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18/05/2025

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बोडोलैंड क्या है .असम अलग राज्य क्यों बनाना चाहता है .बोडोलैंड की पूरी कहानी

बोडोलैंड क्या है असम अलग राज्य क्यों बनाना चाहता है बोडोलैंड की पूरी कहानी

बोडोलैंड क्या है असम अलग राज्य क्यों बनाना चाहता है बोडोलैंड की पूरी कहानी

  • दोस्तों हम चर्चा करने वाले हैं बोडोलैंड के बारे में यानी की नो इश्यूस क्रिएटर सेपरेट स्टेट बोर्ड और लैंथ, जो कि असम के अंदर एक बहुत बड़ी कम्युनिटी है और ये लगातार डिमांड कर रही है

  • एक अलग स्टेट के लिए अब इन्होंने अपनी बात को सरकार तक पहुंचाने के लिए यानी की केंद्र सरकार तक अपनी बात को पहुंचाने के लिए कई बार नैश्नल हाईवे को ब्लॉक कर दिया यही टाइम है, रैलियां निकाल चूके हैं और इन्होंने रेलियों के दौरान एक नारा भी दिया कि बोडोलैंड नो रेस्ट यानी की जब तक बोडोलैंड नहीं मिल जाएगा तब तक हम आराम नहीं करने वाले साथ ही लोगों का कहना है

  • कि आने वाले टाइम में अगर हमें भूख हड़ताल करनी पड़े तो हम ये भी करेंगे पर हमें बोडोलैंड चाहिए अब सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि इन्हें बोडोलैंड क्यों चाहिए क्यों एक अलग राज्य की डिमांड कर रहे हैं उसके बारे में हम आज यहाँ पर चर्चा करने वाले है

  • असम जो भारत का पूर्वोत्तर राज्य है जिसकी सीमाएं हैं मिज़ोरम, मणिपुर, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश इधर भूटान के साथ में और मेघालय के साथ में लगती है अब अगर बनता है तो इसी की सीमा लगेगी अरुणाचल प्रदेश और भूटान के साथ मैं किस प्रकार का दिखेगा ये आप देख सकते हैं ये कुछ इस प्रकार का रहेगा

  • इन लोगों की डिमांड है कि जब तेलंगाना, आंध्र प्रदेश का ही सारे राज्य बन सकते हैं तो फिर एक बोडोलैंड बनाने में सरकार को क्या हर्ज है क्योंकि हमारे साथ में तो बड़ा भेद भाव होते आ रहा है ये भेदभाव भी हम जानेगे सबसे पहले आप देख लीजिये कि अगर बनता है तो उसके अंदर प्रमुख रूप से कौन कौन से जिले शामिल होने वाले है तो असम के ये चार जिले हैं

  • कोकराझार, चिराग, बक्सा और उदालगुड़ी ये चार जिले के अंदर ज्यादातर क्या रहती है बोडोलैंड जनजाति निवास करती है अब ये लगातार जो है, प्रोटेस्ट कर रही है और लगातार एक ही डिमांड रहती है और एक नारा भी इन लोगों ने बना लिया है और यह नारा आपको दिख रहा होगा नो डोनेट नो रेस्ट यानी कि जब तक बोडोलैंड नहीं बनेगा तब तक हम आराम नहीं करेंगे

  • बोडोलैंड की बोर्ड की डिमांड के लिए तीन प्रमुख से पार्टियां बन गई है तीन पार्टियां यानी की तीन बड़े बड़े ग्रुप बने हुए हैं जो लगातार केंद्र सरकार के सामने डिमांड कर रहे हैं कि हमें एक अलग राज्य बना देना चाहिए सबसे पहले ग्रूप आप देखिये जिसका नाम है एबीएसयू यानी की ऑल आप ओरडोस स्टूडेंट यूनियन एक ये वाला ग्रुप बना हुआ है जो लगातार डिमांड कर रहा है और इनका ये क्या है फ्लैग बना हुआ है दूसरा आप देखिये द नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट नाम का एक दूसरा ग्रुप है और तीसरा ग्रुप है जिसका नाम है बोडो लिबरेशन टाइगर फोर्स ये है बोडो लिबरेशन टाइगर फोर्स तीनों अलग अलग टाइप में प्रोटेस्ट करते हैं

  • और अभी हाल ही में जो प्रोटेस्ट हुआ था उनमें तीनों ग्रुप से एक साथ नजर आए और यह कई वर्षों से डिमांड कर रहे हैं अब इनका कहना है कि आप असम को 50 50% कर दो यानी की 50% असम अलग हो जाएगा और 50% क्या हो जाएगा बोडोलैंड

  • जब तेलंगाना बन सकता है आंध्र प्रदेश से कट होकर यानी की भाषा ही आधार पे तो फिर हमारा राज्य क्यों नहीं बन सकता क्योंकि इनका कहना है कि हम केवल भाषा ही आधार पर डिमांड नहीं कर रहे हैं अब ज़रा सुनिए इनके ऊपर क्या बीत रही है इसके बारे में जानिए पहली बात तो इनकी भाषाओं को नुकसान हो रहा है

  • ठेस पहुंचाई जा रही है इनके कल्चर को कोई नहीं देखता है कल्चर को नुकसान हो रहा है इनके जो भी फेस्टिवल है, इसके बारे में जनता नहीं जानती है उसके बारे में नुकसान हो रहा है और इन तीनों चीजों को नुकसान पहुंचाने का काम कौन कर रहे हैं बांग्लादेशी व्यक्ति इन तीनों चीजों को नुकसान पहुंचाने का बुरी तरीके से काम कर रहे देखिये आगे मैं आपको बताऊंगा कैसे नुकसान पहुंचा रहे हैं पर आप सबसे पहले जान लीजिए कि बोडोलैंड की डिमांड सबसे पहले किसी इंसान ने उठाई थी सबसे पहले की डिमांड करी थी गुरुदेव श्रीमंत का कालीचरण ब्रह्मा के द्वारा इनकी इन्होंने सन 1930 के अंदर जो हैं सबसे पहले 1930 के अंदर सबसे पहले इन्होंने डिमांड की थी

  • गुरुदेव कालीचरण ब्रह्मा के द्वारा लीडर बने थे ये बोर्डों के और इन्होंने बोला था उस समय में कि हमें एक अलग राज्य बना दो, जब भारत में अंग्रेजों का राज़ हुआ करता था पर ना तो उस समय अंग्रेजों ने सुना ना अब तक की सरकार ने सुना यानी कि 1930 से लेकर 2025 तक लगातार ये डिमांड करते रहे पर किसी ने ही सरकार ने इनसे नहीं पूछा ना सुना इनकी बात अब ये बार बार डिमांड जो तेजी से बढ़ी है

  • ये बड़ी है 1971 के बाद से ज्यादातर क्योंकि 1971 में जब भारत पाकिस्तान का युद्ध हुआ और पाकिस्तान से टूटकर एक नया राज्य बना था, बांग्लादेश नया देश बना था बांग्लादेश तो बांग्लादेश जब बना था तो कई सारे बांग्लादेशी उस समय शरणार्थी बनकर भारत में घुसे और भारत के असम राज्य में ज्यादातर आ गए थे और वो असम राज्य में आये थे वो यही इलाके हैं। चार डिस्ट्रिक्ट जहाँ जनजाति निवास करती हैं, उन्हीं इलाके में आकर बस गए

  • बाद में उनकी जो महिलाएं हैं बहन बेटी है उनके साथ में इन्होंने विवाह किया और अब जो है इनकी जनसंख्या ज्यादा बढ़ गई यानी की जो बांग्लादेशी है, उनकी संख्या बढ़ती जा रही है और इसको लेकर हेमंत शर्मा ने भी केंद्र सरकार के सामने ये बात कई बार रखी है कि लगातार बांग्लादेश की जनसंख्या बढ़ती जा रही है और ज्यादातर बांग्लादेशी आने की वजह से इनकी भाषा का नुकसान हो रहा है

  • यानी की वो लोग फोर्स करते है, बंगाली लैंग्वेज, ज्यादा लैंग्वेज बोलने के लिए और इनका जो बोर्डों का कल्चर हैं तो अब खत्म होता दिखाई दे रहा है, जिसके लिए एक बार इन्होंने जब प्रोटेस्ट निकाला था तो उसमें एक लाइन उन्होंने लिखी थी

    बोडोलैंड यानी कि तुम्हारा यानी कि बांग्लादेशी लोग तुम्हारा ये नहीं है

  • हमारा है और ये बार बार अपनी सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि आप क्या कीजिये हमें बचा लीजिए और हमारी संस्कृति, हमारे कल्चर को बचाने की कोशिश कीजिए क्योंकि आने वाले टाइम में ऐसा होगा कि बोडोलैंड के लोग ना समाप्त हो जाए वहाँ कई बांग्लादेशी ना आ जाए इसी लिए बार बार सरकार से गुहार लगा रहे हैं

  • जिन्होंने पार्लियामेंट के अंदर जो है, इस इश्यू को उठाया था और सबसे पहले इन्होंने बात रखी थी इसके लिए इन्होंने धन्यवाद किया अब हम बात करते हैं कि दूसरी बार मतलब 1930 के बाद तो कई बार इनकी मांग हुई

  • उपेंद्रनाथ ब्रह्मा इनका नाम है ये प्रेसिडेंट बने थे, है ना और डिस्ट्रिक्ट के डिस्ट्रिक्ट के ये जो है प्रेसिडेंट बने थे, एबीएसयू के है ना यानी की ऑल ऑल बोडो स्टूडेंट यूनियन के जो है ये प्रमुख बने थे और इन्होंने कई सारे चुनाव भी लड़े,जिन्होंने एक लॉन्च किया था मूवमेंट यानी की बोडोलैंड को लेकर एक मूवमेंट लॉन्च किया था सेकंड मार्च 1987 को और उसके बाद भी उन्होंने कई बार जो है लगातार डिमांड करी है

  • अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि वहाँ सरकार है किसकी हेमंता बिस्वा शर्मा की यानी की बीजेपी की सरकार है और केंद्र में भी बीजेपी सरकार है तो क्या उनके पक्षों को फिर क्यों नहीं सुना जा रहा है उनकी बात को क्यों नहीं रखा जा रहा है तो एक बार इन्होंने इस बात को रखा भी था हेमंत बिस्वा शर्मा ने 2020 के अंदर और जैसे ही 2020 में इन्होंने बात रखी तो केंद्र सरकार ने बोला की देखो एक अलग से राज्य तो हम नहीं बना सकते हैं

  • पर आप के लिए हम एक स्वायत परिषद बना सकते हैं तो केंद्र सरकार ने क्या किया था स्वायत परिषद बनाया था जिसमें तीन व्यक्ति शामिल थे एक ये बोडोलैंड के व्यक्ति शामिल थे दूसरे इसके अंदर असम सरकार शामिल थी और तीसरा इसके अंदर केंद्र सरकार थी यानी की त्रिपक्षीय एक वार्ता हुई, जिसमें स्वायत परिषद निकल के आया और शायद परिषद में जैसे टेरिटोरियल रीज़न को बना दिया गया

  • इसके बाद सरकार ने इन्हे पंद्रह हजार करोड़ का पैकेज भी दिया जिससे वहां विकास हो सके उसके बाद वहां विकास हुआ या नहीं लोगो को रोजगार मिला या नहीं इसकी हमें पूरी जानकारी नहीं है

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