पहलगाम हमले के बाद याद आई इंदिरागांधी स्वामी बोले मोदी से न हो पायेगा

पहलगाम हमले के बाद याद आई इंदिरागांधी स्वामी बोले मोदी से न हो पायेगा
पहलगाम में हुई हमले उसके बाद पूरा देश शोक संतप्त है लेकिन सत्ता इस वक्त क्या कर रही है सत्ता में बैठा हुआ सबसे बड़ा नेता इस वक्त क्या कर रहा है बिहार जा रहे हैं अलग अलग राजनैतिक रैलियो को एड्रेस कर रहे हैं
बिहार के मुख्यमंत्री के साथ ठहाके लगा रहे हैं वो वीडियो आपने देखा ही होगा लेकिन दूसरी तरफ। चीखपुकार है, आंसू हैं और शोक बिखरा हुआ है। उन परिवारों में जो परिवार पूरी तरीके से बर्बाद हो चूके हैं, उन परिवारों में। जिन परिवारों में कुछ दिन पहले ही शहनाई बजी थी, आज मातम पसरा हुआ है। लेकिन देश के सबसे बड़े नेता एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी नहीं कर पाए हैं प्रेस कॉन्फ्रेन्स छोड़िए
कोई बड़ा जवाब भी नहीं दे पाए हैं नरेंद्र मोदी को कहा जाता था कि यह घर में घुसकर मारते है लेकिन वह घर में कब घुसा जाएगा इसके बारे में भी कोई जानकारी अभी तक उपलब्ध नहीं है चलिए जानकारी मत दीजिये कार्रवाई कीजिये कम से कम राजनैतिक रैलियो में ज्यादा तो अवॉर्ड कर दीजिये लेकिन दूसरी तरफ विपक्ष है विपक्ष एक नेता को याद कर रहा है विपक्ष इंदिरा गाँधी को याद कर रहा है।
याद कीजिए वो समय जब इंदिरा गाँधी प्रधानमंत्री थीं, देश पर एक बड़ा संकट आया था 1971 दिसंबर 1971 में। बड़ा युद्ध का संकट भारत के ऊपर मंडरा रहा था और। देश के प्रधानमंत्री उस वक्त इंदिरा गाँधी थीं इंदिरा गाँधी ने 22क जवाब दिया और जवाब ऐसा दिया कि पाकिस्तान के दो टुकड़े हो गए पाकिस्तान से वेस्ट पाकिस्तान अलग होकर बांग्लादेश एक महिला ने अपनी इच्छाशक्ति पर बना दिया
अपनी सैनिक ताकत पर बना दिया। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शायद अभी भी बादलों का इंतज़ार कर रहे होंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शायद अभी भी राजनीतिक इस्तेमाल पूरा हो जाने का इंतजार कर रहे होंगे इस घटना का राजनीतिक इस्तेमाल भारतीय जनता पार्टी लगातार कर रही है और हमेशा से करती आई है। इससे पहले जब 2019 में 14 फरवरी 2019 में जब आतंकी हमला हुआ था भारत की सेना के जवान मारे गए थे तब नरेंद्र मोदी उन जवानों की लाशों पर वोट मांगते हुए दिखाई दिए थे लेकिन क्या आप इंदिरा गाँधी का कोई ऐसा बयान ढूंढ कर दिखा सकते हैं कि उन्होंने 1971 के युद्ध के नाम पर वोट मांगे हो शायद ढूंढें
तो हमारे कॉन्ट्रैक्शन में भी पहुंचा दीजियेगा लेकिन यह स्वर्ग तो विपक्ष के हैं पक्ष के क्या स्वर है भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी सुब्रमण्यम स्वामी लगातार अपनी ही सरकार को घेरते हुए नजर आते हैं। लगातार कड़े सवाल पूछते हुए नजर आते हैं उन्होंने अब एक ट्वीट किया है ट्वीट क्या किया है पढ़ के सुना देते हैं आपको मोदी विल डू नथ्थिंग नरेंद्र मोदी कुछ नहीं करने वाले है इनस्टेड ऑफ गोइंग 2 बिहार फॉर स्पीच ही शुड हैव गॉन 2 कश्मीर बिहार में भाषण देने के लिए जाने की बजाय उन्हें कश्मीर जाना चाहिए था। वी पीपल नाउ वी लूज़ हो पैन गो होम। मैटर ओवर मोदी विल टेल कोई आया ही नहीं। एंड पुट यू टू स्लीप। इसका मतलब क्या है नरेंद्र मोदी फिर आयेंगे मैटर ठंडा हो जाने के बाद और कहेंगे कि कोई नहीं आया ऐसा कोई आतंकी हमला ही नहीं हुआ जैसा
कि उन्होंने लेख के पास जब चीनी सैनिक घुस आए थे तब भी उन्होंने यही कहा था कोई नहीं आया हमारी में कोई नहीं घुसा लेकिन हम सभी जानते हैं कि कुछ पेट्रोलिंग पॉइंट्स ऐसे है आज भी जहाँ पर अब भारतीय सेना पेट्रोल नहीं कर सकती है वहाँ पर चीनी सैनिकों का कब्ज़ा हो चुका है नरेंद्र मोदी ने तब कहा था कोई नहीं आया यहाँ पर लाशों से गुजर जाने के बाद भी शायद नरेंद्र मोदी यही कह दे कोई नहीं आया कोई नहीं मरा हालांकि भाषणों में वो ये कहते हैं कि हम मिट्टी में मिला देंगे वो मिटटी में कब मिलाया जाएगा तो हाँ तो उन्होंने तब भी था जब आर्टिकल 370 को निरस्त किया गया था कहा गया था
कि आतंकवाद मिट्टी में मिला दिया जाएगा लेकिन पहलगाम की घटना इस बात को साफ तौर पर चिल्ला चिल्लाकर कह रही है की वो आतंकवाद फिर सर उठा चुका है या कहें कभी खत्म ही नहीं हुआ था कहा तो तब भी गया था जब नोटबंदी की गई थी पूरे देश को बैंको की लाइनों में लगा दिया गया था कि इससे आतंकवाद निस्तोनाबूद हो जाएगा लेकिन निस्तोनाबूद हो गए भारत की ऐस्पिरेशन स् भारत के लोगों का सरकार के प्रति विश्वास जो कि नरेंद्र मोदी हमारी रक्षा तो कम से कम बेहतरीन तरीके से कर सकते हैं लेकिन इस बात पर भी वह महिला के आंसू बट्टा लगा देते हैं। जो नायब सिंह सैनी के सामने रोते रोते कह रही थी।
की हमारे परिवार के व्यक्ति बच जाते अगर सुरक्षाबल हमें बचाने के लिए समय पर पहुँच जाते हैं डेढ़ घंटे बाद सुरक्षाबल पहुंचे क्या यह तमाम बातें भारत की सरकार के सामने गृहमंत्री के सामने रक्षा मंत्री के सामने क्या सवाल नहीं खड़े करते है क्या केवल इस पूरी घटना में हिंदू मुसलमान का ही अकेला सवाल बच गया है क्या सुरक्षा की चूक इन्टेलिजन्स की चूक और सुरक्षाबलों का जगह पर मौजूद ना हो ना क्या यह एक सवाल नहीं है क्या सरकार ने जो भी फैसले पहले लिए आतंकवाद के खिलाफ़ लड़ने के लिए क्या वो आज विफल होते हुए नहीं नजर आ रहे हैं क्या देश को आज इंदिरा गाँधी की याद नहीं आ रही है? आपके इस खबर के बारे में विचार क्या है
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