अमितशाह और डोभाल में बात चीत बंद l पहलगाम आतंकी हमला होगा सब पता था

आप है कश्मीर आतंक के खिलाफ़ है कश्मीर के लोग आतंक के खिलाफ़ है पूरा देश एकजुट है लेकिन सवाल भी उठाए जा रहे हैं अलग अलग हलकों में लोग लिख भी रहे हैं कितना बड़ा आतंकी हमला हो गया कानों कान खबर क्यों नहीं हुई
किसी को पता क्यों नहीं चला कि आतंकी इतनी बड़ी प्लानिंग करके बैठे हुए हैं क्या आतंकी इतने हाइटेक थे क्या आतंकियों के पास इतना मजबूत इन्टेलिजन्स था कि 2000 लोग इकट्ठा हो रहा है वो वहाँ पहुँच जाएंगे और हमला कर देंगे भारत के इन्टेलिजेन्स का क्या हुआ इसको तो मजबूत कर दिया था जी डोबाल ने जिसको गृह मंत्री अमित शाह और अजीत डोभाल की जोड़ी ने तो बहुत मजबूत और बहुत ताकतवर बना दिया था
इजराइल के दोस्ती ने तो इसे और सितारे इसमें जड़ दिए थे लेकिन हुआ क्या इसलिए गृह मंत्री अमित शाह और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को लेकर सवाल उठाए संतोष यादव अपने ट्वीट में लिखते हैं कि भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बेटे शौर्य डोभाल का बिज़नेस पार्टनर सय्यद अली अब्बास पाकिस्तानी हैं।
शौर्य डोभाल कुछ दिन पहले कह रहे थे कि पाकिस्तान अब भारत के लिए सामरिक खतरा नहीं। ये वो ट्वीट्स है जो इस पूरे मामले को कनेक्ट करते हैं मुकेश कुमार वरीष्ठ पत्रकार वो लिखते हैं कि पहलगाम हमले में मारे गए लोगों को सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल इस्तीफा दें या फिर उन्हें तुरंत बर्खास्त किया जाए
कुछ इसी तरह की मांग सुब्रमण्यम स्वामी भी प्रधानमंत्री मोदी से कर चूके हैं प्रशांत टंडन लिखते हैं वरीष्ठ पत्रकार की किस मर्ज की दवा है जीतू बाद सेंट्रल इन्टेलिजन्स एजेंसियां दो खेमों में बंटी हुई है ये बातें लिख रहे हैं प्रशांत टंडन को लिखते है की आधा गृह मंत्रालय अमित शाह को रिपोर्ट करता है और आधा एनएसए अजीत डोभाल ये बात भी किसी से छुपी नहीं है कि अमित शाह और अजीत डोभाल में आपस में सामान्य बातचीत तक नहीं है
ये प्रशांत टंडन अपने ट्वीट में दावा करते हैं प्रशांत टंडन कहते हैं कि इसका सर एजेंसियों के कामकाज पर भी पड़ना लाजमी है एंबी नेट ग्रेड काउंटर टेररिज़म सेंटर अमित शाह को रिपोर्ट करती हैं और रॉ डीआइए एनटीआरओ जीआइसी अजीत डोभाल को रिपोर्ट करता है जौन इन्टेलिजेन्स कमिटी के जरिए सभी इन्टेलिजन्स के लिए प्रधानमंत्री के जौन पर्सनल अजीत डोभाल ही है इन सभी एजेंसियों के पास दुनिया की सबसे बेहतरीन टेक्नोलॉजी है
अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों का डेटा भी इन्हें मिलता है इसमें काम करने वाले हजारों लोग आम सरकारी कर्मचारियों अफसरों से बेहतर सर्विस कंडिशन में सुविधायें ट्रेनिंग और खर्चा कोई रोक टोक नहीं है क्योंकि भारत अकेला लोकतांत्रिक देश है जहाँ इन्टेलिजेन्स एजेन्सी या कानून के दायरे में नहीं आती है
तो संसद भी इनके काम की समीक्षा नहीं कर सकती है प्रशांत टंडन लिखते हैं कि किसी के भी फ़ोन ईमेल में बिना इजाजत घुस रेकी तकनीकी इक्विपमेंट भी है और कानूनी अड़चन ना के बराबर है इसपे कौन पूछेगा की पहलगाम में आतंकी हमला कैसे हो गया आपको खबर क्यों नहीं मिली अजीत डोभाल के आने से रहते पठानकोट उरी पुलवामा और अब पहलगाम जैसे बड़े आतंकी हमले हो गए
लेकिन मीडिया उन्हें इस बॉन्ड बता रहे हैं इसी को लेकर सूर्य समाजवादी एक्टर हैं और हैंडल है वो लिखता है की ये हैं भारत के सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल नाई ने पुलवामा हमले की जानकारी हुई ना पहलगांव हमले की जानकारी हुई ना इन्हें रूस और यूक्रेन युद्ध की जानकारी हुई जिसमें
कई भारतीय छात्र यूक्रेन में फंसे थे ना इन्हें बांग्लादेश में तख्तापलट की जानकारी थी। जब इनके पास किसी हमले का इनपुट ही नहीं रहता तो क्या ये बस देखने के लिए सुरक्षा सलाहकार पप्पू यादव सांसद वो लिखते हैं कि भारत का 80 साल का जेम्स बॉन्ड कहा है राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार क्या केवल मलाई खाने के लिए बने हैं पहलगाम में 2000 पर्यटक वहाँ एक भी सुरक्षाकर्मी क्यों नहीं इतनी बड़ी आतंकी कार्रवाई कर दी गई कोई इन्टेलिजेन्स नहीं देश को मजाक बना दिया है नफरत के सहारे सिर्फ गद्दी सुरक्षित? रखने के लिए हो रही है और बाकी सुरक्षा भगवान भरोसे ये वो ट्वीट्स थे जो गृह मंत्री अमित शाह के 77 राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल पर सवाल उठा रहे आतंकी हमला हुआ है ज़ाहिर सी बात है लोगों के मन में सवाल भी है गुस्सा भी है इसीलिए इस तरह के सवाल भी उठ रहे हैं
और इसको एड्रेस करना भी बेहद ज्यादा जरूरी है आने वाले वक्त पर देखना है कि इन सवालों को किस तरह से भारत सरकार हैंडल करती हैं कैसे उसका जवाब देती है।
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