कोरोना वापसी पर न डरना है न डराना है और इससे कैसे बचे

कोरोना वापसी पर न डरना है न डराना है और इससे कैसे बचे
कोरोना वापसी पर न डरना है न डराना है और इससे कैसे बचे
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दोस्तों 2020 2021 में कोविड 19 के मामले बहुत ज्यादा बढ़ गए थे और जिस तरीके की आपदा की स्थिति देश में बन गई थी ऐसा डर जताया जा रहा है कि कहीं कोविड 19 दुबारा तो नहीं आ गया और क्या वही सारी चीजें हम को देखनी होंगी
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क्या वैसे ही लाइनें लगेंगी अस्पताल में क्या फिर मास्क पहनना पड़ेगा क्या फिर आरटीपीसीआर का टेस्ट कराना पड़ेगा या फिर वैक्सीन लेनी पड़ेगी
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अब ये सारी बातें होनी शुरू हो गई है दरअसल ये इसलिए हो रहा है क्योंकि लगातार कोविड 19 के मामले हिंदुस्तान में फिर से उछाल मार रहे हैं पिछले कुछ दिनों की अगर बात करें तो ओवरऑल 1000 से ऊपर मामले सामने आ गए, लेकिन यहाँ पर जितना सतर्क होना जरूरी है उतना ही निश्चित होना भी जरूरी है
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कि ये उस तरीके का वेरिएंट नहीं है जितने डॉक्टर्स है, वो यही चीज़ बता रहे है ये कौन कौन से वेरिएंट है, यह आपके लिए जानना जरूरी है कैसे पैनिक नहीं करना है ये आपके लिए जानना जरूरी है और हाँ एहतियात बरतना ये भी आपके लिए जानना जरूरी है क्योंकि किसी भी इस तरीके के वायरस को मजाक में नहीं लिया जा और हमने ये देखा हुआ है, झेला हुआ है 2020 21 में तो आपको सतर्क रहने की जरुरत है
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सबसे पहले आपको बता दें ये 26 मई 2025 के हिसाब से और जो तमाम रिपोर्ट्स हैं, जैसे कि हिंदुस्तान टाइम्स, टाइम्स ऑफ इंडिया, बिज़नेस स्टैन्डर्ड ये सब बता रहे है की इन्क्रीज़ हुआ है, 257 केसेस थे 19 मई को और 26 मई को यह बढ़कर के 1009 केसेस हो गए हैं 19 के अब ये केस अगर आप 2020 से तुलना करेंगे तो आपको लगेगा नहीं तो उस समय तो बहुत ही ज्यादा थे लाखों में केस रजिस्टर होते थे
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ये 1000 केस पर इतना हल्ला क्यों हो रहा है एक सर्दी, जुकाम, खांसी के मामले इस सीज़न में वैसे भी बढ़ते हैं अभी और ज्यादा बढ़ने शुरू हो गए और जैसे वो मामले बढ़ रहे हैं उसमें कुछ लोगों को रेस्पिरेटरी प्रॉब्लम्स और तमाम तरीके की चीजें और फिर ये खबर सुनकर के अब लोग टेस्ट कराने लगे कुछ लोग टेस्ट नहीं भी करा रहे हैं तो जो टेस्ट करा रहे हैं वो केसेस यहाँ पर आपको दिख रहे हैं मास टेस्टिंग आरटीपीसीआर की टेस्टिंग जो है आपको याद है वह सैंपल लेकर के जाते थे और उस पर अब एक आधा दिन में जांच करके बताते थे अभी मांस टेस्टिंग उस तरीके से इस देश में नहीं हो रही है’
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सकता है कि अभी 1000, 1009 ही मामले आए हैं, लेकिन ये भी हो सकता है कि ये मामले और ज्यादा इतने मामले ना हो, इससे कहीं ज्यादा हो खैर, एक सिल्वर लाइनिंग यहाँ पर यह है कि जीस तरीके से उस समय कोरोना के बारे में हम कुछ भी नहीं जानते थे आप साइंटिस्ट को दुनिया भर में कोरोना के बारे में बहुत कुछ पता चल गया है सबसे बड़ी बात लोगों को डबल डोज वैक्सीन लग चुकी है यानी की कुछ इम्युनिटी आपके सिस्टम में है
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नंबर टू कोरोना का ये जो वेरिएंट है, ये ओमीक्रॉन वेरिएंट है, उसका भी सब वेरिएंट है, जिसके बारे में हमने आपको पिछली बार बताया था और उनके नाम हैं एलएफ पॉइंट, सेवन एक सैफ जी, जेन पॉइंट वन और एनबी पॉइंट वन पॉइंट 8.1 और ये सारे इंडियन काउन्सल ऑफ मेडिकल रिसर्च के हिसाब से ये जीतने सब वेरिएंट्स है
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ये अभी तक इन्होंने घातक हो जाने जैसा कोई संदेश नहीं दिया है अभी तक ऐसी चीज़ नहीं पता चली है कि बहुत ज्यादा घातक हो जाएगा तो भ्रामक हेडलाइन्स से अभी हमको बचना चाहिए आप तमाम हेड्लाइन देख रहे होंगे, जिसमें यह होगा कि अस्पतालों में दोबारा लग रही भीड़ इमर्जेन्सी क्या दोबारा लग जाएगा लॉक डाउन
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ये पैनिक करने की सिचुएशन होती है आपको ये भी बता दें कि जब एक बार लॉकडाउन लगा था तो दूसरी वेव जब आई थी जब उस तरीके का लॉकडाउन हमने नहीं लगते हुए देखा, जैसे हमने पहली बार लगे हुए देख आया उसकी तीव्रता कम थी तीसरी वेव में तो लॉकडाउन ही नहीं लगा तो ये पिक कोर्ट में जब लॉकडाउन से हम आगे बढ़ गए तो इस समय ये कहना कि लॉकडाउन हो जाएगा, ये कोई बहुत समझदारी वाली बात नहीं है
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और इसकी तरफ सरकार ने कोई इशारा भी नहीं किया है तो यह चीज़ आप लोगो के लिए जानना बहुत जरूरी है तो मैंने आपको बताया ओमीक्रॉन के सब वेरिएंट्स है लाइफ पॉइंट सेवन, एक सेफ जीजेएम पॉइंट, वन बी वन पॉइंट 8.1 ये सारे सब वेरिएंट का मतलब ये है की वाइरस आप ये जान लीजिये म्यूटेंट करता है
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ये उसका नेचर है, क्योंकि अगर वायरस म्यूटेट नहीं कर रहा होता तो सर्दी, जुकाम, खांसी या वायरल फीवर किसी को होता ही नहीं वाइरस जैसे जैसे आप दवाई ले करके ठीक होंगे वाइरस अपने आप को थोड़ा सा बदल लेगा, थोड़ा सा ट्वीट कर लेगा और फिर दुबारा इन्फैक्ट करने की कोशिश करेगा
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लेकिन जितनी बार वाइरस ये करता है उसकी आपको बहुत ज्यादा बीमार करने की तीव्रता कम होती और वही चीज़ अब कोविड 19 के साथ भी हो रहा है इन सब वेरिएंट्स में डॉक्टर्स का ये कहना है की बहुत ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है जैसे सर्दी, खांसी, जुकाम, नजला होता है बिल्कुल उसी तरीके से यहाँ भी होगा और ज्यादातर लोग 90% या उससे भी ज्यादा लोग ऐसे ही ठीक हो जाएंगे
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लेकिन सतर्क रहना इसलिए जरूरी है क्योंकि जिन लोगों में को मोर्बिडिटीज़ होती है अब को मोर्बिडिटी क्या होती है आपको सपोज़ पहले से ही हार्ट की बिमारी है आपको पहले से ही 110 सी आपका इम्यून सिस्टम कमजोर बुजुर्ग बड़े बड़े बुजुर्ग जो होते है वो आप जानते हैं इम्यून सिस्टम थोड़ा सा कमजोर हो जाता है तो इस तरीके से जिन लोगों में पहले से ही कमजोरी होती है उन लोगों के लिए खास तौर से जो पेशेंट्स है या फिर बुजुर्ग हैं इन लोगों को आपको थोड़ा सा ज्यादा ध्यान रखना पड़ेगा
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कि यह मास्क पहन कर के जाए और अगर इस तरीके के सिम्पटम्स आए तो तुरंत डॉक्टर के पास आप संपर्क करें, डॉक्टर से बात करे और ये सारी चीजें हैंडल हो जाएगी नहीं करना है सबसे बड़ी बात जो डॉक्टर ने बोला है आपको ये भी बता दे की 742 रीसेंट कन्फर्मेशन्स है इस केस के केरला अकेले ने 430 केस नए ऐड किए हैं
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उसके बाद महाराष्ट्र, फिर दिल्ली, फिर कर्नाटक और अभी तक पुरानी टैली को मिला है यह बहुत मायने नहीं रखता है लेकिन अब तक जो फेर्टिलिटी जो लोग मरे हैं उनका आंकड़ा आधिकारिक रूप से करीब 5,50,000 है ये बहुत बड़ा आंकड़ा है टोटल नम्बर ऑफ फर्टिलिटीज़ अभी तक कुछ लोगों के मरने की खबर आई है जैसे कि हमने अपनी पिछली रिपोर्ट में भी आपको बताया था,
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उसके बाद भी कुछ रिपोर्ट्स आ रही है लेकिन आप ये जान लीजिए की जैसे कि पिछली बार मैं भी कहा गया था अभी भी यही कहा जा रहा है को मोर्बिडिटी से और और क्योंकि बीमारिया रहती है उसकी वजह से कमजोर इम्यून सिस्टम होने के नाते लोगों की मौत भी हो रही है यानी की सिर्फ के लिए जिम्मेदार हो या सिर्फ ये वाइरस वो ऐसी नौबत ला दे रहा है कि मृत्यु हो जा रही है ऐसा नहीं है, लेकिन अस्पताल तैयार हैं महाराष्ट्र में, केरल में दिल्ली में और जगह
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