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26/04/2025

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भारत के छोटे दुकानदारों पर बड़ा खतरा

भारत के छोटे दुकानदारों पर बड़ा खतरा

ये खबर सीधे देश के आम आदमी से जुड़ी हुई है ये खबर देश के 9,00,00,000 से ज्यादा दुकानदारों से जुड़ी हुई हैं अगर भारत ने अमेरिका की बात मान ली तो देश के करोड़ों दुकानदारों को सबसे बड़ा झटका लगने वाला है आप सोच रहे होंगे ये पूरा मामला क्या है तो बता दें अमेरिका ने भारत पर 26 फीसदी टैरिफ लगाया है।

जिसमे 90 दिन की राहत दी गई है लेकिन अभी दोनों देशों के ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर बातचीत चल रही है मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका चाहता है कि भारत अपनी 125 अरब डॉलर के ई कॉमर्स बाजार को ऐमजॉन और वॉलमार्ट जैसी कंपनियों के लिए पूरी तरह से खोल दें ये बातचीत भारत और अमेरिका के बीच एक बड़े व्यापार समझौते का हिस्सा है, जिसमें फूड और ऑटोमोबाइल जिससे कई क्षेत्र शामिल होंगे।

अमेरिका चाहता है की कॉमर्स में सभी के लिए समान अवसर हों बस यहीं से शुरू होती है असली कहानी जो दुकानदारों की चिंता सीधे सीधे बढ़ाने वाली है मीडिया रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है कही मत जाईए यहाँ हम आपको ये पूरा मामला बेहद आसान भाषा में बताने जा रहे हैं मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक अमेरिका भारत की 125 अरब डॉलर की ई कॉमर्स बाजार को ऐमजॉन और वॉलमार्ट जैसी दिग्गज कंपनियों के लिए पूरी तरह से खोलने का दबाव डाल रहा है

अगर ऐसा हुआ तो भारत का रिटेल बजट छोटे दुकानदार और रिलायंस जैसी कंपनियां खतरे में पड़ सकती है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से आने वाले सामानों पर 26 फीसदी का टैरिफ लगा दिया है

इसका मतलब है भारत के समान अमेरिका में महंगे हो जाएंगे लेकिन इसके साथ ही अमेरिका भारत पर दबाव डाल रहा है की वो अपने ई कॉमर्स बाजार को अमेरिकी कंपनियों के लिए खोल दें अभी भारत में नियम ऐसे हैं कि ऐमजॉन और वॉलमार्ट जैसी कंपनियां सिर्फ एक मार्केटप्लेस की तरह काम कर सकती है। यानी वो दूसरों के सामान को अपनी वेबसाइट पर बेच सकती है लेकिन खुद का सामान बनाकर ये स्टॉक करके नहीं बेच सकती दूसरी ओर रिलायंस जैसी भारतीय कंपनियां अपने सामान बनाकर और बेचकर बाजार में दबदबा बनाए हुए हैं

अमेरिका इसे गैर टैरिफ बाधाएं कहता है और चाहता है की ये नियम बदले ये दबाव कोई नया नहीं है साल 2006 से अमेरिका भारत के बाजार को खोलने की कोशिश कर रहा है। लेकिन हर बार नाकाम रहा इस बार माहौल गंभीर है अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेन डिफेंस भारत आकर पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है दोनों देशों में व्यापार समझौते की शर्तें तय कर ली है लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि ट्रंप की सरकार ऐमजॉन और वॉलमार्ट के साथ मिलकर रणनीति बना रही है

वॉलमार्ट के सीईओ डग एक मिलान ने खुद ट्रंप से इस मु्द्दे पर बात की है भारत की ई कॉमर्स बाजार में रिलायंस ऐमजॉन और वॉलमार्ट की फ्लिपकार्ट के बीच जबरदस्त जंग चल रही है रिलायंस भारत की सबसे बड़ी रिटेल कंपनी है जिसका सीधा मुकाबला ऐमजॉन और फ्लिपकार्ट से है बैंक ऑफ अमेरिका के मुताबिक फ्लिपकार्ट के 5,00,00,000 डेली ऐक्टिव यूजर्स हैं जबकि ऐमजॉन के 4,00,00,000 लेकिन अगर अमेरिका के दबाव में भारत ने नियम बदल दिए तो ऐमजॉन और फ्लिपकार्ट को रिलायंस जैसी ताकत मिल जाएगी वो अपने गोदामों में सामान रखकर सीधे बेच सकेंगे जिससे छोटे दुकानदारों और रिलायंस की मुश्किलें बढ़ेंगी फ्लिपकार्ट ने हाल ही में टैक्स फायदे के लिए अपना बेस सिंगापुर से भारत में शिफ्ट किया

लेकिन प्रतिकूल नियमों की वजह से उसका आईपीओ 2025 26 तक टल गया है। इन सबके बीच सबसे बड़ा डर है 9,00,00,000 छोटे दुकानदारों का कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने चेतावनी दी है अमेरिका भारत के बाजार को अपनी कंपनियों के लिए हथियाना चाहता है उन्होंने कहा कि विदेशी निवेश ठीक है

लेकिन ये भारत के रिटेल सिस्टम को बिगाड़ कर या छोटे दुकानदारों को कुचलकर नहीं होना चाहिए। अगर ऐमजॉन और वॉलमार्ट को पूरा मौका मिला तो छोटे दुकानदारों का धंधा चौपट हो सकता है लोग ऑनलाइन सस्ते सामान की तरफ भागेंगे और स्थानीय बाजार खाली हो जाएंगे भारत और अमेरिका का व्यापार 190 अरब डॉलर का है और दोनों देश इसे 500 अरब डॉलर तक ले जाना चाहते हैं लेकिन इस समझौते में भारत को सावधान रहना होगा अगर हमने बाजार खोल दिया। रिलायंस जैसी कंपनियों और छोटे दुकानदार मुश्किल में पड़ सकते हैं और अगर समझौता नहीं हुआ तो 26 फीसदी टैरिफ भारत के निर्यात को नुकसान पहुंचाएगा फूड ऑटोमोबाइल इलेक्ट्रॉनिक्स और जूलरी जैसे सेक्टर्स पहले से ही दबाव में हैं आपको क्या लगता है सरकार को इस मामले में क्या कदम उठाने चाहिए कमेंट करके बताये

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