मुंबई ED बिल्डिंग में लगी आग BHARASTACHARI नीरव मोदी मेहुल चौकसी की फाइल जलकर हुई राख

मुंबई ED बिल्डिंग में लगी आग BHARASTACHARI नीरव मोदी मेहुल चौकसी की फाइल जलकर हुई राख
भारतीय जनता पार्टी के बारे में आपको पता ही होगा पार्टी में शामिल हो जाओ तो फिर सारे आरोप दोष धुल जाते है। भ्रष्टाचार की फाइलें आग में शुद्ध हो जाती है। जिन लोगों ने देश को लूटा और वो विदेश भाग गए, उन आरोपियों के केस फाइलें आग में जलकर शुद्धता का स्नान करa रही है। मुंबई में प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर में 10 घंटे तक आग लगती रही और इस आग में उन लोगों के आरोपों के फाइलें जल गई है जो देश का पैसा लूटकर देश की जनता का पैसा लूटकर भारत से भाग गए हैं।
ऐसे लोग जिन पर घोटाले के आरोप हैं भ्रष्टाचार के आरोप हैं लेकिन जैसे ही वो लोग बीजेपी के साथ ही बने हैं, उनके ऊपर से सारे दाग पहले ही हट गए। लेकिन आप जिन फ़ाइलों में उनके आरोप दर्ज थे वो भी जलकर खाक हो गई है। दरअसल साउथ मुंबई के बल्लार्ड स्टेट इलाके में देर रात ईडी के कार्यालय की बिल्डिंग में भीषण आग लग गई। इस घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है
लेकिन आग लगने से हताहत के अलावा जो सूचना सामने आ रही है वो हैरान करने वाली है। ईडी की बिल्डिंग में घंटों तक आग दहकती रही। और इन्हें 10 घंटों के बाद कहीं जाकर मेहनत मशक्कत करके आग पर काबू भी पा लिया गया। लेकिन 10 घंटे बाद जिसतरह से जो फाइलें थी वो सब राख हो गई। यहाँ पर सवाल उठता है क्योंकि इस दफ्तर मेँ आ गए उन्हें हम फ़ाइलों को निशाना बनाया जिसमें मेहुल चौकसे नीरव मोदी और छगन भुजबल थिस हाईप्रोफाइल भगोड़े और बीजेपी के साथी के मामले दर्ज थे। क्या सिस्टम है हमारे देश का पहले तो चोकसी और नीरव जैसे भगोड़ों को लूटने और भगाने की खुली छूट थी और अब उनके पापों के फाइलें भी आग में शुद्ध हो गईं। ईडी के दफ्तर में आग लगी और संयोग देखिये।
वही फाइलें जली जो इस देश से पैसा लूटकर भागे हुए लोगों की करतूतों को सबूत थी। पहले तो मेहुल चौकसी और नीरव मोदी जैसे लोग देश को लूटकर भाग जाते हैं और फिर आप उन फ़ाइलों के साथ सबूत भी जलकर खाक हो गई है। इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण भी नहीं कर रहे है की पहले इन्हें देश लूटते हैं और भागने की छूट दी जाती है और अब इनकी ईड फाइल्स भी नष्ट कर दी गई है क्योंकि इन फ़ाइलों को अग्नि स्नान करना था। लेकिन यहाँ पर हैरानी की बात तो ये है की इस सनसनीखेज खबर पर मीडिया वाले एकदम चुप चाप है। क्योंकि इस आग में भाजपा के उन नेताओं की फाइलें में स्वाहा हो गई है जो भाजपा की वॉशिंग मशीन से धुलकर पाक साफ हो चुकी है। का नाम भी शामिल है।
छगन भुजबल का भी सब्जी बेचते थे लेकिन फिर इनके ऊपर ₹800,00,00,000 के घोटाले का आरोप लगा। उसकी जांच की गई लेकिन अब ये भाजपा के साथी बन गए हैं तो वॉशिंग मशीन में साफ़ हो गए हैं और नए सबूत जो थे इनके खिलाफ़ जो सबूत बचे थे वो भी आग में अब जल गए हैं।
सब जलकर राख हो गए हैं। अच्छी बात तो ये है की उस समय ऑफिस में कोई नहीं था इसलिए किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। लेकिन इन लोगों के खिलाफ़ जो सबूत थे राहुल चौकसे, नीरव मोदी और छगन भुजबल जैसे लोगों के खिलाफ़ जो सबूत थे, जो अब राख में तब्दील हो गए हैं। पहले लूटने भागने की खुली छूट फिर फाइलें जलकर खुद ही इन आरोपियों के आरोप को मिटा देती है। सुबह 2:30 बजे करीब के ईडी दफ्तर को अपनी चपेट में ले लिया और दोपहर तक जो आग थी उस पर काबू पा लिया गया लेकिन तब तक खेल हो चुका था।
उन फ़ाइलों को दाह संस्कार हो गया जिसमें भाजपा में शामिल हुए नेताओं के पवित्र करतूतें और चौकसी नीरव के काले कारनामों का हिसाब था। चौथी मंजिल से लेकर पहली मंजिल तक सब कुछ अपनी चपेट में ले लिया। और खासतौर पर वो कमरे जल गए जहाँ भाजपा में शामिल हुए नेता और चौक से नीरव जैसे भगोड़ों की फाइलें रखी थी। लेकिन सवाल यह है कि क्या ये महज संयोग था आग ने वही फाइलें जुलाई जिसमें भाजपा में शामिल हुए नेता छगन भुजबल और चौकसी नीरव मोदी जैसे भगोड़ों के सबूत थे। 10 घंटे तक आग बुझाने में देरी क्यों हुई
क्या ये आग सिस्टम की सफाई का हिस्सा थी जीस तरह से सवाल प्रशांत भूषण भी पूछ रहे हैं क्या ऐड फाइल्स को नष्ट किया गया? जिसमें भ्रष्टाचार के सबूत हमेशा के लिए दफन हो गए। 10 घंटे तक आग बुझाने में इतनी देरी क्यों हुई शायद आग को भी सही फाइल ढूँढने का वक्त चाहिए था, उन्हें जला सके और सिस्टम के सफाई में कोई कसर न रह जाए। इसी वजह से 10 घंटे लग गए। डिजिटल रिकॉर्ड सो हैं मगर मूल दस्तावेजों कोई अग्नि स्नान जज को कितने पीछे ले जाएगा ये तो वक्त बताएगा। यार सिर्फ कागज नहीं चलाकर गई बल्कि देश की उम्मीदों को भी राख कर दी गई।
जब भ्रष्टाचार के खिलाफ़ लड़ाई की बात होती है तब ऐसे संयोग क्यों होते हैं अब देखना यह होगा कि इस मामले में कितनी जांच होगी या नहीं होगी। या फिर राख फ़ाइलों की तरह ये मामला भी राख बन कर ऊपर उठ जाएगा हर दो साहब लोग क्या लगता है जीस तरह से ईडी के दफ्तर में 10 घंटों तक आग लगती रही उसके बाद उस पर काबू पा लिया गया लेकिन चुन चुनकर जो फाइलें थीं जो भ्रष्टाचारियों के फाइलें थीं जिनमें भ्रष्टाचार के आरोप लग रही है
जिन पर यह आरोप है कि देश का पैसा लेकर वो विदेशों में भाग गए हैं चुन चुनकर आग ने उन्हीं फ़ाइलों को जलाया है। मेहुल चोकसी नीरव मोदी छगन भुजबल इन लोगों के फ़ाइलों को जला दिया है। जो की। देश के। पैसों के जिनपर आरोप हैं जिन पर आरोप है कि जनता का पैसा जो है मेहनत का पैसा उसे लूटकर विदेश भाग गए हैं या फिर भ्रष्टाचार के आरोप लगवाकर बीजेपी में शामिल हो गए हैं। और इसी वजह से वॉशिंग मशीन से छगन भुजबल जैसे लोग अब भी गए है।
आप लोग क्या लगता है जैसे ईडी के दफ्तर में आग लगी और चुन चुनकर कुछ लोगों की जो फाइलें थी वो जलकर राख हो गई है इसको लेकर हमें अपनी राय
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