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16/06/2025

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ईरान गद्दारों के खेल में कैसे उलझा ईरान ने इजराइल को मार मार के भूत बना दिया

अगर अमेरिका पीछे नहीं होता तो अब तक मिट जाता इजराइल

ईरान गद्दारों के खेल में कैसे उलझा ईरान ने इजराइल को मार मार के भूत बना दिया

ईरान इसराइल की लड़ाई लगातार बढ़ती जा रही है अगर अभी की बात करें तुरंत की बात करें तो टाइम्स ऑफ इसराइल का कहना है कि कल रात को और आज सुबह ईरान ने जो हमले किए हैं उस में आठ लोग तो मारे गए हैं इसके साथ सैकड़ों घायल हुए हैं। हंड्रेड्स वर्ड का यूज़ किया है इसका मतलब आप ये मान के चलिए, इस्राइल जीस तरह से अपने नंबर्स हमेशा घटाकर बताता है कि कल की रात इजराइल के ऊपर बहुत भारी रही है

मिसाइल ने जो ईरान की गिरी है उन्होंने गहरा नुकसान पहुंचाया है तेल अबीब और हाइफा में भी दरअसल ये जो लड़ाई है किसी भी तरह से अगर आप देखिएगा अगर सीधी लड़ाई देखिएगा तो इरान भारी पड़ता हुआ तो दिख रहा है

लेकिन ईरान के धक्का था है उसके अंदर बैठे हुए गद्दार अगर आज देखें जो ईरान का आफिशियल वेबसाइट है इरना अगर उसको आज का देखे तो दो खबरें आपको दिखाई देती है पहली खबर ये है जिसमें इस्माइल फखरी मारा गया है हिंदुस्तान में भी कई अखबारों ने इस को कवर किया है

इस्माइल फखरी नाम के एक आदमी को गिरफ्तार किया गया था इसकी जांच हुई तो पता चला ये मोसाद का एजेंट था मोसाद यानी आप जानते हैं इजराइल की जो स्पाई एजेंसी है, दुनियाभर में बदनाम इस पाई एजेंसी है, उसका ये बंदा था इसको फांसी पर चढ़ा दिया गया है और इरना बता रही है की दो और लोगों को फांसी पर चढ़ाया गया है

इसी बात के लिए कि वो इसराइल के लिए मोसाद के लिए काम कर रहे थे ईरान के अंदर दरअसल, पहले दिन जीस तरह से हमला हुआ जीस तरह से इतने सारे सीनियर ऑफिसर्स मारे गए सब को यह शक था कि इसके पीछे क्या है क्या वाकई इजराइल के पास इतनी एडवांस टेक्नीक है कि वो अपने घर में बैठे बैठे किसी को भी मार सकता है या फिर खेल कोई और है

और जब खेल खुला तो समझ में आया कि ईरान के अंदर ही दुश्मन पल रहे थे मुंसाद ने एक पूरा ड्रोन बेस बनाया हुआ था यानी एक ऐसा बेस बनाया हुआ था जहाँ सारे मोसाद के लोग थे और ईरान की ड्रोन से रखी हुई थी पैसा ईरान का ड्रोन ईरान का लेकिन काम कर रहा था इजराइल का मोसाद इसका मतलब क्या है

इसका मतलब यह है कि पिछले लंबे टाइम में बहुत सारे लोग ईरान के अंदर आर्मी इंटेलिजेंस इन सारे इंस्टिट्यूट के बहुत सारे लोग इजराइल के हाथों बिके हैं मोसाद के एजेंट्स की तरह काम कर रहे हैं पूरे पूरे बेस पर मोसाद का कब्जा था ये ड्रोन बेस था और उस दिन रात को मोसाद के एजेंट्स ने ही यूएई ऐक्टिवेट किया था जिससे सरफेस टू सरफेस मिसाइल से हमला हो सके यानी ये हमला जितना बाहर से था उससे ज्यादा अंदर से हमला था

तमाम खबरें हैं आप लगातार अगर केवल ईरान और मोसाद टाइप कर दीजिए गूगल पर और सर्च करना शुरू कीजिए तो आपको तमाम खबरें मिल जाएंगी इजराइल के अपने अखबार की खबरें मिल जाएगी, अमेरिकी अखबारों की खबरें मिल जाएंगी और दुनिया के दूसरे अखबारों की भी खबरें मिल जाएंगी, जो बहुत साफ बताती हैं कि ईरान के अंदर मोसाद ने बहुत गहरे तक असर बनाया हुआ है

दो बाते हो सकती है इसको समझना बहुत जरूरी है ये एक साइकोलॉजिकल वार भी हो सकता है दुनिया को और ईरान के लोगों को यह बताने के लिए कि ईरान के अंदर तो मोसाद ने पूरी तरह से कब्जा किया हुआ है, वो जब चाहेगा जो चाहेगा वो करेगा और दूसरा ये हो सकता है कि वाकई मोसाद ने अपना वहाँ पर बेस बनाया हो

कुछ तो बेस बनाया है, इसमें तो कोई दो राय नहीं चाहे वह पहले दिन का हमला हो, चाहे बाद में ईरान की जो मिसाइल से उनको से बोथस करने का काम हो, मोसाद ने किया है इसमें कोई दो राय नहीं है। यहाँ तक कहा जा रहा है कि ईरान के सिस्टम के अंदर जो मोसाब के लोग हैं, उन्होंने ही यह प्लानिंग की जिसके चलते उस रात को ईरान के कई कमांडर ताकि हमला हुआ और एक ही हमले में एक ही मिसाइल में कई कमांडरों की मौत हो गई

यहाँ तक कहा जा रहा है कि मोसाद ने ईरान के आर्मी के अंदर पैठ बनाई हुई है और शुरुआती दौर में जो ईरान को 18 घंटे लग गए, जवाब देने में उसकी एक वजह ये थी कि मोसाद के लोगों ने किया ईरान की जो क्षमता है हमला करने की ईरान का जो पावर है हमला करने का उसको सबोटेज किया लेकिन 18 घंटे बाद जीस तरह से ईरान ने हमला किया है और उसके बाद लगातार वो जीस तरह से हमला कर रहा है जितनी बार इसराइल हमला करता है उतनी ही तेजी के साथ बल्कि उससे भी ज्यादा बड़ा हमला ईरान करता है

जैसे कल रात की अगर आप घटना देखे तो ईरान की पाइप लाइन पर हमला हुआ पलटके क्या किया ईरान ने जो पानी की सप्लाई होती है, इजराइल को उसका जो सबसे बड़ा सोर्स है उसके ऊपर हमला किया। ईरान ने

एयरबेस के ऊपर हमला किया है और एयरबेस वो जगह है वो एयरबेस है जहाँ पर अमेरिका की सारी सहायता पहुंचती है ईरान ने हाइफा के रिफाइनरी पर हमला किया हुआ है अब ये जो हाइफा के रिफाइनरी है इसके बारे में जान लीजिए की 60% से आधा इजराइल को जो आयल सप्लाई होती है, नैचुरल गैस की सप्लाई होती है वो हाइफा की रिफाइनरी से होती है

और यह केवल घर में गैस जलाने के लिए या कार चलाने के लिए सप्लाई नहीं होती है। जेट फ्यूल के लिए सप्लाई होती है यानी इसराइल के जो जेट उड़ते हैं आसमान में जिनको वो अपनी सबसे बड़ी ताकत मानता है उन जेट्स को उड़ाने के लिए जिससे फ्यूल की जरूरत होती है, वो भी हाइफा के पोर्ट से आता है

और अगर हाइफा के पोर्ट का इतना जबरदस्त नुकसान किया है ईरान ने तो मान के चलिए कि इजराइल की जो कैपेबिलिटीज है वो ढंग से सैबोटेज हुई है एक और बात याद रखिये अगर ईरान के अंदर मोसाद के एजेंट्स है तो इजराइल के अंदर भी ईरान के एजेंट हैं आप याद कीजिये की ये जो हमला हुआ है इसके 1 दिन पहले मैंने आपको बहुत डिटेल में बताया था। ईरान ने इस बात को शाया किया था कि उसके पास इजराइल के न्यूक्लियर प्रोग्राम्स के सीक्रेट है और उसी के बाद घबराकर इजराइल ने हमला किया

क्योंकि उसके बाद ईरान लगातार नए नए सीक्रेट ओपन करता रहता और इसराइल के लिए मुश्किलात बढ़ती जाती क्योंकि इस इकलौता देश है जिसके पास एटॉमिक पावर तो है लेकिन उसने डिक्लेर नहीं किया है सारी दुनिया जानती है कि इसराइल के पास एटॉमिक पावर है लेकिन उसने डिक्लेर नहीं किया है वो एनपीटी का भी हिस्सा नहीं है न्यूक्लियर सीक्रेट्स ईरान के पास है इसका मतलब ये तो बहुत साफ है कि इस्राइल के अंदर भी ईरान के जासूस है

पहले भी खबरें आई हैं मैंने भी खबरें दी है कि इजराइल के अंदर ईरान के जासूस भी पकड़े गए हैं तो ज़ाहिर है अगर चार पकड़े गए हैं तो 40 और होते हैं दरअसल ईरान के अंदर गद्दारों की प्रॉब्लम है इसको उधर भी कह सकते हैं और इसको ये भी कह सकते हैं कि जो जितना बड़ा मुल्क होगा, वहाँ उतनी सारी कम्युनिटीज़ ऐसी होंगी जिसको सरकार से कोई ना कोई शिकायत होगी

ईरान के अंदर 1979 में आप जानते हैं रिवोल्यूशन हुआ इस्लामिक रिवोल्यूशन हुआ और वहाँ पर जो है, वहाँ के सबसे बड़े आप कह सकते हैं कि धर्मगुरु भी थे और पॉलिटिकल लीडर भी थे, उसके बाद काम नहीं आते ये सत्ता चल तो रही है लेकिन ईरान के अंदर अलग अलग धर्मो के लोग भी हैं जैसे इजरायल के बाहर सबसे ज्यादा यहूदी कहीं रहते है तो वो कहा रहते है ईरान में रहते हैं

अमेरिका में नहीं, इंग्लैंड में नहीं, कहीं और नहीं ईरान में यहूदी रहते हैं यहूदियों के एक लीडर जो संसद के मेंबर भी हैं, उन्होंने कहा है कि हम पूरी तरह से ईरान के साथ है, लेकिन यह कोई बहुत मुश्किल बात नहीं है कि उनमें से कुछ चाइनीज टाइप के जो लोग हों, उनको इजराइल ने तोड़ा हो इसके अलावा भी और कौन में रहती है और इजराइल का प्लैन ही यही है जब बार बार इजराइल ये बात कह रहा है कि ईरान के लोगों को रिवोल्यूशन कर देना चाहिए

ईरान के लोगों को आजादी पा लेनी चाहिए इस रिजीम से तो बहुत सीधा सा मतलब है कि इस्राइल के अंदर की जो फॉल्ट लाइन्स है वो उन पर हमला करने की कोशिश कर रहा है आप देखिए लेबनान में हिज़्बुल्ला के खिलाफ़ कौन है वहाँ के कुछ सुन्नी लीडर्स हैं कुछ क्रिस्चन लीडर्स हैं, जो हिज़्बुल्ला के खिलाफ़ है और इसी के चलते हिज़्बुल्ला लगातार क्रिपल हुआ है

नसरुल्लाह को जो मारा गया था, ऐसे ही नहीं मारा गया था अब तो इस बात के सबूत सामने आए हैं कि नसरुल्लाह की एग्ज़ैक्ट लोकेशन जो है वो लेबनान की गवर्नमेंट ने बताई थी जीसको पता था फर्क बस इतना है कि लेबनान में हिज़्बुल्लाह की गवर्नमेंट नहीं थी हिज़्बुल्ला एक मिलिशिया है और ईरान एक कंट्री है यह फर्क है, इसलिए ईरान की आर्मी के सीनियर लीडर्स को आप मार देते है, उसके तुरंत बाद नए लीडर्स वहाँ पर आ जाते है

ईरान के इंटेलिजेंस चीफ को आप मार देते है, उसके तुरंत बाद न इन्टेलिजेन्स चीफ भी आ जाएंगे और एक पूरी पॉलिटिकल लीडरशिप है जो लोगों को साथ लेकर चलती है तो इस फॉल्ट लाइन पर हमला करने के लिए और इसी फॉल्ट लाइन में से हमास के एजेंट्स को भर्ती किया गया है ये भी मुमकिन है और यह पहले भी हुआ है कि इसराइल अपने लोगों को मुसलमान की तरह बनाकर शिया की तरह बनाकर वहाँ पर शामिल करें और लंबे दौर में वो धीरे धीरे आर्मी, मैं और बाकी सारी जगहों पर विश्वास जीतने, भरोसा जीतने, लीडर का और फिर धोखा करे ऐसे लोग भी हो सकते हैं

लेकिन इससे ज्यादा खतरनाक वो लोग हैं जो बोलता है, इरानी है, ईरान में ही रहते हैं और पैसों के बदले या किसी और चीज़ के बदले

और गद्दारी कर रहे हैं ईरान के साथ अब ईरान की नजर है इसीलिए इस्माइल फखरी मैंने बताया उसको फांसी पर चढ़ाया गया दो और लोगों को फांसी पर चढ़ाया गया कई सारे मोसाद एजेंट्स की गिरफ्तारी की खबर है

कल एक ट्रक भागती हुई दिखाई दे रही थी जिसके पीछे ईरान की आर्मी लगी हुई थी और कहा ये जाता है की उसमें उस ट्रक में ड्रोन्स थे जो इजराइल की मदद के लिए थे और उसको पकड़ा गया और जो लोग गाड़ी चला रहे थे, गाड़ी में थे उनको रफ्तार किया गया

तो ज़ाहिर है कि ईरान की गवर्नमेंट अपने तरीके से इन गद्दारों से निपटेगी लेकिन बड़ी बात यही है की एक तरफ पूरा ये साइको वार चलाया जा रहा है कि मोसाद ने तो ईरान पर कब्जा कर लिया है, ईरान में कभी भी विद्रोह हो सकता है

और दूसरी तरफ ईरान के जो हमले हो रहे हैं उसके बाद इजराइल, अमेरिका और यूरोप से मिन्नतें कर रहा है कि हमारे साथ खड़े हों ये भी खबर है कि अमेरिका ने अपनी फौजें जो है यूक्रेन से हटाकर मिडल इसकी तरफ भेजी है इजराइल की जो हिस्टरी हैं, उसमें बहुत कुछ हो सकता है

आज नेतन्याहू कह रहा है कि ट्रंप को मारना चाहता है, ईरान कल को हो सकता है अमेरिका के किसी पर हमला हो जाए ताकि अमेरिका को ये मौका मिल जाये कि वो ईरान के खिलाफ़ जंग में शामिल हो जाए या वो अमेरिका को ईरान के खिलाफ़ जंग में शामिल होने के लिए मजबूर कर सकें

और 10 साल बाद पता चले की जो हमला हुआ था अमेरिका के बेस पर वो किसी और ने नहीं मोसाद ने किया था, इसराइल ने खुद किया था इसराइल ये सारी चीजें कर सकता है। इस तरह की हरकतें उसने पहले भी की है 911 का जो हमला हुआ था, जिसमें ट्विन टावर अमेरिका के गिरे थे, उस का भी आरोप बहुत सारे लोग इजराइल के ऊपर लगाते हैं कि इजराइल ने जानबूझकर वो सब करवाया ताकि पूरी दुनिया में इस्लामोफोबिया फैलाया जा सके और टेररिज़म से आतंकवाद से लड़ने के नाम पर मिडल ईस्ट में वो अपना मनचाहा कर सके

वो एक बार फिर ये सब कर सकता है ये सारी चीजें इजराइल बहुत कायदे से जानता है ईरान को सावधान रहना इसीलिए बहुत जरूरी है कम से कम अंदर के गद्दारों से लड़ाई जीस तरह की हो रही है उसमें बहुत साफ है कि इसराइल ईरान का अकेले मुकाबला नहीं कर सकता

ईरान की साइज बढ़ी है, आर्मी की साइज बढ़ी है इसराइल के पास पूरी दुनिया से भीख और तोहफे और कर्ज के रूप में मिले हुए शानदार हथियार हो सकते हैं

लेकिन लड़ने के लिए जो एक जिगरा चाहिए होता है, लड़ने के लिए जो एग्ज़िट चाहिए होती है वो अरबों के अंदर ईरानियों के अंदर बरसों से है, उनके लहू में शामिल है और वो तब तक लड़ेंगे जब तक लड़ सकते हैं। यह बात सब जानते हैं

आज इजरायल के भी एक्सपर्ट्स कह रहे हैं कि ईरान या अरब जीस तरह से लड़ सकते हैं कोई और नहीं लड़ सकता है तो ये सब कुछ तो हो सकता है लेकिन गद्दारों का आप क्या करेंगे सबोटाज का आप क्या करेंगे आप वो सारा षडयंत्र कहा से लेके आयेंगे जो करने की इजराइल को बरसों पुरानी प्रैक्टिस है और सबसे बड़ी बात के इतने सब के बावजूद जो अरब हुक्मरान है वह ईरान के साथ खुलकर खड़े होने को तैयार नहीं है

क्योंकि अमेरिका का प्रेशर है क्योंकि इनकी बड़ी बड़ी जायदाद ए। अमेरिका में पड़ी हुई है इनको पता है की अगर ये जंग में आए तो अमेरिका इन का क्या हाल करेगा आपस की जो इनकी लड़ाईयां है कुछ तो इतिहास में हैं कुछ तो हिस्टरी की वजह से लड़ाईयां है हिस्टोरिकल तौर पर आपस में एक दूसरे से लड़ते रहे

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