जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने 32 लोगो को IAS IPS बनाया l UPSC CSE 2024 Results: 32 students from Jamia Millia

नफरत का जवाब। रिज़ल्ट से। कमाल कर दिया है जामिया ने एक बार फिर से और मैं जानबूझकर जामिया मिल्लिया इस्लामिया बोल रहा हूँ इसलिए कि जीस तरीके से पिछले कुछ वर्षों में इस यूनिवर्सिटी को निशाना बनाने की कोशिश हुई है। उसे देखते हुए इस रिज़ल्ट के बाद। उन लोगों को चुल्लू भर पानी में डूब कर मर जाना चाहिए विकास दिव्यकीर्ति और अवध ओझा जैसे दिग्गज सेलिब्रिटी मास्टर जामिया मिलिया के आगे पानी भर रहे हैं पानी फीस भी बताएंगे।
आपको कितना सलेक्शन हुआ ये भी बताएंगे और यह भी बताएंगे। उसमें हिंदू ज्यादा है या मुसलमान या फिर सारी जातियों और धर्मों के लोग इसमें शामिल हैं किन लोगों को पढ़ाता है जामिया किन लोगों को आईएएस बनाया है सिविल सर्विसेज की परीक्षा में इससे शानदार रिज़ल्ट भारत में न किसी यूनिवर्सिटी का है ना किसी कोचिंग सेंटर का है ना किसी सामुदायिक केंद्र का है जामिया मिल्लिया इस्लामिया में उसकी कोचिंग में ऐडमिशन का मतलब होता है की आईएएस में सेलेक्शन की सबसे बड़ी संभावना को हासिल कर लेना ये जो रिज़ल्ट आपके सामने दिखाई दे रहा है। वो रिज़ल्ट अपने आप में सिर्फ उसके लिए एक शब्द बनता है कमाल। बेमिसाल खूबसूरत। और इन सब से ज्यादा अगर कहें तो डाइवर्स। विविधतापूर्ण हर जाति, हर धर्म, हर भाषा, हर संप्रदाय और समुदाय के लोगों को जामिया ने समान भाव से आईएएस बनाया है। 100। बच्चों को छात्रों को छात्राओं को कोचिंग दी जामिया ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने जो दिल्ली में ओखला में और सौ में से ये जो सेलेक्शन है वो 32 लोगों का सलेक्शन है
मतलब जीस को भी जामिया की कोचिंग में दाखिला मिला उस में से हर तीसरा आदमी सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास कर गया कोई आइएएस हुआ कोई आईपीएस हुआ कोई आईएफएस हुआ कोई आर एस आई आर एस हुआ कोई आइआइएस हुआ लेकिन ये जो सी एस सी जीसको कहते हैं यूपीएससी सीएससी 2024 का जो रिज़ल्ट आया है। उसमें जामिया के आगे कोई टक्कर में है ही नहीं। नहीं हैं मतलब नहीं है अब जो आगे की बात में करने जा रहा हूँ। की नफरत ही चुल्लू भर पानी में डूब मरें घृणा फैलाने वाले चुल्लू भर पानी में डूब मरे
और डूब मरे इसलिए की दीदा फाड़कर देखें इस रिज़ल्ट को इस रिज़ल्ट में जो सबसे पहले के 3 नाम है। जिन्होंने 33 वीं रैंक हासिल की है, 40 वीं रैंक हासिल की है और 51 वीं रैंक हासिल की है। इन तीनों में से एक भी मुसलमान नहीं है। ज़रा सुदर्शन टीवी वाले सुरेश चौहान के आंख फाड़ ने दूरबीन लगा ले और चुल्लू भर पानी में डूब कर मर जाए सुरेश चौहान के बेशर्म आदमी जो कहता है। की आईएस जिहाद चल रहा है। मूर्ख जाहिल उजड़ गवार? यह शब्द सारे के सारे में सुरेश चौहान के के लिए इस्तेमाल कर रहा हूँ तो पहला जो नंबर है 32 लोगों की लिस्ट में मैं अपनी टीम से कहूंगा कि ज़रा नाम को बड़ा कर दें यहाँ पर वो अल्फ्रेड थॉमस का है। सुरेश चव्हाणके जी रोल नंबर पे लिखा हुआ मिला लीजिएगा और तमाम नफरती घृणा फैलाने वाले रेखा गुप्ता दिल्ली के मुख्यमंत्री भी मिला ले ज़रा रेखा गुप्ता भी बहुत उछल उछल कर कहती थी कि सस्ते में पढ़ाई नहीं होनी चाहिए खुद दिल्ली यूनिवर्सिटी में फोकटिया पढ़ाई करेंगी और बाकी दुनिया को कहेंगे कि सस्ते में पढ़ाई नहीं होनी चाहिए।
जेएनयू में कम फीस लगती है जामिया में कम फीस लगती है फीस नहीं बताऊँगा कि विकास दिव्यकीर्ति की फीस से ज़रा मिला लीजिएगा जामिया की फीस को 2000 की फीस से मिला लीजिए अगर जामिया की फीस को तमाम कितनों का नाम लिया जाए मिला लीजिएगा फीस को तो पहला जो नंबर है 33 वीं रैंक अल्फ्रेड थॉमस। हिंदू न मुसलमान ईसाई हैं शरमायी बेशर्म लोगों, दूसरा नंबर चौधरी 40 वीं रैंक। हिंदू तीसरा नंबर रुचिका झा 51 वीं रैंक फिर से हिंदू चौथा नंबर देवांशी सक्सेना 124 वीं रैंक ये सब प्रॉपर आई है इसमें हिंदू। इसके बाद पांचवें नंबर पर आते हैं मुहम्मद मुनीफ भट्ट फिर आबिदा आनंद अशफाक अहमद फिर अनु प्रिया राय सातवें नंबर पर 189 वीं रैंक उसके बाद नम्रता अग्रवाल सुनियेगा बाबा रामदेव आप भी सुनिएगा ज़रा रूह अफजा पर आपको बदमाशी सोचती है ना? सुप्रीम कोर्ट को और हाइकोर्ट को चलाना पड़ता है ना आपकी बदतमीजियों पर पर तो सुनियेगा सातवें नंबर पर अनु प्रिया राय आठवें नंबर पर नम्रता अग्रवाल न वें नंबर पर जसकरण सिंह 10 वें नंबर पर उमेश कुमार मीणा तब फिर 11 वें नंबर पर शकील अहमद मतलब एक से लेकर 111 तक में बल्कि 12 वें पर धर्म सिंह। तेरहवें पर मोहम्मद आफताब आलम जो 13 तक है 13 तक मैं केवल 3 मुसलमान हैं एक ईसाई और बाकी के सारे लोग नौ लोग हिंदू। और क्या फैलाया जाता है जामिया के बारे में की वह आतंकवादी पलते हैं वहाँ देश द्रोही पलते हैं राष्ट्र के खिलाफ़ काम आता है शर्म नहीं आती
और सुनाएंगे आपको क्योंकि ये सुनाने का मौका है इसको हाथ से नहीं जाने दूंगा ग्यारहवें तेरहवीं तक मैंने पर दिया था 14 वें नंबर पर डिम्पी राजौरा 15 वें पर मोहसीना बानु ज़रा महिलाओं पर गौर कीजिएगा और शर्म कर लो रामदेव जैसे लोगों की क्या करते हो एक बात और ये जो भी लोग है कोई जेएनयू में पढ़कर आया है इस लिस्ट में कोई जामिया में पढ़कर आया है। कोई दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़कर आया है कोई बीएचयू में पढ़कर आया है कोई इलाहाबाद यूनिवर्सिटी इसमें से कोई भी आदमी गुरुकुल कांगड़ी से पढ़कर नहीं आया है रामदेव के योग विद्यालय से पढ़कर नहीं आया है। तो जो ये लोग बता रहे है
की हम मंदिर बनाएंगे और गुरुकुलम बनाएंगे आचार्य कुलम बनाएंगे वो आई ए एस नहीं बना सकते हैं हिंदुओं सुन लो ध्यान से आइएएस आइपीएस आइआरएस ये तो जामिया जेएनयू अलीगढ़ वाले ही बनाते है
दिल्ली यूनिवर्सिटी वाले बनाते हैं बीएचयू इलाहाबाद वाले बनाते है वर्धा वाले बनाते हैं नागपुर यूनिवर्सिटी वाले बनाते हैं। मुंबई यूनिवर्सिटी वाले बनाते हैं देश के तमाम विश्वविद्यालय। जो बहुत कम पैसों में पढ़ाई कराते हैं। आइए इसकी फीस भी बताऊँगा कि 100 में से 32 सेलेक्शन की फीस कितनी है। मोहम्मद आफताब आलम डिम्पी राजौरा उसके बाद मोहसिना बानु उसके बाद अब उस आलिया खान कुलकर्णी सय्यद मोहम्मद आरिफ मुईन गुलाम हैदर हसन खान फिर सच्ची जायसवाल
हनीफ मोहम्मद सलाह उसके बाद सदाफ मलिक। फिर प्रतीक सिसोदिया जावेद मैं हूँ फिर ज्यादा है उमर नाजिर अहमद बिजरान नीरज मीणा मीणा तो दो हो गए आदिवासी होते हैं पता हैं ना रामदेव सुरेश चव्हाणके दीदा फाड़कर देख लो नीरज मीणा, अर्जुन मालवीय फिर निधि आती है। उसके बाद इकबाल अहमद और उसके बाद जेरी लाल हरी थांग बि जम्पुई। ये जो पहले नंबर पर अल्फ्रेड थॉमस और आखिर में जेरी बेजन कोई ये। ईसाई भी हैं। तो? ये जो 32 लोगों की लिस्ट है, इसमें से 1718 लोग जो है वो गैर मुसलमान है। और जो जातियां हैं। हिंदुओं की जो जातियां हैं वो ज्यादातर जो है वो दलित और पिछड़ी जाती है आदिवासी जाती है इसको भी ज़रा समझ लीजिये और यहाँ मैं आपको दिखाना चाहता हूँ कि वह जो जामिया मिलिया जब निकालता है
कि जामिया के कोचिंग में आईएस के कोचिंग में हम ना खिला देना चाहते हैं वो नोटिफिकेशन ज़रा देखिये 2024 के जिसमें ये सेलेक्शन हुआ है 32 लोगों का सौ में से 32 लोगों का और मैं फिर कह रहा हूँ कि विकास हो जा के बस का नहीं है जामिया जैसा रिज़ल्ट देना ये फालतू के 52 वीर बनते हैं और कुछ यूट्यूब चैनल वाले और बड़े मीडिया घरानों ने इनको स्टार बनाया है। असल स्टार तो ये लोग है ज़रा नोटिफिकेशन देखिए रेजिडेंशियल कोचिंग अकैडमी सेंटर फॉर कोचीन गेंद करिअर प्लानिंग जामिया मिल्लिया इस्लामिया नोटिस यूपीएससी सिविल सर्विसेज मेन कम पर्सनैलिटी टेस्ट कोचिंग प्रोग्राम 2 थाउज़न्ड 24
अब देखिये की इसमें साफ साफ लिखा हुआ है ऐप्लिकेशंस आर इनवाइटेड फॉर फ्री कोचिंग। ये मुफ्त की कोचिंग है, कोई पैसा नहीं लगता। मुफ्त में पढ़ाकर सौ में से 32 लोगों को आइएएस आइपीएस आइआरएस आइआइएस बना दिया कोचीन विकास और ओझा जैसे नोट छापने वालों की औकात नहीं है। वो रील बना सकते हैं। वो वाइरल हो सकते हैं इन पर व्यूस के जरिए वो अच्छी अच्छी लच्छेदार बातें कर सकते हैं इस तरीके से औकात नहीं है विकास दिव्यकीर्ति और अवध हो जाए या ऐसे किसी आदमी की सौ में से 32 लोगों का रिज़ल्ट देने की
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