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15/06/2025

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ईरान के हमले से इजराइल बेहाल अमरिका ने किया मदद से इंकार

ईरान के हमले से इजराइल बेहाल अमरिका ने किया मदद से इंकार

ईरान के हमले से इजराइल बेहाल अमरिका ने किया मदद से इंकार

 

इजरायल, फलस्तीन, लेबनान, ईरान, मिडल ईस्ट और इसके बहाने सारी दुनिया की खबरें लेकर जंग के हालात क्या है आप समझ लीजियेआप देखिये इसमें छत पर खड़े होक लेबनान का एक बंदा आराम से म्यूसिक बजा रहा है और आप देखेंगे उसके बैकग्राउंड में ईरान से मिसाइलें जा रही है हाइफा यानी इजराइल की तरफ और दूसरा वीडियो आपने देखा होगा

जिसमें इजराइल की सड़कों पर बवाल मचा हुआ है आपस में ही लोग लड़ रहे हैं शायद कितनी जल्दी सेफ हाउस में घुस जाए कितनी जल्दी बंकरों में घुस जाएं अपनी जान बचा लें, इसके लिए आपस में लड़ाई हो रही है जिसमें एक आदमी सिर्फ चड्डी पहन के सड़क पर निकल गया था सेफ बंकर में जाने के लिए वो विडिओ मैं यहाँ पर दिखा नहीं सकता

लेकिन इजराइल में तबाही मची हुई है हालत खराब है जीस तरह के आ जा रहे हैं अगर इजरायल के अखबारों की आज की हेडलाइन्स देखेंगे तो जीस तरह के तस्वीर लगी हुई है जीस तरह के विडीओ जा रहे हैं इन सारी चीजों को देखकर समझ में आ रहा है कि इजराइल के साथ वो हो रहा है जो उसने सोचा नहीं था

असल में अमेरिका के भरोसे था इजराइल और अमेरिका भी हमेशा इजराइल के साथ खड़ा रहा ही है इसमें कोई दो राय नहीं है जो जहाज है। इजराइल के पास जो बम हैं, जो सारी चीज़े है वो अगर अमेरिका, ब्रिटेन और बाकी सारी कन्ट्रीज नहीं होती तो उनके पास नहीं होता तो उनके भरोसे था

उसको लगा था कि हम जंग शुरू करेंगे और फिर मजबूरन पीछे पीछे अमेरिका हमारे साथ शामिल हो जाएगा लेकिन ईरान ने पहली बेवकूफ़ी तो की थी, हमले की पूरी संभावना थी लेकिन उसके ऑफिसर्स उसके साइअन्टिस्ट अपने अपने घरों में सो रहे थे बंकर में नहीं सो रहे थे

ये बात मैंने कई बार कही है की पहली गलती तो की थी इसलिए पहला जो चोरों की तरह छुपकर वार किया इसराइल ने, उसमें तो नुकसान ईरान का निश्चित तौर पर हुआ लेकिन 18 घंटे में ईरान ने खुद को दोबारा से खड़ा कर लिया ओर बहुत होशियारी के साथ अपनी स्ट्रैटजी को प्लैन किया

ये बताया दुनिया को कि हम एक प्रोफेशनल आर्मी है जहाँ सीनियर्स के मरने के बाद जूनियर्स तुरंत खड़े रहते हैं उनकी जगह लेने के लिए तो इतने सारे अफसरों की शहादत के बावजूद ईरान ने स्टैंड लिया और बहुत कायदे से स्टैंड लिया। इससे स्टैंड को बहुत समझने की जरूरत है ये एक ऐसी इम्पोर्टेन्ट चीज़ है जो अक्सर मिस हो जा रही है

जो भी अनैलिसिस मैं देख रहा हूँ या पढ़ रहा हूँ उसमें इरान ने यह तय किया कि इजराइल पर तो हम जबरदस्त हमला करेंगे, ऐसा हमला करेंगे कि इजराइल दहल जाएगा ये बात तो बिलकुल क्लियर थी की उसमें कहीं से कोई रोक दो, कोई दबाव छिपाओ नहीं था

लेकिन साथ में यह तय किया कि अमेरिका के जो ठिकाने हैं अगल बगल या ब्रिटेन के जो ठिकाने हैं, अगल बगल उन ठिकानों के ऊपर हम हमला नहीं करेंगे यह बेहद होशियार और दिमाग से बनाई हुई इस स्ट्रैटजी थी निजर का रिऐक्शन करके कुछ ऐसा कर देने के की तुरंत अमेरिका लड़ाई में शामिल हो जाए इसकी जगह ऐसा ऐसी तकनीक अपनाई गई ऐसा तरीका अपनाया गया जिसमें सिर्फ इसराइल पर हमला करेंगे, किसी और पर हमला नहीं करेंगे, ना तो अपने पड़ोसी अरब मुल्कों पर हमला करेंगे जिनके बारे में जानता है ईरान की वो इज़राइल के साथ अंदर अंदर खड़े हैं

और ना ही अमेरिका या इंग्लैंड के किसी बेस पर हमला करेंगे देखिये एलन मस्क का कल दो ट्वीट बहुत ज्यादा वायरल हो रहा था पहला वो ट्वीट था जिसमें वो कह रहे थे कि हम इस स्टार लिंक का ऐक्सेस देंगे ईरान को ताकि वहाँ इंटरनेट की सेवाएं चलती रहें जो लोग भी इन्टरनैशनल पॉलिटिक्स समझते हैं और खासतौर पर अमेरिका और यूरोप की पॉलिटिक्स समझते हैं, उनके तुरंत समझ में आ गया था ये क्या है

ऐसे ही बहते हुए पानी में हाथ धोने वालों ने खड़े होकर कहना शुरू कर दिया की अरे है ना मस्त तो ईरान के साथ आ गया हालांकि जो अमेरिका और यूरोप की पॉलिटिक्स को कायदे से समझता है, उनके खेलों को समझता है

उसके समझ में तुरंत आ जाना चाहिए था कि ईरान के ऊपर इस स्टार लिंक आ जाए अगर अगर स्टारलिंक ईरान को सुविधा देने लगे इंटरनेट की इसका मतलब स्टार लिंक से आराम से ईरान की जासूसी हो सकती है और ईरान की इन्फॉर्मेशन इसराइल को पहुंचाई जा सकती है

ऐसे ही ने कल एक और ट्वीट किया और फिर उसको डिलीट कर दिया उसमें क्या दिखाया उसमें दिखाया कि ईरान के आसपास अमेरिका के कितने सारे अड्डे हैं लोगों को लगा अरे ये तो ईरान के साथ खड़ा हो गया लेकिन असल में ये प्रो वोकेशन था। ईरान के लिए की इन अड्डों पर हमला करो ओर इन अड्डों पर हमला करने का मतलब होता कि अमेरिका इस जंग में

शामिल हो जाता है अब आप इसको जोड़िए अल अरबिया में भी छपा है ट्रंप क्या कहता है ट्रंप कहता है की अगर ईरान ने हमारे ऊपर हमला किया तो हम ये करेंगे वो करेंगे ये करेंगे इस बयान को भी बहुत कायदे से समझना चाहिए

इस पर चीखने चिल्लाने की जगह इसका माने समझना चाहिए ट्रंप क्या कह रहा है ट्रंप कह रहा है भैया हमारे इलाकों पर हमारे अड्डों पर कोई हमला मत करना हम तुम्हारे ऊपर फिलहाल हमला नहीं करेंगे

जो अखबार है मिडल ईस्ट के तो उसमें दो चीजें बहुत क्लिअर दिखाई देती हैं पहली ये कि इजराइल ने जंग के दूसरे दिन जो पूरी दुनिया में अपनी इमेज बनाया है, हिंदुस्तान में भी जो भक्त है, खासतौर पे उनको लगता है अरे इज़राइल तो वर्ड पावर है, सुपर पावर है, जो चाहेगा वो करने का तो इजराइल के पीछे पीछे लग लो 2 दिन की लड़ाई में इसराइल अमेरिका के सामने पहुँच गया हाथ जोड़े की भैया तुम भी जंग में शामिल हो जाओ, तुम आओ तुम्हारे बिना ईरान का मुकाबला करना हमारे लिए पॉसिबल नहीं है

अगर तुम नहीं साथ में होगे तो ईरान हमारा सत्यानाश कर देगा बड़ा का ही आगे का अपडेट देखिए बराक ने बिल्कुल क्लियर किया कि अमेरिका के जिन अधिकारियों से उसकी बात हुई है, उन अधिकारियों ने कहा कि हम ईरान के खिलाफ़ जंग में शामिल नहीं होने जा रहे हैं यहाँ तक कि मागा मेक अमेरिका ग्रेट अगेन कैंपेन में जो लोग कम के साथ थे उनका भी बड़ा हिस्सा ऐसा है जो ये कह रहा है की इस जंग में हमको नहीं जाना चाहिए

क्यों कह रहा है इसको समझिए हालांकि बहुत सारे ऐसे है अमेरिका में आप जानते हैं जो अमेरिकन कम है, इजरायली ज्यादा है तो वे स्टैंड विद इजराइल कर रहे हैं वो लेकिन अमेरिका इस जंग में क्यों नहीं जाना चाहता है या फिर क्यों ऐसा हो सकता है कि इसराइल को अमेरिका उसके हाल पर छोड़ दें इसको एक एग्जाम्पल से समझिए

जो अभी ज्यादा पुराना नहीं है आपको याद है हूती के साथ अमेरिका गया था लड़ने के लिए, इसराइल को बचाने के लिए ट्रंप ने अमेरिकन आर्मी लगा दी थी, हूथी के साथ लड़ने के लिए फिर क्या हुआ हफ्तेभर के अंदर पेंटागन में ये बहस मच गई कि हमारे मिनिस् डॉलर बर्बाद हो रहे हैं लेकिन हासिल कुछ नहीं हो रहा

और उसके बाद ट्रम्प ने क्या किया चुप चाप होती के साथ समझौता कर लिया की भाई तुम हमारी जहाजों पर हमला नहीं करोगे ने कहा आप से हमारी कोई दुश्मनी है ही नहीं, आप ही चले आते हैं इजराइल के बाप बनके हर बार सब से लड़ने के लिए आप यहाँ से निकल लीजिये, हम आपके ऊपर हमला नहीं करेंगे और चुपचाप ट्रंप हूँ

ठीक से निकल गया मतलब यमन से निकल गया यमन में बहुत सारे उस समय खबरें प्लांट हो रही थी इधर से सऊदी अरब या आक्रमण करेगा, उधर से ये करेगा, ये करेगा, वो होगा, यमन के ऊपर कब्जा हो जाएगा वगैरह वगैरह सारी खबरें आई थीं लेकिन सारी खबरें 4 दिन में खत्म हो गई

अमेरिका चुपचाप वहाँ से बिना इजराइल को इन्फॉर्म किये निकल गया और कहा भैया हुथियों से हमारी कोई दुश्मनी नहीं है इजराइल की दुश्मनी है, वो लड़ता रहे, हम नहीं करेंगे यही बात ईरान के साथ हो सकती है क्योंकि हुथी के साथ अगर मीन्स खर्च हो रहे थे तो ईरान के साथ बिलियन शॉट खर्च होंगे

अगर ईरान के साथ अमेरिका लड़ाई में जायेगा मैं फिर कह दूँ की यहाँ बैठकर कोई मैं यह नहीं कहने वाला कि ईरान हर हाल में अमेरिका से भी जीत जायेगा नहीं अमेरिका बेहद मजबूत कंट्री है अमेरिका के आने का मतलब है नाटो कन्ट्रीज का शामिल होना

और ये सब इरान के लिए तबाही का सबब होगा इसमें कोई दो राय नहीं है लेकिन इस तबाही के कीमत अमेरिका से लेकिन ऑटो कन्ट्रीज और इसराइल को भी चुकानी पड़ेगी। अब अमेरिका फिलहाल वो कीमत चुकाने के लिए तैयार नहीं हैं। आगे वो तैयार होता है की नहीं होता है ये देखना पड़ेगा। और ये इंट्रेस्टिंग इसलिए है कि हालांकि ओमान के विदेश मंत्री ने ये कह दिया है बिल्कुल साफ साफ कह दिया है अब ये जो बातचीत होनी थी ईरान और अमेरिका की वो नहीं होगी ईरान ने भी कहा है कि इन हालात में इन बातचीत का कोई मतलब नहीं है

लेकिन अभी भी अमेरिका कह रहा है कि फिलहाल बातचीत कैंसिल हो गई आगे हम बात करने को तैयार है जब भी मामला नॉर्मल होगा हम बात करेंगे। खासतौर से अमेरिका ने ट्रंप ने जो पुतिन से बातचीत की है और उसके बाद का है की 1 दिन से ईरान के मुताबिक बातचीत हुई है

लेकिन आज मुझे लगता है कि एक बात मैं पूरे कॉन्फिडेंस से कह सकता हूँ की या तो अगले तीन 4 दिन में ये जंग खत्म हो जाएगी और या फिर ये जंग बहुत लंबी चलने वाली है इतनी लंबी जितना आप सोच सकते हैं ना हम और देखिये इसराइल के लिए ईरान से अकेले लड़ना क्यों मुश्किल है

पहली बात तो ये है की दोनों के एरिया देख लीजिए इजराइल की टोटल एरिया जो है वो 20,000 स्क्वेयर किलोमीटर की है बस ईरान की एरिया आप देखेंगे 1.6 मिलियन स्क्वेयर किलोमीटर है, अंदाज लगा सकते हैं कितना फर्क हैं 16,00,000 स्क्वेयर किलोमीटर में और 20,000 स्क्वेयर किलोमीटर में यानी क्या है ईरान के जो मिसाइलें हैं

वो इज़राइल के कोने कोने में पहुंच सकती है इजराइल की मिसाइलें ईरान के कोने कोने में नहीं पहुँच सकती है इतना बड़ा एरिया है की वो आराम से अंदर अंदर शिफ्ट कर सकता है, आराम से अपनी स्ट्रैटिजी को शिफ्ट कर सकता है

इसलिए इज़राइल का ईरान से सीधे मुकाबला जो है इजराइल के लिए लगातार मुश्किल हो रहा है आप देखिये कल की कहानी, आप देखिये इजराइल ने शुरुआत की कुछ आयल डिपो वगैरह को निशाना बनाया खबरें आनी शुरू हुई उसके तुरंत बाद क्या खबर आती हैं

ईरान ने ज़बरदस्त हमला किया हाइफा के ऊपर अब हाइफा जो है वो पोर्ट है आप जानते हैं लेकिन हाइफा में हमला कहा किया इस बात को थोड़ा सा गौर से सुनिए हाइफा आयल रिफाइनरी के ऊपर हमला किया अब आप कहेंगे ऑयल रिफाइनरी पर हमला करने से क्या होगा

तो समझिये हाइफा की जो ऑइल रिफाइनरी है 60% जो इस रेल की जरूरतें है, पेट्रोल की डीज़ल की गैस की, वो हाइफा के ऑइल रिफाइनरी से पूरी होती है

और सिर्फ इतनी बात नहीं है। इससे जो और जेट फ्यूल बनता है वो इजरायली एयरफोर्स के लिए बेहद जरूरी होता है यानी इजरायली एयरफोर्स की

 

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