भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम की घोषणा हो गई

भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम की घोषणा हो गई
भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम की घोषणा हो गई
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दोस्तों आधे घंटे में ये पूरा घटनाक्रम हुआ और भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम की घोषणा हो गई। जी हाँ, याद कीजिए जब से ऑपरेशन सिन्दूर हुआ, दोनों देश जो है युद्ध के कगार पर आ गए थे और युद्ध एक तरह से शुरू हो गया था।
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ये ऐलान डॉनल्ड ट्रंप करते हैं आधे घंटे के अंदर पाकिस्तानी विदेशमंत्री जो है इस बात का ऐलान करते हैं और फिर भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री आकर इस बात की पुष्टि करते हैं मगर आपकी सेहत में सवालों का दोस्त वो आधे घंटे में नाटकीय अंदाज में ऐसा क्यों हो गया तो उसके लिए आपको समझना पड़ेगा दोस्तों इस कार्यक्रम में मैं आपके सामने न सिर्फ ये खबर रख रहा हूँ। बल्कि सिर्फ आधे घंटे में ये सारा खेल क्यों हुआ
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सबसे बड़ी बात अमेरिका लगातार मध्यस्थता कर रहा था लगातार दोनों पक्षों से बातचीत कर रहा था मगर आपको समझना पड़ेगा कि दरअसल पाकिस्तान झुका क्यों तो दोस्तों, गौर कीजिएगा आप जैसे ही भारत ने पाकिस्तान के तीन एयर बेस पर हमला किया। और उसके बाद लगातार ताबड़तोड़ हमला कर रहा था
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उसके तमाम हमलों को एक तरह से डिस्ट्रैक्ट कर रहा था, एक तरफ कर रहा था उसके बाद पाकिस्तान दबाव में आ गया और फिर ये खबर आती है दोस्तों आपके स्क्रीन्स पर पाकिस्तान के डीजीएमओ ने आज भारत के को कॉल किया और दोनों के बीच सीधा समझौता हुआ कि फायरिंग और सैन्य कार्रवाई फिलहाल रोक दी जाएगी

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बाकी किसी मुद्दें या जगह को लेकर कोई बातचीत का प्लैन नहीं है यानी की दोस्तों जैसे ही भारत हमलावर तेवर अपनाते हैं जैसे ही पाकिस्तान को समझ में आने लगता है ये एक ऐसा युद्ध है जहाँ वो जीत नहीं सकता तो वो घुटने टेक देता है सबसे बड़ी बात ये जो घटनाक्रम आया है दोस्तों सही मायने में भारत की शर्तों पर आया है क्योंकि याद कीजिएगा इससे पहले भारत ने क्या अहम घोषणा की थी
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भारत ने कहा था कि अब इसके बाद अगर भारत पर कोई भी आतंकवादी हमला होता है भारत उसे एक तो वॉर समझेगा, इसका मतलब समझते हैं आप यानी की आगे से फिर से पहलगाम होगा तो किसी तरह से पाकिस्तान पर ताबड़तोड़ हमले किए जाएंगे और वो पाकिस्तान जिससे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की भीख की जरूरत पड़ती है, पैसे की जरूरत पड़ती है
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और भारत अगर फिर से सुताई करेगा तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इस देश की क्या हालत होगी तो एक तरह से दोहरा दबाव था पहली बात जिसतरह से तीन एयर बेस को तबाह कर दिया गया उसके बाद डीजीएमओ लगातार भारत को कॉल करते हैं
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पाकिस्तानी डीजीएमओ और फिर भारत का ये कहना कि आगे अगर आपने फिर हमला किया तो इसे ऐक्ट तो वॉर और समझा जाएगा और फिर ट्रंप घोषणा करते है
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अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो यह घोषणा करते हैं और कीजियेगा पिछले अड़तालीस घंटों में राष्ट्रपति जेडी वैन्स और मैंने भारत और पाकिस्तान के सीनियर अधिकारियों से बात की, जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शहबाज शरीफ, विदेश मंत्री एस जयशंकर, आर्मी चीफ असीम मुनीर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और असीम मलिक शामिल है
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मैं ये बताते हुए खुशी महसूस कर रहा हूँ कि भारत और पाकिस्तान की सरकारों ने तुरंत सीजफायर पर सहमति जताई है और अब वे एक न्यूट्रल जगह पर तमाम मुद्दों पर बातचीत करेंगे हम प्रधानमंत्री मोदी और शरीफ की सूझबूझ, समझदारी और शांति के रास्ते को चुनने की तारीफ करते हैं समझे
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पूरे इस घटनाक्रम को दोस्तों भारत लगातार दबाव बना रहा था भारत ने यह भी स्पष्ट कर दिया था कि आगे से अगर आप हमला करेंगे तो उसे एक्ट ऑफ़ वॉर और समझा जाएगा उससे युद्ध समझा जाएगा
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नतीजा पाकिस्तान तमाम तरह से फंस गया था मैं जानता हूँ दोस्तों अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने पाकिस्तान को एक अरब डॉलर दिए थे मगर उससे यही पता चलता है कि पाकिस्तान किस कदर नतमस्तक है अंतरराष्ट्रीय बिरादरी के सामने और भारत ने कहा था कि कहीं ना कहीं आतंकवाद का पोषक बन रहा है तो इस तरह से कहा जा सकता है कि भारत ने लगातार दबाव बनाया भारतीय सेना लगातार दबाव बना रही थी, जिसका नतीजा आपके सामने है। मगर आज मेरे जेहन में कई सवाल हैं याद कीजिएगा क्या हुआ था कारगिल युद्ध के बाद कारगिल युद्ध किसने शुरू किया था पाकिस्तान के पूर्व सैनिक तानाशाह परवेज मुशर्रफ़ और ये बात खुद उस वक्त के प्रधानमंत्री
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नतीजा युद्धविराम उस वक्त भी इस तरह से अमेरिका ने पाकिस्तान पर दबाव बनाया था। और ये मत भूलिए इसी मंच पर मैंने आपको बताया था कि अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा था कि जो भारत कर रहा है वो सही कर रहा है, आप पर अगर आतंकवादी हमला होगा तो क्या आप उसका जवाब नहीं देंगे
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कहने को डोनाल्ड ट्रम्प बेशक तालमेल बिठाने की कोशिश कर रहे थे मगर हकीकत ये है दोस्तों हकीकत ये है कि पाकिस्तान पर दबाव था, अंतरराष्ट्रीय बिरादरी देख रही थी कि पाकिस्तान आतंकवाद का पोषक बना हुआ है और यही वजह है कि पाकिस्तान के डीजी को भारतीय डीजीएमओ को कॉल करना पड़ा और नतमस्तक होना पड़ा सबसे पहले मैं आपको बताता हूँ कि भारतीय तरफ से विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने किस तरह से ऐलान किया।
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जनरल परवेज मुशर्रफ़ और वाजपेयी जीके बीच वो पूरा ड्रामा मैंने देखा था। मैंने जब संसद पर हमला हुआ था उस वक्त मैं बीबीसी में काम कर रहा था जब 26 11 का हमला हुआ था। तब मैं आज तक में काम कर रहा था
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जो बड़े बड़े आतंकवादी हमले हुए हैं, मैं खुद उसे कवर करने गया था जब पाकिस्तान में। पूर्व प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टो की उन्हीं के आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी। तब मैं पाकिस्तान गया था। मैंने इन दोनों देशों के उतार चढ़ाव को देखा है। पिछले 30 सालों में बतौर पत्रकार मैंने उसे कवर किया है
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कई बार हालात इतने खराब हो जाते थे तो ऐसा लगता था कि कोई एक देश दूसरे देश के ऊपर बम ना गिरादे मैंने वो मंजर भी देखा है। उस वक्त में जी न्यूज़ में काम कर रहा था जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के परमाणु शक्ति होने का ऐलान किया था। और फिर उसका जवाब पाकिस्तान ने दिया थाइसे भी पढ़े …..
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