मोदी को नितीश कुमार का तोड़ मिला अब मोदी को नितीश कुमार की जरुरत नहीं

मोदी को नितीश कुमार का तोड़ मिला अब मोदी को नितीश कुमार की जरुरत नहीं
मोदी को नितीश कुमार का तोड़ मिला अब मोदी को नितीश कुमार की जरुरत नहीं
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नीतीश कुमार अब भारतीय जनता पार्टी पर कोई दबाव नहीं बना पाएंगे नीतीश कुमार अब भारतीय जनता पार्टी से ये नहीं कह पाएंगे कि मुख्यमंत्री पद के लिए मेरे चेहरे की मेरे नाम की घोषणा की जाए क्योंकि बीजेपी के हाथ में एक ऐसा ब्रह्मास्त्र लग गया है बीजेपी के हाथ में कैसा मास्टरकार्ड लग गया है जब नीतीश कुमार कोई दबाव नहीं बना पाएंगे और नीतीश कुमार को अब भारतीय जनता पार्टी की शर्तों पर काम करना पड़ेगा अभी तक भारतीय जनता पार्टी नीतीश कुमार के सामने कुछ हिचकोले खा जाती थी कुछ सहज हो जाती थी, कुछ असमंजस में पड़ जाती थी
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लेकिन अब ये सारी स्थितियां खत्म हो चुकी है अब नीतीश कुमार कोई विशेष मांग इस सरकार से नहीं कर सकते क्यों नहीं कर सकते वो मैं आपको बताऊँगा कि नीतीश कुमार दबाव क्यों नहीं बना पाएंगे दोस्तों, आपने देखा कि नीतीश कुमार कई मौकों पर नाराज हो गए कई बार नीतीश कुमार दिल्ली गए लेकिन बिना आलाकमान से मिले वो वापस आ गए
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जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मधुबनी के झंझारपुर में 24 अप्रैल को रैली करने गए और उन्होंने मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की तो नीतीश नाराज हो गए नीतीश को लगा कि ये तो ठीक मौका था, हमारे नाम का ऐलान किया जा सकता था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ दूसरी तरफ जीतन राम माझी और चिराग पासवान का तेवर नीतीश कुमार को परेशान कर रहा था नीतीश कुमार इस बात पर अड़े थे की 120 सीटें चाहिए
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चुनाव लड़ने के लिए उससे कम पर बात नहीं बनेगी नीतीश की पार्टी के नेता भी गाहे बगाहे यह दबाव बनाने की कोशिश कर रहे थे बार बार यह बात उठ रही थी कि नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित कर दिया जाए, लेकिन अब दोस्तों हलचल हुई है महाराष्ट्र में और गूंज है दिल्ली और पटना तक हुआ क्या है
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सबसे पहले आपको वो बता देते हैं वरीष्ठ नेता, पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार, जी हाँ, एनसीपी शरद गुट के मुखिया सर्वेसर्वा शरद पवार अचानक दिखाई दिए अजित पवार के मंच पर अजित पवार के साथ और इससे पहले शरद पवार के कुछ स्टेटमेंट सामने आये जिसमें उन्होंने ये कहा कि उनकी पार्टी का एक बड़ा वर्गीय चाहता है की एनसीपी शरद गुट एनसीपी अजित गुट के साथ आ जाये
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दोनों पार्टियां एक हो जाएं इस बयान को लोगों ने अलग अलग चश्मों से देखा अलग अलग आई नो से देखा अलग अलग एक्स रे मशीन से देखा गया लेकिन जब इस बयान के निहितार्थ निकाले गए और उसके बाद जब तक लोग समझ पाते इस बयान को अजीत पवार और शरद पवार एक मंच पर नजर आए उस मंच पर देवेंद्र फडणवीस भी थे
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आपको याद होगा कुछ वक्त पहले ऐसे ही मंच पर नरेंद्र मोदी और शरद पवार बैठे थे, जब शरद पवार के लिए पानी निकालने का काम नरेंद्र मोदी कर रहे थे उस तस्वीर में लोगों का ध्यान अपनी तरफ खूब खींचा लोगों के मन में यह सवाल उठा कि आखिर ये क्या चल रहा है
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और अब इस बात की चर्चा है कि शरद पवार अजित पवार के साथ अगर आते हैं तो उनके जो आठ सांसद लोकसभा में हैं, शरद पवार के वो नरेंद्र मोदी के साथ खड़े हो जाएंगे और ऐसे में अगर नीतीश कुमार ये सोचे की वो नरेंद्र मोदी का साथ छोड़ देंगे तो वो जाने के लिए स्वतंत्र हैं
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आज की तारीख में नरेंद्र मोदी के पास एनडीए को अगर आप देखेंगे तो 293 सांसद हैं और अगर आप नीतीश कुमार के सांसदों को इससे अलग कर दीजिये तो भी एनडीए 281 पर है और उसमें अब आप शरद पवार के आठ सांसद जोड़ दीजिये तो ये आंकड़ा 289 पहुँच जाता है यानी प्रचंड बहुमत से जो केंद्र की सरकार का प्रचंड बहुमत है उस से 17 सीटें ज्यादा और ये बात भी बिल्कुल स्पष्ट है कि नीतीश कुमार इतनी जल्दी भाजपा का साथ नहीं छोड़ेंगे क्योंकि उनको भी अपनी सियासत की चिंता हो रही है
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कुल मिलाकर भारतीय जनता पार्टी नीतीश कुमार को डायरेक्ट हटा देगी ऐसा बिल्कुल नहीं है बल्कि भारतीय जनता पार्टी अपने अलग अलग अस्त्र शस्त्र का इस्तेमाल करके नीतीश कुमार की राजनीति को खत्म करने की कोशिश करेगी जैसे चिराग पासवान जैसे जीतन राम माझी जैसे उपेंद्र कुशवाहा इन तमाम नेताओं का इस्तेमाल किया जाएगा आप भारतीय जनता पार्टी को ये बात पता है कि अगर शरद पवार उसके साथ आ जाते हैं तो नीतीश कुमार जो प्रेशर बनाने की कोशिश करते हैं वो प्रेशर नहीं बना पाएंगे
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दूसरी बात शरद पवार अगर एनडीए के साथ आते हैं तो चंद्रबाबू नायडू दबाव नहीं बना पाएंगे क्योंकि चंद्रबाबू नायडू के राजनीतिक गुरु शरद पवार हैं और शरद पवार को महाराष्ट्र की राजनीति का चाणक्य कहा जाता है और शरद गुट का इधर आना महाराष्ट्र में महाराष्ट्र की सरकार को भी मजबूत करेगा और दूसरी तरफ अगर एकनाथ शिंदे जरूरत से ज्यादा दबाव बनाने की कोशिश करते हैं तो उस दबाव से भी बीजेपी को मुक्ति मिल जाएगी
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यानी एक शरद पवार को लाने से भारतीय जनता पार्टी तीन नेताओं को स्थिर कर सकती है एकनाथ शिंदे को, चंद्रबाबू नायडू को, नीतीश कुमार को और सबसे ज्यादा नीतीश कुमार को क्योंकि नीतीश कुमार ही वो है जो सीटों को लेकर दबाव बनाएंगे, मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर दबाव बनाएंगे अलग अलग मुद्दों पर सियासत करने की कोशिश करेंगे
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ऐसे में नीतीश कुमार का रामबाण इलाज है शरद पवार और जीस तरीके से शरद पवार बयान दे रहे हैं अजीत पवार के मंच पर जा रहे हैं उससे साफ साफ ये दिखता है की महाराष्ट्र से लेकर दिल्ली तक सियासत में कोई नई उथल पुथल मचने वाली है जो नीतीश और नायडू दोनों को परेशान कर सकती है इस खबर के बारे में दोस्तों आपकी जो भी राय हो अपनी राय कॉमेन्ट बॉक्स में जरूर बताइयेगा
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