कश्मीर पहलगाम हमला क्या सोची समझी साजिश थी कांग्रेस ने पुलवामा हमला से लिया सबक

Security personnel rush to the spot after terrorists attacked a group of tourists at Pahalgam, Jammu & Kashmir on April 22, 2025 | PTI
नमस्कार दोस्तों दुनिया भर के लोग शोक संदेश दे रहे हैं लेकिन हमारे देश के कई नेता कश्मीर पहुँच गए अपने अपने राज्य के जो विक्टिम हैं उनको मिलने के लिए उनके परिवार से मिलने के लिए घायलों से मिलने के लिए क्या उनके दिल में दर्द जगह नहीं
अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने थी। और दूसरी पार्टी पर इल्ज़ाम लगाना था। एक लंबी कतार थी जो कश्मीर पहुंची। कोई शब् लेने के लिए पहुंचा, कोई रिश्तेदारों से मिलने के लिए पहुंचा, कोई अपनी हाजिरी लगाने के लिए पहुंचा लेकिन पहुँचे। तो क्या सब पार्टियों को यह बात समझ में आ गई है
कि ये हादसा ऐसा हुआ है हादसा क्या कायरतापूर्ण जो किया है कायरतापूर्ण हरकत जो आतंकवादियों ने की है। वो एक ऐसी घटना हो गई है। जिसे कोई भी। सत्ताधारी बीजेपी को कैश नहीं करने देना चाहता। ओर बीजेपी वैसे ही कैश करना चाहती है जैसे पुलवामा वाले को किया था।
क्या ये कुछ पक रहा है इस तरह की चीज़ ये विपक्षी पार्टियों खासकर कांग्रेस को समझ में आ गया है। क्या इस देश की हर विपक्षी पार्टी ने 2019 से पुलवामा हमले से सबक ले लिया है की अगर चुप रहे तो। गाड़ी लूट जाएगी।
क्योंकि जीस तरह से कांग्रेस ने इन पहलगाम हमले को लेकर तुरंत एक्टिवनेस दिखाई है। वो अपने आप में एक बात तो तय करती है की क्या कांग्रेस को कुछ देख रहा है या कांग्रेस ने कुछ सूंघ लिया है।
आज सीडब्ल्यूसी की एमर्जेंसी मीटिंग है। इसी मामले पर। राहुल गाँधी अपना अमेरिका का दौरा बीच में छोड़कर वापस है और कहा जा रहा है की जो विक्टिम्स है उनकी फैमिली से मिलेंगे मल्लिकार्जुन खड़गे ने कल प्रेस कॉन्फ्रेंस की बकायदा इस मु्द्दे पर खूब खुलकर बोला कैसी वेणुगोपाल को पार्टी ने तुरंत कश्मीर भेजा सरकार से गृहमंत्री गए तो कांग्रेस की तरफ से के सी वेणुगोपाल तुरंत पहुंचे।
जगह जगह पर कांग्रेस ने रोष प्रदर्शन भी किया। तो क्या कांग्रेस को कहीं कुछ भनक लग रही है लग रहा है कि कुछ 2019 का पुलवामा के तरह कुछ सरकार ऐक्शन करेगी या करने का कुछ ऐलान करेगी और पूरा नैरेटिव एक तरह से सेट हो जाएगा फिर से उसी पटरी पर दे। उसको जला दिया जाएगा। अगर। देशभक्ति का नैरेटिव ना भी सेट हुआ। तो
क्या जिसतरह से बीजेपी और उनके समर्थकों ने इसे धर्म के आधार पर एक जो है वो नैरेटिव सेट करने की कोशिश करती है क्या कांग्रेस उसको काटना चाहती है क्योंकि आप बीजेपी के ट्वीट से बीजेपी के जो चीज़ है वो देखिए उसमें एक चीज़ साफ दिख रही है। कि जाति पूछकर नहीं धर्म पूछकर गोली मारी गयी ये जो जाति पूछकर नहीं धर्म पूछकर गोली मारी ये इस पे ज़ोर क्यों दे रही है बीजेपी ये बात कांग्रेस को समझ में आ रही है क्या क्योंकि जातिगत जनगणना का कार्ड कांग्रेस खेल रही है और धर्म का कार्ड बीजेपी खेल रही है।
तो इसलिए कही ना कही मुझे ऐसा लगता है। कि कांग्रेस को यह लग रहा है कि बीजेपी को इस बार ये मौका नहीं दिया जाएगा अब मल्लिकार्जुन खड़गे निकल बकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा की ये डायरेक्ट अटैक हैंड भारत गणराज्य पर और हम इस मौके पर सरकार के साथ। कांग्रेस के इस फ्रंटफुट पर खेलने की वजह ये भी है
शायद की गोदी मीडिया ने। बीजेपी के लिए फील्डिंग करनी है उसी वक्त से शुरू कर दी थी जीस तरह से देखिए बदला लेगा हिंदुस्तान ये वही पुलवामा और सर्जिकल स्ट्राइक वाला माहौल बनाने की तैयारी की जा रही है मीडिया उस तरह का भी माहौल तैयार कर रही है और धर्म के नाम वाला माहौल भी तैयार कर रही है। इस बार कांग्रेस चूक नहीं करना चाहती। इसलिए बाकयदा कर्नाटक के मंत्री भी जाते हैं। कर्नाटक में जो है वो। प्रेस मीट भी होती है खड़गे जी की प्रेस मीट होती है डीके शिवकुमार बकायदा मीडिया से बात करते हैं ऑल पार्टी मीटिंग की कॉन्ग्रेस डिमांड कर रही है। ऑल पार्टी मीटिंग की डिमांड के पीछे वजह क्या है
वजह ये है जो मैंने आपको बताया की कांग्रेस को लगता है कि इस बार सरकार कोई भी ऐक्शन करें उसमें विपक्ष की भूमिका जरूर देखनी चाहिए। ताकि एक तरफा नैरेटिव सरकार नागर पाए। ऑल पार्टी मीटिंग होगी और ऑल पार्टी मीटिंग में अगर सभी पार्टियां एक सुर में कहती हैं कि सरकार का हर ऐक्शन में हम साथ खड़े तो क्रेडिट बढ़ेगा। नहीं तो। सर्जिकल स्ट्राइक वाला ही हाल होगा की अगर सवाल पूछे तो उन्हें देशद्रोही करार दे दिया जाएगा।
अब राहुल गाँधी जैसे मिलते है विक्टिम की फैमिली से मिलते हैं यहाँ भी मिलेंगे सोनिया गाँधी ने भी संदेश जारी किया प्रियंका गाँधी ने सबसे पहले रिऐक्शन दिया। कांग्रेस की तरफ से। तो ये सारी कहानी ये सारी चीजें एक तरफ इशारा करती है कि इस बार कांग्रेस ने ठान लिया है की वो। इतनी आसानी से इस नैरेटिव को बनने नहीं देगी। वो कांग्रेस जिसने 23 बार कपड़े बदलने के मामले को लेकर उस वक्त के गृहमंत्री को बदल दिया था जब मुंबई अटैक हुए थे वो कांग्रेस इस बार देश के मौजूदा गृहमंत्री को लपेटने के चक्कर में है। कांग्रेस को लग रहा है कि मौका मिला है। क्योंकि बहुत सी मीडिया में ये खबरें आई हैं कि इन्टेलिजेन्स एजेन्सी ज़ ने कुछ आशंका जताई थी। और बहुत से चैनलों में ये खबरें चली थीं जो उसके बाद हाई लेवल मीटिंग हुई थी दिल्ली में प्रधानमंत्री ने कश्मीर का दौरा रद्द किया था अपना जो नोर्मल्ली नहीं करते हैं ये याद रखियेगा तो क्या इन्टेलिजेन्स की रिपोर्ट के आधार पर वो दौरा रद्द हुआ या वो जो बैठकों का दौर चल रहा था उसी पे चल रहा था तो फिर इतनी बड़ी चूक कैसे हो गयी ये सवाल तो विपक्ष पूछेगा
इसीलिए इस बार कॉन्ग्रेस किसी भी हाल में यह मुद्दा हाथ से नहीं जाने देना चाहती है मुद्दा क्या इन्फैक्ट ये नैरेटिव नहीं बढ़ने देना चाहती कि ये धर्म की लड़ाई है। वो नहीं चाहती। की ये जो बीजेपी पिछले कई दिनों से लगातार कोशिश कर रही है कि मुसलमान बनाम हिंदू वाला मामला खड़ा किया जाए उसको इससे और बल मिले वो कांग्रेस इसको दरअसल ज़मीनी हकीकत के साथ जोड़े रखना चाहती है ताकि विपक्ष सवाल पूछ सके क्योंकि अभी आगे जो सेशन होगा संसद का जो सत्र होगा वहाँ भी इसकी गूंज तो उठेगी जरूर क्योंकि सरकार ने पुलवामा में जो हुआ उसकी जांच के बाद क्या निकला या जांच पूरी हुई की नहीं हुई ये भी अभी तक नहीं बताया है वो आरडीएक्स कहाँ से आया था कितना इतनी बड़ी तादाद में आरडीएक्स कहाँ से आया था ये सवाल का जवाब अबतक नहीं मिला है देश को वो जो गाड़ी जीस गाड़ी में थाड 100 गाड़ी किसकी जी किसके नाम पे थी।
ये भी नहीं पता लगा। तो इसकी जांच इस जो अभी हमला हुआ है इसकी जांच क्या सरकार इतनी जल्दी कर पाएगी कि अगले सदन संसद सत्र में इसका जवाब दे पाए हो सकता है सरकार दे दे, लेकिन कांग्रेस को उम्मीद कम है पर कांग्रेस को अभी मौका मिल गया है। सरकार को घेरने का कश्मीर को लेकर सरकार के झूठे दावों को पोल खोलने का मौका मिल गया है। कांग्रेस अपना नैरेटिव। बनाने की कोशिश कर रही है बीजेपी के धर्म वाले नैरेटिव के सामने। कांग्रेस बीजेपी के धर्म वाले नैरेटिव के सामने सुरक्षा की चूक का नैरेटिव सरकार की नाकामी का नैरेटिव खड़ा करना चाहती है। इसलिए। ग्राउंड में जाकर खुद जायजा ले रही है। इसलिए के सी
वेणुगोपाल जैसे नेता को भेजा गया। मल्लिकार्जुन खड़गे क्योंकि उम्र साथ नहीं देती, शायद इसलिए नहीं गए। राहुल गाँधी अगर भारत में होते तो राहुल गाँधी खुद जाते। लेकिन वो थे नहीं तो इसलिए के सी वेणुगोपाल को भेजा गया शायद ये फ्रस्ट्रेशन वही इसीलिए बीजेपी कर्नाटक बीजेपी का मैंने देखी आपको दिखा रहा हूँ कह रहे हैं कि राहुल गाँधी जब भी विदेश जाते है पीछे से ऐसी कोई घटना होती अब वो राहुल गाँधी को भी लपेटने की कोशिश कर रहे हैं।
अमित मालवीय ने बाकायद कल ट्वीट किया था कि जी राहुल गाँधी अभी भी विदेश में छुट्टियां मना रहे हैं। उनके लिए बुरी खबर है कि राहुल गाँधी। वापिस आ गए। तो ये इस बार मुझे ऐसा लग रहा है। मौका। था। बीजेपी को लग रहा था अब चौका लगेगा लेकिन बाउंड्री लाइन पे। फील्डिंग करने के लिए कांग्रेस का खिलाड़ी तैयार है या तो। बीजेपी कैच आउट होगी या फिर बीजेपी छक्का मारेगी लेकिन इतना जरूर है कि इस बार ग्राउंड खाली नहीं मिल रहा है
इस बार पुलवामा वाला मामला नहीं होगा लेकिन एक चीज़ और भी है जिसमें नज़र रखने की जो आज सीडब्ल्यूसी की मीटिंग होनी है। उस सीडब्ल्यूसी मीटिंग में कांग्रेस क्या प्रस्ताव पारित करती है? वहाँ क्या तय होता है? उससे कांग्रेस के आने वाली स्ट्रैटिजी का बहुत कुछ सिग्नल आपको मिल जायेगा। हो सकता है ये वीडियो आप उस मीटिंग के बाद देख रहे हो तो वह आपको बता रहा हूँ कि उस मीटिंग का क्या आउट कम निकला उसको जरूर पड़ी है
वहाँ से आपको दिख जाएगा कि इस बार कांग्रेस इस आतंकी हरकत को सरकार को कैश नहीं करने देगी और इसके लिए क्या स्ट्रैटिजी पर काम कर रही है, इसकी झलक आपको बैठक में के जो निर्णय हुए हैं उसमें मिल जाएगा
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