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19/03/2022

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इंदिरा गाँधी ने बांग्लादेश बना दिया मोदी बलूचिस्तान क्यों नहीं बना पाए

इंदिरा गाँधी ने बांग्लादेश बना दिया मोदी बलूचिस्तान क्यों नहीं बना पाए

इंदिरा गाँधी ने बांग्लादेश बना दिया मोदी बलूचिस्तान क्यों नहीं बना पाए

  • भारत पाकिस्तान जंग युद्ध विराम के बाद लोगो को इंदिरा गाँधी की याद को आ रही है। कल शाम से जब से इस समझौते के नाम पर लगभग समर्पण किया गया है और समझौते की घोषणा भी। सीजफायर की घोषणा भी एक दूसरे देश अमेरिका के राष्ट्रपति और विदेश मंत्री ने की है, तब से लोग सवाल पूछ रहे हैं कि 56 इंच की छाती वो क्यों नहीं दोहरा सकी जो1971 में इंदिरा गाँधी ने किया था अब देखिये आइटी सेल जो है उसके टूलकिट बड़ा परेशान हैं कि क्या जवाब दें

इंदिरा गाँधी ने बांग्लादेश बना दिया

 

  • वैसे तो ये आईटी सेल किस काम की है मेरे समझ में ही नहीं आता पाकिस्तान का जितना प्रोपगैंडा चलता है उसका मुकाबला करता है ज़ुबैर आईटी सेल के हाथ से तो पाकिस्तानी किसी प्रोपगेंडा पे बोला ही नहीं जाता है उनके लिए तो कांग्रेस दुश्मन है और बाकी लोग दुश्मन हैं

  • पाकिस्तान का कोई प्रोपोगंडा चल रहा हो और उसको बस जिन्होंने किया हो ये तो आज तक देखा नहीं गया हालत यह है कि जयपुर डाइलॉग चीज़ जो दिन रात जहर फैल आता है वो भी पाकिस्तानी प्रोपगैंडा कोई जवाब देने के लिए ज़ुबैर का ट्वीट रिट्वीट कर रहा था उसको बीजेपी आईटी सेल का कोई ट्वीट रिट्वीट करने को नहीं मिला

  • कल शाम से सीएनएन की एक क्लिप चल रही है, पाकिस्तानी चला रहे हैं और यहाँ भी बहुत सारे लोग चला रहे हैं और क्या रहे थे, देख लो। सीएनएन ने कह दिया कि भारत गया था सबसे पहले आत्मसमर्पण के लिए पूरा आइटी सेल उसके जवाब में कुछ नहीं लिख रहा है

 

इंदिरा गाँधी ने बांग्लादेश बना दिया मोदी बलूचिस्तान क्यों नहीं बना पाए

 

  • जबकि रात को ही मैंने लिख दिया था की भैया उसमें सीएनएन का संवाददाता पाकिस्तान में खड़ा है और पाकिस्तान सरकार ने जो दावे किए हैं उनको बता रहा है। उसके आगे की खबर देखोगे तो भारत सरकार ने जो दावे किये हैं उनको बताया जाएगा लेकिन आइटी सेल नहीं कर पाती है आईटी सेल दिन रात इंदिरा गाँधी, राहुल गाँधी, महात्मा गाँधी, जवाहरलाल नेहरू इन सारे लोगों के पीछे पड़ी रहती है

  • खैर कई लोग कह रहे हैं कि हालात अलग थे हालात तो हमेशा अलग होते हैं। 1971 और 2025 के हालात कैसा एक हो सकते हैं 55 साल पहले के अभी के हालात कैसे एक हो सकते हैं कुछ हालात हैं जो कभी नहीं बदलते हैं। ये लोग कह रहे है की बंगाल में चुकी पक्ष जो पूरा बंगाल था उनका पाकिस्तान का जो बंगाल था जीसको वो। पाकिस्तान कहते थे वहाँ एकदम विद्रोह जैसी स्थिति बनी हुई थी इसलिए इंदिरा गाँधी कर पायी तो भैया क्या बलूचिस्तान में लव लेटर लिखे जा रहे हैं

  • क्या बलूचिस्तान में विद्रोह जैसी स्थिति नहीं है अभी अगर कल की खबर देखें तो बलूच आर्मी कह रही है पाकिस्तान में उन्होंने 39 जगहों पर हमला किया है, जो बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी है इसके अलावा भी कई जगह हमले की बात है और कहा ये जा रहा है की कई पुलिस थानों पर कब्जा कर लिया है,

  • हाइवे पर नाकेबंदी की है और पाकिस्तानी सुरक्षाबल और काफिलों पर भी हमला किया है। ये अगर आंतरिक विद्रोह की स्थिति नहीं है तो क्या मोहब्बत की स्थिति है आप कौनसा फायदा इसका उठा रहे हैं पश्तून नाराज है । बलूच बंदूक उठाए हुए है जानें कब से और आप कह रहे हैं पाकिस्तान में सामान्य हालात हैं,

  • इसलिए हम कुछ नहीं कर पाए किस को बेवकूफ बना रहे हैं इंदिरा गाँधी ने जो किया था उसका सबसे बड़ा हिस्सा क्या था निक्सन ने बकायदा बुलाया था अमेरिका और वो गयी थी अमेरिका निक्सन और किसिंजर एक राष्ट्रपति थे और एक हेनरी किसिंजर थे। यह सारे लोग मिलकर सारी दुनिया की नीतियां बनाए करते थे कभी उसकी किताब को ही पढ़ लीजिए के इंदिरा गाँधी ने वहाँ क्या हाल किया 1 दिन इंतजार करवाया तो अगले दिन इंदिरा गाँधी ने इंतजार करवाया 1 घंटे बतियाती रहीं, काम की कोई बात ही नहीं कही

  • इधर उधर वो भी करता रहा। इधर उधर ये भी करती रही निक्सन की हिम्मत नहीं हुई मुददे पे आने की और उसके बाद जब मंच से बोलना था तो बहुत क्लिअर बोला कि भारत एक सार्वभौम देश है और भारत वही करेगा जो भारत के हित में होगा इसकी कल्पना आप कर सकते हैं आज की नरेंद्र मोदी जी जो ट्रंप से मिलने गए थे, जिनको गेट पर लेने तक ट्रंप नहीं आया था जो एलन मस्क के बच्चों के साथ खेल रहे थे आप कल्पना कर सकते हैं की कभी ट्रंप के सामने खड़े होकर मोदी जी कह सकते हैं कि भारत एक आजाद मुल्क है भारत एक संप्रभु मुल्क है जो चाहे वो करेगा सोच सकते हैं आप यहाँ तो ट्रम्प ने जो ट्वीट किया उस को री ट्वीट करके ये भी नहीं लिख पाए कि हमारी बातचीत डाइरेक्टली आप ये फालतू का श्रेय खामोश बैठे रहे

  • हिंदुस्तान के साथ था लेकिन कूटनीति की चाइना चुपचाप बैठा रहा। कुछ खास नहीं कर पाया चाहता तो वहाँ से आराम से बांग्लादेश में बहुत कुछ भेज सकता था लेकिन नहीं भेज पाया खामोश बैठा रहा। रशिया उस समय भारत के साथ समझौता करता है और रशिया की वो ताकत होती है कि अमेरिका अपने सातवें बेड़े को समंदर से ही वापस ले जाता है।

  • श्रीलंका के साथ ऐसी दोस्ती होती है कि श्रीलंका से कहा जाता है और पाकिस्तान के जहाजों को श्रीलंका अपने यहाँ उतरने या रीफिल कराने से रीफिल कराने से मना कर देता है यूएनएससी में बहुत लोग नहीं थे साथ में पाकिस्तान के पक्ष में ज्यादा वोट पड़े थे लेकिन रशिया के बारे में वो जानती थी कि जब ये मामला यूएनएससी में जाएगा या वोटिंग के लिए तो लगा देगा रशिया और रुक जाएगा

  • वहीं हुआ यह सारी तैयारियां बरसों की गई थी, महीनों की गई थी चाहे उस जमाने के हमारे रक्षा मंत्री रहे हों, चाहे हमारे विदेश मंत्री रहे हो ये लोग लगातार दुनिया भर का दौरा कर रहे थे और अपने लिए समर्थन जुटा रहे थे वो समर्थन था, वो ताकत थी, सेना के ऊपर भरोसा था सेना ने जितना वक्त मांगा उतना वक्त सेना को दिया गया और सेना ने जब कहा कि अब हमला किया जा सकता है जनरल मोनिषा ने किया कहा तब वह हमला किया गया और ऐसा हमला की 3 दिन के अंदर बकायदा घुटनों पर झुककर माफी मंगवा ली गई,

  • बकायदा आत्मसमर्पण करवा लिया गया ये जो तस्वीर है ना इसे जीत कहते हैं बाकी जीत वॉट्सैप पे होती है अभी हालत क्या है अभी ट्रंप कल समझौते का श्रेय ले रहा था सीज फायर का आज क्या कह रहा है कि कश्मीर मुद्दा भी हम सॉल्व कराएंगे जाइए, ट्रम्प के दरबार में बैठे और कश्मीर मुद्दा सॉल्व करवाइए

  • कल तक पाकिस्तान से बातचीत नहीं कर पा रहे थे कह रहे थे पाकिस्तान से बातचीत क्या करनी है बीजेपी का ट्विटर हैंडल है, वो ट्वीट कर रहा था बकायदा की हम कोई बातचीत में भरोसा नहीं करते और अब ट्रंप कह रहा है किसी न्यूट्रल प्लेस पे बातचीत होगी ये भी पहुँचेंगे वो भी पहुँचेंगे वहाँ पर बातचीत होगी पाकिस्तान जाकर बर्थडे गिफ्ट इस नवाज़ शरीफ़ को देने गए थे

  • जिसकी माँ को साड़ी पहुंचाई थी उसी का भाई है शहबाज शरीफ आता है शाम को भाषण देता है आप को बेइज्जत करता है, लेकिन आप भाषण नहीं दे पाते आप पूरे युद्ध के दौरान अपनी जनता को कुछ भी नहीं कह पाते एक रात भी टीवी पर आकर नहीं कहते नोटबंदी होती है, विदेश में बैठकर टीवी पर आ जाते हैं और कह देते हैं लेकिन यहाँ जब देश के अंदर लड़ाई चल रही है और देश में आप हैं तो एक भी बार टीवी पर आकर नहीं कह पाते हैं

  • इस समय इंदिरा गाँधी के ज़रा भाषण सुन लीजिये वो क्या कह रही थी उस समय सारे विडीओ आपको मिल जाएंगे सुनिए एक ऐसे देश की जनता से सीधा संवाद कर रही थी वो भी विडिओ पे नहीं, सिर्फ रेडियो पर नहीं सीधे जनता के बीच जाकर रैली करके। जनता से कह रही थी कि भारत किसी से डरता नहीं है भारत एक आजाद मुल्क है और अपने फैसले खुद लेगा और वो फैसले लेगा जो हमारे हित में है शिमला समझौता हुआ और उसके बाद कश्मीर इन्टरनैशनल मुद्दा नहीं रह गया सीधी बात हो गई कि कश्मीर पर जो भी बात होगी वो हमारी आमने सामने होगी

  • आज आप ने कश्मीर को फिर से इंटरनैश्नल मुद्दा बना दिया अब ट्रम्प किसी तीसरी जगह पर कश्मीर पर आपकी बातचीत करवाएगा पानी तो नहीं रोक पाए आप सिंधु जल का पाकिस्तान से कोई पानी के लिए तड़पते हुए लोगों की विडिओ नहीं आई लेकिन शिमला समझौता आपने तुड़वा दिया, जिसका नतीजा ये हुआ कि आज ट्रंप साफ कह रहा है की हम लोग बात करेंगे

  • आप लोग बात करेंगे और मैं बताऊँगा कैसे बात होनी है। और उसमें 1000 साल का फॉर्मूला जोड़ रहा है जो पाकिस्तानी थिओरी है कि चुकी 1000 साल पहले से कश्मीर मुसलमानों के बहुमत वाला क्षेत्र है, इसलिए वो पाकिस्तान में होना चाहिए और आपकी जबान बंद हैं तो सीना 56 कहने से कुछ नहीं होता है। संसद के अंदर खड़े होकर पीओके के लिए हम जान दे देंगे। कहने से कुछ नहीं होता है

  • चुनाव के छह महीने बाद सरकार बनने के छह महीने के बाद आदित्यनाथ कहते हैं पीओके हमारा हिस्सा हो जाएगा और हालत ये है कि अब कश्मीर भी इंटरनैश्नल इश्यू बनने जा रहा है कोई कितना ताकतवर है इस बात से तय होता है। कि उसके नेतृत्व में देश क्या कर पाता है और जब ये बात होती है तो इंदिरा गाँधी की याद आना बिल्कुल सहज है वो थी इतनी मजबूत आयरन लेडी थी कि उन्होंने पाकिस्तान के दो हिस्से भी कर लिए शिमला समझौता भी करवा लिया

  • ओर शान से रही भी यहाँ क्या हुआ वो आप अच्छी तरह से जानते हैं। यहाँ हमारे 26 लोग मारे गए, जिनको किसने मारा, कौन से आतंकवादी थे उनकी फोटो जारी की गई लेकिन उनमें से एक भी ना गिरफ्तार हुआ ना मारा गया। हमारी सेनाओं ने शानदार तरीके से आतंकी ठिकानों को तबाह किया। उसके बाद पाकिस्तान ने जब पलट के हमला किया तो हमारी सेनाओं ने जबरदस्त जवाब दिया लेकिन हमारी पॉलिटिकल लीडरशिप अमेरिका के दबाव में टूट जाती है हमारे जीतने सिविलियंस की जान गई। हमारे जीतने सेना के लोगों की जान गयी वो सब बर्बाद हो जाए। सोचियेगा। 56 इंच का सीना दिखाने के लिए है या वास्तव में

  • सारी दुनिया के नेताओं को फ्रेन्ड फ्रेन्ड कह देने से कोई फ्रेंड नहीं बन जाता है। कूटनीति एक अलग चीज़ होती है। वो कूटनीतिक खेल खेला था इंदिरा गाँधी ने। आज चाइना की बात की जा रही है तब भी चाइना पाकिस्तान के साथ था। आपको क्या लगता है की चाइना तक

 

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