ऑपरेशन सिन्दूर: महिलाओ के सिन्दूर का बदला लिया सोफिया कुरैशी और व्योमिका ने

ऑपरेशन सिन्दूर महिलाओ के सिन्दूर का बदला लिया सोफिया कुरैशी और व्योमिका ने
ऑपरेशन सिन्दूर: महिलाओ के सिन्दूर का बदला लिया सोफिया कुरैशी और व्योमिका ने
हिन्दू महिलाओ के माथे से लाल सिंदूर मिटाया गया था भारत की फौज ने आतंक के लाल खून को मिटाकर उसका बदला ले लिया यह बदला उन वीरांगनाओं का था, जिनके सिंदूर को उनकी पहचान के साथ रौंदा गया एक चुटकी सिंदूर रखकर पाकिस्तान से नहीं बल्कि उसके गुनाहों से वसूला गया और अब जब इस सिंदूर का बदला लेने वाली दो महिलाएं हैं तो आप ये कह सकते हैं की एक चुटकी सिंदूर अब केवल मांग का श्रृंगार बल्कि रणभूमि का तिलक है
ये वो लालिमा है जो भारत माता की बेटियों के माथे पर चमकती है। ये आतंक के घरों में आग बनकर बरसती है ये वो अग्नि है जो शत्रु के हृदय को भस्म कर देती है आकाश को खपा देती है धरती को विजय के गीतों से गूंजा मान कर देती है
एक चुटकी सिंदूर वो गर्जना है जो आज पूरे विश्व को चेतावनी दे रही है कि भारत की नारी केवल इंतजार नहीं करती, ये दुर्गा का देश है यह चंडी का देश है और एक चुटकी सिंदूर के लिए भारत की महिला रणचंडी बनकर नेतृत्व करती है, वह प्रतिशोध लेती है। इतिहास को राजनीति है
ये इतिहास रचा गया है आज अगर मसूद अजहर ये कह रहा है की अच्छा होता में मर जाता तो उसके पीछे उस नारी शक्ति का योगदान है जिसने पाकिस्तान में घुसकर हिंदुस्तान का बदला लिया पहले काम का बदला लिया और ऑपरेशन सिंदूर के जरिए उन महिलाओं के अपमान का बदला लिया 22 अप्रैल 2025 जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने भारत के दिल पर वार किया था हमलावारों ने महिलाओं को छोड़ दिया था यह सोचकर कि ये कमजोर है लेकिन वो भूल गए थे की भारत की नारी आंसुओं को शस्त्र बना सकती है
वो घर की चौखट से निकलकर रणभूमि की प्रहरी बन गई है और अब जवाब दिया गया पाकिस्तान को आपरेशन सिंदूर से एक ऐसा अभियान जो आतंक के आकाओं को राख में बदल गया और नारी शक्ति की वीरता की कहानी को हमेशा के लिए अजर अमर कर गया ऑपरेशन सिंधु 6 से 7 मई की रात जब चाँद बादलों में छिपा था भारत के सशस्त्र बल आतंक के खिलाफ़ युद्ध की तैयारी में थे
रात एक से लेकर दो के बीच में भारतीय सेना, नौसेना, वायु सेना ने मिलकर एक संयुक्त कार्रवाई को अंजाम दिया एक ऐसी कार्रवाई जो 1971 के युद्ध के बाद सबसे बड़ी कार्रवाई ऑपरेशन सिंदूर इसे नाम दिया गया और यह कोई साधारण सेना ध्यान नहीं था ये भारत माता के माथे पर लगा वो तिलक था जो शहीदों के खून का हिसाब मांग रहा था उन चूड़ियों की खनक थी जो अब युद्ध की नाक बन चुकी थी
यह उस सिंदूर की शक्ति थी, जो रणभूमि का अलंकार बन चुकी थी और इस अभियान की कमान संभाली भारत की दो ऋण रागिनियों ने एक कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना से और दूसरे विंग कमांडर जियो मिका सिंह भारतीय वायुसेना से ये वो दो बेटियां थीं जिन्हें ऑपरेशन सिंदूर निभाने की जिम्मेदारी दी गई
और इन दोनों बेटियों ने ना केवल आतंकवादियों के होश उड़ाए बल्कि सारी दुनिया को यह संदेश दिया। नहीं भारत की नारी अब कथाओं की झांसी की रानी तक सीमित नहीं है। वो आज की रणचंडी है जो मिराज 2000 की गर्जना और सटीक रणनीति के साथ शत्रु का सर्वनाश करती है। कर्नल सोफिया कुरैशी जिसे आप रणनीति की रानी कह सकते हैं, इसका नाम सुनते ही दुश्मन के पसीने छूट जाते हैं क्योंकि। यह ऐसी रणनीतिकार हैं
जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को इतिहास के पन्नों में अमर कर दिया। उनकी तेजतर्रार सोच और बारीक योजना ने नौ आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया। अगर आज मसूद अजहर फूट फूट कर रो रहा है और कह रहा है कि मुझे भी ऊपर वाले बुला लिया होता तो उसके पीछे ये। इनकी वजह से पाकिस्तान के बहावलपुर जहाँ पर जैश ए मोहम्मद का गढ़ है। मुरीदके जहाँ लश्कर ए तैयबा का मुख्यालय है। सियालकोट से लेकर पीओके के मुजफ्फराबाद कोटली, गुलपुर, सवाई नाला। इन तमाम ठिकानों में जहाँ जहाँ आतंकी संगठन थे,
वहाँ पहल गांव का बदला लिया गया। 7 मई की सुबह 10:30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस में सोफिया की आवाज़ में गर्व था। आत्मविश्वास था और उन्होंने कहा कि हमने केवल आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया, पाकिस्तानी सेना की चौकी को नहीं। ये भारत के संयम और सटीकता का सबूत है। उनके रणनीति ने न केवल दुश्मन को चित किया बल्कि पूरे विश्व को। भारत की शक्ति और संयम का अनूठा मिश्रण दिखाया। सोफिया ने साबित किया कि नारी केवल युद्ध की प्रेरणा नहीं बल्कि युद्ध की सूत्रधार भी बन सकती है।
दूसरा बार विंग कमांडर मिका सिंह का जो आकाश की शेरनी हैं। विंग कमांडर भूमिका, जिनकी मिराज 2000 की उड़ान में आतंकी ठिकानों को रास्ता ढेर बना दिया। भारत की उस बेटी का प्रतीक है जो आसमान को अपने इशारे पर नाच आती है। उनके नेतृत्व में वायुसेना ने 24 सटीक मिसाइल हमले किए
तमाम आतंकी प्रशिक्षण केंद्रों को पूरी तरह से निस्तनाबूद कर दिया गया उनकी आवाज़ में विजय का स्वर था और जब यह कहा कि पहलगाम के शहीदों का खून व्यर्थ नहीं गया हमने भारत की लाज रखी और आतंकवादियों को उनके अंजाम तक पहुंचाया तो देश गर्व की अनुभूति कर रहे हैं जो मीका की गर्जना ने ना केवल आतंकवादी ठिकानों को ध्वस्त किया बल्कि उन महिलाओं को प्रेरणा दी जो आसमान को छूने का सपना देखती है
उनकी उड़ान में साबित किया कि भारत की बेटी ना केवल धरती पर बल्कि आकाश में भी शत्रु को धूल चटाने में सक्षम है और वो एक चुटकी सिन्दूर जिसके चलते इस पूरे ऑपरेशन सिंदूर को शुरुआत हुई थी
उसने बताया इन दोनों ने की नारी शक्ति किस चीज़ का प्रतीक है वैसे सिंदूर सिंदूर व लाल रंग है जो हिंदू परंपरा में विवाहित महिलाओं की मांग में सस्ता है। यह सम्मान बलिदान अटल संकल्प का प्रतीक है
ऑपरेशन का नाम सिंदूर रखना भारत का संदेश था जो दुश्मन के दिल में तीर की तरह चुप या ना केवल आतंकवाद के खिलाफ़ भारत की अटल प्रतिबद्धताओं को दर्शा रहा था बल्कि देश की उन बेटियों को सलाम कर रहा था जो रणभूमि में सिंदूर ये बता रहा था कि अब यह केवल श्रृंगार नहीं है, रणचंडी का तेज है, वो अग्नि है जो आतंक के काले साये को भस्म करेगा और इसीलिए सोशल मीडिया पर आज हिंदुस्तानी लोग बड़े गर्व से लिख रहे हैं की एक चुटकी सिंदूर में आतंक के माथे पर विजय का तिलक लगा सिंधुर अब युद्ध का नाथ है, नारी शक्ति का प्रतीक है
हर भारतीय के सीने में फिलहाल गर्व की लहर दौड़ रही है क्योंकि ऑपरेशन भारत की ताकत, संयम और नारी शक्ति का एक अनूठा मिश्रण था एक ऐसा मिश्रण जिसने प्रेरणा की मिसाल कायम कर दी क्योंकि कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर का केवल सैन्य अधिकारी नहीं हैं ये लाखों भारतीय महिलाओं की प्रेरणा हैं जिन्होंने साबित किया कि नारी अब केवल घर की दीवारों तक सीमित नहीं रणनीति बनाती हैं
आसमान छूती है दुश्मन को धूल चटाती है और उनकी अगुवाई में भारतीय महिलाओं के साथ अगर कहीं अपमान होगा तो उस अपमान का बदला लेना भी आता है। उनकी अगुवाई में ऑपरेशन सिंदूर रहना केवल पहलगाम के शहीदों को न्याय दिलाया बल्कि एक विश्व को संदेश दिया कि भारत की महिलाएं हैं, वार करती है और विजय भी पाती है। ऑपरेशन सिंदूर का ही असर था
की वो तमाम महिलाएं जिन्होंने पहलगाम में अपने पति को खोया था, वो तमाम महिलाएं जिनकी आँखों से आंसू नहीं थम रहे थे, वो तमाम महिलाएं जो भारत सरकार से न्याय की उम्मीद कर रही थी, आज कह रही है कि भारत सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिये जो कुछ किया वो उनके गुजरे हुए पत्तियों के प्रति 25 श्रद्धांजलि और ये सब कुछ मुमकिन हुआ
इन दो महिलाओं की खास। इसीलिए ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं यह भारत के गौरव की अमरगाथा है। ये उन आंसुओं का हिसाब है जो पहलगाम में बहे। यह उस सिंदूर की शक्ति थी जो अब रणभूमि का अलंकार बन चुकी है। कर्नल सोफिया विंग कमांडर जो मीका ने न केवल आतंकवाद को कुचला बल्कि नारी शक्ति को एक नया आयाम दिया
यह अभियान विश्व को सन्देश देता है कि भारत सहन नहीं करता जवाब देता है और जब जवाब आता है तो वो सटीक, संयमित मगर अचूक होता है और शायद इसीलिए मसूद अजहर जैसे आतंकवादी करो रहे हैं। और कह रहे है की काश हम भी मर जाते हैं
Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें |
Advertising Space