हिंदूवादी संगठन ने कराची बेकरी में की तोड़फोड़

हिंदूवादी संगठन ने कराची बेकरी में की तोड़फोड़
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पाकिस्तान से सीजफायर हो गया है तो तमाम लोग और खासकर हिंदूवादी संगठन के लोग जो सोशल मीडिया पर अंट शंट लिख रहे थे और जो देख करके जी न्यूज़ के इस्लामाबाद कब्जा, कराची कब्जा इन सब झूठी खबरों को वॉट्सऐप पर फॉर्वर्ड कर रहे थे, हमारी सेना के बयानों को नज़रअन्दाज़ कर रहे थे, फेक न्यूज़ फैला रहे थे अब क्योंकि अब जो देवीराम हो गया है देश की सेनाओं ने तगड़ा करारा जवाब पाकिस्तान को दे दिया है
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तब उनके पास काम बचा नहीं तो जैसे वो पहले जो घटिया हरकतें करते थे। वह घटिया हरकतें उनकी शुरू हो गई आपको बताए कि हैदराबाद जो हमारे देश का आजकल आईटी कैपिटल है, कॉस्मोपॉलिटन सिटी है। देश विदेश से लोग वहा पर आते हैं। वहाँ पर एक बहुत मशहूर बेकरी है,
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जिसका नाम है कराची बेकरी आप जानते होंगे हैदराबाद में जब लोग जाते हैं तो आप कहते हैं वो कराची बेकरी से हमारे लिए ले आना या बिस्किट ले आना बहुत मशहूर अब भाई लोगो को पता नहीं कुछ इतिहास का, ना पता ना वर्तमान का पता न भविष्य का पता अब भाई लोग जो है पहुँच गए कराची बेकरी हाथों में झंडे और डंडे लेकर के कराची बेकरी पहुँच गए और उन्होंने वहाँ पर तोड़फोड़ की
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पुलिस मौजूद रही पुलिस की मौजूदगी में उन्होंने कराची बेकरी का जो बाहर बोर्ड होता है होर्डिंग्स होती है उन सब में डंडे मारे, नारे लगाए और वहाँ पर जो कर्मचारी थे उनके साथ बदसलूकी की अब ये जो हिंदूवादी संगठन के लोग हैं जो पहले आपने देखा कि जब पहलगाम हुआ तो कश्मीरियों को टारगेट किया, मुसलमानों को टारगेट किया, कैंपेन चलाया मुसलमानों के खिलाफ़ फिर हिमांशु नरवाल ने बोला शहीद बिना नरवाल की पत्नी ने की कश्मीरी और मुसलमानों के पीछे ना जाए तो उनको ट्रोल किया

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उनका चरित्र हनन किया, फिर हमारे फॉरेन सेक्रेटरी मिस्री साहब ने युद्धविराम की घोषणा की तो उनको ट्रोल किया उनके बारे में भद्दी गंदी बातें लिखी उनकी बेटी का नंबर सर्कुलेट किया गया उनकी बेटी की तस्वीरें सर्कुलेट की गई ये सारे घटिया काम होते हैं और कराची बेकरी में जा करके भी तोड़फोड़ की आप इनको नहीं पता है। की जो कराची बेकरी हैदराबाद में है
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इनको लगा भाई लोगों को ही मुसलमान चलाता है और मुसलमान चलाता भी है तो क्या प्रॉब्लम है पर हकीकत की बात है कि जो कराची बेकरी हैदराबाद में उसे 1953 में खेम खान चंद्रमानी ने की थी और ये एक सिंधी हिंदू थे जो कराची से आए थे। कराची उनकी मातृभूमि है और वो कराची से आए थे आपको पता है तब लाखों हिंदू विस्थापित हो करके भारत आए तो यह रमानी साहब भी आए तो ज़ाहिर सी बात है कि वो कराची से उन्होंने बिक्री शुरू की
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उसका नाम कराची बेकरी रख दी अब यहाँ पर भारत माता की जय बोल करके इन्होंने बोर्ड तोड़ दिया और हिंदी फैमिली चलाती है इसमें तमाम लोग आते हैं और मतलब आप समझिए कि किस तरीके की घटिया हरकत है पुलिस भी आपको नजर आएगी वहाँ पर खड़ी मूकदर्शक बैठी बनी रही अब कराची बेकरी पर तोड़फोड़ हो गई
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अब ये बताइए वैसे तो ये जो हिंदूवादी संगठन कहते हैं अखंड भारत तो कराची भी तो अखंड भारत का हिस्सा है तो तोड़फोड़ क्यों अच्छा, अब बताइए की कराची बेकरी की तरफ से उन्होंने। अपनी सफाई भी दी इन लोगो के चक्कर में उन्होंने कहा कि हम प्राउडली इंडिया ने वी आर प्राउड ली इंडियन कराची बेकरी इस 100% इंडियन ब्रैंड फाउंड इन हैदराबाद 1953 में हमारा जो नाम है वो हमारे इतिहास से जुड़ा हुआ है
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इसका हमारे नैशनलिटी से कुछ लेना देना नहीं है हूँ उस चीज़ के लिए जो हम हैं एन इंडियन ब्रैंड सर्विंग इंडिया जो मोहब्बत के साथ लोगों को खिला रहे हैं। अब बताइए। किस तरीके का भारत देश किस तरीके का हमारे देश के एक एक तबका जो है जैसे कुछ इतिहास भूगोल का नहीं पता वो इन सब हरकतों में लगे हुए हैं
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अच्छा आप बहुत सारे दर्शक है उनको नहीं पता की बहुत सारे ऐसे जो हिंदू नाम है वो पाकिस्तान में लाहौर की एक बहुत फेमस चौक है जिसे लक्ष्मी चौक कहते हैं। जो लोग पाकिस्तान गए हैं या थोड़ा पढ़ते लिखते हमको पता है। तो लक्ष्मी चौक का नाम है वहाँ। गाँधी पटेल के नाम पर रोड है। तमाम हिंदू नाम पर इलाके है। तो फिर वहाँ भी तोड़फोड़ हो ये हंसने वाला काम नहीं कर रहे हैं वो लोग तो हम पर हंसते हुए क्या ज़ाहिर लोग हैं जहाँ इस देश में एक रहकरके लड़ने की बात हो रही है,
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एक खो करके जीने की बात हो रही है, एक होके मरने की बात हो रही है। वहाँ पर हम लोग इन सब चक्करों में लगे हुए हैं। जी कितना हास्यास्पद है। दुनिया हम पर हंस रही होगी कि हम चाँद पर जाने की बात करते
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न्यू इंडिया की बात करते हैं, अपने सेना के समर्थन की बात करते हैं, प्रधानमंत्री के समर्थन की बात करते हैं और वहाँ पर हम ये सब ऐसी चीजें हरकतें करते हैं जो मीडिया पर सोशल मीडिया पर बदनामी हमारे करते हैं कराची बेकरी की तमाम तस्वीर है और ये लीजेंडरी कराची बेकरी है इसे हैदराबाद के मोजमजाही मार्केट में 1953 में खान चंद्रमानी ने किया था जो कराची से आए थे और बहुत दर्द हुआ होगा उनको जब कराची छोड़कर आए होंगे
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अब तमाम लोग जो है वो इस बात को लेकर के कह रहे है की जो लाहौरी जीरा मिलता है, लाहौरी जीरा का बायकॉट किया जाए मतलब काम कर लो कुछ।बहुत शौक है।तो कसरत करो और अग्नि में भर्ती हो जाओ और देश के लिए जाके सरहद पर लड़ो देश के अंदर देश वालो से लड़ने से अच्छा है क्योंकि आपको पता ही नहीं कि इतिहास क्या है इतिहास से आपको कोई वास्ता नहीं, सिर्फ। पब्लिसिटी पाने के लिए सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए माहौल खराब करने के लिए बताने के लिए।की हम कितने अनपढ़ है
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