चिराग पासवान के ऐलान से नितीश कुमार और मोदी सदमे में

चिराग पासवान के ऐलान से नितीश कुमार और मोदी सदमे में
चिराग पासवान के ऐलान से नितीश कुमार और मोदी सदमे में
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बिहार वो राज्य है जो अपनी सियासत के लिए पूरे देश में अहम भूमिका निभाता है यानी बिहार में अगले तीन चार महीने के भीतर होने वाला चुनाव केवल बिहार ही नहीं देश की राजनीति पर गहरा असर डालेगा और फिलहाल बिहार में दोनों खेमों की तरफ से भाषण बाजी जारी है
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लेकिन बिहार की सियासत में अभी बहुत कुछ पर्दा उठना बाकी है उसके पहले ही एनडीए खेमे की तरफ से हलचल हो गई है और वो हलचल तेज की है एनडीए खेमे के दो नेताओं ने जो घटक दल तो एनडीए के शामिल तो एनडीए में लेकिन दोनों अपने ताकत दिखाने के लिए एक नइ शाहाबाद रेंज यानी आरा में बड़ी रैली करके अपनी ताकत दिखाकर ये ऐलान कर दिया कि वो अकेले 243 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे
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देश तीर्थों ली सीटों पर चुनाव लड़ूंगा और दूसरी तरफ दूसरे सहयोगी दल ने एनडीए की तरफ अपनी बड़ी रैली करके मुजफ्फरपुर से ये संकेत किया कि कमजोर तो वो भी नहीं है पहले का नाम है चिराग पासवान, जो केंद्र में फूड प्रोसेसिंग मंत्री भी हैं
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बावजूद इसके चिराग पासवान बिहार और बिहारी फर्स्ट का नारा लगाते हुए अब बिहार की तरफ की ट्रेन पकड़ चूके हैं बिहार में रैली करके चिराग पासवान ने अपनी ताकत दिखाई, अपनी हिम्मत दिखाई और उन्होंने एक ऐसा बयान दे दिया जिसके बाद से पूरे बिहार में सियासी गलियारों की सुगबुगाहट तेज हो गई
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चिराग पासवान ने बिहार की रैली में कहा – बिहार को फर्स्ट और बिहारियों को बनाने के लिए चुनाव लड़ूंगा और सबसे बड़ी बात मैं बिहार से चुनाव नहीं लड़ूंगा, मैं बिहार के लिए चुनाव लड़ूंगा शायद आपने सुना हो
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चिराग पासवान को अब चिराग पासवान के मानने वाले कह रहे है की वो जो कह रहे हैं 243 सीटों पर लड़ना वो लड़ भी सकते हैं 2020 का चुनाव आपको याद है 2020 के चुनाव में मनमाफिक तालमेल न बन पाने के कारण एनडीए में शामिल होने की बजाय एनडीए से बाहर होकर के चिराग पासवान ने लगभग 140 सीटों पर चुनाव लड़ लिया उनमें से सारी सीटें थीं जिसपर जेडीयू चुनाव लड़ रही थी और आपको पता है कि जेडीयू 100 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ रही थी बीजेपी लगभग 100 के आसपास सीटों पर चुनाव लड़ रही थी
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लेकिन चिराग पासवान ने अलग लड़कर के नीतीश कुमार को तीसरे नंबर की पार्टी बना दिया आधे से कम सीटें रह गई और उसके बाद अब जब भी उन्होंने ये ऐलान कर दिया है की वो 243 सीटों पर लड़ेंगे तो उसका मामला क्या होगा चिराग पासवान के मानने वाले लोग ये कहते है की लगभग 40 सीटें वो मांग रहे हैं
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अगर एनडीए की तरफ से 40 सीटें नहीं मिली और कहीं चिराग पासवान पुराने फॉर्म में आ गए और जिसके वो हनुमान होने का दावा करते हैं उन्होंने भी एक बैग डोर से इशारा ये कर दिया कि नीतीश कुमार कितने भी बुजुर्ग हो गए, कितने भी हरकतें कर ले रहे हैं, लेकिन अभी भी चेहरे इतने बड़े है कि बिना उन्हें छोड़कर बीजेपी अलग से चुनाव भी नहीं लड़ पा रही तो बीजेपी की तरफ से चेहरा कौन होगा ये भले तय नहीं हो सकता है
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विजय सिन्हा वाली बात सही हो जाये की अटल बिहारी वाजपेयी का सपना सही करने के लिए बीजेपी अपना मुख्यमंत्री बना देख तो चुनाव के बाद नीतीश कुमार का क्या होगा ये सारी चीजे तो भी भविष्य के गर्त में लेकिन यहाँ खेल खेल दिया है चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा ने अभी भी एक सुगबुगाहट तेज है की अगर 40 सीटें चिराग पासवान को चाहिए तो कम से कम 30 सीटों पर दावेदारी तो चन्द्र कुशवाहा कर रहे हैं और उपेंद्र कुशवाहा ने भी अपनी बड़ी रैली करके इस बात का इशारा कर दिया है कि चिराग पासवान से कमजोर स्थिति उनकी भी नहीं है
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और दोनों की रैलियो में तारीफ तो अपने गठबंधन की की गयी फिर ताकत अलग से दिखाने का वो भी लगभग एक ही समय अभी ऐसी कोई रैली की तरफ से तो ही नहीं यानी सीट मांगने के लिए अगर कोई इतनी बड़ी रैली कर सकता है तो मनमाफिक सीट नहीं मिलने के बाद क्या वो 150 सीटों पर अकेले चुनाव नहीं लड़ सकता और अगर वो 140 पर पिछली बार लड़ सकता है तो इस बार 243 पर क्यों ना लग जाए
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और अगर वो 243 पर लड़े तो चिराग पासवान यार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट इस नारे से किसका नुकसान कर देंगे हालांकि एनडीए खेमे की तरफ से ये बयान दिया जा रहा है की वो जब 200 तिरालीस बोल रहे है तो वो पूरे एनडीए कुनबे के लिए बोल रहे है
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फिर उनको नीतीश कुमार का नाम लेने में क्यों हैरानी थी उन्होंने एक बार भी मंच से नीतीश कुमार जी की तारीफ की क्या उन्होंने तारीफ करते हुए उनकी हालांकि तारीफ करने में एक दो बार उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार की तारीफ कर दी नीतीश कुमार की शिक्षक भर्ती मामले में और उसके साथ साथ शराबबंदी मामले में उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी रैली में नीतीश कुमार की
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तारीफ की मगर चिराग पासवान ने अपनी रैली में 243 सीटें लड़ने के समय चिराग सबसे आगे होगा, वो एनडीए का चिराग होगा यह जब बयान देते हुए चिराग पासवान सुनाई दे रहे थे तो सबको ये बात समझ में आ रही थी कि एनडीए खेमे में अंदर सबकुछ ठीक नहीं है
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नीतीश कुमार का नेतृत्व अभी बीजेपी को भी स्वीकार है या नहीं ये अभी भविष्य के गर्त में बीजेपी की तरफ से एक नेता ने आज तक यह नहीं कहा है कि वो नीतीश कुमार के चेहरे पर चुनाव लड़ने जा रहे हैं लेकिन गठबंधन में नीतीश कुमार के रहेंगे
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हालांकि दीगर बात ये है कि पटना के गलियारों में इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि नीतीश कुमार का अपनी पार्टी पर कोई अब नियंत्रण अच्छा ही नहीं है चाहे संजय झा हो, चाहे ललन सिंह चाहे विजय चौधरी हो, चाहे अशोक चौधरी हो, इन सारे लोगों का तालमेल बाकी दलों के साथ साथ बीजेपी के साथ सबसे ज्यादा होंगे
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आपको अगर याद ना हो तो बताएं की चिराग पासवान खुद सांसदी का चुनाव लड़के जब केंद्र में मंत्री बन चूके हैं तब वो बिहार में इतना ज्यादा हस्तक्षेप क्यों करना चाह रहे हैं और ये वही चिराग पासवान हैं जिनकी पार्टी के टिकट पर जनता दल यूनाइटेड के तीन चार बड़े नामों में से एक नाम अशोक चौधरी अपनी बेटी को चुनाव लड़वाते और शांभवी चौधरी चुनाव लड़ करके बहुत कम उम्र में सांसद बन जाती
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अब आपको पता है नेतावों है जेडीयू के और बड़े नेता हैं, दूसरे तीसरे नंबर पर मेरा नाम आता है और उनकी बेटी लोकसभा का चुनाव किसकी पार्टी से लगती है चिराग पासवान की और चिराग पासवान अपनी पार्टी से उनको टिकट देते अब जब चिराग पासवान रैली करते हैं तो चिराग पासवान चाहते क्या हैं चिराग पासवान की पहली रणनीति यह होगी कि उनको गठबंधन में ज्यादा सीटें मिलें ज़्यादा सीटें मिलें ताकि वो अपने पिता वाले फॉर्मूले पर चल करके हमारे हमारी सरकार नहीं बनी तो हमारे बिना सरकार नहीं बनेगी और फिर एक बड़ी भूमिका निभाने की कोशिश करें
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लेकिन अगर उनको उनके मनमाफिक सीटें नहीं मिलती हैं तो ये रैली करके वो इशारा करना चाह रहे है की किसी का खेल बिगाड़ने और किसी का खेल बनाने के लिए चिराग पासवान कहीं 243 सीटों पर ना लड़ जाए इसी बात को जब पूछा गया मुकेश सहनी से जो महागठबंधन खेमे के एक बड़े सहयोगी हैं तो उन्होंने कहा कि देखिए गठबंधन में इस तरह की बातें कहाँ होती गठबंधन तो अपनी शर्तों के मुताबिक सीट शेयरिंग के लिए दबाव डालने में कई बात कहता है
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