क्या सच में मोदी जी के खून में गरमा गरम सिन्दूर दौड़ रहा है ,या हमें बेवाकूफ बना रहे है

क्या सच में मोदी जी के खून में गरमा गरम सिन्दूर दौड़ रहा है या हमें बेवाकूफ बना रहे है
क्या सच में मोदी जी के खून में गरमा गरम सिन्दूर दौड़ रहा है ,या हमें बेवाकूफ बना रहे है
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मोदी जी ने 1 सितम्बर 2014 को पूरी दुनिया से कहा की कॉमर्स उनके खून में बहता है फिर 28 दिन बाद यानी 29 सितंबर 2014 को कहा कि डेमोक्रेसी उनके खून में बहती है फिर कुछ समय के बाद बोले सेक्युलरिज़्म उनके खून में बहता है
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और अब बोल रहे है की उनके खून में गर्म गर्म सिंदूर बह रहा है साला खून नहीं हुआ मोदी की नसों में लहू नहीं गर्म सिंदूर बह रहा है अरे प्रधानमंत्री जी इस प्रकार के भयंकर बयानबाजी मत किया कीजिए कही इस प्रकार के बयान को सुनकर मेडिकल छात्रों के दिमाग में केमिकल लोचा उत्पन्न हो जाए की जिंदगी भर उसने पढ़ाई की रखो में रक्त बहता है और आप मन से खड़े होकर घोषणा कर रहे हो की आपकी रगों में गर्म गर्म सिंदूर बह रहा है आपने तो परिभाषा ही बदल दी
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मैं मानता हूँ कि सामाजिक दृष्टि से आप को सिंदूर का महत्त्व नहीं मालूम, लेकिन वैज्ञानिक दृष्टि से आप को सिंदूर का महत्त्व और उसके प्रभाव मालूम होंगे, क्योंकि मैं मानता हूँ भारत का टॉप मोस्ट वैग्यानिकों में से एक है आप तो उस लेवल के वैज्ञानिक है जो नाले से गैस बना सकते हैं
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मोदी जी ने कहा अपने इंटरव्यू में – अब कोई चाय बनाने की बात आती है तो मेरा ध्यान ज़रा जल्दी जाता है। और वहीं पर रुक एक नाली गंदी नाली जाती थी अब इसके दिमाग में कोई विचार आया उसने उस नाली में पावे की एक गंदी नाली होते हैं, वहाँ गैस भी निकलता है तो कभी दुर्गंध आती थी उसने एक छोटी सी बर्तन को उल्टा करके उसमें छेद करके पाइप डाल दी और जो गटर से गैस निकलता था, वो पाइपलाइन से उसके अपने चाय की ठेली में ले लिया और वह चाय बनाने के लिए उसी गैस का उपयोग करके चाय बनाता था
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सिंपल सी टेक्नोलॉज यानी कैसे उपयोग होता है वैसे चाय वाले का काम ही ज्यादा रहता है उस लेवल के वैज्ञानिक है कि बादलों में फाइटर जेट को रडार से छुपा सकते हैं
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फिर मोदी जी ने इंटरव्यू में कहा – बारिश हो रही है तो एक बेनिफिट है क्या रडार से बच सकते तो आप ये नहीं समझ पाए कि जो सिंदूर है, पारा और गंधक का मिश्रण है वो है खून में आग घुलनशील होता है खून में मिल नहीं सकता और आप कह रहे हो की आपकी रगों में सिंदूर बह रहा है और अगर बह रहा है तो ये बात भी सही है कि अगर किसी के शरीर में जबरन सिंदूर डाल दिया जाए तो उसके इतने हानिकारक प्रभाव होते हैं कि सबसे पहले व्यक्ति अपना मानसिक संतुलन खो देगा
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तो एक बार देश को फिर से क्लियर कीजिए कि सच में आपके रगों में गर्म गर्म सिंदूर बह रहा है और भारत में कई चिलगोजे तो ऐसे भी हैं जो ये मान लेंगे की रगों में सिंदूर बह सकता है और कुछ ऐसी हरकतें कर भी लें हो सकता है प्यार में मोहब्बत में मांग की जगह रंगों में सिंदूर भर ले वो साले मर जाए और ऐसा होगा खबर जरूर आएगी लिख के रख लो आप, क्योंकि यह मूर्खों का देश है
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और अगर कोई मानता है कि रंगों में सिंदूर है तो वह मेरी बात भी मानेगा कि अगर रगों में सिंदूर रहता है तो फिर उस रगों में ऑक्सीजन की जगह नफरत और देशद्रोही विचार ही देते होंगे उनको ये लगता है कि अंगूठा काटेंगे तो खून की जगह सिंदूर निकलेगा कहीं भी मांग भर देंगे और फिर जो मर्जी वो कर सकते हैं जैसे कि मध्यप्रदेश के बीजेपी नेता ने दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस पर उस महिला के साथ वो अश्लील हरकत की जो वीडियो काफी वायरल है आपने देखे होने हम ऐसे आपत्तिजनक और अश्लील वीडियो हम आपको नहीं दिखा सकते
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अब मन में यह प्रश्न आएगा ये बीजेपी का नेता सरेआम इस प्रकार की अश्लील हरकतें कर रहा है इसके अंदर इतनी हिम्मत कहाँ से आती है इसके दो जवाब हैं पहला बहुत ज्यादा पॉवरफुल है, दूसरा इसके पास अनाप शनाप पैसा होगा मैं व्यक्तिगत ये मानता हूँ कि भारत के हर युवा को पॉवरफुल और पैसे वाला होना चाहिए लेकिन ऐसी हरकतों में फंसा हुआ नहीं होना चाहिए
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यदि आप भी पॉवरफुल बनना चाहते है आप भी पैसे वाला बनना चाहते हैं तो मेरी एक बात माने पॉवरफुल वही व्यक्ति बनता है जो टाइम मैनेजमेंट करना जानता हो और पैसे वाला वो बनता है जो साइड इनकम का कोई नया सोर्स ढूंढता हो अगर आपको मेरी बात पर यकीन नहीं है तो कम से कम भारत के प्रधानमंत्री जी की ही बात पर यकीन करलो वो भरे मन से कह रहे है की अब उनकी रगों में गर्म गर्म से दूर बह रहा है 2014 से लेकर 2025 तक शायद पहले उनकी रगों में रक्त बहा करता होगा
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कहते घूम रहे हैं कि अब उनकी रगों में गर्म गर्म सिंदूर बह रहा है मोदी की क्यों नहीं गर्म सिंदूर बह रहा है ये सिंदूर बहने की बात कहाँ से आ गई जवाब है ऑपरेशन सिंदूर से लेकर ऑपरेशन सिंदूर क्यों लाया गया था तो इसका जवाब है जो पहलगाम में निर्दोष लोग मारे गए थे, उनकी हत्या का बदला लेने के लिए सवाल ओप्रशन सिंदूर किसने चलाया आर्मी ने इसकी जानकारी किसने दी आर्मी के अधिकारियों ने सीजफायर की घोषणा किसने की भारत के अधिकारी ने लेकिन फोटो किसका लगाया होर्डिग में मोदी जी का अब मोदीजी राष्ट्रभक्त हैं या भक्त हैं वह आप तय कीजिये
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अब इसमें कुछ भक्त आकर ये काउंटर करने की कोशिश करेंगे मोदी देश के मुखिया हैं, इसीलिए उनका फोटो लगाया गया बिल्कुल नहीं भारत का राष्ट्रपति देश का मुखिया होता है कुछ अंधभक्त ये भी काउंटर करेंगे की सेना के सम्मान के लिए उनका फोटो लगाया गया है तो अगर सेना का सम्मान ही करना था तो आर्मी, एयरफोर्स और नेवी के अधिकारियों का फोटो लगाते उन अधिकारियों का फोटो लगाते जिन्होंने ब्रीफिंग की थी जैसे कर्नल सोफिया जैसे की भूमिका सिंह विक्रम मिस्री मोदी जी की फोटो लगाने की क्या जरूरत है
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वो भी इस रेस में मैं आपको जानकारी के लिए बता दूँ कि रक्षा मंत्रालय में जब एक आरटीआइ लगाई गई थी तो ये पूछा गया था कि क्या भारत का प्रधानमंत्री एयरफोर्स की ऐसी ड्रेस धारण कर सकता है तो जवाब आया था की ऑफिसियल ऐसा कोई प्रावधान नहीं है लेकिन सांस्कृतिक रूप में धारण कर सकता है
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ऑफिशियली कई प्रावधान नहीं है यानी की ये एड्रेस जो पहनी गयी है, अनऑफिशियल है इस प्रकार की ड्रेस को धारण करने का अधिकार भारत के राष्ट्रपति के पास है क्योंकि राष्ट्रपति थल सेना, जल सेना और वायु सेना का प्रमुख होता है ना कि प्रधानमंत्री लेकिन वोटबैंक की राजनीति के लिए इस प्रकार की ड्रेस भी पहनी जा सकती है और वोट बैंक की राजनीति के लिए नसों में सिंदूर भी बहाया जा सकता है
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इस देश में कुछ भी असंभव नहीं है हाँ, एक चीज़ असंभव है, वो है अंध भक्तों की आंखें खोलना इस अमृत काल में अंधभक्तों का एक ऐसा समूह तैयार हो चुका है जो हर बात को काउंटर करने के लिए तैयार हैं वो इस बात को भी काउंटर करेंगे की इस प्रकार की फोटो सही है
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तर्क देंगे कि भारत और पाकिस्तान के बीच में जो युद्ध हुआ वो भारतीय सेना ने जीस प्रकार से पाकिस्तानी को धूल चटाई उसका पूरा श्रेय मोदी जी को जाता है इसीलिए मोदी जी इस प्रकार की होल्डिंग में दिख रहे हैं अगर ये तर्क सही है तो फिर अपने आप से प्रश्न पूछो कि आखिरकार इस होर्डिग में ऑपरेशन सिंदूर क्यों लिखा है क्योंकि ऑपरेशन सिंदूर हुआ फिर प्रश्न पूछो ऑपरेशन सिंदूर क्यों हुआ क्योंकि पहलगाम में मारे गए लोगो का बदला लेने के लिए
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फिर प्रश्न पूछो पहलगाम में निर्दोष क्यों मारे गए क्योंकि पाकिस्तान से कुछ आतंकवादी बॉर्डर पार करके आ गए थे अब प्रश्न यह है कि पाकिस्तान से आतंकवादी बॉर्डर पार करके भारत में कैसे आए क्योंकि बॉर्डर पर चूक हुई थी तो उस बॉर्डर के चूक के लिए क्या सेना जिम्मेदार है या फिर भारत का नेता जिम्मेदार हैं
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अगर वहाँ सेना जिम्मेदार है तो भारत और पाकिस्तान की जीत का श्रेय भी सेना को मिलना चाहिए वो अगर वहाँ चूक पर जिम्मेदार नहीं है तो फिर भारत में जो चूक हुई है उसका श्रेय पूरा मोदी जी को मिलना चाहिए ऐसा नहीं है
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अगर भारत पाकिस्तान की जीत का श्रेय मोदी जीके सिर पर बन रहा है तो जो सुरक्षा में चूक हुई थी, इन्टेलिजेन्स फेल्यूर हुआ था उसका श्रेय भी मोदी जीके सर ही बनना चाहिए और उसकी भी एक बोर्डिंग लगनी चाहिए पहला गांव में हुई चूक और मोदी जी का इसी प्रकार से आर्मी के जवान का फोटो लगाना चाहिए, क्योंकि मोदी ही अब भारत है, मोदी ही सेना है, मोदी ही सबकुछ है
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तो हकीकत में मोदी जी सब कुछ है मोदी जी एक नंबर के भाषण बाज है, वो अभी भारत की जनता को बेवकूफ बना कर बोल देंगे तुम मुझे सिंदूर दो, मैं तुम्हें सीजफायर दूंगा मोदी जी एक नंबर का झूटे है नोट बंदी जब फेल हुई तो भारत की जनता से उन्होंने कहा, मुझे 50 दिन दो अगर इसमें मेरी कोई गलती निकल जाए तो जीस चौराहे पर बुलाओगे उस चौराहे पर आ जाऊंगा
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अभी तक नहीं आए 2,00,00,000 रोजगार नहीं दिए महंगाई से मार अभी भी झेल रहे हैं गरीबी दूर हुई नहीं, किसानों की आय दोगुनी नहीं हुई, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट कर नहीं पाए, डिजिटल इंडिया हो नहीं पाया मेक इन इंडिया नहीं पाया, गंगा की सफाई को नहीं पाई जो भी उन्होंने वादे की है उसमें से कोई भी वादा पूरा नहीं हुआ तो फिर क्या बोला जाये भाषणों में फिर हिंदू, मुस्लिम, सिंदूर और मंगलसूत्र तीसरा मोदी जी महामानव भी है क्योंकि आम आदमी के रंगों में खून
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बहता है जो महामानव होगा, एलियन टाइप का होगा, उसी के रंगों में सिंदूर भर सकता है इसीलिए मोदी को जैविक व्यक्ति नहीं है। उनका सच में जन्म हुआ है अवतार हुआ है, उनके मंदिर बनने चाहिए क्योंकि उनकी रगों में सिंदूर बह रहा है और अंत में यह कहूंगा कि मोदी जी मौका परस्त भी है, वो जहाँ भी जाते है अपना नया रास्ता निकाल लेते है चीन से मेरा प्राचीन रिश्ता है जापान से मेरा पुराना रिश्ता है,
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फलानी जाति से मेरा पुराना रिश्ता है ढिकानी जाति से मेरा पुराना रिश्ता है मौका परस्त है जहाँ जाएंगे वैसे हो जाएंगे
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इस आर्टिकल की माध्यम से बस मैं आपको समझाना चाहता हूँ
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माननीय प्रधानमंत्री जी का कार्यकाल 2014 से लेकर 2025 तक आप ध्यान से देखिये जो हमने वादे किए थे वो अधिक कही से कही तक वो पूरे नहीं कर पाए जब वादे पूरे नहीं हुए तो उनकी छवि खराब होने लगी वो अपनी छवि को कैसे सुधारा है उस छवि को डेंट पेंट कैसे करे, उसके लिए इस प्रकार के हथियारों का प्रयोग किया जा रहा है 2019 में जब उनकी छवि धूमिल होने लगी तो पुलवामा अटैक हो गया तो उनकी छवि एक दम फिर से डेंट पेंट ठीक हो गया
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और आप देखो पांच 5 साल के अंतराल में उनकी छवि जो है इस प्रकार से ठीक की जा रही है क्यों उसके ऊपर एक देशभक्ति का चोला ओढ़ा दिया जाता है और यह देशभक्ति का चूल्हा जो सेनाओं के ऊपर उठाना चाहिए था,
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उन इन्टेलिजेन्स ऑफिसर के ऊपर उन मुखबिरों को ऊपर या उन लोगों के ऊपर जो सेना की कार्रवाई में प्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए थे या इस ऑपरेशन सिंधु में प्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए थे हमको तो हमने गालियां दीं विक्रम मिस्री को ट्रोल किया गया कि उसने सीजफायर क्यों करवाया उसकी लड़की को भी गाली दी गई
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पर ये भूल गए कि उसको आदेश किसने दिया होगा या तो गृहमंत्री ने या रक्षा मंत्री ने, प्रधानमंत्री ने ये राष्ट्रपति ने तो अगर गालियां देनी है तो इन लोगों को उस अधिकारी का इसमें क्या दोष लेकिन जिनके लिए हमें कुछ बोलना चाहिए था, वो देशभक्त का चोला उड़कर बढ़िया, बढ़िया होर्डिग लगा रहे हैं वो जिनका
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हमें सम्मान करना चाहिए था, उनको हम गालियां दे रहे हैं इस रास्ते पर जा चुका है अब आप यह समझने का प्रयास कीजिये कि भारत में जीतने भी राजनेता राजनीतिक पार्टियां रैलियो में होर्डिग में दिख रही है वो केवल अपने स्वार्थ के लिए अपनी छवि को चमकाने के लिए वो छवि चमकाने का सबसे अच्छा तरीका है सबसे पहले देशभक्ति का नारा दे दू
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अगर किसी विशेष समुदाय के हों तो उस समुदाय का नारा दे दो, वो किसी विशेष जाति के हों तो उस विशेष जाति का नारा दे दो मोदी जी जब कहीं भी रैली करने जाते है तो जीस भी क्षेत्र में जाते हैं उसी क्षेत्र की भाषा बोलने लगते हैं वो पहला प्रयास करते हैं कि लोगों के बीच में जाकर बैठ जाए
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उनके जेहन में ये बन जाये की ये व्यक्ति हमारे ही बीच से आया है जो की अच्छी बात है भारत के प्रधानमंत्री में कला होनी भी चाहिए कि वह भारत के सभी लोगों को यह फील करा है की वो इसी के बीच का एक व्यक्ति है लेकिन फील कराएं महसूस कराएं मूर्ख न बनाएं ये मूर्ख बनाने के काम हो रहा है
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मोदी जी राजनीतिक व्यक्ति हैं, राजनीति करेंगे लेकिन प्रधानमंत्री को हमने रैलियां करने के लिए नहीं चुना, प्रधानमंत्री को अपने इस प्रकार के बोर्ड लगवाने के लिए नहीं चुना अगर आप काम करेंगे तो मन में वैसे ही सम्मान होगा अगर आप यहाँ सेना का फोटो लगवा देते उन दो महिला अधिकारियों को फोटो लगवा देते तो दिल में और इज्जत बढ़ जाती
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पर राजनीति, सस्ती पब्लिसिटी, जनता को मूर्ख बनाना, देशभक्ति का चोला बनाकर चुनाव जीत जाना और फिर इसी प्रकार के झूठे प्रोपगेंडा करके देश को आगे बढ़ाने का झूठा सपना दिखाना कहीं ना कहीं भारत को नुकसान दायक होगा हो रहा है तो यार 47 तक लक्ष्य बनाकर बैठे हैं 9% की ग्रोथ रेट चाहिए भारत को 6.5% पर डाले हुए हैं
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2047 तक $30 की बनानी है, कभी नहीं बन पाई हिसाब से चल रहे हैं उसके लिए धरातल पर काम करना होगा तुम देखो भारत के सभी राजनेता न्यूज़ चैनल हुई हिंदू मुसलमान धर्म जाति इस राजनीति पार्टी ने ये कहा उस राजनीतिक पार्टी ने ये कहा ये नेता वहाँ गया ये नेता वहाँ गया पूरा शहर होर्डिंग्स से पटा हुआ है कोई विकास की कोई योजना की बात ही नहीं हो रही है ना कहीं रोजगार की बात हो रही है ना कही गरीबी की बात हो रही है गरीबी मिटानी थी गरीबों को मिटा रहे हैं
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बुलडोजर चलाकर पूरे चौपटिया तोड़ी जा रही है सब कुछ हो रहा है, सिर्फ गरीबों को परेशान किया जा रहा है अमीर और अमीर हो रहा है, गरीब और गरीब हो रहा है, लेकिन भारत माता की जय बोलकर झूठा देशभक्ति का नारा लगाया जा रहा है और हम उसमें साबित हो रहे हैं। तो मेरा उद्देश्य केवल इतना था कि आप समझिये की राजनेता केवल अपनी छवि चमकाने के लिए इस प्रकार के नारेबाजी कर रहे हैं
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ऐसी मौकापरस्त राजनीति को हमें मुंहतोड़ तमाचा मारना है तो ही यह देश आगे जाएगा अगर नतमस्तक हो गए घुटनों पे आ गए तो याद रखना मध्यप्रदेश के एक मंत्री ने कहा था कि सेना मोदी जीके घुटनों में नतमस्तक हैं तो अगर सेना नतमस्तक हो सकती है तो भारत की जनता क्यों नहीं हमें नतमस्तक नहीं होना है हम संप्रभु देश है हमारे खुद के विचार है हमारे खुद के अधिकार है हमने नेताओं को चुना है अपनी सेवा के लिए मालिक बनाने के लिए नहीं और अगर किसी को मालिक बनाना है तो अपने आप को बनाएंगे और अपने आप को मालिक बनाने के लिए तुम्हें समय प्रबंधन करना होगा टाइम इन्वेस्ट करना होगा अपने जीवन में अगर मूलभूत परिवर्तन करना चाहते हो
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