क्या पाकिस्तान और भारत की सरकार तय करेगी भारत के लोग क्या बोलेंगे

क्या पाकिस्तान और भारत की सरकार तय करेगी भारत के लोग क्या बोलेंगे
4 PM यूट्यूब चेंनल सर्कार ने बंद करवा यूट्यूब चैनल पर चिपका हुआ है। एक नोटिफिकेशन की माफ़ कीजियेगा भारत की सरकार ने आपकी आवाज़ को देश की सुरक्षा के लिए खतरा मानते हुए बंद कर दिया है
इस दूसरी तस्वीर को आप बदल बदल कर भी देख सकते हैं। कभी इसमें गायिका नेहा सिंह राठौर का चेहरा लगा लीजिये। कभी लखनऊ यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर माधवी का कोटी उर्फ डॉक्टर में दूसरा का चेहरा लगा लीजिये और ये सिलसिला लगातार जारी है।
इन दोनों तरफ की तस्वीरों में बस एक अंतर है। पहली तस्वीर में किसी का चेहरा साफ नहीं है लेकिन पूरा देश समझ गया है कि ये किसकी तस्वीर है और कौन जिम्मेदारी के समय हमेशा की तरह गायब हो गया है और अपने ऊपर सवाल उठाने वाली हर जुबान को कुचल देना चाहता है
भारत की एक बड़ी आबादी ये मानकर चल रही है की ये वही वाले हुजूर बोले तो बड़बोलेपन के बादशाह सलामत जुमलों के जिल्ले इलाही और दूसरी तरफ हर तस्वीर का हर चेहरा साफ है उनकी आवाजें साफ है लेकिन सरकार उन्हें ना सुनना चाहती है और ना समझना चाहती है

इसलिए तय हुआ कि बंकरों आवाजों को बंद करो लोगों को बंकरों, संस्थानों को बंद करो, उनके ऊपर देशद्रोह की धाराएं तामीर करो उन्हें जेलों में डालने के आधार बनाओ और हुकूमत की तरफ उठाई जाने वाली हर गुस्ताख आवाज को खामोश कर। तो क्रूर दर्शन को बैन कर दो नौ कि न्यूस को बैन कर 4 PM यूट्यूब चेंनल को बैन कर दो। मतलब कमाल है
हम तो सोच रहे थे की हुकूमत मैदान में उतरकर पाकिस्तान के खिलाफ़ दो दो हाथ करेगी लेकिन वो अभी ऐसा नहीं कर पा रही है इसलिए अपने ही देशवासियों को सबक सिखाने पर उतर आईं सवाल कैसे पूछोगे पाकिस्तान का कुछ नहीं बिगाड़ पा रहे हैं फिलहाल तो मुल्क के अंदर ही ऐसा माहौल बना दो की पाकिस्तान सरहद के उस पार नहीं इसी पार आपको याद हो तो डोकलाम के बाद हुज़ूर ने चीन को सबक सिखाने के लिए टिकटॉक को बैन कर दिया था
कैमस्कैनर को बैन कर दिया था। ठीक उसी तरह पहलगाम के बाद 4 PM यूट्यूब को बैन कर दिया। डॉक्टर में दूसरा पर एफआइआर दर्ज करा दी गई। नेहा सिंह राठौर पर देशद्रोह की धाराएं ठोक दी गयी और संजय शर्मा के 4 PM को तो बंद ही कर दिया गया
इस तरह मोदी ने पाकिस्तान से बदला ले लिया है और ऐसा बदला ले लिया है जिससे उसके साथ पूछने याद रखें मोदी से ज़्यादा अच्छे से बदला लेना इस धरती पर कोई नहीं जानता राहुल गाँधी से बदला सोनिया गाँधी से बदला, विपक्ष के नेताओं से बदला कवियों से बदला लेख को से बदला छात्रों से बदला छात्राओं से बदला अध्यापकों से बदला बुर्के वाली बेटियों से बदला बकरा खाने वालों से बदला विपक्ष के नेताओं से बदला मानवाधिकार कार्यकर्ताओं से बदला ये मोदी हैं
किसी को छोड़ता नहीं है। तो सर जी ने 4 PM वाले संजय शर्मा को छोड़ा ना नेहा सिंह राठौर को छोड़ा, ना डॉक्टर को छोड़ा। क्या गजब की बात है कि जिन आतंकवादियों ने भारत की छाती पर चढ़कर हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता को छलनी करके रख दिया, उन्होंने सोशल मीडिया की कभी परवाह नहीं की नहीं उस पर अपना प्रचार किया ना उन्हें अपना निशाना बनाया
लेकिन एक हमारी सरकार आतंकवादियों को घुसने से नहीं रोक पाईं उन्हें नरसंहार करने से नहीं रोक पाईं उन्हें फरार होने से नहीं रोक पाई तो भारत के उन नागरिक को की ही छाती पर चढ़कर बैठ गई है जो पूछ रहे हैं कि आपने हमारी सुरक्षा क्यों नहीं की ज़रा यूट्यूब पर 4 PM पर नजर आ रहा नोटिफिकेशन देखिए।इस पर लिखा है ये चैनल इस देश में सरकारी आदेश की वजह से उपलब्ध नहीं है यह आदेश राष्ट्रीय सुरक्षा अथवा कानून व्यवस्था के संदर्भ में कॉन्टेंट को हटाने के सरकारी आदेशों के बारे में और अधिक जानकारी के लिए कृपया गूगल ट्रान्सपेरेन्सी रिपोर्ट देखें। तो सवाल है कि 4 PM ने ऐसा कौन सा गुनाह कर दिया
जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया वो गुनाह है या पूछना कि जिन लोगों ने राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और गृहमंत्री के इकबाल के परखच्चे उड़ाकर रख दिए, वो पाकिस्तान से भारत की सरहद में दाखिल कैसे हो गए और दाखिल होने के बाद भारी मात्रा में हथियार लेकर मॉल की सैर की तरह बेस रणघाटी कैसे पहुँच ये सवाल पूछना कि जब पुणे के टैक्सी वालों तक को पता था कि बेस रन घाटी खुली हुई है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कैसे पता नहीं था गृह मंत्री अमित शाह को कैसे पता नहीं था राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को कैसे पता नहीं था रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को कैसे पता नहीं था ये
सवाल उठाने की सजा यह है कि 75,00,000 सब्सक्राइबर वाला 4 PM सरकार बंद करवा देती इसी तरह गाना गाकर सवाल पूछने पर गायिका नेहा सिंह राठौर के खिलाफ़ देशद्रोह की धाराएं लगा दी जाती लखनऊ यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर माधुरी का कोटिंग ऑफ डॉक्टर में दूसरा पर मुकदमा दर्ज कर दिया जाता। और आरोप क्या है की आप जो पूछ रहे हैं
उसे लोग पाकिस्तान में देख रहे हैं तो सवाल है कि क्या इस पर किसी का अख्तियार हो सकता है ये कौन कहाँ देखा जाएगा और दूसरा सवाल क्या इस वजह से है की वो जो बोले गा या बोले गी उसे पाकिस्तान के कुछ लोग देख लेंगे। इससे उसका अपनी सरकार से सवाल पूछने का अधिकार खत्म हो जाता है
और अगर दूसरी तरह से देखें तो भारत सरकार कह रही है कि आप क्या बोलेंगे और क्या नहीं बोलेंगे, ये आप नहीं पाकिस्तान तय करेगा। आप कुछ भी बोलने से पहले सोच लीजिये कि पाकिस्तान की राय इस पर क्या होगी
ये तो भारत की संप्रभुता के साथ खुद ही समझौता कर लेने जैसी बात हो गयी। क्या इसे स्वीकार किया जा सकता है अब एक बार फिर से कांग्रेस के इस ट्वीट को देखें। जिम्मेदारी के समय दिखाएं। याद कीजिए। कोरोना के समय आउटलुक का फ्रंट पेज मिसिंग यानी गायब नाम भारत सरकार उम्र 7 साल मिले तो बताइयेगा। भारत के नागरिको को इस कवर पेज के आने के कुछ ही दिनों के बाद इसके संपादक बेनर्जी को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया
नौकरी से निकाल दिया गया था। लेकिन आउटलुक अकेला नहीं था। सरकार के भोंपू की तरह काम करने वाले इंडिया टुडे तक ने फ्रंट पेज पर छापा था। फेल्ड स्टेट यानी नाकाम राष्ट्र। ऐसा क्यों हुआ था
क्योंकि जब देश के लोग मामूली विटामिन सी की गोलियों के लिए तड़प रहे थे ऑक्सीजन के सिलेंडर के लिए तड़प रहे थे, अस्पतालों में बिस्तर के लिए तड़प रहे थे, बाकी सोचिये जलाये जाने के लिए लकड़ी कम पड़ गई थी मशीनों में जगह कम पड़ गई थी। कब्रिस्तानों में जगह कम पड़ गई थी
तो नरेंद्र मोदी आगे बढ़कर नेतृत्व करते दिखने के बजाय। राष्ट्रीय परिदृश्य से ही लापता हो गए थे। बिलकुल ऐसा ही हुआ था जब चीन ने बेरहमी से हमारे 20 जांबाज सैनिकों को डोकलाम में शहीद कर दिया था। नरेंद्र मोदी फिर से गायब और जब सामने आये तो कहा ना तो कोई हमारी जमीन पर घुस आना कोई आया लेकिन फिर से उसी सवाल पर आते। क्या 4 PM यूट्यूब चेंनल बंद कर देने से डॉक्टर में दूसरा पर मुकदमा कर देने से नेहा राठौर प्रदेश तो लगा देने से सवाल उठने बंद हो जाएंगे
सवाल पूछने वाले खामोश हो जाएंगे इसका जवाब है, बिल्कुल नहीं। अभिव्यक्ति की आजादी किसी सरकार की दी हुई भीख का टुकड़ा नहीं है। साहब संविधान से मिला हुआ वो गुरूर है जिसकी ताकत के दम पर। ये मगरूर से मगरूर सियासत की आँखों में आंख डालकर बिना उसे लाल, पीला हरा नीला किये हुए पूछ सकते हैं। कि आप अपनी जवाबदेही उससे कब तक भागते रहेंगे
ये अलग बात है कि लोकतंत्र पर हमले के हर दौर में उसके पक्ष में खड़े होने की अपनी यह कीमत होती है। उस कीमत को हम चुकाएंगे और लोकतंत्र को साफ बचा ले जाएंगे। हम संजय शर्मा डॉक्टर में दूसरा नेहा राठौर ही नहीं हर उस लोकतांत्रिक आवाज के साथ पूरी ताकत के साथ खड़े हैं जिन्हें ना तो बाबा साहब के बनाए संविधान के एक हर्फ़ की भी तौहीन मंजूर है और ना ही उसकी एक लाइन के साथ भी कोई समझौता
हिंदुस्तान जिंदाबाद जय संबिधान
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