भारत-पाकिस्तान जंग के बीच पड़ोसी देश किसके साथ

भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम की घोषणा हो गई
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भारत-पाकिस्तान जंग के बीच पड़ोसी देश किसके साथ
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भारत पाकिस्तान में चल रहे तनाव के बीच लोग ये जानने की कोशिश कर रहे हैं कि अफगानिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, म्यांमार और भूटान जैसे पड़ोसी देश जिनकी सीमाएं भारत, पाकिस्तान या फिर भारत से लगती है ये देश किसकी तरफ है और कौन किसको सपोर्ट कर रहा है
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तो बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत और पाकिस्तान के पड़ोसी देश इस कोशिश में है की ये तनाव जल्द ही खत्म हो क्योंकि अफगानिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, म्यांमार और भूटान के इन देशों के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव कई मायनों में काफी अहम है
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नेपाल से बात शुरू करें तो नेपाल का भारत के 7 :60 फीसदी ट्रेड होता है जो की जंग की वजह से प्रभावित हो सकता है तो वहीं नेपाल चाहता है कि यह तनाव कम हो, जबकि चाइना इसका फायदा उठाकर नेपाल के साथ रिलेशनशिप अच्छे करना चाहता है
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ऐसा ही कुछ भूटान के साथ होता दिख रहा है क्योंकि भारत की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा तो भूटान का पर्यटन उद्योग भी प्रभावित होगा दक्षिण एशिया की भू राजनीति के जानकारों का कहना है कि भारत पाकिस्तान के बीच तनाव पर अफगानिस्तान को छोड़कर बाकी देश तटस्थ रहेंगे यानी की लगभग सभी पड़ोसी देश इस मामले में खामोश ही रहेंगे
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ऐसा इसलिए भी क्योंकि भारत एक बड़ी अर्थव्यवस्था है और छोटे पड़ोसी देश भारत के साथ कई तरह की आर्थिक गतिविधियों से जुड़े हुए हैं श्रीलंका और नेपाल जैसे देशों के लिए भारत से होने वाले पर्यटन की कमाई काफी अहम है और उनकी अर्थव्यवस्था एक का एक अहम हिस्सा भी है
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इसलिए वह इस मसले पर बोलकर भारत के लिए बुरे नहीं बनेंगे हालांकि वे जरूर चाहेंगे की ये तनाव जल्द खत्म हो विदेश मामलों के जानकार कहते हैं कि दोनों देशों के बीच ये संघर्ष अगर बढ़ता है तो इसका का असर अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा क्योंकि युद्ध के समय रक्षा खर्च बढ़ता है और इसमें रोजगार नहीं मिलता बात अगर बांग्लादेश के करे क्योंकि उसकी सीमाएं भी भारत से लगती है
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लेकिन बांग्लादेश की मौजूदा सरकार पाकिस्तान की करीबी हैं जबकि भारत का बड़ा निवेश बांग्लादेश में है ऐसा नहीं है कि बांग्लादेश शुरू से ही पाकिस्तान का करीबी रहा हो, लेकिन पिछले साल कॉल बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना के पद छोड़ने के बाद बनी मोहम्मद यूनुस की सरकार ने कई मुद्दों पर भारत से मतभेद देखा है
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फ़िलहाल तो बांग्लादेश ने इस पर अपना रुख नहीं किया है लेकिन माना जा रहा है कि बांग्लादेश के पाकिस्तान के साथ साफ तौर पर खड़े होने से भारत उससे अपने रिश्ते तोड़ कर निवेश वापस ले सकता है जो बांग्लादेश के लिए एक चौंकाने वाला कदम भी हो सकता है
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फिलहाल अभी भी इस पर कोई भी टिप्पणी किसी की तरफ से सामने नहीं आई है लेकिन दूसरी तरफ माल्दीव और श्रीलंका जैसे देश जो कि एक वक्त पर चाइना के साथ कारोबार करने गए थे, चाइना ने उनके देशों में इन्वेस्ट भी किया था, लेकिन इसका फायदा इन दोनों देशों को नहीं मिल रहा था
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इस वजह से वो दोबारा से भारत के करीब आए हैं तो ऐसे में माल्दीव और श्रीलंका भी भारत के साथ ही लगभग लगभग नजर आ रही है ऐसे में एक और सबसे बड़ा सवाल है और वो सवाल चीन से जुड़ा हुआ है क्योंकि चीन पाकिस्तान का हितैषी है लेकिन उसकी सीमाएं भी पाकिस्तान और भारत से लगती है ऐसे में चीन का रुख जानना भी जरूरी है
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लेकिन इस दौरान ऑपरेशन सिंदूर के समय चीन का जो बयान सामने आया था, उसमें पाकिस्तान की तरफ हमदर्दी बिल्कुल नहीं देखी थी कहा जा रहा था कि चीन दोनों के बीच बोलकर कुछ भी बिगाड़ना नहीं चाहता है भले ही चीन के पाकिस्तान से करीबी संबंध हो लेकिन चीन का जो हित हैं वो भारत के साथ भी जुड़ता है क्योंकि भारत उससे के साथ कारोबार करता है
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मौजूदा समय में चीन खुद अमेरिका के साथ टैरिफ वॉर में है इससे चीन की इकोनॉमी यानी अर्थव्यवस्था भी संकट में है ऐसे में विशेषज्ञों को लगता है कि चीन कभी भी ये नहीं चाहेगा कि पाकिस्तान आई स्थिर हो जिससे उसका करीब अड़सठ बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश बेकार हो जाये
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हालांकि जीनियस जरूर चाहता है की ये जो संघर्ष है वो चलता रहे जिससे उसको। अपने हथियार पाकिस्तान को बेचने का मौका मिले और चीन को इसका फायदा और इसके वो अफसर भी तलाश रहा है ऑपरेशन से दूर के बाद भी चीन की तरफ से जो बयान सामने आया था उसमें भी साफ तौर पर ये चीजें देखी जा रही थी
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वहीं दूसरी तरफ बात अफगानिस्तान की भी कर लेते हैं। अफगानिस्तान के रुख की बात करें तो फिलहाल के लिए अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच खुद सीमा विवाद है, ऐसे में अफगानिस्तान भारत के साथ खड़ा हो सकता है कहा जा रहा है कि अफगानिस्तान भारत का साथ जरूर देगा क्योंकि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमा को लेकर चल रहा विवाद कोई नया नहीं है बल्कि ये विवाद
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आजादी से भी पहले का है हालांकि इस दौरान कई बार दोनों के बीच संबंध सुधरते दिखे, लेकिन उसका असर कुछ नहीं हुआ लगातार अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच डूरंड रेखा को लेकर के जो युद्ध चल रहा था जो लगातार तनाव चल रहा था
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वैसा देखने को अभी भी मिल रहा है तो फिलहाल भारत के आस पास मौजूद दो जो छोटे छोटे देश हैं जो कि भारत के पड़ोसी देश भी है उन पर हमने चर्चा करली एक जो बड़ा देश जीसको हम चाइना भी कहेंगे वो उसका जो रुख है वो भी किसी देश की तरफ जाता नहीं दिख रहा है
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लेकिन दूसरी तरफ श्रीलंका, म्यांमार, भूटान, नेपाल, बांग्लादेश और अफगानिस्तान जैसे जो देश है वो कहीं ना कहीं भारत के साथ आते दिख रहे हैं लेकिन अभी भी इसमें बांग्लादेश का जो रिऐक्शन है वो टालमटोल की स्थिती में है 50 50 चल रहा है बांग्लादेश की स्थिती पर अभी भी किसी का रुख साफ नहीं है सभी सिर्फ अटकलें और अनुमान लगा रहे हैं फिलहाल के लिए इस खबर में इतना ही
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