हमास का ऐलान 5 साल युद्ध नहीं अब क्या करेंगे नेतन्याहू

हमास का ऐलान 5 साल युद्ध नहीं अब क्या करेंगे नेतन्याहू
हमास इजराइल जंग को चल रहे सालभर से ज्यादा हो गया है सब कुछ ब्लॉक। ना खाना, ना ईंधन, ना तेल और ना दवायें । जी हाँ, वैसा की लाखों लोग जैसे कैद होकर रह गए हैं। आरोप लग रहा है कि इस्राइली आक्रामकता और मनमानी की कीमत आम गरीब और मजलूमों को चुकानी पड़ रही है। हमास इसराइल जंग के दौरान 16 माह में घर की छत छिन गई थी। जैसे तैसे जान बचाकर भागे थे। फिर मालूम चला कि रमजान के पहले दोनों के दर्मियान सीजफायर हो गया है।
तीन दौर में बातचीत होगी और हमास इस्राइली बंधक छोड़ देगा। इस्राइल भी शर्तों को मानेगा ऐसी खुशफहमी में। लोग बड़ी तादाद में दो महीने पहले वापस लौटे। ये सोचकर की घर नहीं लेकिन जमीन तो है मलबे के बीच रह लेंगे। जैसे तैसे कम से कम हमले तो बंद हुए। लोगों के रेले के रेले लौटने लगे हैं। रजा की तरफ उम्मीद थी की जो हो चुका था उससे बुरा नहीं होगा। लोगों ने अपने घरों के मलबे के बीच रहना शुरू भी किया तो कुछ अपने घरों के खंडहरों को ही आशियाना मानने लगे। इधर, हमास और इस्राइल के दर्मियान पहले दौर की बातचीत कामयाब रही। हमास ने शर्तों के मुताबिक इसराइली बंधक छोड़े तो इसराइल ने भी फिलिस्तीनी कैदी तय किया गया कि चरणबद्ध तरीके से ये स्टेप बाई स्टेप बंधक छोड़े जाएंगे। हमास ने दुनिया को दिखाते हुए कैमरों के बीच इवेंट के साथ बंधक छोड़ें। हमास के कैमरों पर बंधक हमास की तारीफें कर रहे थे। यही बात इसराइल को चुभ गई। वहाँ राइट विंग पार्टियों ने पीएम नेतन्याहू सरकार की मुसीबत कर दी। रमजान शुरू हुआ।
गज़ा वालों की खंडहरों के बीच इफ्तार करते तस्वीरें वायरल होने लगी। लेकिन इलज़ाम लगता है कि इसराइल ने बीच बातचीत में ही गजा को आने वाली मदद बंद कर दी और फिर हमने शुरू कर दिए। 60 दिन गुजर चूके हैं गज़ा की हालत। और बदतर हो गयी है। खाने पीने की एशिया की एंट्री बंद होने से खाने के लाले पड़ गए हैं। लोग ऐड फिर हम करा रही एजेंसियों के भरोसे है। सब्जियां आ नहीं रही है। जैसे तैसे कहीं से पहुँच गयी तो ज़रा सी सब्जी इतनी महंगी। की तंगहाल लोग क्या खरीदे और क्या खाये? बेचने वाले भी मजबूर और खरीदने वाले भी असोसिएटेड प्रेस ने गज़ा के विडिओ जारी किए हैं जिसमें वहाँ के लोगों की मजबूरी और बेबसी साफ नजर आती है। हालांकि बावजूद इसके हमारा से इसराइल बातचीत बंद नहीं हुई है। काहिरा में दोनों तरफ से अफसर आज मिल रहे हैं। खबर है
कि हमास ने कहा है कि वो इसराइल के बचे हुए सभी बंधकों को 171 बार मैं आज़ाद करने के लिए राजी है बशर्ते इजराइल 5 साल के लिए जंग रोक दें। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो यह अपने आप में हमास का एक तारीख थी। फैसला होने जा रहा है। कहा जा रहा है की इस तस्वीर को लेकर हमास के आला अफसर आन मिस्र की राजधानी काहिरा के लिए रवाना भी हो चूके हैं। हमास की शर्त है कि अगर इसराइल 5 साल के लिए मुसल्सल जंगबंदी पर राजी हो जाता है तो वो सारे इस रेली बंधक एक बार में छोड़ने के लिए राजी हैं।
इस्राइली वेबसाइट येरुशलम पोस्ट के हवाले से इस बात की जानकारी दी गई है। हमास लीडर खलील अल हैया की एक कयादत में हमास का डेलिगेशन मिस्र के अफसरान के सामने गज़ा में जंग बंदी को लेकर अपनी तस्वीर अपना प्रस्ताव पेश करने जा रहा है। अब गेंद इसराइल के पाले में होगी
कि वो इस पर किस तरह का। या मल देता है। रजा में रमजान के बीच शुरू हुई इसराइल की जरूरत के बाद से ही यमन के अनुसार उल्लाह ने भी गुस्से में आकर उस पर हमले शुरू कर दिए थे जो अब भी जारी है। भले ही इसकी एवज में यमन को अमेरिकी हमले झेलने पड़ रहे हैं लेकिन यमन के का दावा है कि वो गजा के लोगों की इस हालत के जिम्मेदार इसराइल पर तब तक हमलावर रहेंगे जब तक वो गज़ा में खाने पीने की चीजों की एंट्री नहीं खोलता। अब देखना होगा कि काहिरा में हमास इसराइल बातचीत का क्या नतीजा निकलता है, लेकिन ज़ ज को अगर अब जल्द ही नहीं संभाल आ गया तो वहाँ हालात और बिगड़ जाएंगे। एक बहुत बड़ी आबादी को इस वक्त मदद की दरकार है और अरब मुल्क भी चुपचाप ही है सिवाय हल्की फुल्की लानत मलामत के
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