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15/06/2025

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ईरान इजरायल जंग में भारत किसके साथ है

ईरान इजरायल जंग में भारत किसके साथ है

ईरान इजरायल जंग में भारत किसके साथ है

हिंदुस्तान में गर्मी बहुत ज्यादा पड़ रही है तो हमारे नरेंद्र मोदी जी चले गए हैं साईप्रस वहाँ से एकाध देशों में होते हुए कनाडा जाएंगे जहाँ से उनको न्योता फाइनली मिल गया जी G7 में शामिल होने का हालांकि कहा ये गया कि कनाडा ने ये शर्त रखी है की वहाँ पर जो नज़र की हत्या हुई थी, जो सिख अलगाववादी की हत्या हुई थी, उसकी जांच में सहयोग देंगे

अब क्या है क्या नहीं मैं नहीं जानता हूँ, लेकिन मोदीजी विदेश निकल गए हैं और साईप्रस गए हैं 28,00,000 की आबादी वाले साईप्रस से वो क्या हासिल करेंगे क्यों गए हैं मैं नहीं जानता हाँ, इस समय वहाँ मौसम बहुत अच्छा रहता है तो अच्छी बात है इस गर्मी से कम से कम मुक्ति मिल जाएगी

गर्मी की छुट्टियों में बड़े लोग बाहर जाते ही अक्सर ये दावा होता है की उनका डंका बज रहा है मोदी जी का डंका बज रहा है फिर पाकिस्तान उनके 723 दिन तक हमारी आप कह सकते हैं झड़प चली उसमें जब दुनिया का कोई मुल्क खड़ा नहीं हुआ

उसके बाद 57 लोगों को भेज दिया गया कीजिये 32 35 37 जीतने भी देश हैं, उनमें घूमिये और समर्थन लाइए उसके बावजूद हमारे पास समर्थन नहीं आया तो ये एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब मोदी मीडिया नहीं देता की कोई हमारे साथ खड़ा क्यों नहीं होता

समझने की कोशिश करते हैं इस समय दुनिया में दो सबसे बड़ी घटनाएं चल रही है पहला रशिया और यूक्रेन का वार और दूसरी बड़ी घटना चल रही है अभी दो 3 दिन पहले शुरू हुई है इसराइल और ईरान की लड़ाई उसके पहले इजराइल लगातार के अंदर कर रहा था हालत ये हो गयी थी कि इंग्लैंड और फ्रांस जैसे मुल्क जो हमेशा इसराइल के साथ खड़े रहते हैं, आज भी है उन्होंने भी जेनोसाइड पर बयान दिया

कहा कि यह गलत हो रहा है वहाँ पर फ़ूड जाना चाहिए, इमदाद पहुंचनी चाहिए वगैरह वगैरह वगैरह लेकिन क्या आपने कभी भी नरेंद्र मोदी का कोई बयान सुना नहीं सुना

इन तीन महत्वपूर्ण घटनाओं पर कहीं कोई बयान नहीं मिलेगा पापा ने वार रुकवा दी वाला ऐड बहुत चला था आप जानते हैं जिसका सीधे सीधे विदेश मंत्रालय ने ही खंडन किया था की भाई हमने कोई युद्ध वगैरह नहीं रुकवाया था आप रुकवा भी नहीं सकते थे

आपकी हैसियत नहीं है सॉरी लेकिन आप नहीं रुकवा सकते थे आप किसी के साथ नहीं है आप यूक्रेन पहुंचे, फिर आप रशिया भी पहुँच गए और विडिओ आया आपको अच्छी तरह से याद है कि विडिओ आया जिसमें हमारे जो डोभाल साहब आँधी कुर्सी पर बैठे हुए कुछ बता रहे थे, रिपोर्टिंग कर रहे थे

पुतिन को वो सब तो पुरानी घटना हो गयी अभी देख लीजिये आप यूनाइटेड नेशन्स में एक प्रस्ताव आया और देखिये वो सिक्युरिटी काउंसिल में पहले ही अमेरिका ने जो कर दिया था जनरल असेंबली में यूएनजीए में प्रस्ताव का कोई खास मतलब नहीं होता है

क्योंकि वो लागू करना बाध्यता नहीं होती है लेकिन प्रस्ताव आया आपको स्टैंड लेना था कि गज़ा में टोटल सीजफायर और वहाँ पे लोगों के खाने पीने की व्यवस्था के पक्ष में हैं आप या विपक्ष में है बहुत सीधी सी बात थी या तो पक्ष में चले जाओ या विपक्ष में चले जाओ

या तो बाएं जाओ या दाएँ जाओ बीच में खड़े होने से तो कुछ होता नहीं है आप अगर किसी के साथ खड़े नहीं होते है तो कौन आपके साथ खड़ा होगा लेकिन देखिए ऑस्ट्रेलिया जैसा मुल्क ब्रिटेन जैसा मुल्क, फ्रांस जैसा मुल्क जो इजराइल को हर तरह से मदद कर रहे हैं, वो भी गज़ा में सीजफायर के पक्ष में खड़े हो गए

आप कोई पक्ष नहीं ले पा रहे है ना सीजफायर के साथ खड़े हो पा रहे है, ना खिलाफ़ खड़े हो पा रहे हैं क्यों क्या डर है अमेरिका डाट देगा क्या डर है आपका की हाइफा में जो हमारे अडानी जी का इन्वेस्टमेंट है लम्बा चौड़ा हाइफा पोर्ट जो इजराइल का है उस पर नुकसान हो जाएगा

ये डर है कि अमेरिका में जो अडानी जी का केस चल रहा है वो और मजबूत हो जाएगा आखिर क्या डर है की हम सिंपल से सीज़फायर प्रस्ताव से भी ऐप्स्टेन कर जाते हैं और दुनिया हमारा मजाक उड़ाती है उसके बाद आप देखिए एक संगठन है एसईओ, एसईओ जो बना था उसमें चाइना भी है, उसमें रशिया भी है और भी कई सारी कन्ट्रीज है और इसको का मेंबर है हिंदुस्तान सीओ ने एक प्रस्ताव पास किया इजराइल ने जो हमला किया है ईरान के ऊपर उसकी मजम्मत करते हुए हिंदुस्तान का बकायदा बयान आया

की हम उसमें शामिल नहीं है अरे आप कहाँ शामिल है भाई कही तो शामिल हो यह कोई तो जगह हो जहाँ खड़े हो ये तीन में हो ये 13 में हुई यह यह क्या होगा कि बीच में खड़े हो जाएंगे पड़ोसियों के बीच में झगड़ा होगा तो आप कह देंगे हाँ दोनों से हमारी फ़ोन पे बात हो गयी है और कमरा बंद करके सो जाएंगे कल को आपका

झगड़ा होगा तो कौन सा पड़ोसी आपके साथ खड़ा होगा भाई जब आप किसी के साथ खड़े ही नहीं हो पा रहे है आप साईप्रस घूमने जा रहे है,

बस घूमना है, हाथ दिखाना है बड़ी बड़ी खबरें यहाँ गोदी मीडिया पर चलवा देना है डंका बज रहा है फलाना ढिमका जहाँ इम्पोर्टेन्ट चीज़ है वहाँ से आप गायब है

जय शंकर जी का बयान आया पहला बयान आया हमारी से फ़ोन पे बात हो गयी है दूसरा बयान आया, हमारी ईरान से फ़ोन पर बात हो गयी अरे भाई क्या बात हुई है कहाँ खड़े हो, किसके साथ हो कुछ तो कहो आप कहीं नहीं

किसी के साथ आप खड़े ही नहीं हो पाते हो आपको गहरी चिंता है, आपने निगाह बनाई हुई है, पूछ कोई रहा नहीं है इजरायल के राष्ट्रपति ने फ़ोन का जो कहा कि जिन लोगों से हमने फ़ोन पे बात किया उसने भारत के प्रधानमंत्री का भी नाम था

चलिए इजराइल के राष्ट्रपति ने आप से बात की फ़ोन पे आपका क्या स्टैंड था कोई स्टैंड नहीं भारत का एक परंपरागत स्टैंड रहा है और वो स्टैंड फलस्तीन के साथ रहा है गाँधीजी हो जवाहर लाल नेहरू और यहाँ तक की अटल बिहारी वाजपेयी का एक भाषण है जो बार बार ट्विटर पर आता है, वायरल होता है जिसमें वो कहते हैं कि फलस्तीन जो है वो अरबों की जमीन है यानी सीधी सी बात है की वो भी फलस्तीन के साथ खड़े होते हैं

ये हमारा एक ट्रेडिशनल स्टैंड रहा है जिसकी वजह से अरब वार्ड में हमेशा हमारी बहुत इज्जत रही है और इसी के वजह से पाकिस्तान के साथ भी हमारा विवाद जब भी पहले हुआ है तो अरब वर्ड या तो न्यूट्रल हो गया है या हमारे साथ खड़ा हुआ है

लेकिन अब आपने क्या किया आप जाके इजराइल के साथ खड़े हो गए आप कहे नहीं कहे लेकिन ऐब्स टन होने का मतलब ये था कि इसराइल गज़ा के अंदर जो इन ह्यूमन ऐक्टिविटीज़ कर रहा है, जो जेनोसाइड कर रहा है, जो बच्चों को मार रहा है, आप उसके साथ खड़े हो गए

नतीजा अरब मुल्क आप से दूर इरान आपका ट्रेडिशनल दोस्त रहा है जब से आजादी मिली है उसके पहले से ईरान आपका ट्रेडिशनल दोस्त रहा है ईरान ने हमेशा हर मुश्किल में सहायता की है और ईरान से हमारी बहुत अच्छी दोस्ती रही पाकिस्तान एक मुस्लिम नेशन है लेकिन अभी जब हमारी झड़प हुई तीन 4 दिन की ईरान पाकिस्तान के साथ नहीं खड़ा हुआ

और आज जब ईरान के ऊपर इजराइल ने अटैक किया, इसमें तो कोई दो राय नहीं है ना कि पहला अटैक इजराइल ने किया और क्या कहा कि ईरान परमाणु बम बना रहा है जब परमाणु बम बना लेगा तो हमारे ऊपर हमला करेगा इसलिए हम पहले ही हमला कर दे रहा है

ये तो वही मिसाल हो गई कि कोई कहे की तुम जो खाना बना रहे हो, उसमें नमक ज्यादा डाल रहे हो नमक ज्यादा डालने से हमारा बीपी बढ़ जाएगा साल भर 2 साल बाद जो बीपी बढ़ना है, उससे अच्छा हम पहले ही तुम्हारा हाथ वो तोड़ देता कि तुम खाना ही नहीं बना पाउ

और जब पलट के ईरान ने हमला कर दिया तो अब इजराइल की हालत ये है की कभी अमेरिका की बात कर रहा है, कभी अमेरिका से कह रहा है आप हमारे साथ खड़े हो जाए। कभी कुछ कह रहा है अपडेट कर ही रहा हूँ तो अगर एसईओ ने इस अनुप्रयोग हमले का विरोध किया था, मजम्मत की थी तो भारत उसके साथ क्यों नहीं खड़ा हो

सकता था लेकिन नहीं, आपको किसी के साथ खड़ा ही नहीं हूँ ना आपको इजराइल से ही सारी दोस्ती निभानी है, शायद वहाँ से मिलता है, इसलिए या फिर शायद इसलिए कि अडानी जी को हाइफा पोर्ट पे जो है अच्छा खासा काम मिला हुआ है 60% से ज्यादा की सुनते हैं वहाँ पर भागीदारी है डाली जी की तो अडानी जी का कहीं नुकसान ना हो जाए इसलिए आप इसराइल के खिलाफ़ नहीं बोलेंगे और इजराइल के पक्ष में बोलने की हिम्मत नहीं होती है

ये भी नहीं हुआ की आप तांता नके खड़े हो जाएं कि ईरान इजराइल मसले पर हम इजराइल के साथ खड़े हैं एक पांव इधर एक पांव उधर तो वो पुरानी कहावत है उसको दोहराने की जरूरत नहीं है की जो दो नाव पे चढ़ता है उसका क्या होता है आप जानते इससे बेहतर स्टैंड तो स्टॉल इनका है जो एक प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं लेकिन उन्होंने सीधे सीधे खड़ा होकर ईरान पर जो इजराइल का हमला था उसकी मजम्मत की इससे बेहतर स्टैंड तो स्टॉल इनका है जो एक प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। लेकिन उन्होंने सीधे सीधे खड़ा होकर ईरान पर जो इजराइल का हमला था उसकी मजम्मत की

कांग्रेस की तरफ से प्रियंका गाँधी का झूला लेकर वो लोग सभा में भी गयी थी और उन्होंने भी मजम्मत की कायदे से मजम्मत की लेकिन भारत सरकार का कोई स्टैंड ही दिखाई नहीं देता है और मजेदार बात बताऊँ कि आरएसएस और भाजपा से जुड़े हुए जो कुछ शरीफ और पढ़े लिखे लोग हैं, उनमें से एक है प्रोफेसर राकेश सिन्हा। राकेश सिन्हा ने एक ट्वीट किया जिसमें लिखा दादागिरी से दुनिया नहीं चल

सकती गाँधी, टॉलस्टाय, टैगोर जैसों की रिक्तता महसूस होना स्वाभाविक है दादागिरी कौन कर रहा है इजराइल कर रहा है दादागिरी अमेरिका दादागिरी कर रहा है अब खुलकर कहने की हिम्मत तो है नहीं लेकिन इतना उन्होंने लिखा जिससे समझ में आता है कि आरएसएस और बीजेपी के अंदर भी जो सोचने समझने वाले गंभीर लोग हैं

उनको भी पता है कि इजराइल और अमेरिका गलत कर रहे हैं और उनके साथ खड़े होकर भारत का नुकसान होना तय है लेकिन मोदीजी उनकी नहीं, शायद ट्रैवल्स की ज्यादा सुन रहे हैं दरअसल हमारे देश की पूरी जो एक विदेश नीती की परंपरा रही है उसको पलट दिया गया है अभी बीच में एक न्यूज़ आई थी

विलियम्स थैंक्स बड़े राइटर हैं, इतिहासकार हैं उनका एक बयान आया था जिसमें उन्होंने कहा था, एक इंटरव्यू में उन्होंने ये बात कही थी कि हिंदुस्तान को किसी भी दिन कोशिश कर सकता है अमेरिका कमजोर करने के जीस दिन उसको लगेगा हिंदुस्तान मजबूत हो रहा है

अमेरिका उसको भी कमजोर करेगा तो ग्लोबल साउथ के देशों के साथ खड़े होने की जगह पर चाइना, रशिया वगैरह से अच्छे रिश्ते बनाकर खुद को मजबूत करने की जगह आप अमेरिका के सामने इतना क्यों झुके हुए हैं कि इजराइल की उन हरकतों की भी मुखालिफत नहीं कर पाते जिनकी मुखालिफत में ब्रिटेन, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा जैसे मुल्क खड़े हो जाते हैं

और अगर ऐसे ही विदेश नीती चलती रहे गी हुजूर तो डंका बजना छोड़ दीजिए जो अभी तक इमेज बनाई गई थी उसका सत्यानाश होना भी तय है

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