नमस्कार 🙏 हमारे न्यूज पोर्टल - मे आपका स्वागत हैं ,यहाँ आपको हमेशा ताजा खबरों से रूबरू कराया जाएगा , खबर ओर विज्ञापन के लिए संपर्क करे Contactgrexnews@gmail.com ,हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, साथ मे हमारे फेसबुक को लाइक जरूर करें , ताबूत मत खोलना अहमदाबाद प्लेन क्रैश पीड़ितों को ऐसा सन्देश दिया गया है » Grex News Hindi
16/06/2025

Grex News Hindi

Latest Online Breaking News Hindi

ताबूत मत खोलना अहमदाबाद प्लेन क्रैश पीड़ितों को ऐसा सन्देश दिया गया है

ताबूत मत खोलना अहमदाबाद प्लेन क्रैश पीड़ितों को ऐसा सन्देश दिया गया है

ताबूत मत खोलना अहमदाबाद प्लेन क्रैश पीड़ितों को ऐसा सन्देश दिया गया है

एयर इंडिया प्लेन क्रैश में मारे गए लोगों के शव यही कहकर उनके परिजनों को सौंपे जा रहे है इसे मत खोलना

एयर इंडिया के विमान में सवार होकर जो लोग लंदन जा रहे थे, अब उनका पार्थिव शरीर इन ताबूतों में बंद होकर श्मशान और कब्रिस्तान के लिए रवाना हो रहा है कोई दफन होगा, किसी की चिंता जलेगी जिन्हें यूके जाना था, वो अपनी अंतिम यात्रा पर निकल चूके हैं इन ताबूतों में कैद होकर सुपुर्दे खाक होने जा रहे

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक ताबूतों को नहीं खोलने को कहा गया है क्योंकि भयानक विस्फोट और आग के बवंडर में हुई मौतों के बाद जिंस अवस्था में ये बॉडीज़ मिली है उसे परिवार वाले देख नहीं पाएंगे या देखकर होने वाली पीड़ा को सह नहीं पाएंगे

अब तक लगभग 50 मारे गए लोगों के परिजनों को सौंपे जा चूके हैं ये सिलसिला तब तक चलेगा जब तक सभी शवों की पहचान न हो जाए अब तक लगभग 100 बॉडीज़ का मिलान हो चुका है और ये लगातार काम जारी है

न्यूस 18 की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य सरकार की तरफ से सौंपते वक्त डेथ सर्टिफिकेट, पुलिस जांच रिपोर्ट, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, डीएनए मिलान की पुष्टि के साथ रिपोर्ट और 100 से मिली ज्वेलरी या जो भी कुछ सामान उनके हाथ में या जो भी थे वो परिजनों को दिए जा रहे हैं

आमतौर पर किसी की मौत के बाद परिवार के लोग अंतिम दर्शन के लिए जुड़ते हैं, पाठ करते हैं, श्रद्धांजलि देते हैं, फूल माला अर्पित करते लेकिन एयर इंडिया क्रैश में मारे गए लोगों के माँ, बाप, भाई, बहन, बेटे, बेटी, नाती, पोते, रिश्तेदार अपने परिजनों को आखिरी विदाई भी ठीक से नहीं दे पाएंगे

अहमदाबाद और वडोदरा के ताबूत सप्लायर से थोक भाव में ताबूत मंगाए गए उनमें बॉडी पैक करके परिवार वालों को दी जा रही हर ताबूत पर एक नाम लिखा है लंदन जाने वाले उस यात्री का नाम, जिसकी वो यात्रा अधूरी रह गई ताबूत में बंद बॉडीज़ को लेकर परिजन अपने अपने हिसाब से अंतिम संस्कार की तैयारी के लिए रवाना हो रहे है

प्लेन हादसे में मारे गए गुजरात के पूर्व सीएम विजय रूपाणी के शौक केमिकल पहचान आज चार्टर्ड प्लेन से उनके पार्थिव शरीर को राजकोट ले जाया गया पूरे राजकीय सम्मान के साथ गृह मंत्री अमित शाह और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल समेत बीजेपी के तमाम नेताओं की मौजूदगी में उनका अंतिम संस्कार अब इसी तरह की तस्वीरें अलग अलग हिस्सों से आ रही

जो लोग मारे गए उनके परिजन 48 घंटे 72 घंटे बल्कि अब उससे ज़्यादा के इंतजार के बाद डीएनए सैंपलिंग के मिलान के बाद क्रॉस वेरिफिकेशन के बाद पार्थिव शरीर हासिल करने के बाद अंतिम संस्कार कर रहे हैं

एक साथ इतने लोगों की मौतों के बाद ताबूत बनाने वालों का काम बढ़ गया है वड़ोदरा के एक चर्च में चर्च के हॉल में नेलविन राजवाड़ी अपने पूरे परिवार के 7 दिन रात ताबूत बनाने में जुटे हैं 60 साल के राजवाड़ी तीन दशकों से ताबूत बनाते हैं, लेकिन इतने कम समय में इतने ताबूत बनाने का ऑर्डर इससे पहले उन्हें कभी मिला

इन्हें करीब 125 ताबूत बनाकर देना है एमर्जेंसी की स्थिति में नेलविन उनके बेटे आरन इस और बहू भी नाराज वाणी के साथ हाथ बताने के लिए ईसाई समुदाय के कुछ और लोग आ गए हैं ये सब मिलकर परसों से वड़ोदरा के फतेहगंज इलाके में स्थित एक चर्च में चर्च के परिसर में ताबूत बनाना जारी रखे दो बार कुछ ताबूत भेज चूके हैं, बाकी बनाने और भेजने की तैयारी चल रही है

उन्होंने कहा – शुक्रवार की रात को जब अहमदाबाद से एयर इंडिया के अधिकारी ने फ़ोन कर के 100 ताबूत तैयार करने को कहा तो हम इतने बड़े ऑर्डर के लिए तैयार नहीं थे फिर 2 घंटे के भीतर समुदाय के लोग लोगों से हमने प्लाइवुड, सफेद कपड़ा और ताबूत बनाने के लिए जरूरी अन्य सामान का इंतजाम किया और पिछले 24 घंटे से हम बिना रुके काम कर रहे हैं

नेलविन के मुताबिक 15 लोग इस काम में पिछले दो दिनों से शामिल हैं शुक्रवार रात को चर्च परिसर में और कपड़े पहुँचाए गए और काम शुरू निलविन की बहु बिना ने कहा कि जब मैंने हादसे के बारे में सुना तो मुझे लगा कि पापा को ताबूत के लिए कॉल आ सकता है क्योंकि हादसा इतना बड़ा है और अगले ही दिन हमें ऑर्डर मिला

नेलविन बता रहे हैं कि आम तौर पर ये ताबूत हम 6000 में देते हैं, लेकिन चुकी इतना बड़ा हादसा है गम का दुःख का ऐसा माहौल है। इसलिए हम 3000 में ये ताबूत तैयार कर रहे हैं ऐसे ही अहमदाबाद के हरि नगर सोसाइटी में रहने वाले नीलेश बघेल दिन रात ताबूत बनाने में जुटे हैं

इसे भी पढ़ें

  1. नेतन्याहू ईरान सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह खामनेई को मारना चाहते है

  2. मोदी जी के 11 साल जनता के ढेरों सवाल

  3. दो दिन में इजराइल का बुरा हाल मोदी चले गए विदेश

  4. भोपाल में बना 90 डिग्री वाला पुल यहाँ हादसा हुआ तो मौत तय

  5. ईरान इजरायल जंग में भारत किसके साथ है

 

Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें 

Advertising Space


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे.

Donate Now

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *