Caste Census पर Modi का यू-टर्न अब BJP के लोग बता रहे हैं फायदा

Caste Census पर Modi का यू-टर्न, अब BJP के लोग बता रहे हैं फायदा
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Caste Census पर Modi का यू-टर्न अब BJP के लोग बता रहे हैं फायदा
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नरेंद्र मोदी हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री थोड़े दिनों पहले की बात है न्यूस 18 पर गए हुए थे जैसे उनके इंटरव्यू होते हैं जिसमें पूछा जाता है आम काट के खाते हैं की चूज के खाते हैं। आपके वॉलेट में आपके पर्स में कितने पैसे रहते है वगैरह वगैरह वैसे ही एक इंटरव्यू में थे
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जाति जनगणना पर सवाल पूछा गया और उन्होंने जाति जनगणना की मांग करने वालों को अर्बन नक्सल कहा था। अर्बन नक्सल आप जानते हैं आज कल जो भी सरकार के खिलाफ़ होता है उसको अर्बन नक्सल कह दिया जाता है तो राहुल गाँधी, तेजस्वी यादव, अखिलेश यादव और ऐसे तमाम सारे लोग जो जाति जनगणना की मांग कर रहे थे प्रधानमंत्री मोदी के लिए अर्बन नक्सल थे
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अब मेरे समझ में नहीं आ रहा है कि जब मोदी जी ने जाति जनगणना की घोषणा कर दी है तो क्या मीडिया वाले उनको अर्बन नक्सल कहेंगे मैंने इतना तेजी से इसलिए कहा क्योंकि मीडिया वाले बेचारे इस समय बहुत शौक में इस समय उनके समझ में नहीं आ रहा है की अपना ही थूका हुआ निगला कैसे जाए इनके समझ में नहीं आ रहा है
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के जिस जातिगत आरक्षण के खिलाफ़ उन्होंने लगातार तमाशा मचाया लगातार प्रोग्राम की एक और आपको चीज़ याद दिला दूँ वैसे पे चलेंगे एक हमारी सांसद हैं माननीय हिमाचल प्रदेश से पहले हिरोइन थी अब सांसद हैं फ़िल्में बनाती है जो दिन भी सिनेमाहॉल में टिकती नहीं है रानी लक्ष्मीबाई बन चुकी है
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जानें क्या क्या बन चुकी है, याद आ गया होगा नाम आपको बताने की जरूरत नहीं है कंगना राणावत जी गंगा राणावत जी एक यूट्यूब चैनल के शो में थी और वहाँ पर जब उनसे पूछा गया जातिगत जनगणना के बारे में तो उन्होंने कहा कि योगी जी ने जो कहा था वो आपको याद है, कटेंगे तो बटेंगे मैं जातिगत जनगणना के खिलाफ़ हूँ
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अब बेचारी कंगना रानावत क्या कहेंगे वैसे तो योगी जी भी क्या कहेंगे ये भी एक सवाल है। योगी जी की बहुत पुरानी बात नहीं है जब उन्होंने रामधारी सिंह दिनकर का कण के ऊपर जो उनका एक खण्डकाव्य है रश्मिरथी वहाँ से एक कविता उन्होंने कोट की थी पाते हैं सम्मान तपोबल से भूतल पर शुर जाति जाति का शोर मचाते केवल कायर क्रूर ये कोर्ट किया था उन्होंने। ये जो योगी आदित्यनाथ हैं
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जिनके शासन में उनकी जाति के लोगों का कितना भला हुआ है, आप अच्छी तरह से जानते हैं। मुझे बताने की जरूरत नहीं है। अखिलेश और बाकी लोग कई बार आंकड़ा दे चूके हैं। वो भूल गए थे कि उस समय जो कांड था उसको शूद्र माना जाता था। शूद्र समझ के उसका अपमान किया जाता था, इसलिए उसने यह बात कही थी। खैर और जिसदिन करके यहाँ से बात कही थी। वो। दिनकर कांग्रेस के ही तरफ से राज्यसभा के मेंबर थे ये सब आप लोग जानते हैं
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बताने की जरूरत नहीं है। लेकिन योगी आदित्यनाथ लगातार विधानसभा के अंदर और बाहर कटेंगे तो बटेंगे। जाति जनगणना के खिलाफ़ तमाम बातें कर रहे थे। क्या गुजर रही होगी उनके दिल पर मैं सोच नहीं पा रहा हूँ ये मोदी जी ने जो किया है ना ये बहुतों का हार्ट अटैक आते आते कल रात को बचा है बहुत सारे लोग बिचारे कल रात भर सो नहीं पाए हैं
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आप सोचिए नितिन गडकरी कहते थे जो करेगा जाद की बात, उसको पड़ेगी लात। उसको कस के मारूंगा लात। मैं समझ नहीं पा रहा हूँ कि जीस समय कैबिनेट की मीटिंग में वो बैठे होंगे और नरेंद्र मोदी जी ने जाति की। आपकी होगी और उन्होंने हाथ उठाकर या सर कहाँ होगा
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उस समय किसके ऊपर लात पड़ी होगी नरेंद्र मोदी को तो छूने की इनकी औकात नहीं है और अपने को कोई कैसे लात मार सकता है, मुझे नहीं पता लेकिन रात को घर जाके उन्होंने सोचा जरूर होगा कि बोल गया बहुत बड़बोलापन कर गया
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अब क्या करूँ हालांकि उसके पहले उनके हैंडल से उन्होंने किया किसी और ने किया मैं नहीं जानता। जाति जनगणना के समर्थन में एक लंबा ट्वीट हो चुका था। सारे भारतीय जनता पार्टी के नेता आज एक मंत्री जी बयान दे रहे थे की जवाहरलाल नेहरू जातिगत आरक्षण के खिलाफ़ थे अरे भाई अगर जवाहरलाल नेहरू जातिगत आरक्षण के खिलाफ़ थे तो ये बताओ कि उसी संविधान ने जो संविधान उनके प्रधानमंत्री रहते हुए बना था अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को आरक्षण कैसे दिया था जो आदमी आरक्षण का कट्टर विरोधी था उसने वो संविधान कैसे बनाया, उस संविधान के बनने की प्रक्रिया में कैसे शामिल हुआ
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में आरक्षण जब शामिल किया गया जो भी पंडित जी प्रधानमंत्री थे तो इस देश में आरक्षण तो पंडित जवाहर लाल नेहरू के समय में आया है ना, तो अब ये सीना पीटने से क्या फायदा कल तक तो राहुल गाँधी को गालियां दे रहे थे
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बीजेपी के अपने हैंडल से कर्नाटक के हैंडल का ये ट्वीट देख लीजिये किस तरह से जातिगत जनगणना का विरोध हुआ है आप भारतीय जनता पार्टी के अपने हैंडल से देख लीजिये। अब मेरे समझ में नहीं आ रहा है की ये लोग जातिगत जनगणना का कास्ट सेंसस का जब गुड़ गाएंगे तो इनके दिल पे क्या गुजरेगी यार चित्रा त्रिपाठी जैसे लोगों का सोचिए कल ट्वीट करती है की इंतज़ार हो रहा था
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पाकिस्तान पर आक्रमण का लेकिन खबर आ गई। जातिगत जनगणना की इतना लिख के बेचारी रह गई क्योंकि इसके आगे लिखती तो नौकरी खतरे में पड़ जाती। चैनल पर थी संगीत रागी थे गुस्सा मोदी जी पर तो निकाल नहीं सकते संगीत रागी पर ही चिढ़ निकाल ली। उससे पूछा कि कल तक तो तुम जाति जनगणना का विरोध कर रहे थे
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आज समर्थन कैसे कर रहे हो रागी तो घर पर हैं ही उसने जो बोला वो बोला गौरव भाटिया किसी जमाने में अभी इसका वीडियो लोग वायरल कर रहे थे। जब ये कह रहा था की मुलायम सिंह यादव जी मेरे पिता के समान है और अखिलेश यादव मेरे भाई के समान है। और अब ये दिन रात अखिलेश यादव को गालियां देता है। उसकी यही ड्यूटी लगाई गई है। वो कल तक दावे कर रहा था की जातिगत जनगणना 1951 से लेकर 2011 तक जितनी भी जनगणना ये हुई है वे एक नीतिगत फैसले के तहत हुई है कि जाति के आधार पर जनगणना नहीं होगी
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तो अब तुम्हारे नरेंद्र मोदी ने तुम्हारे भगवान नरेंद्र मोदी ने ये फैसला ले लिया की वो नीतिगत फैसला बदल जाएगा। हालांकि यह झूठ है। जो लगातार हमारी जनगणना ये हुई है उसमें अनुसूचित जाति और जनजाति की जाती तो पूछी जाती थी बाकी सब की नहीं पूछी जाती थी
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इसीलिए बाकी सब को सामान्य कहा जाता था। लेकिन ओबीसी आरक्षण लागू होने के बाद ये डिमांड उठेगी। ओबीसी की भी। पूछा जाए कि उसमें जो जातियां हैं, उनकी क्या जनसंख्या है बाकी जातियां भी पूछी जाए। और इसकी जरूरत इसलिए है कि जब देश के विकास की योजनाएं बनें तो पता रहे कि कौन सी जातियां आगे निकली है और कौन सी जातियां आगे नहीं निकली। बाकी लोग की मैं क्या बात करूँ? बाकी जो छोटे मोटे हैं, राहुल शिवशंकर न्यूस है तीन का पत्रकार है
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कल मैंने उसके दो ट्वीट लगाए थे एक पुराना ट्वीट था जिसमें वो जाति जनगणना को गालियां दे रहा था और दूसरा ट्वीट था जिसमें वो जाति जनगणना को मास्टर स्ट्रोक बता रहा था। सच में गिरगिट भी इतनी तेजी से रंग नहीं बदलते हैं जितनी तेजी से ये सरकार के नौकर अपना रंग बदल देते हैं। कल कुछ कहेंगे आ सरकार पलट जाएगी तो कुछ कहेंगे जो और छोटे मोटे हैं वो गुस्से में है
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वो बहुत सारी बातें कर रहे हैं जैसे अजीत भारती करके एक है वो कह रहा है राहुल गाँधी ने कहा था भाजपा ने कर दिखाया। बात तो सच है। संसद के अंदर बड़ी बड़ी बातें कर रहे थे अनुराग ठाकुर राहुल गाँधी की जाति पूछ रहे थे कह रहे थे कि जिसे अपनी जाति का पता नहीं वो जाति जनगणना कराने चला है और ये और वो राहुल गाँधी ने इस तरह की बदतमीजी का जवाब नहीं दिया था
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ये लोग राहुल गाँधी के स्टैंडर्ड के हैं ही नहीं की वो जवाब दें राहुल गाँधी ने संसद के अंदर मुट्ठियों लहराते हुए कहा था कि इसी सरकार से हम जातिगत जनगणना करवाके दिखाएंगे। मनोज झा ने कार्यक्रम में कहा था कि हम इसी सरकार से जातिगत जनगणना करवाके दिखाएंगे। अखिलेश यादव ने कहा था जातिगत जनगणना तो करनी ही पड़ेगी और ये लोग जो संसद के अंदर मजाक उड़ा रहे थे
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अब संसद के अंदर जब जातिगत जनगणना का गुण गाएंगे तो कसम से। वो देखने में बहुत मज़ा आएगा। वैसे कुछ ऐसे टॉस भी हैं जिन्होंने अपना गुस्सा बिल्कुल नहीं दिखाया। खट से बदल गए। कोई फर्जी एक अकाउंट है के नाम से एक अकाउंट है ज़ाहिर तौर पर बीजेपी का पेड़ हैंडल होगा
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जाति जनगणना क्या है इससे क्या फायदा होगा आसान भाषा में समझिए -
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