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19/03/2022

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योगी आदित्यनाथ को देना पड़ेगा इस्तीफा जातीय जनगणना बना मुसीबत

योगी आदित्यनाथ को देना पड़ेगा इस्तीफा जातीय जनगणना बना मुसीबत

योगी आदित्यनाथ को देना पड़ेगा इस्तीफा जातीय जनगणना बना मुसीबत

क्या जातीय जनगणना के बहाने उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बदला जायेगा ये सवाल इस समय हर किसी के मन में है और सवाल ये भी है कि आखिरकार अचानक भारतीय जनता पार्टी जातीय जनगणना के लिए क्यों मान गई और इससे किसको फायदा होगा

दोस्तों तमाम जो राजनीतिक विश्लेषक हैं वो ये कहते हैं कि संघ के दबाव में आकर बीजेपी ने ये फैसला किया है और देखिए 1 दिन पहले मोहन भागवत ने पीएम आवास पर जाकर प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात भी करी थी और उसके अगले दिन ये ऐलान किया गया कि हम देश के अंदर जनगणना कराएंगे और दोस्तों उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव 2027 में है और बिहार का विधानसभा चुनाव में इसी साल है और ये दोनों ऐसे राज्य हैं जिन राज्यों में जाती वाला जो फैक्टर है वो काफी ज्यादा चलता है

लेकिन सवाल ये है कि अगर जातीय जनगणना हुई तो इसका उत्तर प्रदेश पर कितना प्रभाव पड़ेगा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पर कितना प्रभाव पड़ेगा दोस्तों योगी आदित्य नाथ ठाकुर समुदाय से आते हैं, जनरल कास्ट से आते हैं अब ऐसे में उत्तर प्रदेश में अगर देखा जाए तो ओबीसी समाज के जो लोग है वो आधे से ज्यादा है ऐसे में यहाँ पर ये समझना पड़ेगा कि अगर जाती है जनगणना कराई जाती है जो कि बीजेपी करा रही है तो उत्तर प्रदेश में क्या मुख्यमंत्री बदला जाएगा

क्योंकि ओबीसी समाज के जो बीजेपी के नेता हैं, उत्तर प्रदेश के अंदर वो अपनी मुख्यमंत्री पद की दावेदारी ठोक सकते हैं वैसे तो अधिकतर बीजेपी दर्शाती है कि 2027 का विधानसभा चुनाव योगी आदित्यनाथ के नाम पर लड़ा जाएगा लेकिन क्या जातीय जनगणना कराने के बाद ये मुमकिन है कि योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के तीसरी बार मुख्यमंत्री बने

केशव प्रसाद मौर्य ओबीसी समाज में सबसे बड़े नेता हैं उत्तर प्रदेश के अंदर बीजेपी के और वो देखिये मुख्यमंत्री पद की दावेदारी लगातार पहले से ठोंकते नजर आ रहे हैं और लोकसभा 2024 के बाद तो केशव प्रसाद मौर्य और ज्यादा ऐक्टिव हो गए केशव प्रसाद मौर्य ने लगातार दिल्ली का दौरा भी किया था और अभी हाल ही में केशव प्रसाद मौर्य के खेमे के एक विधायक ने मंच से ये तक कह दिया था कि योगी बाबा को दिल्ली भेज दो और केशव प्रसाद मौर्य को उत्तर प्रदेश की कमान थमा दो

ऐसा लग रहा है कि उनके विधायक की यह बात सच होती नजर आ रही है सच हो सकती है उनकी यह बात दोस्तों तमाम जो राजनीतिक विश्लेषक हैं वो ये कहते हैं। कि बीजेपी ने विपक्ष के हाथ से एक बड़ा मुद्दा छीन लिया है लोकसभा चुनाव में विपक्ष ने जातीय जनगणना एक बड़ा मुद्दा बनाया था और इसका असर भी देखने को मिला और खास करके इसका असर देखने को मिला

उत्तर प्रदेश के अंदर उत्तर प्रदेश के अंदर बीजेपी ने अपनी पूरी फजीहत करा ली और उसके बाद जो संघ हैं वो ऐक्टिव हो गया। लगातार उत्तर प्रदेश का दौरा करा हाल ही में मोहन भागवत कभी अलीगढ़ आ रहे थे कभी लखनऊ आ रहे थे कभी वाराणसी जा रहे थे, कभी कानपुर जा रहे थे

संघ ऐक्टिव हो चुका है। हालांकि उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में अभी 2 साल का वक्त है, लेकिन जो जीतने भी पॉलिटिकल पार्टियां हैं उन्होंने अपनी कमर जो है वो कस ली है बीजेपी का ये जो फैसला हैं योगी आदित्यनाथ के लिए मुश्किल बन सकता है योगी आदित्यनाथ जनरल कास्ट से आते हैं

और उत्तर प्रदेश में पहले आपको बता चूका हूँ उत्तर प्रदेश के अंदर आधे से ज्यादा ओबीसी समाज के लोग हैं बिलकुल दावेदारी ठोकेंगे बिल्कुल कहेंगे कि हमें मुख्यमंत्री बनाया जाए तमाम जो नेता है और बीजेपी को ये करना भी पड़ेगा क्योंकि अगर बीजेपी यहाँ पर जातीय जनगणना करा रही है तो उसका कराने का रीज़न तो यही है की भाई यहाँ पर ये देखना है कि ओबीसी समाज के जो लोग है उनकी राजनीति में कितनी भागीदारी है

कितने बड़े बड़े पद पर ओबीसी समाज के लोग बैठे हैं यहाँ पर ये देखना होगा राहुल गाँधी का तो सबसे बड़ा कारण ही यही था की वो जातीय जनगणना की मांग कर रहे थे और इसका पूरा क्रेडिट राहुल गाँधी, अखिलेश यादव तेजस्वी यादव इन सबने लिया है और ये लोग यही मांग कर रहे थे कि यहाँ पर जांच कराई जाए और ये देखा जाए कि पॉलिटिकल ही यहाँ पर जो ओबीसी समाज के लोग हैं, उन्हें कितना आरक्षण मिल रखा है

कितने बड़े बड़े पद पर ओबीसी समाज के लोग बैठे हैं ऐसे में बीजेपी तो करा रही है लेकिन ये जाति जनगणना योगी आदित्यनाथ के लिए मुश्किल बन सकती है। ऐसा भी हो सकता है कि 2027 में योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ना बने। हालांकि कहा जाता है कि 2029 में योगी आदित्यनाथ को प्रधानमंत्री चेहरे के लिए आगे किया जाएगा। लेकिन दोस्तों अगर ये जाति जनगणना जो हो रही है और अगर बीजेपी वाकई में जाति जनगणना के हिसाब से चलती है तो आप ये समझिए कि 2027 में योगी आदित्यनाथ का मुख्यमंत्री पद से हटना तय है

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