इंडिया पाकिस्तान सीज फायर का असली सच क्या है क्या पाकिस्तान के परमाणु हथियार को खतरा था

इंडिया पाकिस्तान सीज फायर का असली सच क्या है क्या पाकिस्तान के परमाणु हथियार को खतरा था
इंडिया पाकिस्तान सीज फायर का असली सच क्या है क्या पाकिस्तान के परमाणु हथियार को खतरा था
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अब पाकिस्तान में लोग सीजफायर को जश्न के तौर पर देख रहे, लेकिन हिंदुस्तान में लोग आज सवालों से भरे पड़े बीते 24 घंटों में 140,00,00,000 भारतीय बार बार ये सोच रहे है की क्या ये सीजफायर ज़रूरी था क्या ऐसा हो गया की। एक रात में इंडिया सीज़ फायर को तैयार हो गया क्योंकि यह लड़ाई पहलगाम के बाद इंडिया ने शुरू की इस इरादे के साथ ही पाकिस्तान को इस बार ना भूलने वाला सबक सिखाया जाए
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फिर क्या ऐसा हो गया की पहले सीजफायर हुआ, उसके बाद जो खबरें आ रही थी उनको लेकर टीवी चैनल्स का जो स्टैंड था वो एकाएक बदल गया मोदी साहब खामोश हैं, एक भी ट्वीट नहीं आया और उन्होंने देश को समझाया था कि लंबी शांति के लिए युद्ध समाधान है वो कैसे शांत वो इंडियन आर्मी जो पहली फौज बनी थी, जिसने किसी परमाणु शक्ति को उसके घर में घुसकर ठोका था और जो पाकिस्तान को बार बार कह रही थी कि हम आतंक पर हमला कर रहे हैं
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तुम पलट कर आओगे तो इससे बड़ा हमला करेंगे वो क्यों सीजफायर को मान गया क्या सीजफायर के बाद कुछ बहुत बड़ा छिपाया जा रहा है वो खबर जो सीजफायर के बाद नगरोटा और वैष्णो देवी को लेकर आई थी क्या वो सच थी और एक सवाल जो बहुत बड़ा चल रहा है, जिसके बारे में कोई बात नहीं कर रहा
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किस सीजफायर के पीछे की क्या नुक्लेअर स्टोरी क्या वाकई में भारत ने पाकिस्तान के परमाणु ठिकानों पर हमला करके पाकिस्तान और दुनिया को चौंका दिया था क्या इंडिया पाकिस्तान न्यूक्लियर वॉर के करीब थे वो अमेरिका जो इंडिया पाकिस्तान की ओर को लेकर कहा था कि हमें कोई इन्ट्रेस्ट नहीं

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अचानक कैसे वह पाकिस्तान को पहले एक बिलियन डॉलर देता है, फिर सीजफायर करवाता है, फिर कश्मीर का भी जिक्र कर रहा है क्या पाकिस्तान की परवाह अमेरिका को है या कोई और है । मोदी साहब क्यों खामोश क्यों नहीं ट्वीट कर रहे हैं शहबाज शरीफ और डोनाल्ड ट्रंप की तरह क्या ये युद्धविराम शांति की शुरुआत है या तूफान से पहले खामोशी क्या ये वाकई में इतना सरल था
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यह जानते हुए कि मोदी साहब पर लोग सवाल उठाएंगे फिर भी भारत सरकार से फिर भी चुप है या कुछ ऐसा हुआ था जिसके चलते सीज फायर करना मजबूरी था या कोई और कहानी 11 मई 2025 को भारत और पाकिस्तान के बीच में जब सीजफायर की घोषणा हुई तो पाकिस्तान और दुनिया में कई लोगों को राहत मिली लेकिन भारत सवालों से भरा पड़ा
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सवाल इसलिए क्योंकि इससे फायर के पीछे की कहानी में कई रहस्य, बड़ी ताकतों के नापाक खेल भी इसमें छिपे पड़े हैं, इसलिए आज आप कुछ अपने अनुभव से कुछ भारत, पाकिस्तान को कवर करने वाले रिपोर्टर्स और जानकार लोगों से संवाद करके आज वह सवाल जो आपके मन में है उन सवालों के जवाब हम आपको देंगे
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अब आपके सवालों का जवाब सबसे पहला सवाल कि वो क्या बदलाव थे जिनकी वजह से हमें लगने लगा की कुछ छुपाया जा रहा है तो बदलाव पहले आपको बताते हैं उसके बाद आगे खबर और टीवी चैनल्स और अखबार जो है वो अलग तरीके से बात कर रहे थे 9 मई 2025 को ऑपरेशन से दूर के तहत जब हमने पाकिस्तान के 11 बड़े हवाई अड्डों को नष्ट किया, हमला किया, नुकसान पहुंचाया तो सारे टीवी चैनल पर खबर लगती है टीवी चैनल्स का जोश जो था अलग था
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इस घटना को ऐतिहासिक बताया जा रहा था हमारे ब्रह्मोस का जिक्र करके तारीफ की जा रही थी और इंडिया में जो शैली बहुत हाई था, उसी बीच में खबर आई की पाकिस्तान में किराना हिल्स सरगोधा के पास भी इंडियन आर्मी ने हमला किया है इंडिया की मिसाइल जो है वह गयी है ब्रह्मोस और ये वो इलाका है जीसको। यह माना जाता है कि पाकिस्तान यहाँ अपने परमाणु हथियार रखता है
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इसी बीच में एक भूकंप के झटके की भी खबर है ये माना गया कि इंडिया ने हमला किया। शायद उसकी वजह से भूकंप आया और पाकिस्तान के लिए बहुत बड़ा झटका है पाकिस्तान के अंत की बात मानी जा रही है लेकिन 10 मई की सुबह सब बदल गया परमाणु ठिकाने पर हमले वाली खबर जो है गायब हो गई
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उसके बाद सोशल मीडिया टीवी पर जो ऑफिसियल लोग थे उनकी आवाज। स्टैंड चेंज होने लगा उमर अब्दुल्ला जो स्ट्रांग स्टैंड ले रहे थे, उनके ट्वीट्स भी सॉफ्ट होने लगे और यहीं से सवाल उठने लगे हैं क्या कुछ छिपाया जा रहा है क्योंकि
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भारत के विदेश सचिव विक्रम मिश्री उन्होंने शांति कैसे कदम बता दिया जबकि थोड़े समय पहले वो स्ट्रांग स्टैंड लिए हुए बैठे थे और कई सारे और भी सिम्पटम्स जैसे मैंने जिक्र किया कि उनका स्टैंड काफी चेंज था नगरोटा वाली खबर वैष्णो देवी वाली खबर का जिक्र बहुत हो रहा था क्योंकि सोशल मीडिया पर इनको लेकर लाखों लाखों पोस्ट कर दिए गए थे लेकिन टीवी में ये खबरें नहीं आ रही थी
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मेन स्ट्रीम मीडिया इसे नज़रअन्दाज़ कर रहा था यह सवाल नहीं उठा रहा था कि सीजफायर के बाद भी क्या युद्धविराम का उल्लंघन किया जा रहा है जबकि तमाम ऐसे जर्नलिस्ट से जिन्होंने खुद कश्मीर में अभी भी हमला हो रहा है, ड्रोन्स आ रहे हैं, मंत्री जो थे वो खामोश थे किसी भी मंत्री ने कोई भी ऐसा बड़ा बयान नहीं दिया, जबकि पाकिस्तान को लेकर आम तौर पर लोग होते हैं
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अब क्या सरकार इस विषय पर शांत होना चाह रही थी कुछ छुपाना चाह रही थी कि हालात और ना बिगड़े की बहुत सारी बातें हैं जो इशारा कर रही है कि सरकार और मीडिया कुछ बड़ा छुपा रहे हैं किराना हिल्स पर हमले की सच्चाई और परमाणु खतरे को लेकर भी सवाल उठ रहे थे कि क्या यह इसलिए है कि भारत की पाकिस्तान से रिश्ते खराब हो सकते थे या इंडिया अमेरिका पाकिस्तान ने कुछ चर्चा की बहुत सारी बाते जो है यह निकलकर आई लेकिन यहीं से भारतीयों के मन में सवाल आया कि ये छुपाया क्यों जा रहा है
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क्या वजह रही हमने एकदम से वक्त बदला, जज्बात बदले, हालात बदले, स्टैंड बदला क्योंकि इंडिया में बहुत सारे लोग मायूस इस बात को लेकर हुए अब इसका जवाब हम आपको देंगे जवाब है की ये कहानी जाती है नूर खान हवाई अड्डे पर हमले को लेकर। नूर खान हवाईअड्डा पाकिस्तान की सेना के लिए बड़ा महत्वपूर्ण जगह है क्योंकि वहाँ परमाणु रणनीति का सबसे अहम केंद्र ये पाकिस्तान की स्ट्रैटजिक प्लान डिवीज़न का मुख्यालय आसान शब्दों में अगर आपको समझाएं तो पाकिस्तान के जो परमाणु हथियार हैं ऐसा माना जाता है
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कि वह इसी हवाई अड्डे के आसपास और भारत ने जब 9 मई को ब्रह्मोस मिसाइल से अटैक किया था तो यह माना गया कि पाकिस्तान में यहाँ पर बहुत ज्यादा नुकसान परमाणु हथियारों की सुरक्षा को नुकसान हालांकि ऑफिशियली इसको लेकर न ही कुछ कहा गया लेकिन अन ऑफिशियली जो बात आई वो यह कि। इस हवाई अड्डे से 50 किलोमीटर के आसपास ही परमाणु हथियार रखे थे
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और भारत को पता लग गया। भारत ने वहाँ पर अटैक किया जिसने पाकिस्तान की सबसे कमजोर नस को दबा दिया कमजोर नस क्यों कह रहे हैं क्योंकि पाकिस्तान इंडिया से सीधे वॉर नहीं लड़ सकता 3 या 4 दिन के ऊपर वो नहीं टिक सकता अपने आर्थिक हालात को देखते पाकिस्तान ने अमेरिका से कर्ज लिया लेकिन पाकिस्तान भारत को न्यूक्लियर वॉर का डर दिखा लेकिन जब भारत ने पाकिस्तान के न्यूक्लियर अड्डों के आसपास हमला कर दिया और एक मैसेज दिया कि हम इतनी हैसियत रखते हैं कि हम तुम्हारे नुक्लेअर अड्डों को भी तबाह कर देंगे तो पाकिस्तान के लिए बौखलाने वाला मोमेंट था
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और वो आधीरात को हमने महसूस किया था जब रात को 3:30 बजे पाकिस्तान के डीजी कॉन्फ्रेंस कर रहे थे जब पाकिस्तान आपके न्यूस चैनल्स में लोग कलमा पढ़ रहे थे, उस वक्त उनकी टोन , उनकी भाषा यह बता रही थी कि इंडिया ने कुछ बहुत बड़ा कर दिया है और कुछ ऐसा किया है जो उनकी कमजोर नस को दबा है
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उस वक्त ये पता नहीं था क्या लेकिन बाद में ये कहानी आएगी किराना हिल्स जो सरगोधा के पास है उसे निशाना बनाया गया। यह पाकिस्तान का बड़ा परमाणु हथियार भंडारण स्थल है और यहीं से बहुत सारे सवाल आ गए क्या इंडिया ने उनको नष्ट करने की कोशिश की या यह चेतावनी थी कि हमें पता है सावधान रहो या भारत का मकसद उसे नष्ट करना नहीं बल्कि पाकिस्तान को डराना था
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एक रणनीति दांव था लेकिन जो कुछ था यह पाकिस्तान को हक्का बक्का कर गया और यहीं सारे सवाल शुरू अब एक्स्पर्ट या जो अंदरखाने कहानी आ रही है वह कह रहे हैं कि पाकिस्तान की सेना इस हमले के बाद टूट गई थी, उनके हवाई अड्डे तबाह हुए थे, उनकी हवाई सुरक्षा बेकार हुई थी वो लास्ट होप अपने परमाणु हथियारों को मानते हैं और क्योंकि पाकिस्तान वो देश है जिसने इंडिया की तरह नो फर्स्ट अटैक को साइन नहीं किया
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अगर आप जैसे लोग नहीं जानते तो उनको बता दें भारत ने जब परमाणु हथियार बनाये तो उसने कहा नो फर्स्ट यूज़ यानी हम कभी किसी देश पर पहले परमाणु हमला नहीं करेंगे, लेकिन पाकिस्तान ने ऐसी कोई बात नहीं कही है। ऐसा कोई डील नहीं किया है और पाकिस्तान इसी बात का नाजायज फायदा उठाते हैं। माना गया कि
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किराना हिल्स पर हमले के बाद पाकिस्तान इतना डर गया कि वो परमाणु हथियार इस्तेमाल करने की सोचने लगा या ऐसी कहानी बनाने लगा भूमिका जिससे अमेरिका को यह पता लगे कि वह परमाणु हथियार के बारे में सोचना शुरू कर रहा कई खबरें कहती हैं कि पाकिस्तान ने अपने परमाणु हथियार इधर उधर करने शुरू कर दिए ताकि भारत नष्ट ना कर पाए, कुछ नहीं है कहा कि पाकिस्तान ने परमाणु हथियारों को लेकर एक टेस्ट किया, जिसके चलते एक और भूकंप आया था जिससे अमेरिका को पता लगा अमेरिका ने हलचल को पकड़ा कहा जाता है
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कि पाकिस्तान ने एक छोटा सा परमाणु टेस्ट किया था ये चेतावनी के तौर पर की अगर इंडिया कंटिन्यू हमला करता रहेगा तो परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर देगा और पाकिस्तान के लिए यह अपने भी लड़ाई है क्योंकि पाकिस्तान फाइनैंशली खत्म है
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वॉर के तौर पर भी वो खत्म है ऐसे में हम तो डूबेंगे सनम, तुमको ले डूबेंगे वाली फॉर्मूला हो सकता है ये सारी कहानी जो शुरू हुई और यहीं से अमेरिका की एंट्री हो गई इससे पहले अमेरिका जो था वो पिक्चर से पूरी तरह गायब था
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पाकिस्तान के इस कदम के बाद परमाणु नीती पर बहस भी शुरू हो गई है क्योंकि जैसा आपको बताया की नो फर्स्ट यूज़ इंडिया नहीं करेंगे कभी पहले से अटल जी ने कहा था हालांकि हमारे पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर साहब ने 2016 में कहा था राजनाथ सिंह साहब ने भी कहा था 2019 पे की इसको अब मैं फिर से सोचना चाहिए क्योंकि हमारे पड़ोसी चाइना और पाकिस्तान है और ये कोई नैतिक देश नहीं है
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कुछ भी कर सकते हैं ऐसे में या तो ये भी ट्रीटी को साइन करे या फिर हम अपना स्टैंड चेंज करे कि हम भी यूज़ करेंगे पहले ये कहानी चल रही है खैर अमेरिका यहाँ से सीन में आता है और अमेरिका यहाँ से दोस्ती भी करता है, छल भी करता है, लालच भी करता हैं इंडिया को बचाने की भी बात आती है बड़े ऐंगल निकल कर आ रहे हैं
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आखिरी फैसला आप तय कर लीजियेगा अब अमेरिका को शुरू समझते जब इंडिया ने पहली बार अटैक किया तो पाकिस्तान पर अटैक को अमेरिका ने सही ठहराया था कि आतंकवाद के खिलाफ़ कदम लेकिन जब इंडिया किराना हिल्स और नूर खान पर हवाई हमला करता है तो अमेरिका के सैन चेंज हुआ है खबर आती है की यही से अमेरिका जो है सीन में आता है और इंडिया कॉल आती है, इंडिया से बातचीत करते है, वो और सीज फायर का जिक्र होता है। कहा जाता है कि अमेरिकी विदेश मंत्री ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर से बात की और उधर इधर दोनों जगह की आप लोग लड़ाई मत कीजिए
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लेकिन सवाल यह भी है क्या अमेरिका का जो ये पलटना है ये इंसानियत के नाते है परमाणु जंग का डर था या इसके पीछे अमेरिका का भी कोई खेल था ज्यादा एक्स्पर्ट मानते हैं कि अमेरिका का भी इसमें गंदा खेल था अमेरिका ये बात जान गया था कि इंडिया जो है इस बार स्ट्रांग स्टैंड लिया इंडिया पाकिस्तान को घर में घुस कर ठोक रहा है और जैसा की हमने कहा कि पहली फौज इंडियन फौज है जिसने किसी परमाणु देश में जाकर हमला इंडिया पाकिस्तान के परमाणु अड्डों पर हमला कर रहा था यानी इंडिया मेंटली क्लियर था कि तुम आगे बढ़ोगे हम किस हद तक जाएंगे और तुम्हें कैसे खत्म कर देंगे अमेरिका नहीं चाहता था
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कि पाकिस्तान के परमाणु हथियार को भारत खत्म कर दिया है क्यों इसके पीछे मल्टिपल रीज़न हो सकते हैं एक अगर पाकिस्तान नहीं है तो अमेरिका कोई फायदा नहीं पाकिस्तान के वजूद से अमेरिका का फायदा पाकिस्तान के जरिए अमेरिका कभी भी इंडिया या चाइना पर दबाव बना सकता है और अमेरिका अपनी बादशाहत के लिए किसी हद तक जाता है हम सबने देखा है कैसे उसने लादेन वो खड़ा किया फिर लादेन को ठोक दिया
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हर दुनिया के देश में जाता है, पहले दोस्ती करता है, पैसा कमाता है और जब काम खत्म हो जाता है तो बर्बाद कर देता है पाकिस्तान का होना अमेरिका के लिए हमेशा फायदेमंद है और अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्ते पुराने रहे बीते 10 या 15 सालों में भारत के साथ व्यापारिक रिश्तों के चलते अमेरिका थोड़ा साइड हुआ था
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पाकिस्तान के एग्ज़िस्टन्स से वो चाइना को कंट्रोल कर एक कहानी है कि दूसरी कहानी यह थी कि भारत की ब्रह्मोस मिसाइल की ताकत ने ऐक्चूअली अमेरिकी कंपनियों को डराया बिकॉज़ ये बिज़नेस की कहानी अमेरिकी कंपनी नहीं चाहती कि भारत पूरी तरह आत्मनिर्भर हो जाए। इससे उनके हथियारों की बिक्री घट जाएगी और अगर दूसरे देश भी भारत से हथियार खरीदने लगे तो अमेरिका को ये परेशान कर देगा। और यहीं से कहानी शुरू होती है कि अमेरिका का इंटरफियर करना। चिंता थी, ताकत दिखाने की कोशिश थी या फायदा अपना देखना था क्योंकि अमेरिका
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इतनी तेज आता है कि लगता है की यार अमेरिका को कितनी परवाह है मतलब ये सारी कहानियाँ आती है डोनल्ड ट्रंप का ट्वीट आता है सडनली डोनाल्ड ट्रंप ने कह दिया की हम कश्मीर भी बचा लेंगे डोनल्ड ट्रंप कहते हैं कि पाकिस्तान में सब किया जायेगा, वो महान देश है शहबाज शरीफ बिल्कुल पैर छूने को तैयार है आज खबर भी आ गई की पाकिस्तान में अमेरिका के एक्स्पर्ट जो है वह गए हैं क्या यह परमाणु जंग का डर थे कुछ और था मतलब नूर खान हमला किराना हमला यहाँ पर पाकिस्तान को हिला रहा था
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और ये माना जा रहा था कि अगर परमाणु हथियारों का इस्तेमाल होता है तो फिर यह दुनिया में तबाही ला सकता है तो एक लॉजिक हो सकता है कि अमेरिका ने इंटर फिर क्या शांति लाने के दूसरा हो सकता है कि अमेरिका ने इंटरफेयर किया इसलिए ताकि उसके हथियारों की बिक्री चलती रहे इलाके में संतुलन बना रहे हैं वैसे भी पाकिस्तान को मारकर कर्जा भी तो लेना है, पाकिस्तान खत्म हो गया तो कर्जा कौन वापस करेगा
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और हिंदुस्तान के साथ इस वक्त अमेरिका बहुत व्यापार कर रहा है तो अगर हिंदुस्तान को भी नुकसान होगा तो भी अमेरिका का नुकसान है तीसरा, जैसा हमने पैसों का खेल बताया, ब्रह्मोस हथियार जैसे तकनीक जो है वह अमेरिका को परेशान कर रही है और बिज़नेस उनका खराब होगा
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पाकिस्तान में चीन ने परमाणु और सैन्य तकनीकों से बड़ा निवेश किया है और बीते कुछ सालों में पाकिस्तान चाइना खरीद लिया अब यह भी माना जा रहा है कि अमेरिका ने पहले पाकिस्तान को एक बिलियन डॉलर दिया ताकि पाकिस्तान जो है अमेरिका के पैर में सर रख दें और उसके बाद अमेरिका अब पाकिस्तान में अपने आप को मजबूत कर रहे हैं। खबर आई कि सीजफायर के बाद अमेरिका की टीम जो हैं, इनमें से वो रावलपिंडी पहुंची अब इसमें भी कई कहानियाँ रही है एक कहानी आ रही है कि नूर खान हवाईअड्डे और किराना हिल्स में जांच की जाएगी
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एक कहानी है कि पाकिस्तान में कुछ रेडिएशन हुआ है। जो ये तो परमाणु खतरे की जांच वाला ही है की विमान देखे गए और यह काफी ज्यादा चल रहा है कि भारत के हमलों ने पाकिस्तान के परमाणु हथियार की सुरक्षा प्रभावित किया और अमेरिका मेक शुर करना चाह रहा है कि परमाणु हथियार जो है वह गलत हाथों में ना जाए हालांकि ये ऊपर की बात है अंदर की बात ये भी आ रही है कि अमेरिका इस मौके का फायदा उठाकर पाकिस्तान के अंदर चीन की जो तकनीक है उसे हासिल करने की कोशिश कर रहा है
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अमेरिका ने पैसा देकर पाकिस्तान को खरीद लिया और पाकिस्तान मतलब उनके क्या, उनका तो कोई है नहीं जो ज्यादा पैसा देगा वो उधर तो ये उनका हमेशा से स्टैंड रहा है ये छिपी कहानी हो सकती है हालांकि इसी बीच में रेडिएशन की भी खबर आ रही है की रेडिएशन लीक हुआ और ये कितना सच, कितना फसाना पता नहीं लेकिन यह सारी वो खबरें हैं जो अब अंदर खाने से चल रही है कितना सच है ये सरकार को आकर क्लियर करना पड़ेगा
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हालांकि ऐसा भी हो सकता है कि इनमें से बहुत सारा सच ऐसा हो जो कभी भी सामने नहीं आए लेकिन एक सवाल जो लोगों के मन में आया की युद्धविराम के बाद क्या क्योंकि अगर अमेरिका ने इंटरफियर करके इस युद्ध को रुकवा दिया तो अब आगे क्या क्योंकि बीती शाम भी हुआ था। फिलहाल माना यही जा रहा है इंडिया पाकिस्तान के कॉन्टेस्ट में की ये युद्धविराम में छोटी राहत लेकिन ये नहीं क्योंकि अभी भी कई बड़े बदलाव है
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पाकिस्तान में अभी भी करता है। हालांकि ये माना जा रहा है कि अमेरिका गया है तो पाकिस्तान के अंदर पॉलिटिकल और सेना के तौर पर अगले कुछ दिनों में कई बड़े बदलाव मिलेंगे। मतलब ऐसा हो सकता है की कई बड़े पाकिस्तान के अधिकारी जो है वो बर्खास्त कर दिया जाए कुछ नेताओं के अंदर बाहर होने की खबर हो जाएगी और कुछ नई नियुक्तियाँ जो है वो भी देखने को मिल जाएगी
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