कथा वाचक प्रदीप मिश्रा ने उगला जहर. गृहमंत्री अमितशाह की शिव का रूप बताया .और जानिए प्रदीप मिश्रा का इतिहास

कथा वाचक प्रदीप मिश्रा ने उगला जहर l गृहमंत्री अमितशाह की शिव का रूप बताया lऔर जानिए प्रदीप मिश्रा का इतिहास
कथा वाचक प्रदीप मिश्रा ने फिर उगला जहर और गृहमंत्री अमितशाह को शिव का रूप बताया है और जानिए प्रदीप मिश्रा का इतिहास
उन्होंने कहा गृह मंत्री अमित शाह जी शिव का एक रूप है। सत्ता की जूतियों पर नाक रगड़ते ऐसे ढोंगियों की बाढ़ भी आई हुई है और बाहर भी जो अपने आपको संत महात्मा तपस्वी और महामंडलेश्वर बताते फिर रहे उनका 3 ही काम है भोले भाले हिंदुओं को मूर्ख बनाकर पैसे हटना दो अय्याशी पूर्ण विलासी जीवन जीना और 3 संविधान के तार्किक मूल्यों को रौंदना
उसे तहस नहस करना ऐसा ही एक बैल बाबा है प्रदीप मिश्रा इन दिनों वो बिहार के लोगों को बेवकूफ बनाने के अभियान पर डेढ़ कुंतल की तोंद वाला प्रदीप मिश्रा ठीक से चल नहीं पाता और ज्ञान बता रहा है कि हिंदुओं हथियार चलाना सीख मेरा निवेदन है हमें उससे मतलब नहीं है संविधान और लोकतंत्र का ये दुश्मन जनता के चुने हुए विपक्ष के सारे सांसदों को 17 कलंक बता रहा है इसकी हिम्मत देखिए वो 200 हिंदू सांसद उसको वोट के दिल के ऊपर रात भर देश करते हैं। और हिंदू के नाम पर कलंक बनकर बैठा लेना, उनको कासमी कासमी की इस घाटी में सौदों।
लेकिन इसकी का अंत नहीं है पता नहीं काशी वाले इसे कैसे लेंगे क्योंकि बनारस वाले शिव जी को जैसे पूछते हैं वैसे वो कहीं नहीं पूछे जाते कहते हैं काशी शंकर जी के त्रिशूल पर टिक्की हुई नगरी है काशी की गलियों की सुबह हर हर महादेव के नारे से होती है लेकिन ये प्रदीप पंडा बोल रहा है। कि कलयुग के शंकरजी तो अमित शाह हैं उन्हीं का महात्म्य भारत की भूमि के गृह मंत्री अमित शाह जी शिव का एक रूप है तो काशी वालों तुम्हारे शंकर भगवान गए
प्रदीप मिश्रा को शंकर शंभू भोलेनाथ बनाने पर आमादा सोचो आपको बता दें कि प्रदीप मिश्रा इन दिनों बिहार के मधेपुरा में शिव महापुराण कथा कर रहे हैं अपनी कथा के दौरान उन्होंने पहलगाम में आतंकी हमले पर भड़कते हुए एक उन्मादी माहौल तैयार करने की भरपूर कोशिश उन्होंने कहा कि भारत की भूमि पर हिंदुओं की मौत कब तक होती रहेंगी कभी बंगाल में हिंदू मर जाता है और कभी कश्मीर की घाटी में कपड़े उतारकर देखा जाता है कि ये हिंदू और गोली मार दी। इसके बाद उन्होंने बकायदा मंच से लोगों को भड़काते हुए कहा की करोगे क्या कैंडल मार्च निकालेंगे पुतले जलाओगे बन सकेगा तो थोड़ा थोड़ा नारा लगा लोगे
हमें उससे मतलब नहीं है पर अब तुम्हारे घर के बेटे और बेटी को शस्त्र चलाने आने ही चाहिए बेटी को भी शस्त्र चलाना सीखा और बेटों को भी शस्त्र चलाना सिखाओ तुम्हारे घर के बेटे और बेटी को शस्त्र चलाने आने चाहिए। दान पैसे पर पलने वाला मिश्रा यह नहीं बताता कि इतने सारे शस्त्र आएँगे कहाँ से नहीं बताता कि वह लाइसेंसी हथियारों की बात कर रहा है यह गैरकानूनी
और अगर लाइसेंसी हथियारों की बात कर रहा है तो वो लाइसेंस दिलाएगा कौन उसका पैसा कहाँ से आएगा आपको बता दें की एक मामूली असल है की कीमत भी ₹3 या 4 होती है लाख मेरा निवेदन है, मेरी जी ऑडियो तुम्हारे घर में। सास्त्र है की नहीं है हमें उससे मतलब नहीं है और अब तुम्हारे घर के बेटा और बेटी को शस्त्र चलाना आना चाहिए तू एक बंदा जिसकी सारी वीरता हथियार देखते ही मूत्र की धार में विसर्जित हो जाए वह शिव महापुराण कथा के नाम पर बिहार के भोले भाले लोगों को कह रहा है कि तुम किताब उठाओ ना उठाओ हम उठावना उठाओ कॉपी उठाओ ना उठाओ लेकिन हथियार जरूर उठा लो
तो हमारा घर बिना शस्त्र के नहीं होना चाहिए और जब पक्का बड़े उन संस्थाओं को निकालो और सामने खड़े हैं मतलब शिक्षा रोजगार समतामूलक समाज गया भाड़ में और डेढ़ कुंतल की तोंद वाले प्रदीप मिश्रा के कहने पर जनता हथियार उठाकर मैदान में उतर जाए। अकल का दुश्मन उदाहरण देता है की देख लो सनातन धर्म का कोई भी देवता बिना शस्त्र के नहीं है इसलिए हमारा घर बिना शस्त्र के नहीं होना चाहिए जब वक्त पड़े तो शास्त्रों को निकालो और बाहर खड़े कर आप समझ सकते हैं कि शस्त्र को बाहर खड़े कर देने का मतलब क्या बता रहा है
प्रति वो अपने आप तो चलेगा नहीं लेकिन इस आदमी की उजड़ता यहीं खत्म नहीं होती जिंस लोकतंत्र संसद और संविधान की वजह से वो ऐसी बकवास नहीं कर पा रहा है की उसी को खुलेआम नीचा दिखा रहा है या मूर्ख उदंड और दुष्ट संसद की लोकतांत्रिक बहस को गाली बकता हुआ कहता है कि हिंदुओं को निकाल कर गोली मारी जा रही है संसद भवन में बैठे हुए वो 200 हिंदू सांसद वक्फ बोर्ड के बिल के ऊपर रात भर बहस करते हैं और हिंदू के नाम पर कलंक बनकर बैठे ले जाओ उनको और कश्मीर घाटी को सौंप दो ये हैं इस पांडे का शिवमहापुराण इसके बाद ही अपनी पंडिताई सनातन और धर्म सत्ता की जूतियों पर रखकर नाक रगड़ने लगता है।
जी हाँ, प्रदीप मिश्रा ने गृह मंत्री अमित शाह को कलयुग का शिव का रूप बता दिया। कहता है कि भारत के गृह मंत्री अमित शाह कलयुग के शंकर के अवतार हैं वो शांत भी रहते है मौन भी रहते हैं और तांडव भी दिखा देते वो कलयुग में शिव का रूप है मतलब इस प्रचंड मूर्ख प्रदीप मिश्रा के हिसाब से कलयुग में हिंदुओं को अमित शाह की पूजा करनी चाहिए जिसमें खुद माना की हाँ हमारी लापरवाही जिम्मेदार है। पहलगाम में 27 लोगों के नरसंहार के लिए मतलब दबाकर खाने और तान कर सोने वाले ऐसे अमित शाह प्रदीप पांडे के लिए शंकर जी के अवतार हो गए और उनकी पूजा करनी चाहिए कोई आधार नहीं है और विधर्मी ही शंकरजी की जगह किसी और को दे सकता है। लेकिन अब किसी की आस्था आहत नहीं हो रही कोई ज़रा सोच लें कि राहुल गाँधी को या अखिलेश यादव को या ममता बेनर्जी को या मायावती को किसी का अवतार बना कर दिखा देता
तो क्या होता हमेशा हाँ जी इस कलिकाल के इस कलयुग के 70 का अवतार हैं वो शांत भी रहते है मौन भी रहते हैं और तांडव दिखाते हैं वैसे आपको बता दें कि वेद पुराण का ज्ञाता बना रहा ये पाखंडी केवल ये पास है बस और भाजपा संघ बजरंग दल का पुराना दलाल है 2022 में प्रदीप मिश्रा ने कहा था कि हर घर से एक बेटा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ या बजरंग दल में होना चाहिए। ये सनातन धर्म के लिए जरूरी है इसकी धर्म की जानकारी का आलम यह है कि एक कथा के दौरान यह राधा रानी को लेकर बकवास कर गया था उसने कहा था कि राधारानी का विवाह अनेक होश नाम के व्यक्ति से हुआ था और उनकी सास का नाम जटिल और ननद का नाम कुटिला था प्रदीप मिश्रा की बकवास यही नहीं बंद हुई थी
उसने कहा था। की वो बरसाना के नहीं रावल की रहने वाली। इस बयान को ब्रज के संतों श्रद्धालुओं ने अपमानजनक माना था प्रेमानंद महाराज ने तो इसे लेकर प्रदीप मिश्रा से नाक रगड़वा डाली थी भागता पड़ रहा था यह पाखंडी उन्होंने प्रदीप मिश्र को शास्त्रार्थ की चुनौती देते हुए कहा था की तुम्हारे बयान बकवास है और तुम नरक जाओगे बाद में इस विवाद में कई महामंडलेश्वर और दूसरे संत भी शामिल होते चले गए थे। नतीजा मथुरा, वृंदावन में प्रदीप मिश्रा के खिलाफ़ लगातार प्रदर्शन। मथुरा के संतों ने तो ब्रज क्षेत्र में ही प्रदीप मिश्रा के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी थी विवाद बढ़ने पर प्रदीप मिश्रा को बरसाना पहुँचकर राधारानी मंदिर में दंडवत प्रणाम करके माफी मांगनी पड़ी थी ना करते
हुए। ऐसे ही एक और कथा के दौरान ताप्ती मंदिर के पुजारी पंडित सौरभ जोशी ने प्रदीप मिश्रा पर नदी के उद्गम स्थल के बारे में गलत बयान देने का आरोप लगाते हुए आकर माफी मांगने की मांग की तू? ऐसा है पाखंडी प्रदीप मिश्रा का इतिहास? और अब ये सिरफिरा कह रहा है कि हर हिंदू को अपने घर में हथियार रखना चाहिए और उसे चलाना सीखना चाहिए।
चलते चलते आपको बता दें कि प्रदीप मिश्रा कोई धर्म का ज्ञातव्य आता नहीं है लगभग 10 साल तक यह मध्य प्रदेश के प्राइवेट स्कूल में पढ़ाता था पढ़ाते पढ़ाते इसे लगा कि बच्चों को संविधान लोकतंत्र और मनुष्यता समानता के पक्ष में चलने की शिक्षा देना इसके बस का नहीं है
कुछ आता ही नहीं और इसमें मुफ्तखोरी और चंदाखोरी पर मौज करने का मज़ा भी नहीं। मेहनत लगती है पढ़ने लिखने में सो इसने पढ़ाते पढ़ाते ही पंडिताई और छोटे मोटे धार्मिक आयोजनों में भाग लेना शुरू कर दिया इसके बाद ये सत्यनारायण और भागवत कथा की दुकान खोल लेता है धीरे धीरे इसकी समझ में आ गया कि धर्म का धंधा सबसे चुका है कुर्सी तोड़ते हुए लोगों को बनाकर माल कूटने का जिससे सरल तरीका कुछ और नहीं हो सकता,
लेकिन आप खुद सोच कर देखिये। आप अपने बच्चों के हाथ में कलम कॉपी और किताब थमाना पसंद करेंगे या उन्हें हथियार लहराते हुए देखना पसंद करेंगे अगर आप का चयन शिक्षा और संविधान है तो वैसे धूर्त पाखंडियों की छाया से भी बचिएगा दूर रहिए गा वरना बहुत पाप लगेगा
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