरुस्त आए

  • इसका एक दूसरा पक्ष भी है और यह पक्ष है हम आम लोगों की मानसिकता से जुड़ा हुआ हम लोग अपने जीवन में पढ़े लिखे है ज़ाहिर सी बात है कि लोग विदेशों में बैठ के अगर पैसे दे रहे हैं ऐसे व्यक्ति को तो पढ़ लिख करके विदेश गए आईटी सेक्टर में काम करते हैं

  • अच्छी जगहों पर नौकरी कर रहे हैं, अमेरिका में है, ऑस्ट्रेलिया में है, यूरोप में है, सिंगापुर में है हर जगह से लोगों ने इसको पैसे दिए आप पढ़े लिखे हैं अलोग कैसे इन लोगों के जाल में फंस जाते हैं हम क्यों रिसर्च नहीं करते ऐसे लोगों को पैसे देने से पहले न प्रसाद मिला ना आपके पैसे वापस मिले अच्छा $11 है ये ₹51 है तो लोग $11 51 रूपये के लिए क्या अरे ठीक है, चलेगा तो चले गए, भगवान राम के नाम पर ही दे दिया अरे चलो भगवान राम के हमारी तो अच्छा थी हम तो हमारे तो हमने तो अपने भाव से दिए पैसे

  • अब जिसने लिए उसके ऊपर पाप पड़ेगा लेकिन आप ने दिया ही क्यों एक बहुत बड़ा सवाल है। और अयोध्या में अभी कुछ दिन पहले ही हमारे सहयोगी संकेत उपाध्याय ने भी एक न्यूज़ रिपोर्ट की थी। कैसे पार्किंग के नाम पर एक घोटाला चल रहा है प्रसाद के नाम पर घोटाला चल रहा है। ज़मीनों के नाम पर तमाम घोटाले चल रहे हैं। आपको याद हो गई कई स्टोरीज आई है, कैसे बड़े बड़े अधिकारियों और नेताओं ने अयोध्या में जमकर के प्रॉपर्टीज़ और फ्लैट खरीद लिए हैं। वो सब भी हो रहा है। राम मंदिर के नाम पे वोट भी मांग लिए गए। सरकार भी

  • बन गई चल गई तो जैसे हमने शुरुआत में कहा था ना की राम नाम की लूट है, लूट सको तो लूट तो फिर सब अपने अपने तरीके से कोई पैसे के लिए कोई सत्ता के लिए कोई जमीन के लिए अपने अपने हिसाब से काम में लगे हुए हैं तो हम फिर से अपने दर्शकों को यही कहेंगे साइबर क्राइम ज़्यादातर पढ़े लिखे लोगों के साथ होता है इसलिए ऐसे विज्ञापन ऐसी वेबसाइट्स में अगर आप से पैसा मांगा जाता है, प्रसाद के नाम पर आशीर्वाद के नाम पर आप तो अपने प्रयागराज में भी देखा होगा

  • कुंभ था वहाँ पर भी वीडियो कॉल के जरिए डुबकी लगाने के नाम पर लोग पैसा दे रहे थे कि आपके नाम पे डुबकी लगा दे रहे हैं ये आप का नाम लेकर डुबकी लगाई दे रहे हैं वीडियो कॉल में डुबकी भी लग गयी ठीक है, आस्था की बात है आस्था सर्वोपरि है, लेकिन आस्था के नाम पर ठगी का शिकार नहीं बनना

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