शिमला समझौता क्या है क्या इसके रद्द होते ही युद्ध शुरू होगा

भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के बीच सभी द्विपक्षीय समझौते स्थगित करने की बात कही है इसमें 1972 का शिमला समझौता भी शामिल है पाकिस्तान की नेशनल सिक्युरिटी कमेटी यानी की एनसीएस में गुरुवार को यह फैसला लिया गया
इसकी अध्यक्षता पीएम शाहबाज शरीफ ने की एक दिन पहले भारत ने भी सिंधु जल समझौता स्थगित करने समेत 5 बड़े फैसले लिए थे। पाकिस्तान ने कहा कि अगर भारत सिंधु जल समझौते को रोकता है तो इसे ऐक्ट ऑफ वॉर यानी जंक की तरह माना जाएगा पाकिस्तान ने कहा पाकिस्तान की संप्रभुता और सुरक्षा के लिए किसी भी खतरे का सभी क्षेत्रों में मजबूती से जवाब दिया जाएगा
हम किसी भी आतंकवादी गतिविधि की निंदा करते हैं पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक सेल्सियस की बैठक में कहा गया कि भारत में वक्त विधेयक को जबरन पारित कराया गया ये मुसलमानों को हाशिये पर डालने का प्रयास है शिमला समझौता क्या है दोस्तों अब ये जानने की जरूरत है कि आखिर शिमला समझौता है क्या तो दोस्तों भारत ने सैन्य हस्तक्षेप कर मार्च 1971 में पूर्वी पाकिस्तान को पाकिस्तान से अलग दुनिया के नक्शे में बांग्लादेश नाम का एक नया देश स्थापित कर दिया था
पाकिस्तान की सेना ने बांग्लादेश में भारत की सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था भारत ने करीब 90,000 लोगों को युद्ध बंदी बना लिया था इनमें अधिकांश सैनिक या अर्धसैनिक बल के जवान थे भारत ने पश्चिमी पाकिस्तान के करीब 5000 वर्ग मील इलाके पर कब्ज़ा भी जमा लिया था।
इसके करीब 16 महीने बाद हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी और पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो शिमला में मिले दोनों नेताओं ने वहाँ 2 जुलाई 1972 को एक समझौते पर दस्तखत किया इस समझौते को हम शिमला समझौता के नाम से जानते हैं इस समझौते में दोनों देशों ने शांतिपूर्ण तरीकों और बातचीत के जरिये अपने मतभेदों का समाधान करने की प्रतिबद्धता जताई थी इसका मकसद शांति बनाए रखना और रिश्तों को सुधारना था
दोस्तों इस समझौते में क्या लिखा था वो भी जान लेते हैं भारत पाकिस्तान दोनों देश कोई भी विवाद आपसी बातचीत से सुलझाएंगे इसमें कोई तीसरा देश या संगठन दखल नहीं देगा कश्मीर में भारत और पाकिस्तान के बीच की नियंत्रण रेखा को कोई भी देश एकतरफा नहीं बदलेगा दोनों देश इसका सम्मान करेंगे दोनों देशों ने 12सरे के खिलाफ़ हिंसा युद्ध या गलत प्रचार नहीं करने का फैसला किया दोनों शांति से रहेंगे और अपने रिश्तों को बेहतर बनाएंगे
भारत ने युद्ध बंदी बनाए गए पाकिस्तान के 90,000 लोगों को रिहा कर दिया। और कब्जा की गई जमीन को मुक्त कर दिया पाकिस्तान ने भी कुछ भारतीय सैनिकों को रिहा किया था दोस्तों के समझौते नहीं कश्मीर के मुददे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर ले जाने से रोका भारत की दलील रही है कि कश्मीर का मामला भारत और पाकिस्तान के बीच का है दोस्तों भारत में गृहमंत्री राष्ट्रपति से मिल रहे हैं सर्वदलीय बैठक बुलाई जा चुकी है। तमाम देशों के राजनयिकों से बातचीत हो गई है
मोदी के अंग्रेजी वाले भाषण के बाद लगता तो ये है कि पाकिस्तान की आतंक की फैक्टरी आप समाप्त कर दी जाएगी जल्द ही भारत का पीओके पर कब्जा होगा लेकिन अगर मोदी सरकार ऐसा नहीं करती है किसी छोटी मोटी कार्रवाई के पीछे छिपने की कोशिश करती है। तो ये मोदी सरकार की बहुत बड़ी भूल होगी क्योंकि जीस राष्ट्रवाद के रथ पर जनता उनको बिठा कर लाई थी उसी रथ पर बिठाकर उन्हें गुजरात वापस छोड़कर आएगी
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