प्रज्ञा सिंह ठाकुर को होने वाली है फाँसी .NIA ने फाँसी की मांग की

प्रज्ञा सिंह ठाकुर को होने वाली है फाँसी .NIA ने फाँसी की मांग की
हमारे देश में इस वक्त आतंकवाद पर खूब बहस हो रही है। यह बहस आज की नहीं है। यह बहस काफी पुरानी है पर इसे हवा देने के लिए काफी वक्त से इंतजार हो रहा था। पर आतंकवाद का मज़ा तलाशने वाले लोगों को इस वक्त मालेगांव बम धमाके को अंजाम देने वाले आरोपियों के नाम पर गौर करना चाहिए, क्योंकि इसमें बीजेपी की सांसद का नाम भी शामिल हैं जिन पर फैसला जल्द आ सकता है। पर सवाल है कि बीजेपी की सांसद कौन हैं जिनको आतंकवाद की घटना में गिरफ्तार किया गया है तो उनका नाम है
गोडसे प्रेमी ज्ञान के मुख्य प्रज्ञा सिंह ठाकुर, जो गाय के पेशाब से कैंसर ठीक करने का दावा करती है। फुटबॉल वॉलीबॉल क्रिकेट की शौकीन गोडसे प्रेमी गैंग के मुखिया को खेलने कूदने और उछलने का बहुत शौक है। लेकिन जैसे ही अदालत में पेश होने का हुक्म मांगता है, वैसे ही वो बैग पर ले जाया करती है। मानो अब प्राण निकले तब प्राण निकले, लेकिन कमबख्त इतनी नौटंकी के बाद भी उनके प्राण पखेरू नहीं हुए। जब जब उनको अदालत में पेश होना होता है।
तब तक वो व्हीलचेर पकड़ लेती हैं. खुद को अपाहिज और लाचार साबित करने लगती है। बस खेलकूद के वक्त बिल्कुल फिट फाट हो जाए करती है। पर अब एनआईए ने उनको फांसी के फंदे की मांग की है। पर सवाल है कि खुद को साध्वी बताने वाली, खुद को देशभक्त बताने वालीं, गाँधी के हत्यारे गोडसे को गुरु मानने वाली आतंकियों से लड़ते हुए शहीद होने वाले हेमंत करकरे के खिलाफ़ ना जब अल्फ़ाज़ इस्तेमाल करने वाली प्रज्ञा सिंह ठाकुर कौनसा चुनौती के आरोप में ट्रायल का सामना कर रही है कौन से चोरी चाकरी में जेल से भाग रही है? कौन सा वीर गाथा सुनकर गोडसे को देशभक्त मानती है कौनसा नेफा लद्दाख की जंग लड़ने गई थी
जो खुद देशभक्त और दूसरों को गद्दार कहती हैं तो जनाब उसके इसका नाम है आतंकवाद। अगर फैसला इनके खिलाफ़ आगया तो इन को आतंकवादी कहा जाएगा। अभी भी उनको आ संदिग्ध आतंकी कहा जाता है क्योंकि इनका नाम एक बहुत बड़े आतंकी हमले में शामिल है। देश की राष्ट्रीय जांच एजेंसी इनके खिलाफ़ जांच कर रही है और अब उसने गोडसे प्रेमी गैंग के मुखिया प्रज्ञा ठाकुर को फांसी के फंदे पर लटकाने की मांग की है।
जांच एजेंसी की नजर में साध्वी प्रज्ञा ना तो देशभक्त हैं। और ना ही राष्ट्रवादी। ये वो नासूर है जिसने इस समय समय पर देश में नफरत फैलाई पर आज के नौजवान इस बात को नहीं जानते। प्रज्ञा सिंह ठाकुर एक आतंकवादी घटना में आरोपी हैं, लंबे समय तक जेल में रही है और इनको बिमारी और इलाज के नाम पर जेल दें। बाहर घूमने का मौका मिला है वरना जेल में रहकर इनको वजन बढ़ाने का मौका नहीं मिलता। आखिर क्यों NIA मांग रहा है।
प्रज्ञा ठाकुर के लिए फांसी की सजा आखिर क्यों अदालत से बचने के लिए वीलचेयर पकड़ लेती है प्रज्ञा ठाकुर आखिर क्यों बेगुनाहों के खून से रंगे हैं प्रज्ञा ठाकुर के हाथ आखिर क्यों आतंकवादियों की फेहरिस्त में नजर आ रहा गोडसे? प्रेमी ज्ञान के मुखिया का नाम बताएंगे आपको और भी बहुत कुछ लेकिन आप अगर हमारे चैनल पर नए हैं और पहली बार। हमारे वीडियो को देख रहे हैं तो हमारे चैनल टाइम्स मेल को सब्सक्राइब कर लें, वीडियो को लाइक कर दें और बल आइकन का नोटिफिकेशन बटन भी प्रेस कर दें ताकि बिना देरी हमारी हर खबर आपको मिल ती रहे लौटते हैं। अब खबर की तरफ हमारे देश में नफरत फैलाने के लिए बयान भी दिए जाते हैं।
दंगे भी कराए जाते हैं पर बम धमाके और आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने के पीछे का मकसद भी नफरत है। लेकिन अब 2008 के मालेगांव बम धमाके की जांच करने वाले राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए ने मुंबई के स्पेशल कोर्ट से साध्वी प्रज्ञा ठाकुर। समेत सभी सात आरोपियों पर यूएपीए की धारा 16 के तहत फांसी की सजा की मांग की है हमले के आरोपियों में भारतीय जनता पार्टी पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर भी शामिल है। ये मामला 17 साल से चल रहा है और इस बम धमाके में छह नागरिको की मौत हो गई थी। मरने वाले सभी मुसलमान थे। इसके अलावा 100 से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे। दरअसल, साल 2008 में महाराष्ट्र के मालेगांव में एक बम धमाका हुआ था। जिसमें आतंकवादी गतिविधियों के इलज़ाम में कुछ हिंदुत्व विचारधारा से जुड़े लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
शुरुआत में महाराष्ट्र एटीएस ने इस मामले में साध्वी प्रज्ञा को मुख्य आरोपी माना था, लेकिन बाद में अन्ना यानी इस मामले की जांच शुरू की और मामले में कई मोड़ आने लगे। सात आरोपियों पर हिंदुत्व विचारधारा से जुड़ी साजिश का आरोप लगाया गया है, जिसमें साध्वी प्रज्ञा कर्नल प्रसाद पुरोहित मेजर रमेश उपाध्याय, अजय राहिरकर, समीर कुलकर्णी, स्वामी दयानंद पांडे और सुधाकर चतुर्वेदी शामिल हैं। अन्नाइये ने अपनी दलील में कहा कि आरोपियों
एक साजिश के तहत धमाके की योजना बनाई और उसे अंजाम दिया। ने अदालत से नरमी न बरतने की अपील करते हुए आरोपियों को मौत की सजा की मांग की। अदालत ने कहा कि आतंकी गतिविधि थी जिसमें निर्दोष लोगों की जान गयी। एजेंसी का कहना है कि इस मामले में कुल 23 गांवों में से 32 गवाहों से कथित दबाव में आकर अपने बयान वापस ले लिए, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आरोपियों को इस मामले में कोई फायदा मिल सकता है।
मामले की सभी दलीलें पूरी होने के बाद शनिवार को एनआईए ने अपनी अंतिम दलील 1500 प्रश्नों में अदालत में सबमिट कर दी। अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। और जज एके लाहोटी आदमी को फैसला सुनाने वाले हैं। अन्नाइये ने प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ़ पहले ये तर्क दिया था कि उनके खिलाफ़ ठोस सबूत नहीं है लेकिन अब एजेंसी ने अपना रुख बदलते हुए कहा
कि साध्वी प्रज्ञा साजिश में सीधे तौर पर शामिल थीं। प्रज्ञा ठाकुर ने इस साजिश की मीटिंग में हिस्सा लिया। इसके साथ ही उनकी मोटर साइकल ऐमिल फ्रीडम का इस्तेमाल बम लगाने में हुआ। मैं इस मामले में जमीयत उलेमा ए हिंद के महाराष्ट्र के लीगल सेल के वकील शायद नदीम ने कहा कि ने यूएपीए की धारा 16 का हवाला देते हुए आरोपियों के लिए सख्त सजा की अपील की है। अगर किसी आतंकवादी गतिविधि के नतीजे में मौत होती है
तो दोषी को मौत की सजा दी जा सकती है। जमीयत के सीनियर वकील शरीफ शेख ने भी साध्वी प्रज्ञा की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए। और कहा कि उनकी मौजूदगी और संलिप्तता इस मामले में साफ तौर पर नजर आती हैं। ये वही प्रज्ञा सिंह ठाकुर है जिसने महात्मा गाँधी का अपमान किया शहीद हेमंत करकरे का अपमान किया। हिंदुओं को मूर्ख बनाने और अंधविश्वास फैलाने इनका दूर दूर तक कोई दूसरा सानी नहीं। साध्वी प्रज्ञा कहती है
गाय के मूत्र से उन्होंने कैंसर ठीक कर लिया। लेकिन यह दावा भी गोबर और पेशाब के नाम पर फैलाया गया। बस एक झूठ से ज्यादा कुछ भी नहीं है। गोमूत्र से कैंसर ठीक करने वाली प्रज्ञा ठाकुर बहुत बड़ी फ्रॉड है। इसके दावे की पोल पट्टी तब खुली जब इनका इलाज करनेवाले डॉक्टर ने बताया कि
इनका कैन्सर गोमूत्र से नहीं बल्कि सर्जरी से ठीक हुआ। इनका इलाज करते आ रहे डॉक्टर एसएस राजपूत ने कहा कि साध्वी को कैंसर था लेकिन गौमूत्र नहीं सर्जरी से ठीक हुआ। इनके एक और फर्जी दावे की पोल खोल चुकी है। के दौर में प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा था कि गौमूत्र पीने से फेफड़ों का इंफेक्शन दूर होता है। मैं खुद भी गौमूत्र अर्क लेती हूँ इसलिए मुझे अभी तक करुणा के लिए कोई औषधि नहीं लेनी पड़ी और ना ही मुझे अभी तक करना हुआ है। लेकिन कुछ ही दिनों में इनकी पोल खुल गई। गौमूत्र से से बचने की बात करने वाली प्रज्ञा सिंह ठाकुर खुद ही कोविद पॉज़िटिव हो गयी। सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि इसकी जानकारी उन्होंने खुद ही ट्विटर पर दी और सिर्फ वही पॉज़िटिव नहीं हुई बल्कि उनकी पूरी टीम को पॉज़िटिव हो गई। मतलब कदम कदम पर झूठ बोलने वाले लोगों को ही बीजेपी ने अपना टिकट दिया
पार्टी का मेंबर बनाया जो एक आतंकी घटना में संदिग्ध है। खैर अब अदालत ही फैसला करेगी कि गोडसे प्रेमी ज्ञान की मुखिया के लिए फांसी का फंदा तैयार रखना है पर यकीन मानिये इनको कुछ नहीं होगा। अगर फांसी की सजा होगी तो उसे उम्रकैद में बदल दिया जाएगा। जीस तरह से राम रहीम और आसाराम को जेल से बाहर मौत काटने के लिए मौका मिलता है ठीक उसी तरह से प्रज्ञा सिंह ठाकुर को फायदा मिल जाएगा। बाद में इनको संस्कारी बताकर छोड़ दिया जाएगा कारण भी हो सकता है या फिर रातों रात जज साहब का ट्रांसफर हो जाएगा यकीन ना हो तो आगे चलकर देख लीजिएगा
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