मोदी जी आपसे सवाल है हम भारतीय सुरक्षित क्यों नही है

Caste Census पर Modi का यू-टर्न, अब BJP के लोग बता रहे हैं फायदा
नरेंद्र मोदी जी अमितशाह जी हमारा आपसे कुछ सवाल है की हम भारतीय भारत में सुरक्षित क्यों नहीं है
भारत में हिन्दू प्रधानमंत्री हिंदु गृहमंत्री
हिंदू राष्ट्रपति हिंदू सत्ता की कुर्सी पर बैठा हर चेहरा लगभग हिंदू लेकिन उसके बावजूद भारत में हिंदू जानकार मारने की हिमाकत मारने वालों में कोई डर नहीं था वो अपनी पहचान को नहीं छुपा रही थी जिसने कलमा पढ़ा उसे छोड़ दिया। पैंट के अंदर चेक किया। मरने वालों को जो फंड कर रहा था जो लोकल सपोर्ट दो लोगों से मिलाया जो पाकिस्तान से दहशतगर्द आये थे
वो सब एक मकसद लेकर आये थे कि कश्मीर के अंदर मरना और मारना उसे हैं। जिसने के अलावा पहन रखा था जो कलमा नहीं पड़ रहा होगा जिसने अपना नहीं कराया होगा आसान शब्दों में कहें तो जो मुसलमान नहीं है
जो हिंदू था उसे मार डालना और इसीलिए आज यह सवाल हमारे जेहन में आ रहा है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और अमित शाह जी आपके रहते इस देश के हिंदुओं के दिल में इतना दर्द इतना खौफ कैसे हो गया
कैसे कश्मीर के अंदर दो लोकल कश्मीरी और 3 पाकिस्तानी मिलकर हिंदुओं के दिल में वो डर पैदा कर गई जिसकी वजह से शायद आने वाली पीढ़ियां भी कश्मीर जाने से डरे इस देश के हिंदू वोटर नहीं आप को वोट देकर प्रधानमंत्री बनाया था। जब आपने भरोसा जताया की डीमॉनेटाइजेशन के बाद या फिर 370 के बाद कश्मीर सुरक्षित है देश सुरक्षित हाथों में है कोई खतरा नहीं है आप जा सकते हैं तब कश्मीर में बढ़ोतरी हुई 2020 में कश्मीर जाने वालों की संख्या 36,00,000 थी।
तो 2024 में ये तकरीबन 2,50,00,000 हो गई। इस साल तीन 3,50,00,000 का अनुमान था या आपके भरोसे पर था? इसके बावजूद यह टार्गेटेड हम देखिए। सरकार क्यों नहीं इन लोगों की हत्या करने वाले को ढूंढकर ऐसी खौफनाक सजा दे रही की? रुक जा। और यश नहीं है पहले भी होना चाहिए था जब पुलवामा में बम फटा था तब देश चीख उठा था
और अब फिर वही जख्म फिर वही लघु फिर वही सवाल कश्मीर में आतंकवादी खुलकर कह रहे है की तुम तुम्हे छोड़ा नहीं जाएगा जिंस महिला के पति को मारा उस महिला ने जब मौत की मन्नतें मांगी तो उससे कहा कि तुमको नहीं मारेगी तुम जाकर मोदी को बताना क्या हमें अभी भी यकीन दिलाने की जरूरत है
की ये हमला नहीं ऐलान ए जंग? ध मास में ऐसा हुआ की ढूंढ ढूंढ कर लोगों को मारा गया। लेकिन जो हिम्मत इजराइल ने दिखाई थी क्या वो हम नहीं दिखाएंगे 140 करोड़ हिन्दुस्तानी इस सवाल का जवाब चाहते हैं गृहमंत्री अमित शाह कश्मीर के दौरे पर हैं प्रधानमंत्री विदेशी दौरा रद्द
करके वापस आते हैं इस वक्त देश का आहत होना स्वाभाविक लेकिन सरकारों का केवल आहत होना यह काफी नहीं। और इसीलिए आज हम ये सवाल पूछ रहे हैं कि कहाँ पर है वो विदेशनीति जो दुनिया को भारत का लोहा मनवाने का दावा करती थी? कहा पर है वो बॉर्डर सेक्योरिटी जिसपर हमें गुरुर था। कहाँ है वो गरज जो कहती थी की इस देश में हिंदुओं के हित वाली सरकार है
और कोई उनका बाल बांका नहीं कर सकता क्योंकि ये हकीकत है मोदी जी ये हकीकत है शाह साहब की बाल बांका नहीं हुआ है लोगों की पैंट उतरवाकर उनका धर्म जानकर उनका कलावा देखकर किसी महिला की मांग उसका मंगलसूत्र देखकर उन लोगों को मारा है? धर्म के नाम पर जेहादियों का तांडव और हम और आप टीवी डिबेट में बसे हैं हम और आप 12सरे पर आरोप प्रत्यारोप बढ़ रहे कोई इससे करिज़्म के नाम पर किसी एक इंसान की मौत को लेकर इसे धार्मिक आधार पर भी हत्या को खारिज कर रहा है तो कोई सुप्रीम कोर्ट पर सवाल कर रहा है
कि वहाँ सरकार क्यों बनने दीं कोई वहाँ गए ऐंकर सुबुद्धि मीडिया कह रहा है और इस सारी नौटंकी के बीच में एक शक्ति जो है वो ये कि हम असुरक्षित थे। 70 सालों की आजादी के बाद भी अगर हिंदुस्तान में हिंदू असुरक्षित हैं, मोदी जी ये कैसी आ जाती है? कब तक सरकारे सिर्फ कड़ी निंदा करे गी। कब तक श्मशान में यूं ही चिताएं जलती रहे। कब तक महिलाओं को बेवकूफ होना पड़ेगा? और ये सवाल आपसे खास तौर पर हम पूछ रहे हैं मोदी जी क्योंकि 2014 में जब आप प्रधानमंत्री बने थे
उस वक्त आपने ये भरोसा दिलाया था कि आतंकवाद खत्म हो जाएगा लेकिन देश आज भी उसी दर्द से जूझ रहा है और इतिहास में भी दर्द में है। 2016। 19 सैनिक शहीद होते हैं सुरक्षा में भारी चूक होती है सीमा पर घुसपैठ हुई है 2017 अमरनाथ यात्रा में तीर्थयात्रियों की सुरक्षा में कमी होती है वहाँ पर 2019 पुलवामा में 40 जवान शहीद होते है काफिले की सुरक्षा में चूक होती है आज तक सवाल उठ रहा है की उतना आरडीएक्स कैसे आए? 2024। रियासी में हिंदू तीर्थयात्री। 2025 का था।
इस पर्यटक पर्यटक क्षेत्र में सुरक्षा के भारी कमी होती। मोदी जी शा साहब जिन लोगों ने आपको चुनावों। ये कहते थकते नहीं है कि हमारे देश को ताकतवर प्रधानमंत्री मिला है लौह इच्छाशक्ति वाला गृहमंत्री मिला लेकिन फिर भी अगर कश्मीर आतंकवादियों की जागीर बना हुआ है जहाँ आतंकी बेखौफ़ हैं ना
डरते है ना भागते हैं बैंक उतार कर धर्म पूछकर गोलियां मारते हैं तो सवाल ये है की कैसी आ जाती है कब तक लाशों पर मीटिंग बयान शोक संदेश का मरहम लगेगा अब 140,00,00,000 भारतीय पूछ रहे हैं
क्योंकि उनका गुस्सा उनका दर्द अब चीख बन चुका है। कश्मीर की कहानी सिर्फ डर की कहानी नहीं है बल्कि दिल को चीर देने वाले दर्द की हैं वो डर जो 140 करोड़ हिंदुस्तानियों की रगों में दौड़ रहा है वो जो हर सांस को थरथरा रहा बेलगाम की वादियो में जो थे उनकी चीखें आज भी गूंज रही जिन्होंने अपनों की लाशों को देखा उसके दिल उस मंजर को याद करके कांप रहे
जो वहाँ से भाग निकले वो हर आहट पर सिहर उठते हैं भारतीय सेना की वर्दी देखकर बुक आप जा रहे हैं वो तस्वीरें डराने वाली हम जैसे जो कुछ दिनों पहले कश्मीर से लौटे हैं वो सोचकर थरथरा रहे हैं। की हम भी वहाँ हो सकते। कश्मीर जाने वालों के दिल में अब एक ही सवाल है कि अगर हम गए होते यह जाए तो क्या अब हमारी बारी तो नहीं होगी ये डर सिर्फ कश्मीर का नहीं है पूरे हिंदुस्तान का है हर हिंदुस्तानी के दिल में एक ही सवाल चीख रहा है
हिंदुस्तान के अंदर हिंदुओं को इतना दर्द इतना खौफ क्यों है? जब सरकार सुरक्षित भारत का ढोल पिट रही है तो पहलगाम में आतंकी हिंदुओं को क्यों चुन चुन कर मार? ये खौफ ये दर्द हर उस इंसान के सीने में समा गया है जो ये खबर सुन रहा है सोच रहा है और उसके मन में सिर्फ एक ही सवाल है। अब ये हमारा देश है, हमारा घर में हमारा कश्मीर है। कश्मीर में हम ही क्यों मारे जा रहे हैं? गी कश्मीर में कभी गिरजा टिक्कू को बेरहमी से गैंगरेप किया गया था जिंदा रहते हुए उसे दो टुकड़ों में आरी से चीर दिया गया था। उन हैवानों में हमने सुना था
कि उसके पड़ोसी थे जिन्हें वो भाई मानती थीं ये कहानियों हमने सुनी थी लेकिन आज कश्मीर का दर्द हम अपनी आँखों से देख रहे हैं और वो दर्द परेशान करने वाले हैं जैसे ये तस्वीर कश्मीर की खूबसूरती के बीच पड़ी सेक्युलरिज़्म की लाश ये विडिओ जहाँ पर एक माँ गड़बड़ा रही है की मेरे बच्चों को बदमान फौजी समझा रहा है की भाई मैं तो भारतीय फौज का हूँ लेकिन आंख की चीज़ थे हमने का नाम नहीं ले रहे हैं क्योंकि उसने जो कुछ देखा वो दर्द वो खौफनाक मंजर वो भूल नहीं पाएगी वो उसके सीने में समा गया। अब ये वीडियो देखिए 26 साल के नेवी ऑफिसर लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के अंतिम या। शादी के सिर्फ 6 दिन बाद
कश्मीर हनीमून के लिए गए थे। आतंकवादियों ने उनके साथ से ये सिर्फ हिंदुओं की लाशें नहीं थी, यह धर्मनिरपेक्षता की चीखें थी। उनका आखिरी विडीओ लोगों की आँखों को नम कर दे रहा है गुस्सा आ रहा है नफरत हो रही है और ये एक कहानी नहीं ऐसी अनगिनत कहानियाँ शुभम त्रिवेदी 16 अप्रैल को शादी हुई थी कश्मीर की जन्नत में हनीमून मनाने गए थे लेकिन उन से आए मजहबी आतंकवादियों ने इनकी पत्नी के मेहंदी के रंग फीके पड़ने से पहले उसकी मांग को जानती है।
और इस बार यह लड़ाई हिंदू मुसलमान की नहीं थी इस देश में जब कभी हिंदू मुसलमान के चर्चा आता है तो आरोप प्रत्यारोप 12सरे की तरफ होते हैं लेकिन इस बार कुछ ऐसा नहीं था पहलगाम में ना रामनवमीं की शोभायात्रा थी ना कोई जय श्रीराम के नारे लगा रहा था ना किसी मस्जिद के सामने कोई नाच रहा था। लेकिन उसके बावजूद पहचान पूछ कर हत्या हुई है
ना जाति पूछी गई ना पता पूछा गया ना भाषा पूछी गई सिर्फ एक सवाल था तो हिंदु अफसोस है और वैसे ही जैसे एक दुखद सच जो अफसोस है। हमारे पड़ोसी पाकिस्तान जहाँ से आतंकवादी हिंदुस्तान आये थे 5 आतंकवादियों का जिक्र हो रहा है जिसमें दो कश्मीरी 3 पाकिस्तानी थी लेकिन पाकिस्तान में जब कभी कश्मीर का जिक्र होता है तो समूचा पाकिस्तान एकजुट हो जाता है
लेकिन हमारे हिंदुस्तान में हम बढ़ जाते हैं। अलग अलग बीजेपी, कांग्रेस, सपा, बसपा, आम आदमी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और यही हमारी सबसे बड़ी। कश्मीर? क सारा पैसा होटल, गाइड, टूर ऑपरेटर्स इन सब में जाता है। टीवी पर प्रचार देखते थे हम कश्मीर सुरक्षित है मीडिया बढ़ा चढ़ाकर दिखा रहे थे सरकार भी चाह रही थी की दुनिया में दिखाया जाए कश्मीर में सब नॉर्मल हो गया लेकिन ये नॉर्मल सी का ढोंग हमारे लिए महंगा पड़ गया है
इसलिए आज बड़े अफसोस के साथ हमें लोगों से कहना पड़ रहा है की ये हमारी जमीन है हमें जाना भी चाहिए मथुरा भी हर जगह होता है लेकिन कश्मीर अगर आप जा रहे हैं तो फिर सोच समझकर जाएगा। और अपनी जान हथेली पर लेकर चली फैसला आप करेंगे, लेकिन आँखें खोलीं रखेगा।
वरना की तस्वीर आपकी बेहरोज़ और ये सच्चाई है, अस्वीकार करना पड़ेगा। स्वीकार करना पड़ेगा। कश्मीर का दर्द सिर्फ वहाँ का नहीं है, पूरे हिंदुस्तान का है और ऐसा नहीं कि सारे कश्मीरी गलत। कश्मीरी भी परेशान हैं। उनकी भी रोज़ी रोटी चाहिए। लेकिन एक सच ये भी है कि कश्मीर सुरक्षित। और रोज़ी रोटी से बढ़ कर सकेंगी। वो जिंदगी जो लोगों ने कमाई है 28 लोगों की।
कोई किसी कंपनी में नौकरी कर रहा था और स्टेट पैसे बचा रहा था ये कश्मीर घूम कर आऊंगा फ्रेश हो जम्मू किसी ने शादी की सोचा जन्नत देखकर आना कोई शाहरुख खान की तरह बाहें फैलाकर अब वो सब नहीं और यही सियासत 6 और यही सवाल हर इंसान के दिल पर गूंज रहा है की कब तक देश में कब तक सवाल देश के गृह मंत्री और एक शानदार मंत्री से मिले क्या इंसाफ मिलेगा कश्मीर का भी इतना सुरक्षित होगा कि बिना ये डर लिए हम वहाँ घूम सकते और सवाल ये है। हिंदुस्तान में हिंदुओं की जान कब तक बंगाल से लेकर कश्मीर तक असुरक्षित रहेंगे सोचिएगा सिर्फ जय हिंद
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