भारत में सबसे ज्यादा कौन सी जाति है 1931 जातीय जनगणना के अनुसार

भारत में सबसे ज्यादा कौन सी जाति है 1931 जातीय जनगणना के अनुसार
भारत में सबसे ज्यादा कौन सी जाति है 1931 जातीय जनगणना के अनुसार
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यादव या ब्रहमन जाटों, जाटों यानी रविदास या चमार किसकी संख्या ज्यादा थी हमारे देश में 1931 सर्वे के अनुसार या जातीय जनगणना के अनुसार
क्या आपको यह बात पता है कि आपके जाति की संख्या कितनी है हमारे देश में आपकी जाति संख्या के आधार पे कितने नंबर पे आती है
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हमारे देश में ये तमाम सवाल सोशल मीडिया पर चल रहे हैं क्योंकि देश में जातीय जनगणना होनी है और आजादी के बाद पहली बार देश में जातियों को गिना जाएगा कि किस जाति के कितने लोग है और हमें लगा कि एक डाटा आपके बीच में लेके आना चाहिए जिससे आपको यह अनुमान लगे कि हमारे देश में किस जाति की संख्या कितनी हो सकती है
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देखिये विपक्ष लंबे समय से यह मांग कर रहा था कि देश में जातीय जनगणना हो, जातियों को गिना जाए ताकि विकास दर में और तेजी आये। विपक्ष का यह मानना है कि जातियों की गिनती हो जाने के बाद जातियों का और अच्छे से विकास किया जा सकता है आरक्षण को घटाया बढ़ाया जा सकता है। जिसकी जितनी संख्या होगी उसकी उतनी भागीदारी सिस्टम में दी जा सकती है
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ऐसे में अब सवाल यह उठ रहा है कि देश भर में सबसे ज्यादा संख्या वाला जाति कौन है देखिये हमारे देश में जातीय जनगणना या जातीय गणना की बात की जाए तो आजादी के बाद से कभी नहीं जातीय जनगणना हुई 2011 में कांग्रेस की सरकार थी। जातीय जनगणना हुई थी
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लेकिन उसका अभी रिपोर्ट पब्लिक के बीच में नहीं आया अब पता नहीं कौन सा ओरिजिन हैं जो कांग्रेस अभी जातीय जनगणना की बात कर रही है जो कांग्रेस अभी ये मान रही है कि जातियों की संख्या पता चलने के बाद जाति में कितने लोग है ये पता चलने के बाद जल्दी जल्दी विकास होगा

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वहीं कांग्रेस 2011 में जब जनगणना करती है उस समय जातियों की संख्या पब्लिक के बीच में नहीं लाती है। खैर, हम इस पे चर्चा नहीं करेंगे। हम आपको लिए चलते हैं। अंतिम बार जब इस देश में जाती है जनगणना हुई थी तब 1931 जनगणना का साल था
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जब हमारे देश में अलग अलग जातियों की संख्या गिनी गई थी। इस वक्त देश में पाकिस्तान भी आता था, बांग्लादेश भी आता था तो भगौलिक स्थिति तो बहुत अलग थी लेकिन आपको एक आंकड़ा समझ में आ जाएगा कि देश में वर्तमान में भी किस जाति की परसेंटेज क्या हो सकती है
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समय के आंकड़े की मानें तो 1931 में टोटल भारत के लोगों की संख्या 27,00,00,000 के आसपास में थी और जो सबसे बड़ी जाती थी संख्या के आधार पे। वो जाती थी ब्राह्मण ब्राह्मणों की संख्या 1,50,00,000 के आसपास में उस वक्त था और उसके बाद दूसरे नंबर की।
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अगर बात की जाए तो जाटों, जाटों यानी जिसे रविदास या चमार का उपजाति माना जाता है या मान के चलिए की वहीं चमार जाती जो दूसरे नंबर पर पूरे देश में आती है, साल 2011 में कांग्रेस ने जातीय जनगणना की थी तब मुस्लमान की सख्या 17. 2 करोड़ थी
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अब बात करे 1931 की उस वक्त उसके बाद नंबर आता है राजपूत का राजपूत की संख्या 64,00,000 के आसपास में थी। अगर ब्राह्मणों की बात करें तो 1,50,00,000 जाटों की बात करें तो 1,23,00,000 के आसपास अगर राजपूत की बात करें तो 81,00,000 उसके बाद नंबर आता था जाति का जो महाराष्ट्र की एक जाती हैं। उस जाति की संख्या 64,34,000 के आस पास में थी।
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उसके बाद आते हैं यादव लोगों की संख्या 56,84,000 उसके बाद जाती आती है। तेली की संख्या की बात की जाए तो 42,58,000 के आस पास में थी। उसके बाद जाती आता है ग्वाले की संख्या 40,00,000 अब यहाँ पे आपको हम रोकेंगे जो ग्वाला जाति की चर्चा हमने की, वो ग्वाला जाति , अब कई जगह पे यादव जाति के नाम से ही जानी जाती है।
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यानी यादव का ही उपजाति वाला है। ऐसे में अगर उस वक्त भी जोड़ा जाए तो ग्वाला और यादव को मिलाकर लगभग में 94,00,000 के आस पास में होते हैं। 94 या 96,00,000 यानी उस वक्त भी जब 1931 में जातियों की गिनती जब हुई थी और यादव और ग्वाला को मिला दिया जाता तो ब्राह्मण के बाद जाटव। बाद तीसरे नंबर पे यादव जाति आती है
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उसके बाद बात करेंगे की कुर्मी की कुम्हार की ये तमाम जातियां आती है। लेकिन आपको स्पष्ट रूप से ये समझ में आ गया होगा की नंबर 1. 2 . 3 पे कौन कौन सी जाति आती थी।
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फिर से दोहरा देते हैं ब्राह्मण सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला जाती उसके बाद जाटों यानी की चमार या रविदास कह लीजिये उसके बाद राजपूत। और अगर यादव और ग्वाला को मिला दिया जाए तो जाटों के बाद यादव अब देखना ये होगा कि जब जनगणना होगी उसमें किस जाति को, किस उपजाति को किसके साथ रखा जाता है
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यादव और ग्वाला को अलग अलग रखा जाता है या एक साथ रखा जाता है। ब्राह्मण में भी एक भूमिहार है जो बिहार में पाई जाती है अब ब्राह्मण और भूमिहार को एक साथ रखा जाएगा या अलग अलग रखा जाएगा ये तमाम सवाल हैं
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जो जातीय जनगणना के बाद आपको पता चलेगा, लेकिन आपको मोटा मोटी एक अनुमान अभी यहाँ से लग गया होगा कि देश में सबसे ज्यादा संख्या वाली जाति कौन कौन हो सकती है
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बाकी अब आपको क्या लगता है आपकी जाति की संख्या कितनी हो सकती है कि वे किस नंबर पे हो सकती है और देश में इस वक्त अब भौगोलिक स्थिती बदल चुकी है पाकिस्तान अलग हो चुका है बांग्लादेश अलग हो चुका है
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अलग अलग जातियों का समीकरण बदल चुका है ऐसे में हमारे देश में अभी किस जाति की संख्या सबसे ज्यादा हो सकती है वो अनुमान लगा के आप कमेंट बॉक्स में लिखिये गा
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