भागकर शादी करने वाले सावधान शादी के बदल गए नियम

भागकर शादी करने वाले सावधान शादी के बदल गए नियम
भागकर शादी करने वाले सावधान शादी के बदल गए नियम
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ये खबर उन लोगों के लिए है जो हाल फिलहाल में शादी करने वाले हैं या भागकर शादी करने वाले हैं तो शादी का रजिस्ट्रेशन तो अनिवार्य हो गया है वो तो कराना ही है और वो होता भी आया है लेकिन उत्तर प्रदेश में शादी के रजिस्ट्रेशन के लिए कुछ नए नियम बना दिए गए
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और यह नए नियम लागू भी कर दिए गए हैं और इन नए नियमों की कुछ ऐसी बाते हैं जिनको लेकर के हम आपसे बातचीत करना चाहते हैं और आपको पूरी खबर बताना चाहते ओर खासकर उन लोगों के लिए एक चुनौती हो जाएगी अपनी शादी को रजिस्टर कराना जो अपनी माँ बाप की मर्जी के खिलाफ़ जाकर के शादी करते है और ये हमारे समाज में बहुत आम है
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परिवार पिता नहीं मानते तो माँ नहीं मानती दलित हैं तो शादी नहीं करेंगे, मुस्लमान है तो शादी नहीं करेंगे या ऊँची जाति का है या नीचि जाति का है शादी नहीं करेंगे
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लड़का लड़की अपने घर वालों के खिलाफ़ जाकर के शादी कर लेते हैं और अब तक रजिस्ट्रेशन जब मैरिज का करवाना होता था तो दो गवाह लगते थे रजिस्ट्रार रजिस्ट्रेशन कर देता था बात खत्म हो जाती थी, लेकिन अब नियम कानून बदल दिए गए हैं अब इसका एक पक्ष ये भी है कि बहुत फ्रॉड भी हो रहे थे शादियां फर्जी तरीके से हो रही थी लड़कियों के साथ शोषण भी हो रहा था
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वो भी इसका एक पक्ष है लेकिन इसका एक दूसरा पक्ष भी है जिससे हम आपको रूबरू कराना चाहते हैं लेकिन सबसे पहले हम आपको बताते हैं कि नए नियम है क्या अब आप परिवार की सहमति के बिना अगर गुपचुप तरीके से शादी करते है तो उसका रजिस्ट्रेशन बिल्कुल भी आसान नहीं होगा ये नए नियम कानून इलाहाबाद हाइकोर्ट के आदेश के बाद किए गए हैं और इलाहाबाद हाइकोर्ट ने कहा था कि यूपी सरकार नियम बनाएं क्योंकि बहुत सारे फर्जी मामले सामने आ रहे थे
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अब अंतरिम दिशा निर्देश जारी किए गए हैं पहले जहाँ पर आप शादी करते थे वहीं आप अपनी शादी का रजिस्ट्रेशन करा देते थे मान लीजिए आपके माँ बाप नहीं मान रहे हैं आप कानपुर के रहने वाले हैं, आप भाग करके नोएडा, नोएडा में शादी कर ली आपने नोएडा में रजिस्ट्रेशन हो जाता था, अब नहीं होगा रजिस्ट्रेशन वहीं होगा जहाँ आपके माँ बाप रहते हैं यानी जहाँ वर वधू के माँ बाप का घर है
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अब रजिस्ट्रेशन वही होगा सरकार के अनुसार इस नए अमेंडमेंट में फर्जीवाड़ों को रोकने के लिए कानून बनाया गया है अब बिना प्रमाण और गवाही के विवाह का कानूनी दर्जा नहीं मिल सकेगा और शुक्रवार से ही ये लागू भी कर दिया गया है शनिवार से यह प्रभाव में भी आ गया है आपको बताए कि पहले क्या था कि आप शादी करते थे और आप जा करके सिर्फ जो शादी का कार्ड है दे देते थे, दो गवाह होते थे और रजिस्ट्रेशन हो जाता था अब ऐसा नहीं होगा
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अब आपको विवाह को कराने वाले पंडित, पुरोहित, मौलाना या मौलवी की गवाही भी लानी होगी एक शपथ पत्र भी पंडित, पुरोहित, मौलाना, पादरी का ला करके आपको जमा करना होगा पंजीकरण के समय और जब रजिस्ट्रेशन होगा तो पंडित को वहाँ पर मौजूद रहना होगा
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गवाही देने के लिए रेजिस्ट्रार के सामने की उसने शादी कराई है पंडित को अपना नाम पता आधार कार्ड की कॉपी मोबाइल नंबर और अपनी फोटो भी देनी होगी यानी की पंडित और मौलवी पर भी नकेल कसने की है, क्योंकि वो अगर फर्जी शादी करा रहे हैं तो उन्हें भी कानून के सामने आकर के सब कुछ डिस्क्लोस करना होगा
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तुमने शादी कैसे कराई परिवार वाले नहीं मान रहे थे तो आप पंडित पुरोहित करा देते हैं मंदिरों में शादी अब नहीं अब आ करके पंडित पुरोहित को भी सामने गवाही देनी होगी और अपने सारे डिटेल्स देनी होगी अब हर विवाह पंजीकरण कार्यालय में एक बुकलेट रखी जाएगी और जिसमें हर महीने कितने विवाह है, उसका रिकॉर्ड तैयार कराया जाएगा
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ओर इस रिकॉर्ड में बकायदा दस्तखत होंगे रजिस्ट्रार के और सरकार का कहना है कि यह प्रक्रिया जो रजिस्ट्रेशन है शादी का उसको बहुत ट्रांसपेरेंट बना रही है परिवार की सहमति सुनिश्चित होगी इसमें और जब रजिस्ट्रेशन हो रहा होगा तो परिवार के ब्लड रिलेटिव के मौजूद रहने की भी अनिवार्यता है माँ बाप होने चाहिए अगर माँ बाप नहीं हैं तो सगे भाई बहन होने चाहिए सगे भाई बहन नहीं है तो नाना, नानी, दादा, दादी होने चाहिए तो इमीडिएट फैमिली मेम्बर जो ब्लड रिलेटिव हैं उनकी मौजूदगी अनिवार्य है
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ये भी है। सरकार का कहना है कि जबरन विवाह हो रहा है, बाल विवाह हो रहा है अन्य सामाजिक तरीकों से कुछ चीजें हो रही है उसको रोकने के लिए इस तरीके के नियम कानून में बदलाव किया जाएगा अब सबसे बड़ा दिलचस्प है कि आपको वहाँ जब जाएंगे रजिस्ट्रेशन कराने के लिए तो आपको अपनी डिटेल्स तो देनी होगी, साथ में अपने पेरेंट्स की डिटेल भी देनी होगी उनका पता देना होगा, उनका आधार कार्ड देना होगा, पंडित की सारी
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डिटेल्स देनी होगी पंडित का आधार कार्ड पंडित को वहाँ मौजूद होना पड़ेगा अब अगर पंजीकरण के समय रजिस्ट्रेशन हो रहा है शादी का उस समय अगर परिवार के सदस्य उपस्थित हैं ओर जो ऑफिसर वहाँ पर पंजीकरण कर रहे हैं, रजिस्ट्रेशन कर रहा है, वो संतुष्ट है तो वो वहाँ पर मौजूद अगर मान लीजिए कुछ एकाध चीजें नहीं दिए कागज़ तो वो थोड़ा देख सकता है अपने हिसाब से लेकिन माँ बाप का या ब्लड रिलेटिव का मौजूद होना बिलकुल बिलकुल अनिवार्य है
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इसमें किसी भी तरीके की कोई छूट नहीं दी जाएगी ओर पंजीकरण अधिकारी को जो रजिस्ट्रेशन कर रहा है, ऑफिसर उससे शादी के पंजीकरण प्रमाणपत्र पर ये दर्ज करना होगा कि पंजीकरण कोर्ट के निर्देश के पालन करते हुए किया गया है हर कार्यालय में जैसे हमने बताया कि एक बुकलेट होगी, जिसमें सारा विवरण दिया जाएगा लेकिन बड़ा दिलचस्प है कि पंडित का मौजूद होना अगर पंडित मौजूद नहीं है, पुरोहित मौजूद नहीं है, जिसने शादी करवाई है तो फिर रजिस्ट्रेशन नहीं होगा अटक जाएगा
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तो अब पैसे बिना पैसे भी पंडितों की ओर मौलवियों की और पादरियों की तो पूछ होती है, लेकिन अब जो है ज्यादा पूछ होने लग जाएगी अब आपको शादी का वीडियो भी रजिस्ट्रेशन के दौरान पेन ड्राइव में जमा करना होगा सिर्फ फोटोग्राफ से नहीं चलेगा की शादी की फोटो है जब माला डालते हुए आपको वीडियो जो है एक पेन ड्राइव में डालकर आपको वो भी जमा करना होगा तब जाकर शादी का रजिस्ट्रेशन होगा
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अपने पंडित, पुजारी, मौलवी को साथ लेना होगा और बहुत सबूत देने होंगे और ये बहुत पक्के सबूत देने होंगे कि आपकी शादी वैलिड है अब चुनौती क्या है चुनौती है कि हमारे समाज में जात पात हमारे समाज में धर्म के आधार पर बहुत भेदभाव है इसमें कोई शक तो है ही नहीं यह एक सच्चाई है अब बहुत आम है
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माँ बाप तैयार नहीं होते हैं तो बच्चे भाग करके शादी कर लेते हैं उनके दोस्त गवाह बन जाते है, शादी का कार्ड होता है रजिस्ट्रेशन हो जाती है अरे बहुत आम है और ऐसी शादियां होती है और सफल होती है हजारों शादियां होती होंगी, लेकिन अब ऐसे लोगों के लिए जो जात, धर्म बिरादरी काले गोरे पसंद ना पसंद की वजह से लड़का लड़की शादी करना चाहते हैं उनकी शादी का रजिस्ट्रेशन उत्तर प्रदेश में तो कम से कम नहीं होगा और उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं और बाहर जा करके रजिस्ट्रेशन कराना होगा, उसकी अपनी लीगल चुनौतियां हो जाएंगी
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अब एक पूरे चरणबद्ध तरीके से रजिस्ट्रेशन होता है कई चरणों में ये रजिस्ट्रेशन हो रहा है और यह पूरी प्रक्रिया हिंदू विवाह अधिनियम 1955 या विशेष विवाह अधिनियम 1954 के तहत की जाती है ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से शादी का रजिस्ट्रेशन किया जाता है अब शादी का रजिस्ट्रेशन ऑफलाइन ऑनलाइन नहीं होगा
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ऑफ लाइन होगा और बकायदे जाकर के तमाम सुबूत आपको रजिस्ट्रेशन करने वाले अधिकारी को देने होंगे और इसमें जमा करने होंगे तो अब यह साफ हो गया है कि उत्तर प्रदेश में माँ बाप की या परिवार के खिलाफ़ जाकर के शादी करने वालों का मैरिज रजिस्ट्रेशन नहीं होगा
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समझिए, बिल्कुल नामुमकिन सा हो जाएगा फ़र्ज़ीवाड़ा होता है शादियों में बाल विवाह होता है, बहला फुसलाकर के शादी कर ली जाती है शोषण होता है, सच्चाई है इसमें कोई शक नहीं है कि ऐसा नहीं होता है और कोर्ट ने इसी लिए शायद ये गाइडलाइन बनाने की के आदेश भी दिए लेकिन जो लोग जिनके माँ बाप तैयार नहीं होते है की लड़का दलित है, मैं ब्राह्मण हूँ, मैं ठाकुर हूँ, लड़की दलित हैं, मैं ब्राह्मण में ठाकुर हूँ, मैं प्रकाश हूँ, ये ओबीसी हैं, ये हिंदू है, ये मुसलमान है हम शादी के लिए तैयार नहीं होंगे
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अपनी जाति के लड़का देख के लाओ, अपनी बिरादरी का लड़का देख के आओ, अपने धर्म का लड़का देख के आओ ये तो बहुत आम है तो फिर अब ऐसे लोग क्या करें जब मोहब्बत हो जाए उन्हें जब एक दूसरे को पसंद करते हो और आपको पता ही है कि ये उत्तर प्रदेश में नियम कानून है
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वहीं दूसरी तरफ उत्तराखंड में भी आपको याद होगा यूसीसी जब लागू हुआ तो जो कपल्स लिव इन रहना चाहते हैं, साथ में उनके लिए कितने कड़े नियम कानून हैं कि उनको अपने परिवार से जाकर के अनुशी लानी होगी अधिकारी जाके अनुसी लानी होगी एक पूरी एक बड़ी लंबी लिस्ट बना के दे दी गई तो चुनौतियां बहुत हैं
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अब अंतरिम आदेश है अब देखना होगा कि इस आदेश के खिलाफ़ क्या कोर्ट जाता है नहीं जाता है फिलहाल अंतरिम आदेश है लेकिन डीटेल गाइडलाइंस बनेंगे फिर वो कैबिनेट से पास होंगे और औपचारिक तौर पर लागू होंगे लेकिन चूँकि इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश था तो ये अंतिम तौर पर ये सारी चीजें लागू हो गई है तो घर से भाग कर के शादी करने वालों के लिए अब शादी का रजिस्ट्रेशन नामुमकिन ही समझ में आता है
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