ज्योति मल्होत्रा को सबूत के आधार पर नहीं, शक के आधार पर पुलिस ने पकड़ा ज्योति मल्होत्रा के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं

ज्योति मल्होत्रा को सबूत के आधार पर नहीं, शक के आधार पर पुलिस ने पकड़ा ज्योति मल्होत्रा के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं
ज्योति मल्होत्रा को सबूत के आधार पर नहीं, शक के आधार पर पुलिस ने पकड़ा ज्योति मल्होत्रा के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं
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ज्योति मल्होत्रा केस में उसमें कई बातें इम्पोर्टेन्ट है एक जैसे कि क्या वो हिरासत में कहा हिरासत में पुलिस के एनआइए की नहीं अब यह अपने आप में बहुत बड़ा हिट है पुलिस के पास वो है नहीं एक पास हिसार पुलिस ने कहा कि एनआईए आई पूछ्ताछ किया पूछ्ताछ के बाद अपनी जिंदगी दूसरा क्या सबूत मिले क्योंकि काफी टाइम हो गया है ज्योति के बारे में कई सारी खबरें आयी बहुत सारे इधर उधर मरियम नवाज़ पहलगाम, पठानकोट, एक स्विज़ लेकिन पुलिस कहती है कि सेना से गद्दारी कोई रक्षा की जानकारी पाकिस्तान पहुंचाने का अब तक कोई सबूत नहीं मिला
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ऑपरेशन सिंदूर के बीच में खबरें आई थीं कि वह पाकिस्तान में वॉट्सैप कर रही थी पहलगाम वो जनवरी में गई थी मार्च में पाकिस्तान गयी और उस कह रही है की कोई ऐसा सबूत नहीं मिला जो लिंक कर रहा हूँ पुलिस कह रही है की ज्योति के लैपटॉप, मोबाइल को उसने खंगाला, लेकिन कुछ ऐसा मिला नहीं
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वॉट्सऐप चैट जिसमें टीवी खास तौर पर दावा कर रहा था टीवी वालों ने खबर चलाई थी की ज्योति जो है वो पाकिस्तान में शादी करने जा रही थी ज्योति का दिल पाकिस्तान में आ गया वॉट्सऐप चैट पुलिस कह रही की हमारे पास ऐसा कोई सबूत नहीं है
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ज्योति की एक डायरी जिसके कुछ पन्नों का जिक्र चल रहा था टीवी में, अखबारों में सोशल मीडिया पे पुलिस कह रही है हमारे पास ऐसी कोई डायरी नहीं वो जिसमें लिखा था कि पाकिस्तान से प्यार हो गया पैसों को लेकर पुलिस कह रही है कि हमने ज्योति के चार बैंक तलाशे, लेकिन हमें अबतक कोई जानकारी नहीं मिली है पुलिस यह भी कह रही है कि आतंकवादी संगठन या किसी घटना चाहे पहलगाम या पठानकोट कोई भी हो, उससे डायरेक्ट लिंक नहीं हुआ है
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पुलिस ने इतना माना की पाकिस्तान के पीआइओ के साथ उसका उठना बैठना था वह लोग जो गद्दारी कर रहे थे, जासूसी कर रहे थे उनके मोबाइल में से कॉन्टैक्ट नंबर थे वो जीस अधिकारी को भारत से पाकिस्तान भगाया गया उसके संपर्क में थी लेकिन क्या ज्योति ने धर्म परिवर्तन किया था क्या ज्योति ने शादी की थी पुलिस के लिए नहीं यह फर्जी खबरें
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फर्जी खबरें मीडिया में अभी भी खबरें चल रही है और पुलिस की इस पर बड़ा अफसोस है किसी मीडियाकर्मी ने खुलकर बताया नहीं, किसी ने बताया नहीं ज्योति पर हमने भी तमाम खबरें कवर की थी बार बार शक ज़ाहिर किया था हमने भी, लेकिन अब जब ये खबरें आई हैं तो ये भी बताना हमारा धर्म है, कर्तव्य है और ये बताते हुए दुख भी अफसोस भी है
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कि ज्योति पर बहुत सारे सवाल पुलिस के एफआइआर के बिना पर उठाए गए थे और अब जब पुलिस ने यूटर्न लिया है तो वो सवाल निरर्थक नजर आते हैं पुलिस खुद कह रही है अगर आप पुलिस की प्रेस रिलीज पढ़ेंगे तो कह रही है कि इलेक्ट्रॉनिक सोशल मीडिया केवल ऑफिसियल प्रेस रिलीज पर खबरें चलाएं बाकी खबरें तथ्यहीन काल्पनिक अब पॉलिसी ये कह रही है यह बहुत बड़ी बात है क्योंकि पुलिस ने ही इस को हवा दी थी और अब वह पुलिसकर्मियों के सूत्र जिनके सहारे मीडिया में खबरें आ रही थी
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अब जब पुलिस को खबर बदल रही है,कहीं कोई सबूत नहीं है, कोई फ़ोन में ऐसा नहीं है कोई कश्मीर, पहलगाम, पठानकोट, पाकिस्तान, शादी, प्यार मरियम नवाज़ कोई ऐसा डायरेक्ट लिंक नहीं है, तो फिर सवाल यह है कि क्या इस इस देश की मीडिया ने गलत रिपोर्टिंग की बिना जांचे परखे सिर्फ पुलिस की बात को लेकर एक बड़ा माहौल बना दिया गया
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हालांकि पुलिस यह भी कह रही है की ये मामला राष्ट्रीय संवेदनशीलता से है अभी भी जांच चल रही है लेकिन फिर भी कई सारे सवाल उठ रहे हैं जैसे एक सवाल है की ज्योति मल्होत्रा गद्दार है या पुलिस मीडिया उसे गुनहगार ठहरा रही है तो देखो ज्योति पर आईएसआई के लिए जासूसी करने, ऑपरेशन सिंदूर, पहलगाम यह जो आरोप लगे थे उन आरोपों को लेकर पुलिस ने साफ़ कह दिया है कि पुलिस के पास कोई सबूत नहीं है
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उसके मोबाइल फ़ोन, लैपटॉप या बैंक अकाउंट में कोई ऐसा ट्रान्ज़ैक्शन नहीं है और सबसे बड़ी बात है कि एनआईए जैसी अगर उसको हिरासत में नहीं ले रही है तो यह काफी हद तक स्पष्ट कर रहा है कि वह बहुत गंभीर मामला नहीं है
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ज्योति कॉन्टेस्ट क्योंकि अगर सेन्सिटिव होता तब तक नहीं उठा ले गए दूसरा मीडिया को लेकर हाँ, मीडिया शायद मीडिया ने बहुत कर दिया हम सबने मिलकर बहुत सारे सवाल उठाए पाकिस्तानी जासूस गद्दार अब ज़ाहिर सी बात है
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कि अगर पुलिस कह रही है की वो जासूसी कर रही थी उस पर एफआइआर जासूसी को लेकर है तो जासूस मतलब गद्दार और ने कहना शुरू किया लेकिन ऐसा लग रहा है कि जो पुलिस ने एफआइआर दर्ज की थी वो सबूतों के आधार पर नहीं थी वो शक के आधार पर थी और शक के आधार पर उसे मीडिया में रिलीज किया गया
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भारत में लोग पाकिस्तान के खिलाफ़ थे और उसमें ज्योति को बहुत सारी बातें कही गई ये सारी बातें निकल कर आयी बाकी जितनी बातें थी रेकी करने की, वो सारी रेकी वाली खबरें भी गलत गयी सेकंड सवाल क्या पुलिस ने जासूस बताने में जल्दबाजी की 17 मई 2025 पुलिस ने ज्योति पर एफआइआर किया था आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम 1923, धारा 345 और कई और गंभीर धाराएं लगाई गई थी कई सारे लोग पंजाब में गिरफ्तार किए गए थे
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इनका नाम आया था और उन्हीं के फ़ोन से सारे नाम निकाले गए तो उसमें ज्योति का नाम भी सामने आया गजाला और दानिश इन दोनों का नाम सामने तो शुरुआत में पुलिस ने यह दावा किया था कि उनके मोबाइल, लैपटॉप से कुछ संदिग्ध सामग्री नहीं की अब संदिग्ध सामग्री जब पुलिस कहती है तो इसका मतलब है कि कुछ गडबड है, इसीलिए मीडिया ने खबरें उठाई मीडिया ने सच है उसे बढ़ा चढ़ाकर बताया, लेकिन शुरुआत वहीं से खबर आई थी लेकिन अब पुलिस कह रही है कोई ऐसी संदिग्ध चीज़ है की नहीं
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