ईरान से डर कर भाग खड़े हुए डोनाल्ड ट्रम्प

ईरान से डर कर भाग खड़े हुए डोनाल्ड ट्रम्प
ईरान से डर कर भाग खड़े हुए डोनाल्ड ट्रम्प
अमरिका ईरान इसराइल युद्ध में हाथ डालने से भाग खड़ा हुआ है अमेरिका बात बात पर मीडिया के सामने आकर बयान देने वाले, ट्वीट करने वाले, शेखियां बघारने वाले और गाल बजाने वाले मोदी का फ्रेन्ड ट्रम्प ने कह दिया है कि देखो दो हफ्ते तक मेरी तरफ देखना भी नहीं
सोचने का टाइम चाहिए कि ईरान से भिड़ना भी है या नहीं 15 दिन का टाइम लेकर ठीक वें दिन ईरान पर हमला करवा देने वाले हजूर को अचानक से एहसास होने लगा है कि ईरान से बातचीत करने का रास्ता तलाशना चाहिए
इस इनकी हवा सरक गई हैं वैसे ट्रंप एक नंबर का झूठा जीव मैं आदमी नहीं बोल रहा हूँ उसकी किसी बात का कोई भरोसा नहीं किया जा सकता लेकिन एक बात तो सच है कि जिंस ट्रंप ने ईरान को मिटा देने की धमकी दी थी वहीं ट्रंप कह रहा है कि अब 15 दिन तक आराम करूँगा तब सोचूंगा इजराइल की मदद करनी है या नहीं
अब देखिये कि 15 दिन में तो ईरान इसराइल की चटनी बना देगा अगर अमेरिका ने मदद नहीं बढ़ाई तो और अमेरिका की मदद का आलम ये है कि वो कई देशों के समंदर में तैनात अपने समुद्री बेड़ो को ईरान के खौफ से पहले ही पीछे खींच चुका है
ये ईरान को झांसी में रखने की एक युद्ध रणनीति हो सकती है, लेकिन फिर भी अमेरिका को इसकी जरूरत पड़ रही है यही अपने आप में अचंभे वाली बात है वो भी ईरान जैसे देश के सामने जिसकी क्षमताओं को वो बार बार ललकारत आ रहा है, उसे जलील करता रहा है
उस पर तमाम तरह के प्रतिबंध लगाए हुए हैं सो अलग डोनाल्ड ट्रंप की दहशत की वजह को ठीक से समझिए ये खबर में हमने बताया था की फोड़ो न्यूक्लियर प्लांट को खत्म करने के लिए वो जिंस बंकर बम के भरोसे बैठे हुए थे उस पर उनको भरोसा ही नहीं हो पा रहा है की वो काम भी करेगा
खुद पेंटागन ने बोल दिया है कि हमने इसके टेस्टिंग तो की है लेकिन युद्ध में कभी आजमाया, न ही इसके बाद से ट्रम्प ठंडे पड़ गए अब न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक रिपोर्ट में लिख दिया है कि अमेरिका का मानना है ईरान अब परमाणु हथियार बनाने की पूरी क्षमता रखता है
गौर से सुनिए गा व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने खुलकर कहा कि अगर ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खान ने ये आदेश दे दे तो ईरान कुछ ही हफ्तों में परमाणु बम बना सकता है इसका मतलब यह हुआ कि ईरान के पास इजराइल के सर्वनाश का सामान मौजूद है
और अगर अमेरिका ने उसे जरूरत से ज्यादा छेड़ा तो उसे लेने के देने पड़ सकते हैं क्योंकि ईरान ने साफ कह दिया है वो झुकने वाला नहीं है, चाहे इसका अंजाम जो भी हो मतलब परमाणु युद्ध की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता गौर कीजिए व्हाइट हाउस प्रवक्ता कैरोलिन लेविट ने कहा कि ईरान के पास परमाणु हथियार बनाने के लिए जरूरी हर सामान मौजूद है
इसके लिए वो किसी पर निर्भर नहीं है उसे किसी के आगे हाथ पसारने की जरूरत नहीं है आप बस उन्हें अपने नेता खामनेई के हाँ भर कहने की देर है लेविट ने ये भी कहा कि अगर ईरान ऐसा करता है तो इससे सिर्फ इजराइल ही नहीं बल्कि अमेरिका और पूरी दुनिया के सुरक्षा के सामने खतरा पैदा हो जाएगा
तो ज़ाहिर सी बात है जब परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की नौबत आएगी तो मामला केवल ईरान और इसराइल का रह नहीं जाएगा ना चाहते हुए भी अभी तक चुप बैठे हैं रूस, चीन और तुर्की ये को एक लाइन लेनी पड़ेगी
रूस और चीन दोनों ने चेतावनी दे रखी है कि अमेरिका ने अगर इस युद्ध में सीधे तौर पर उतरने की गुस्ताखी की तो इसके अंजाम भयावह होंगे इसके बाद से ही ट्रम्प की हेकड़ी निकली हुई कनाडा के जी सेवन बैठक से जीस, तेजी से वो उछलते हुए अमेरिका भागे थे, उतनी ही तेजी से बैठ भी गए
केवल 8 दिन में ही जंग की पूरी तस्वीर बदल चुकी है जिंस ट्रम्प ने इजराइल के पहले हमले के बाद एक के बाद एक कई ट्वीट करके धमकाया था कि ईरान न भूलें अमेरिका दुनिया के सबसे विनाशक हथियार बनाता है और इसराइल की सेना इसका इस्तेमाल करेगी तो वो कांप उठेगा वहीं ट्रंप आप बोल रहे है की इतनी जल्दबाजी की कोई जरूरत ही नहीं
हालत इतनी तेजी से बदले हैं कि ईरान के सुप्रीम लीडर एक हीरो की तरह नजर आ रहे हैं, जो 86 साल की उम्र में आगे बढ़कर ईरान का नेतृत्व कर रहे हैं इजराइल को नाकों चने चबवा रहे हैं और अमेरिका के होश फाख्ता किए हुए हैं वहीं दूसरी तरफ डोनल्ड ट्रंप एक विदूषक की तरह नजर आ रहे हैं एक जोकर की तरह और बेंजामिन नेतन्याहू, उस विदूषक के भांड की तरह
अब देखिये कि डोनाल्ड ट्रम्प के पीछे हटने के बाद इजराइल जंग तो लड़ रहा है, उसकी मजबूरी है लेकिन
उसकी हिम्मत आँधी रह गई उसके हौसले पस्त होने लगे हैं उसके पैर उखड़ने लगे हैं उसमें ईरान की कुंडम, नुक्लेअर साइट पर हमला बोला तो काफी देर तक ऊंचे आसमान में धुएं का गुबार उठता रहा
लेकिन इसके कुछ ही देर बाद ईरान ने इजरायल के रहो वोट शहर में मिसाइल डॉक्टर, प्रसिद्ध वेज मेन इन्स्टिट्यूट ऑफ साइन्स को जमींदोज कर दिया अगर ऐसे ही चलता रहा तो वो दिन दूर नहीं जब बेंजामिन नेतन्याहू को वहाँ की जनता सड़कों पर खदेड़ती हुई नजर आएगी
उन्होंने अपने नागरिको की जिंदगी नर्क बना डाली है नरक आठ दिनों की लड़ाई में ही इजराइल लगभग छे अरब डॉलर केवल युद्ध युद्ध पर खर्च कर चुका है इसके अलावा जो छाई हुई है, जो ढांचे गिरे हैं, सड़कों और रिफाइनरियों का जो नुकसान हुआ है,
सैन्य मुख्यालयों और सरकारी दफ्तर जो ध्वस्त हुए हैं, उन्हें फिर से बनाने में लगभग 4000 लाख डॉलर की लागत आएगी वो भी तब जब कोई और नया नुकसान नहीं होता है और उन्हें फिर से खड़ा करने में कम से कम 10 साल का समय लगेगा
अकेले हाइफा तेल रिफाइनरी को जो नुकसान ईरान ने पहुंचाया है उसके पुनर्निर्माण में इसराइल को कोई 500,00,00,000 खर्च करने होंगे इजराइल को हुए नुकसान का अंदाजा इसी से लगाइए कि केवल 8 दिन की लड़ाई में इरानी मिसाइलों और ड्रोन हमलों से 18,766 नुकसान के दावे सरकार और बीमा कंपनियों के सामने इसराइल में पेश किए जा चूके हैं
मतलब अगर ये युद्ध एक महीने भी खिंच गया तो इजराइल 50 साल पीछे के दौर में लौट जाएगा आर्थिक रूप से उसकी कमर बुरी तरह टूटती जा रही है और अगर कहीं आदत से मजबूर डॉनल्ड ट्रंप ने इजराइल को की गई मदद की वसूली का नोटिस भेज दिया
यूक्रेन की तरह तो इजराइल को आर्थिक तौर पर और ज्यादा बर्बाद होने से कोई नहीं रोक सकता इजराइल ने ईरान को गज़ा समझने की एक भयावह भूल की थी और वो अब इस लड़ाई में वहाँ पहुँच रहा है जहाँ से आगे बढ़ने में उसकी सांस उखड़ गई है और पीछे लौटने का रास्ता वो खुद ही बंद कर चुका है
ट्रंप ने 15 दिन का समय इसलिए लिया है कि इजराइल खुद सीजफायर के लिए गिड़गिड़ाने लगे और तब ट्रंप भारत पाकिस्तान के सीजफायर की तरह गाल बजा देंगे की हमने करा दिया
देखो मैं कितना महान हो लेकिन यहाँ एक बात और करने वाली है जिसदिन इजराइल ने पहला हमला बोला था उसके ठीक अगले दिन ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामनेई ने बोल दिया था कि इजराइल ने इसे शुरू जरूर किया है लेकिन हम उसे भागने नहीं देंगे
इस जंग का अंत हम लिखेंगे और अपनी शर्तों पर लिखेंगे ट्रम्प के फौरी तौर पर मैदान छोड़कर भागने से ये बात बहुत हद तक सच होती हुई दिखाई दे रही है तो क्या दुनिया बहुत जल्दी अमेरिका समर्थित इस्राइली आतंकवाद का सूरज अस्त होते देखने वाली है
गज़ा के बच्चे औरतें और बुजुर्ग उस चाँद रात के इंतजार में बैठे हैं
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