राहुल गांधी की नागरिकता पूछने वालों पर हाई कोर्ट का थप्पड़

राहुल गांधी की नागरिकता पूछने वालों पर हाई कोर्ट का थप्पड़
राहुल गांधी की नागरिकता पूछने वालों पर हाई कोर्ट का थप्पड़
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी लगातार कांग्रेस के नेता राहुल गाँधी के नागरिकता पर सवाल उठाते रहते हैं इसकी जांच की मांग करते रहते हैं लेकिन अब स्वामी की ख्वाहिश पूरी भी हो गई थी क्योंकि राहुल गाँधी की ब्रिटिश नागरिकता को लेकर इलाहाबाद हाइकोर्ट में सुनवाई हो रही थी
कोर्ट की तरफ से बीजेपी की केंद्र सरकार से सवाल पूछे गए थे और केंद्रीय गृह मंत्रालय को चार हफ्तों का समय भी दिया गया था राहुल गाँधी की नागरिकता पर कुछ फैसला लेने के लिए लेकिन केंद्र की सरकार मोदी की सरकार राहुल गाँधी की नागरिकता के मामले को लेकर मटोल करते रहे
लापरवाही करती रही और इसका नतीजा ये रहा कि इलाहाबाद हाइकोर्ट की लखनऊ बेंच ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गाँधी के दोहरी नागरिकता को लेकर याचिका को खारिज कर दिया है जिसे बीजेपी और खासकर सुब्रमण्यम स्वामी को तगड़ा झटका लगा है
कोर्ट ने याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर को दूसरा कानूनी रास्ता अपनाने की छूट भी दे दी है लेकिन केंद्र सरकार के समय सीमा ना बता पाने की वजह से ये याचिका को खारिज कर दिया गया है
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने गृह मंत्रालय से इस पर रिपोर्ट मांगी थी मगर सरकार टालमटोल करती रही और कोई ठोस जवाब नहीं दे पाई राहुल गाँधी की ब्रिटिश नागरिकता को लेकर यह फैसला बीजेपी के उन नेताओं के लिए करारा जवाब है जो बरसों से राहुल गाँधी की नागरिकता पर बेबुनियाद सवाल उठाकर सियासी रोटियां सेकने की पूरी कोशिश करते रहे हैं
सुब्रमण्यम स्वामी जो इस मामले को बार बार उछालते रहे हैं उनकी एक और कोशिश नाकाम हो गई है ये वही स्वामी हैं जो कभी बीजेपी के साथ मिलकर राहुल गाँधी को घेरने की कोशिश करते हैं ये नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर भी सवाल उठाते रहते हैं
नरेंद्र मोदी क्या आपसी संबंधों या मन मुटाव की वजह से राहुल की नागरिकता को लेकर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं
कोर्ट का यह फैसला उन लोगों के लिए सबक है जो राहुल गाँधी की नागरिकता पर सवाल उठाकर सियासी फायदा उठाने की कोशिश करते हैं सुब्रमण्यम स्वामी और बीजेपी के कुछ नेता है इस मुददे को बार बार उछालते रहे हैं लेकिन इस बार कोर्ट ने ही उनके इन दावों पर रोक लगा दी है
इस बार भी केंद्र सरकार की लापरवाही ने साबित कर दिया है की ये आरोप महज राजनीति स्टंट हो सकते हैं जीसको अब कोर्ट ने खारिज कर दिया है इस मामले को लेकर कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत भी लिखती हैं कि आज राहुल गाँधी की नागरिकता पर सवाल उठाने वाली याचिका को इलाहाबाद हाइकोर्ट की लखनऊ बेंच ने खारिज कर दिया है
ये उन सब लोगों के मुँह पर करारा तमाचा है, जो मनगढ़ंत और झूठे दावे करते हैं उनके खिलाफ़ षड्यंत्र रचने वालों ने मर्यादा सच को तार तार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी
ये सारी कवायद लोगों का मुख्य मुद्दों से ध्यान भटकाने का हिस्सा है। जब जब मोदी सरकार संकट में आती है, ऐसे ही उल जलूल चीजों को देश में उलझाने की कोशिश करती है। 10 सालों से संघ भाजपाई इस तरह की गिरी हुई हरकत लगातार करते हैं बेबुनियाद आरोप लगाते हैं और हर बार मुँह की खाते हैं
लेकिन बाज नहीं आते। राहुल गाँधी के नागरिकता को लेकर इस तरह लगातार खारिज होती आई है। इसके साथ ही सुप्रिया श्रीनेत अपने इस ट्वीट में आगे लिखती हैं कि कब कब राहुल गाँधी के इस नागरिकता को लेकर याचिकाएं खारिज की गई है
2015 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका खारिज हो गई थी। इसके बाद 2015 में इलाहाबाद हाइकोर्ट में भी याचिका खारिज हो गई थी। 2016 में सदन में सवाल उठा जवाब दिया और मुद्दा खत्म 2019 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका खारिज हुई। 2019 में ही मंत्रालय ने जवाब मांगा, जवाब भी दिया गया, मुद्दा भी खत्म हो गया था। 2024 इलाहाबाद हाइकोर्ट में याचिका दायर और आज खारिज हुई है। जीस तरह से राहुल गाँधी पर लगातार सवाल उठते रहते हैं। 2024 में दिल्ली हाइकोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
बीजेपी सरकार नरेंद्र मोदी और अमित शाह जानते हैं। फिर भी राहुल गाँधी की छवि को खराब करने की कोशिश करना बीजेपी की आदत है इसलिए वो लगातार झूठ बोलते हैं बार बार बोलते हैं और जब पकड़े जाते हैं तो इन बेशर्मों को शर्म भी नहीं आती, पर यह भूल जाते हैं कि जीत हमेशा सच की होती है
आपको बता दें कि ये जो याचिका है वो बीजेपी के समर्थक कर्नाटक के विजरेश शिष्य ने तो ये याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता ने कोर्ट में कहा था कि उनके पास कुछ दस्तावेज और ब्रिटिश सरकार के ई मेल हैं। इनसे पता चलता है कि राहुल गाँधी ब्रिटिश नागरिक हैं इसलिए वो चुनाव लड़ने के योग्य नहीं है और लोकसभा सदस्य नहीं बन सकते
इसके साथ ही उन्होंने राहुल गाँधी के दोहरी नागरिकता रखने को भारतीय न्याय संहिता और पासपोर्ट ऐक्ट के तहत अपराध बताते हुए सीबीआइ से जांच कराने की मांग भी की थी कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार ये नहीं बता पा रही है की अब तक याचिकाकर्ता की शिकायत पर फैसला लेगी और इसके बाद ही कोर्ट के अंदर फिर एक बार राहुल गाँधी की ब्रिटिश नागरिकता को लेकर याचिका डाली गई थी
जिसको कोर्ट ने खारिज कर दिया है। साथ ही कोर्ट ने कहा है कि केंद्र सरकार ये नहीं बता पा रही है की कब तक याचिकाकर्ता की शिकायत पर फैसला लेगी इसलिए याचिका को बनाए रखने का कोई मतलब नहीं है इसलिए उसको खारिज कर दिया जाता है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को दूसरे कानूनी रास्ते तलाशने की अनुमति भी दे दी है
इस मामले को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राहुल के याचिका जो नागरिकता से संबंधित याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने गृह मंत्रालय से रिपोर्ट मांगी थी मगर पहले उसने टालमटोल की और फिर नहीं दे पाई। मामला खारिज करने की भी यही वजह है
दरअसल मोदी सरकार चाहती है कि राहुल के नागरिकता को लेकर संदेह का माहौल बना रहे हैं इसलिए वो साफ साफ नहीं बता रही मामला 2019 से चल रहा है सुब्रमण्यम स्वामी ने यह मामला खड़ा किया था। अगर सरकार की नीयत साफ होती तो वो बता देती की स्टेटस क्या है मगर उसने ऐसा नहीं किया वैसा अब देखना यह होगा कि सुब्रमण्यम स्वामी की तरफ से अब बीजेपी को लेकर किया ट्वीट आने वाले हैं जीस तरह से जो केंद्र सरकार है वो राहुल की नागरिकता पर जवाब नहीं दे पाई है
अपने फैसले नहीं कर पाई है राहुल की जो ब्रिटिश नागरिकता पर लगातार सवाल उठते हैं सुब्रमण्यम सवाल उठाते हैं और ये भी कहते हैं कि नरेंद्र मोदी जानबूझकर राहुल गाँधी की जो ये नागरिकता है इस पर कुछ नहीं बोलते है लेकिन अब तो कोर्ट में भी साफ साफ कह दिया है कि केंद्र सरकार के पास कोई जवाब नहीं है इसी वजह से याचिका को नहीं रखा जा सकता है
इसको खारिज किया जाता है लेकिन अब देखना यह होगा कि सुब्रमण्यम स्वामी ये जो याचिका खारिज हुई है इसको लेकर नरेंद्र मोदी पर अमित शाह पर क्या क्या सवाल उठाते हैं उन्हें कैसे घेरने वाले हैं और क्या आरोप अभी वो लगाने वाले हैं
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