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15/05/2025

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इंडिया के बॉयकॉट से क्यों परेशान हुआ तुर्की

इंडिया के बॉयकॉट से क्यों परेशान हुआ तुर्की

  • तुर्की पर्यटक कमी से परेशान हो रहा है भारत में सबने मिलकर एक साथ बॉयकॉट टर्की अभियान की शुरुआत करें और पैसा गुरु बड़ी चीज़ है पैसा जब डिस्टर्ब होता है तो आदमी को ना जब दिखाई पड़ती है, ना धर्म दिखाई पड़ता है ना प्रदेश दिखाई पड़ता है ना देश दिखाई पड़ इंडिया के लोगों ने जब विरोध करना शुरू किया आवाज़ें बढ़नी हुई तो टर्की की अर्थव्यवस्था डगमग डगमग, डगमग, डगमग होने लगी उसका नतीजा है 2025 में तकरीबन सात से 8,00,000 पर्यटकों को टर्की उम्मीद कर रहा था और ये तकरीबन आठ से 12,000 करोड़ की कमाई तुर्की को देते थे

  • लेकिन जब यह पैसा थोड़ा आगे पीछे हुआ तो बाजारों से उनके इन्डिया के बाजार से सेब गायब हो गए होटल तुर्की खाली पड़े हैं अब वो इंडिया से कह रहे है प्लीज़ वापस आ जाइए लेकिन इंडिया को यह समझना है कि। हम क्यों जाएं जब तुम कहते हो की तुम पाकिस्तान के साथ खड़े हों तो पाकिस्तान को बुलाओ ना हम को क्यों बुला रहे

इंडिया के बॉयकॉट से क्यों परेशान हुआ तुर्की
  • हालांकि टर्की को इंडियन्स ने अहसास करा दिया क्योंकि इस बार जो तुर्की को झटका भारत ने दिया है वो सिर्फ आर्थिक झटका नहीं है बल्कि भारत के आपको सम्मान की जीत है और इसीलिए की परेशान हाउ तुर्की और इस वजह हम आपको डीटेल्स बताते है मई में ट्रिप के हिसाब से पिछले एक हफ्ते में तुर्की और अजरबैजान जाने वाले यात्रियों की कैंसलेशन जो है, वो 250 गुना बढ़ गया बुकिंग चीज़ में 60% की गिरावट आई अजरबैजान के लिए कैलकुलेशन लगातार बढ़ रहा है, तुर्की के लिए बढ़ रहा है हालांकि कुछ बेशर्म अभी भी है जो यहाँ घूमने जा रहा है

  • यह जानते हुए कि हमारे जवानों के सीने में जो गोलियां दागी जा रही है, हमारे देश में जो ड्रोन गिराया जा रहा है, उसमें पैसा टर्की का है वो ड्रोन जो है वह मेड इन तुर्की है

  • टर्की ही खड़ा है पीछे पिछले तीन सालों में 10,00,000 से ज्यादा भारतीय पर्यटक पर की गई 2023 में तकरीबन 2,75,000 जिससे मोटा पैसा तकरीबन 22,000 करोड़ का 2024 में और 3.5 4,00,000 तकरीबन मोटा पैसा फ्री आ गया तुर्की के बाजारों में रौनक थी भारत को वहाँ जाने में मज़ा आ रहा था लेकिन अब जब तुर्की ने अपना स्टैंड क्लियर कर दिया है तो मुझे लगता है कि इंडिया को भी और इंडिया के लोगों को भी ऑपरेशन दोस्त की जगह ऑपरेशन दुश्मन करना चाहिए

  • क्योंकि टर्की जब भूकंप से जूझ रहा था हम उसके साथ खड़े थे लेकिन हमें दोस्ती के बदले अगर आप हिंसा दोगे, हमारे लोगों को मारोगे और मरने के बाद बेशर्मी से कहोगे की हम पाकिस्तान के साथ खड़े हैं तो फिर भारत की भी जिम्मेदारी बनती है, भारतीयों के भी क्यों टर्की ना जाए भारत में बहुत जगह है आप वहाँ जाकर घुमाएं तुर्की का बॉयकॉट और फिर मैं रिपीट कर रहा हूँ

  • हर भारतीय जो टर्की जा रहा है उसे ये एहसास होना चाहिए हम आपके दिमाग में डाल रहे हैं, ये आपको पता होना चाहिए अगर आप जा रहे हैं कि आप पाकिस्तान की सैन्य ताकत को मजबूत कर रहे हैं क्योंकि जो पैसा आप टर्की को देते हैं, वही पैसा पाकिस्तान आता है और आप के पैसे से ही आपके देश के जवानों पर गोलियां चल रही है यह वही जवान है। जिनकी वजह से आप सुकून से सोते अब आपको तय करना है ये क्या इसके बाद भी देश से गद्दारी करके आप जाएंगे

  • क्योंकि भारत की नजर में टर्की और पाकिस्तान में फर्क नहीं होना चाहिए तुर्की ने जो कहा वो बयान दरअसल भारतीयों के लिए थप्पड़ था, क्योंकि हम उनके साथ खड़े थे बुरे वक्त हमारे फौजी गए थे हमने अस्पताल बनाएँ हमने मेडिकल दवाइयां दी हमने सारी सुविधाएं दी और उसके बाद ने कहातुर्की कि हम पाकिस्तान के साथ है

  • हम कश्मीर में पाकिस्तान के साथ खड़े हैं हम पहलगाम के बाद पाकिस्तान के साथ खड़े हैं हम आतंकवादियों को लेकर पाकिस्तान से खड़े हैं हर चीज़ टर्की और पाकिस्तान में इंडिया के लिए कोई फर्क नहीं है दोनों आतंकी संगठनों को बना देते हैं इसके बाद भी हम जाएंगे नहीं नहीं जाना चाहिए

  • डर की कोई जवाब आप उसकी अर्थव्यवस्था को तोड़कर दे सकते हैं टर्की पहले से ही परेशान है अर्थव्यवस्था डगमगाई है अगर भारतीय पर्यटकों ने कंप्लीट बॉयकॉट कर दिया तो उनके होटेल बाजार उड़ाने खाली हो जाएंगे पिछले साल भारत में टर्की, अजरबैजान को बहुत सारा पैसा दिया था, लेकिन इस बार वह परेशान है

  • और इसी वजह से वो गिड़गिड़ाने आए हैं लेकिन उनके गिड़गिड़ाने मैं आपको उनका हिस्सा नहीं बनना है आपको उन्हें एहसास कराना है कि इस बार बात सिर्फ आर्थिक बहिष्कार की नहीं है बात भारत के आत्मसम्मान की है टर्की को धीरे धीरे एहसास हो रहा है कि भारत के साथ पंगा लेना महंगा पड़ रहा है लेकिन भारत को यह अहसास कराना है नहीं बॉयकॉट टर्की सिर्फ एक ट्रेंड नहीं एक आंदोलन, एक ऐसा आंदोलन जहाँ पर हर भारतीय कोई एहसास करना है

  • इस युद्ध का वो हिस्सा बनाएं सिर्फ सेना नहीं अकेले काम करेगी हर नागरिक को इनके खिलाफ़ लड़ना है बीते सालों में जो पैसा हमने खर्च किया है, अब वहाँ नहीं जाना है हमारे जवानों को यह मजबूत करेगा

  • टर्की जैसे देश जो पाकिस्तान की खुलकर वकालत करते हैं, यह उनको उनकी औकात दिलाएँ ये काम हमें चाइना के साथ भी करना है चाइना का भी हमें बॉयकॉट करना है आने वाले समय में चाइना को लेकर और ज्यादा क्लियर स्टैंड लेने चाइना अभी पीछे से आ रहा है हमें हिसाब से चाइना से भी हमें इंडिपेंडेंट होना है

  • लेकिन टर्की को इंडिया का बॉयकॉट तोड़ सकता है, इसलिए अगर हर भारतीय सिपाही बन जाये, जो युद्ध हथियारों से नहीं, जमीर से लड़े तो टर्की और अजरबेजान जैसे देश अपनी औकात में आ जाएंगे बेहतर है भारत अपने पैसे से अपने दुश्मन की ताकत को ना बढ़ाए, टर्की को सबक सिखाया

  • उम्मीद करते हैं इस अभियान का हिस्सा भी बनेंगे कम से कम अपने देश के लिए आप इतना तो कर सकते हैं बाकी हमने आपसे कहा अगर आपको घूमने का शौक है हिंदुस्तान में भी गोवा से लेकर हिमाचल है, कश्मीर है जहाँ मर्जी जाइए, राजस्थान के रजवाड़ों को दिखाइए, केरल की हरियाली को दिखाइए, विदेश घूमना है, आप ग्रीस चले जाइए आप उन देशों मे चले जाइए जो खामोश बैठे हैं बहुत सारे दुनिया के देश ने जो बहुत खूबसूरत है

  • इन देशों को सबक सिखाएं तब तक जब तक इनको एहसास ना हो कि भारत की दोस्ती को हल्के मुक्त भारत दोस्ती के लिए किसी हद तक जा सकता है

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