अर्णब गोस्वामी सोनिया और राहुल गाँधी से माफ़ी के लिए नाक रगड़ रहा है .अर्णब गोस्वामी इस बार लम्बा नपेगा

अर्णब गोस्वामी सोनिया और राहुल गाँधी से माफ़ी के लिए नाक रगड़ रहा है अर्णब गोस्वामी इस बार लम्बा नपेगा
अर्णब गोस्वामी सोनिया और राहुल गाँधी से माफ़ी के लिए नाक रगड़ रहा है .अर्णब गोस्वामी इस बार लम्बा नपेगा
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रिपब्लिक टीवी की पत्रकारिता का लकड़बग्घा उर्फ गैंडा स्वामी गोस्वामी खुद को पत्रकार बताता है हम इसे लकड़बग्घा क्यों बोल रहे हैं यह इस वीडियो के अंत में बताएंगे वरीष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार लिखते हैं कि असल में ये एक आदतन अपराधी है सीरियल ऑफेंडर पत्रकारिता के सबसे पवित्र सिद्धांतों का वो भेड़िया, जिसपर उसी के चैनल में काम करने वाले इन्टर्न और ट्रेनी तक शर्मिंदा महसूस करते होंगे
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ये गैंडा स्वामी, एक नंबर का नकारा, एक नंबर का जाहिल, एक नंबर का उदंड और एक नंबर का डरपोक कोई 2000 करोड़ रुपये की कंपनी चलाने वाले स्वामी के बेहुदी उदंडता जब पकड़ी गयी और सिर पर गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी तो ये पापी 20 ₹25,000 की पगार पाने वाले एक गुमनाम विडिओ एडिटर पर अपने पाप का ठीकरा फोड़ देता है
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आगे बढ़ने से पहले ज़रा इस गैंडा स्वामी की सोच और निर्लज्जता का वो महान नमूना याद कर लीजिये प्रिया चक्रवर्ती बोलती है ड्रग दो ड्रग दो ड्रग, दो ड्रग, दो ड्रग दो मुझे ड्रग दो सरेआम चैनल पर बैठ कर माल फूंकने की मांग करने की है बेहूदगी गोस्वामी की पहचान है दिलाओ से इस गेंडा स्वामी की नफरत और घृणा जगजाहिर है इसीलिए वो कभी रिया चक्रवर्ती को निशाना बनाता है तो कभी सोनिया गाँधी को लेकिन इस बार उसकी बहुत बहुत भारी पड़ सकती हैं
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हुआ यूं कि इसे सोशल मीडिया के तहखाने में दबा हुआ कहीं से एक वीडियो मिल गया इसने दावा किया कि एक बिल्डिंग का वो विडिओ दरअसल तुर्की एक है उस बिल्डिंग का नाम इस्तांबुल कांग्रेस सेंटर है फिर क्या था स्वामी चैनल पर सत्य और तथ्य की पतलून उतारकर नाचने लगा चिल्लाने लगा की ये इंडियन नेशनल कांग्रेस का आलीशान दफ्तर है कांग्रेस पार्टी का दफ्तर तुर्की है मैं क्यों है इसी के साथ इस गैंडा स्वामी ने सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी दोनों पर भद्दी टिप्पणियां शुरू करें
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जब कांग्रेस पार्टी तक ये वीडियो पहुंचा तो खोज शुरू हुई कि तुर्की है, मैं कांग्रेस का दफ्तर बना कब बनाया, किसने और उसे चलाता कौन है बहुत मामूली खोज में ही पता चल गया कि अर्णब गोस्वामी एक नंबर का उल्लू भी है नफरत से बजबजाता हुआ पत्रकारिता के नाली में गुलाटियाँ मारने वाला एक बदबूदार कीड़ा और असलियत ये है
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कि रिपब्लिक टीवी का ये उल्लू जैसे इस्तांबुल कांग्रेस सेंटर को इंडियन नेशनल कांग्रेस का दफ्तर बता रहा है वो दरअसल तुर्की की राजधानी का एक कन्वेन्शन सेंटर है जैसे दिल्ली का भारत मंडपम या इंडिया इंटरनेशनल सेंटर है या इंडिया या कॉन्स्टिट्यूशन क्लब है
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इस्तांबुल कॉन्ग्रेस सेंटर तुर्की सरकार की प्रॉपर्टी है जिसकी बुकिंग कराकर कोई भी मीटिंग कर सकता है प्रदर्शन नहीं लगा सकता है सभा सेमिनार कर सकता या छोटे बड़े दूसरे आयोजन कर सकता है इसका भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस यानी कॉंग्रेस पार्टी से दूर दूर तक कोई लेना देना नहीं लेकिन उन लोगों को दिन में दिखाई नहीं देता और जिंस रिपब्लिक टीवी का मालिक ही हो वहाँ के कर्मचारियों की क्या ही बिसात
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स्वामी के 2000 करोड़ की कंपनी में एक भी कर्मचारी ने गूगल करने की भी जरूरत नहीं समझी की इस्तांबुल कांग्रेस सेंटर भला क्या है आपको बता दें कि इसकी बकायदा वेबसाइट है और वहाँ इसकी पूरी डिटेल लिखी है की ये इस्तांबुल म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन यानी इस्तांबूल नगर निगम की देखरेख में चलता है लेकिन रिपब्लिक में काम करने वाले लौंडों ने अर्णब गोस्वामी को पत्रकारिता की नाली में लौटने के लिए स्टूडियो में छोड़ दिया
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भाजपा को और क्या चाहिए था फेक न्यूज़ और टॉल इंडस्ट्री के सबसे बड़े मास्टरमाइंड में से एक अमित मालवीय फोरम इसे लपक लिया और ट्विटर पर लिखा कि क्या राहुल गाँधी इस पर अपनी जुबान खोलेंगे आगे लिखा याद रखना दुश्मन का दोस्त भी दुश्मन होता है मतलब कांग्रेस पार्टी राहुल गाँधी, सोनिया गाँधी सब के सब गद्दारों की तरह ये कैसी थी जिसपर तय था कि बवाल मचेगा सो मचा पत्रकारिता के गैंडे ने अपनी नफरत में कांग्रेस पार्टी ही नहीं सोनिया गाँधी और नेता प्रतिपक्ष लोकसभा राहुल गाँधी तक पर देशद्रोही और गद्दार होने जैसी तोहमतें घूमा फिराकर लगा डाली
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नतीजा कर्नाटक में कांग्रेस ने अर्णब गोस्वामी और अमित मालवीय के खिलाफ़ गैर जमानती धाराओं में मुकदमा दर्ज करा दिया पहले तो रिपब्लिक टीवी के गैंडे ने इसे हल्के में लिया, लेकिन जब दफ्तर वालों ने बताया कि गैंडा भाई तू तो बुरा फंस गया तो उसकी पतलून सरक गयी शुद्ध फर्जीवाड़े के दम पर इसने अपनी गुंडा सोच का पूरी बेहूदगी और
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बेशर्मी से लाइव टेलीकास्ट किया था अब जब गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी तो उसने एक लंबा चौड़ा माफीनामा जारी किया और माफी नामा क्या है के होने का सबूत इसमें लिखा है कि यह टीवी चैनल पर नहीं चला था डिजिटल पर चला था हमारे विडिओ एडिटर ने गलती से तुर्की में एक बिल्डिंग का विडिओ कांग्रेस पार्टी का ऑफिस बताकर काट दिया था ये टेक्निकल भूल थी
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तकनीकी गलती मतलब रिपब्लिक टीवी का गैंडा बताना चाहता है कि मुझे तो 20 25,000 रुपल्ली की पगार पर कटने वाले लौंडे बताते हैं कि पतलून उतारकर नाचो और मैं टीवी चैनल पर नाचने लगता हूँ ये उल्लू कह रहा है की ये टेक्निकल भूल है चलो विडिओ तो वीडियो एडिटर ने गलती से काट दिया और गैंडे तू जो उछल उछल कर सोनिया राहुल की मिट्टी किये हुए था, वो किसने किया किसके कहने पर किया
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और अगर इसके पीछे तेरा माइंड नहीं था तो बता रिपब्लिक का गैंडा स्वामी बुरी तरह से फँस गया और इस बार ये लकड़बग्घा लंबा चलते चलते आपको कोलकाता से छपने वाले टेलीग्राफ में छपी एक लीड दिखाते है इससे समझ में आ जाएगा किस लकड़बग्घे की सोच क्या है उन दिनों रिया चक्रवर्ती के शिकार पर निकले हुए थे
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टेलीविजन चैनलों के आदमखोर गीत 8 अक्टूबर 2020 को टेलीग्राफ ने अपनी लीड में एक लकड़बग्घे की तस्वीर लगाकर लिखा था कि अगर इस फोटो को देखकर आपको किसी यंग कर की याद आ रही है तो इसमें लकड़बग्घे का दोष नहीं है उसका इशारा स्वामी की तरफ था क्योंकि उन दिनों चैनल पर मांगकर रिपब्लिक का गैंडा खूंखार हो चुका था यहाँ एक बात और गौर करने वाली है इसी टेलीग्राफ अखबार से गोस्वामी ने अपने पत्रकारीय जीवन की शुरुआत की थी इससे शर्मनाक बात और क्या हो सकती है कि जिंस अखबार में आपने कभी अपना नाम बी लाइन में देखा हो वहीं अखबार 1 दिन आपको पत्रकारिता का लकड़बग्घा बताने लगे
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अंत में मुकेश कुमार की टिप्पणी वो लिखते हैं इस चैनल और इसके संपादक अर्नब गोस्वामी का माफीनामा स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए इस पर 500,00,00,000 का आपराधिक अवमानना का केस दर्ज किया जाना चाहिए ये सीरियल ऑफेंडर है इससे बख्शना ना केवल मीडिया के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए घातक होगा ज़रा सोचकर देखिए मुकेश कुमार ने क्या गलत कह दिया या क्या गलत लिख दिया समाज के अमन चैन और संविधान को निगल जाने पर आमादा एक लकड़बग्घे की जगह होनी चाहिए स्टुडियो या जेल में
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