ईरान पर हाथ डालने में अमेरिका की फट रही है उनका कलेजा काँप रहा है

ईरान पर हाथ डालने में अमेरिका की फट रही है उनका कलेजा काँप रहा है
ईरान पर हाथ डालने में अमेरिका की फट रही है उनका कलेजा काँप रहा है
इस समय की जो खबर है वह यह है कि ईरान पर सीधे हाथ डालने में डोनाल्ड ट्रम्प का कलेजा कांप रहा है उनका धैर्य हर पल में जवाब दे रहा है वो बेसब्र होते जा रहे हैं वो अभी तक बंकर बम के भरोसे बैठे हुए थे कि ट्रंप चाय पीते हुए ईरान के सबसे बड़े परमाणु संयंत्र फोड़ो पर बंकर बम गिराने का आदेश देंगे
और 10 मिनट बाद मूंगफली फोड़ते हुए ऐलान कर देंगे कि ईरान पर हमारा कब्जा हो चुका है कह देंगे कि अमेरिका की सेना सालसा डांस करते हुए तेहरान में दाखिल हो चुकी है खामनेई सत्ता का खत्म हो चुका है वगैरह वगैरह
लेकिन कनाडा से लौटने के बाद जब ट्रंप हिसाब लगाने बैठे तो हकीकत का चेहरा देखकर उनका चेहरा लटक गया सच यह है कि पेंटागन ने इस बात की गारंटी देने से इनकार कर दिया है कि हम इस ऑपरेशन में कामयाब हो ही जाएंगे और अगर कामयाब नहीं हुए तो इसका मतलब होगा अमेरिका ईरान में एक बहुत लंबे युद्ध में फँस जाएगा जो ट्रंप हरगिज नहीं चाहते
इसका नतीजा है कि ट्रंप ईरान के खिलाफ़ हमले के लिए फैसला ही नहीं ले पा रहे हैं दरअसल अमेरिका ईरान के खिलाफ़ पूरी लड़ाई नहीं लड़ना चाहता वो सिर्फ फोटो यूरेनियम संवर्धन केंद्र यानी रिफाइनरी को नष्ट करना चाहता है और इसके लिए वो बंकर बस्टर बम प्रयोग करने की तैयारी में है लेकिन अमेरिकी अधिकारी खुद ही आश्वस्त नहीं हैं
तय नहीं है की ये काम करेगा ही करेगा और अगर ये बम उसके F35 की तरह ही निकला तो अमेरिका का एक लंबी लड़ाई में उलझना तय है आपको याद होगा 16 जून को डोनाल्ड ट्रम्प आनन फानन में जी सेवन की मीटिंग छोड़कर वॉशिंगटन के लिए निकल गए थे और कहा था कि वो बहुत बड़ा काम करने जा रहे हैं
ईरान खत्म करने से भी ज्यादा बड़ा वो काम यही था लेकिन ये पोल खुल गई है कि ट्रंप जो काम करने के लिए कनाडा से रातोंरात भागे थे वो काम करने में उनकी जान अटक रही है अमेरिकी अधिकारियों की मानें तो ट्रम्प पहले यह सुनिश्चित करना चाहते हैं की पर इस तरह हमले की वास्तव में जरूरत है भी या नहीं
दरअसल, ट्रम्प की कोशिश है कि वह मिडल ईस्ट में किसी भी तरह लंबे चलने वाले युद्ध में ना फंसें उनकी कोशिश है कि अगर अमेरिका इस जंग में उतरे तो ईरान के परमाणु केंद्रों का जल्द से जल्द काम तमाम करें ताकि इजराइल और अमेरिका का जो साझा उद्देश्य है ईरान को परमाणु ताकत बनने से रोकना वो हासिल हो जाये
बस खासतौर से उनका निशाना ईरान का फोटो यूरेनियम रिफाइनरी सेंटर है ये तेहरान के दक्षिण में एक पहाड़ी पर बना बहुत ही विशाल संयंत्र है अब मुसीबत ये है कि इसराइल में फोटो यूरेनियम संवर्धन केंद्र को नष्ट करना चाहता है मगर उसके पास बंकर बस्टर बम नहीं है ना ही उन्हें ले जाने के लिए बी टू बमवर्षक विमान वो खाली पीली ईरान के पीछे पड़ गया था
ये वाला काम तो अमेरिका कर ही देगा हम देखिये बंकर बस्टर बम अमेरिका के पास है तो सही लेकिन ट्रम्प आश्वस्त नहीं हैं इतनी नाम नहीं है उनको की ये बम पूरी तरह काम कर पाएंगे की एक रिपोर्ट में इसका कारण बताया गया है इसमें बताया गया है कि बैठक में अमेरिकी अधिकारियों ने ट्रंप को ऐसी बात बताई है जिससे ट्रंप खुद फैसला नहीं ले पा रहे है
हालांकि ट्रंप से जब पूछा गया कि क्या वो फोटो को नष्ट करना जरूरी समझते हैं तो उन्होंने कहा कि सिर्फ अमेरिका के पास ही ऐसी क्षमता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम ऐसा करने जा रहे हैं अभी तक इस बारे में कोई फैसला नहीं लिया गया
सच ये है की ट्रम्प की हालत एक कदम आगे और दो कदम पीछे वाली हो गयी है वो तय नहीं कर पा रहे हैं कि करना क्या है अब सुनिए अंदर की बात दरअसल, ट्रंप के फैसला न ले पाने की वजह कुछ और है एक अमेरिकी अधिकारी ने ऐक्सिस से बातचीत में बताया कि बंद कमरे में व्हाइट हाउस में बैठक के दौरान ट्रम्प ने अधिकारियों से साफ पूछा कि क्या आप इस बात की गारंटी ले सकते हैं कि बंकर बस्टर बम फोड़ो को नष्ट कर ही देगा
इस पर पेंटागन ने भरोसा दिलाया कि हाँ यह मुमकिन है लेकिन साथ में उसने खच्चर में फंसा दिया ट्रम्प का चेहरा यह सुनकर सूखकर छुआरे की तरह हो गया की अभी तक बंकर बस्टर बम को किसी भी युद्ध में इस्तेमाल नहीं किया गया
इसको बनाने के दौरान तो इसके ढेर सारे टेस्ट हुए थे, लेकिन ईरान जैसे ताकतवर देश में या तरीके से काम करेगा इस पर पक्के तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता
यही ट्रम्प का दिल बैठ गया क्योंकि अगर ये बम फोड़ो जैसे प्लांट को भेद पाने में मुर्गा छाप निकला तो अमेरिका को ये लड़ाई कितनी लंबी लड़नी पड़ेगी कोई नहीं जानता
जुड़े एक अधिकारी के हवाले से इसकी रिपोर्ट कहती है कि अमेरिका लड़ाई लड़ना ही नहीं चाहता है वो बस बंकर बस्टर बम गिराकर जीत का ऐलान कर देना चाहता है अगर बम अपना
काम अचूक तरीके से करता है तभी अमेरिका वहाँ जाकर सर्जिकल स्ट्राइक करेगा क्योंकि फोडो के ध्वस्त होने का मतलब होगा इरानी सेना की हार अब इस चक्कर में इजराइल बुरी तरह फंस गया है क्योंकि उसे ऐसा बिल्कुल नहीं लगा था कि ट्रंप इसे लेकर अटक भी सकते हैं
लिहाजा वह अभी भी मानकर चल रहा है कि अमेरिका हमले के पक्ष में ही फैसला लेगा हालांकि ट्रम्प को दुविधा में देखकर इजराइल अकेले भी फोडो को नुकसान पहुंचाने को लेकर तैयारी में जुट गया है
नेतन्याहू और वॉशिंगटन में इज़राइल के राजदूत ये चीजें लीटर ने पिछले दिनों संकेत दिया था कि इजराइल के पास हवाई हमलों के अलावा भी दूसरे विकल्प इसमें से एक विकल्प है फोडो संयंत्र के अंदर इसराइली कमांडोज़ को उतारना इसमें कमांडो परमाणु केंद्र में जाकर विस्फोटक लगा सकते हैं और फिर उसे उड़ा सकते हैं
ऐसा वह सीरिया में एक अंडरग्राउंड मिसाइल फैक्टरी को ध्वस्त करने के लिए कर चुका है लेकिन ईरान सीरिया नहीं है ये काम बहुत ही जोखिम भरा है दूसरे ये कामयाब हो ही जाएगा ये भी नहीं कहा जा सकता
लिहाजा वो अपनी तैयारी तो बढ़ा रहा है लेकिन साथ ही इस इंतज़ार में भी बैठा है की ये वाला काम अमेरिका कर दें तब तक इसराइल को युद्ध को रोज़ खींचना होगा और हर रोज़ वो थोड़ा और तबाह, थोड़ा और कमजोर होता जा रहा है
दूसरी तरफ ईरान की आक्रामकता बढ़ती जा रही है वो अपने आप को इजराइल के साथ एक जंग के लिए तैयार कर चुका है और हालत ये हो गई है कि उसकी तैयारियों की वजह से अमेरिका को कई देशों में अपने जहाज़ी बेड़े पीछे हटाने पड़े और ये अमेरिका के लिए शर्मनाक स्थिति है
और याद कीजिए एक बातचीत के दौरान ट्रंप ने कहा था कि अभी ईरान के लिए कूटनीतिक समाधान के दरवाजे बंद नहीं हुए हैं ये बात ट्रम्प ने बहुत मजबूरी मैं बोली थी एक अमेरिकी अधिकारी के मुताबिक राष्ट्रपति ने अभी तक ईरान पर हमले का मन नहीं बनाया है,
लेकिन हर पल में वो अपना धैर्य खो रहे हैं क्योंकि ईरान ने अपने दिल से अमेरिका की दहशत निकाल फेंकी संयुक्त राष्ट्र में ईरान ने ऐलान कर दिया है कि तेहरान किसी भी तरह के दबाव में बातचीत स्वीकार नहीं करेगा
अमेरिकी धौंस के लिए ये चुल्लू भर पानी में डूब मरने वाली बात हो गई
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