भागता फिर रहा नेतन्याहू बेडरूम तक जा पहुंचा ईरान

भागता फिर रहा नेतन्याहू बेडरूम तक जा पहुंचा ईरान
भागता फिर रहा नेतन्याहू बेडरूम तक जा पहुंचा ईरान
गजा में हज़ारों औरतों, बच्चों, बुजुर्गों और निहत्थों का नरसंहार करने वाला इजराइल का दरिंदा प्रधान बेंजामिन नेतन्याहू इरानी मिसाइलों के आगे थर थर कांप रहा है
उसने कहा है कि ईरान ने मेरे बेडरूम तक में मिसाइल दागी है, मुझे मारने की कोशिश हुई है, वो दुनिया की सहानुभूति बटोरने की कोशिश कर रहा है लेकिन इस दहशतगर्द की नींद उड़ी हुई है जिसे ईरान को खत्म कर देने के लिए नेतन्याहू और डॉनल्ड ट्रंप डींगे हांक रहे थे
और दोनों के चेहरों पर आज हवाईयां उड़ रही है अब नेतन्याहू तो बंकरों में छिपता फिर रहा है कुछ मीडिया आउटलेट्स का यहाँ तक कहना है कि वो देश को दांव पर लगाकर भाग गया है फिर ये खबर फैलाई गई कि नेतन्याहू बैठी आम शहर में है। वो जहाँ भी हो लेकिन मोर्चे से भागे हुए हैं ये देखकर इजराइल में उसके खिलाफ़ लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है
एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें इजराइल के लोग खुद इजराइल का झंडा जला रहे हैं ये वीडियो कहाँ का है इसका तो पता नहीं लेकिन ये बात सच है कि केवल 4 दिन के भीतर इजराइल और अमेरिका दोनों की हेकड़ी हवा हो चुकी है
और अब तो खुद आइडीएफ मान रहा है कि हम एक मुश्किल मुकाबले में हैं और ये जंग एक तरफा हरगिज नहीं होने वाली है इसराइल ने ये भी मान लिया है कि जिन आयरन डोम सपर उसे नाज था, इरानी मिसाइलों ने उन्हें भेद डाला है अब ज़रा इजराइल और अमेरिका की बेचैनी को समझने की कोशिश कीजिए
सनकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान के हमलों के बाद बहुत हताशा में लगभग गिड़गिड़ाते हुए एक ट्वीट किया है। इसमें एक तरफ वो ईरान को महान बता रहे है तो दूसरी तरफ 14 वीं बार बोल दिया कि भारत और पाकिस्तान का सीज़फ़ायर मैंने कराया था उसी तरह से अब मैं ईरान और इज़राइल के बीच भी समझौता कर आऊंगा ये ईरान को में फंसाने की अमेरिका की कोई चाल भी हो सकती है
और मोर्चे से पीछे हटने का एक बहाना भी लेकिन एक बात तय है कि ईरान को गज़ा समझना इजराइल के लिए नासूर साबित हुआ है अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म ट्रूथ पर लिखा है कि दोनों देशों के बीच जल्द ही समझौता करवाना जरूरी हो गया है
लेकिन इसके साथ ही उन्होंने जुबान चल कर बैठे नरेंद्र मोदी की हालत पर मज़ा ले लिया है हम अपने लिखा ईरान और इसराइल को एक सौदा करना चाहिए और वो सौदा करेंगे ठीक वैसे ही जैसे मैंने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर करवाया उस मामले में मैंने दोनों देशों के शानदार नेताओं के साथ बातचीत में तर्क, सामंजस्य और विवेक का इस्तेमाल करके अमेरिका के साथ व्यापार करने को कहा
और दोनों फटाफट सीजफायर के लिए मान गए भारत और पाकिस्तान। थोड़ी और शेखी बगा लेते हुए ट्रंप ने आगे लिखा है, मेरे पहले कार्यकाल के दौरान भी सर्बिया और कोसोवो में कई दशकों से तीखी नोकझोंक चल रही थी
लंबे समय से चल रहा है। ये संघर्ष युद्ध में बदलने को तैयार था मैंने इसको रोक दिया अपने पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन को लगभग गाली बकते हुए ट्रंप ने को ट्रक में यानी ब्रैकेट में लिखा है बाइडेन ने कुछ बहुत ही मूर्खतापूर्ण फैसलों से दीर्घकालिक संभावनाओं को नुकसान पहुंचाया है
लेकिन मैं इसे फिर से ठीक कर दूंगा वो आगे लिखते हैं, एक और मामला मिस्र और इथोपिया का है दोनों एक विशाल बांध को लेकर लड़ रहे हैं उनकी लड़ाई का असर शानदार नील नदी पर पड़ रहा है मेरे हस्तक्षेप के कारण कम से कम अभी के लिए शांति है और यह इसी तरह बनी रहेंगी इसी तरह हम जल्द ही इसराइल और ईरान के बीच शांति स्थापित करेंगे
मेरे लोग लगातार कॉल्स और मीटिंग कर रहे हैं मैं बहुत कुछ करता हूँ और कभी किसी चीज़ का श्रेय नहीं लेता, लेकिन कोई बात नहीं लोग समझते हैं मध्य पूर्व को फिर से महान बनाएंगे अब ज़रा ट्रंप के इस तड़प को समझने की कोशिश कीजिये
वो कह रहे हैं कि अमेरिका लगातार इजराइल और ईरान के साथ संपर्क में हैं हम बैठक कर रहे हैं, फ़ोन कॉल्स कर रहे हैं और जल्द से जल्द युद्ध को रोकने में लगे हुए हैं फिर ट्रंप की उस धमकी का क्या हुआ जिसमें इसराइली हमले के फौरन बाद उन्होंने ईरान को औकात में रहने की नसीहत देते हुए कहा था
ये हमारे पास संसार के सबसे विनाशकारी हथियार है और अगर हमारी शर्तें नहीं मानी तो हम ईरान को कही का नहीं छोड़ेंगे तो अब क्या हुआ दरअसल ईरान ने इसराइल पर 270 से ज्यादा मिसाइलें दागीं उसके एयर डिफेंस सिस्टम को ईरान ने कचरा साबित कर दिया है कई मिसाइलें रिहायशी इलाकों में गिरी, कुछ मिसाइलें इजरायली रक्षा प्रतिष्ठानों पर गिरी ईरान ने इसराइल पर दोबारा हमले शुरू कर दिए
16 जून की सुबह सुबह ईरान ने इसराइल पर अब तक का सबसे बड़ा हमला किया इरानी सेना ने सेंट्रल इजराइल में कई जगहों पर बेलिस्टिक मिसाइलें
दागीं इन हमलों में आठ लोगों की जान चली गई जबकि 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए अब तक इजराइल में इरानी हमलों में 22 लोग मारे गए हैं जबकि कोई 600 से ज्यादा लोग घायल हैं इससे पहले इजराइल ने ईरान के विदेश मंत्रालय पर हमला किया था
इसमें 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे 14 जून को इस्राइली सेना ने इरानी रक्षा मंत्रालय पर भी हमला किया था इसके बाद ईरान ने तेवर और कड़े कर लिए ईरान में इस्राइली हमलों से अब तक 224 लोगों की जान गई है जबकि कोई 1300 लोग घायल हुए हैं लेकिन दोनों के बीच अंतर ये है की ईरान तो इस विनाश के लिए तैयार था
लेकिन इस्राइल बिल्कुल नहीं था उसने इरानी प्रतिवाद को लेमनचूस समझा था उसे कमतर और कमजोर समझना इसराइल के लिए भयावह साबित हुआ है और इससे ज्यादा भयावह साबित हुआ है उसके आका अमेरिका के लिए जैसे इस्राइली सेना ने धमकी दी थी
कि अगर ईरान ने मिसाइलें दागनी बंद नहीं की तो वो तेहरान को जला देगा वहीं सेना अब तेल अवीव को जलता हुआ देख रही है उसने अधिकारिक तौर पर कहा है कि ईरान बड़े पैमाने पर मिसाइलें दाग रहा है इजराइल के कई इलाकों में हवाई हमलों के सायरन सुनाई पड़ रहा है
इरानी बेलिस्टिक मिसाइलों की वजह से सैकड़ों इस्राइली अपना घर छोड़ने पर मजबूर हो गए इजराइल ने ऐसी दहशत इससे पहले कभी नहीं देखी है नतीजा नेतन्याहू का विरोध बढ़ता जा रहा है कई मीडिया रिपोर्ट्स में ये भी दावा किया गया है कि इसराइल ईरान के सुप्रीम लीडर अली खान की हत्या की साजिश रच रहा था और इसके लिए वह अमेरिका की मंजूरी चाहता था
लेकिन डोनाल्ड ट्रंप ने इसके लिए हाँ करने से साफ मना कर दिया इसके पीछे कारण ये बताया जा रहा है की अगर हमने ही पर इजराइल ने हाथ डाला होता तो अरब देशों से मिल रहा समर्थन एक व्यापक विरोध में बदल सकता था और इस बात की कोई गारंटी नहीं ले सकता की खामनेई के बाद जो सुप्रीम लीडर बनेगा
उसका नजरिया अमेरिका, इसराइल और पश्चिमी देशों को लेकर अलग या कम सख्त होगा इसलिए ट्रंप प्रशासन हर हाल में चाहता है की यह जंग रुकनी चाहिए इसके लिए चाहे जो करना पड़े क्योंकि इस जंग में सबसे ज्यादा अगर इज्जत का फालूदा हुआ है तो अमेरिका का उसका ये भ्रम टूट कर बिखर चुका है
की वो इज़राइल के पीछे से खड़ा होकर ईरान का जो भी हल करना चाहेगा वो कर लेगा और इसकी कोई व्यापक प्रतिक्रिया नहीं होगी आगे की कहानी यूं है कि इजराइल और अमेरिका किसी भी हाल में इस जंग को रोकना चाहते हैं और अब वो इसके लिए एक सम्मानजनक रास्ता तलाश है लेकिन इस रास्ते की शर्तें अब अकेले अमेरिका तय नहीं कर सकता याद कीजिए
ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामनेई ने इस्राइली हमले के अगले ही दिन क्या कहा था? उन्होंने कहा था कि ये हमला शुरू भले ही इजराइल ने किया हो लेकिन ये जाएगा कहाँ ये हम तय करेंगे लेकिन ये इतनी जल्दी सच होता हुआ नजर आएगा। इसका अनुमान ना तो डोनाल्ड ट्रंप ने लगाया था और ना ही उनके बीबी उर्फ बेंजामिन नेतन्याहू
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